04-05-2021, 08:38 PM
Update - 2
जैसे ही शाहिदा के हाथ ने मोहन के लंड के चमड़े को छुआ तो उसके पूरे जिस्म में एक सिहरन सी दौड़ गयी। अब मोहन मिश्रा का लंड पूरी तरह तना हुआ था। लंड तो क्या, शाहिदा ने अपने हाथों में कोइ गरम सलाख पकड़ ली हो।
इधर यह भयानक नजारा देख कर तो बेचारे सलीम का तो बुरा हाल हो गया. इधर मोहन का विशालकाय बड़ा *** लण्ड था उधर बेचारे सलीम का छोटू **** लण्ड था.
अब यहां शाहिदा की ज़ुबान एक बार के लिये मोहन के लण्ड से चिपक गयी और मुँह गिला होने लगा। शाहिदा का हसबैंड बेचारा गेट के बैठा था और यहां शाहिदा नयी दुल्हन की तरह एक गैर मर्द का लंड अपने हाथों में थामे हुए थी। अब शाहिदा शरम और डर से गड़ी जा रही थी।
मगर यहां तो जैसे सलीम की ज़ुबान को तो मानो लकवा मार गया था पता नहीं वो अपनी बेगम को कैसे किसी गैर आदमी के हाथों की कठपुतली बने देख सकता था।
अब यहां मोहन पहलवान ने मजबूती से शाहिदा के गोरे हाथ को मजबूती से अपने लंड पर थाम रखा था। शाहिदा ने धीरे-धीरे उसके लंड को अपनी मुठ्ठी में ले लिया। मोहन अपने काले और बलिष्ठ हाथ से शाहिदा के कोमल और गोरे हाथ को ऊपर नीचे करके उसके लंड को सहलाने का इशारा किया। शाहिदा उसके लंड को सहलाने लगी। जब मोहन को यकीन हो गया तो उसने शाहिदा के हाथ को छोड़ दिया और शाहिदा के चेहरे को पकड़ कर अपनी ओर मोड़ा। शाहिदा के गुलाबी होंठों पर अपने सूखे होंठ चिपक गये। मोहन ने शाहिदा के रसीले होंठों को अपनी जीभ से खुलवा कर शाहिदा के मुँह में अपनी जीभ घुसा दी। बेचारी डर के मारे काँपने लगी। जल्दी ही मोहन को धक्का देकर अपने से अलग किया।
यह देख बाहर खड़ा उसका शौहर सलीम खुश हुआ उसमे अब थोड़ी हिम्मत आयी और उसने अन्दर जाकर अपनी वाइफ को इस राक्षस के हाथों से बचाने का फैसला. पर तभी मोहन ने
अपने हाथों से शाहिदा की सलवार ऊँची करनी शुरू की और उसकी पाजामी निकाल दी। अब वो हाथ शाहिदा की नंगी जाँघों पर फेर रहा था। शाहिदा ने अपनी टाँगों को कस कर दबा रखा था इसलिये उसे उसकी चूत तक पहुँचने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। पर यहां शाहिदा भी मोहन के लंड पर जोर-जोर से हाथ चला रही थी।
यह देख कर तो मानो बेचारे सलीम की सारी हिम्मत मुह के बल गिर गयी जमीन पर. वो अपनी वाइफ का हाथ मोहन के लण्ड पर चलता देख उदास हो गया. और वहीं चुप चाप खडा हो गया.
कुछ देर बाद शाहिदा के मुँह से हल्की हल्की “आआह ऊऊह” जैसी आवाजें निकलने लगी.
अब दोनों के बचे हुए भी कपड़े बहुत जल्दी जिस्म से हट गये। हल्की-हल्की रोशनी में सलीम ने देखा कि मोहन ने शाहिदा को सीधा कर के उसके दोनों गोरे चिकने पैर अपने कंधों पर रख दिये और धक्के मारने लगे। चादर उनके जिस्म से हटे हुए थे। बेचारे सलीम ने हल्की रोशनी में मोहन के मोटे तगड़े लंड को देखा। शाहिदा लंड घुसते समय “आआह” कर उठी। मोहन का लंड सलीम के अपना लण्ड से काफी बड़ा और मोटा था।
सलीम बेचारा यही सोच कर परेशान हो रहा था कि उसकी बेचारी वाइफ इतना बड़ा लण्ड ले कैसे पा रही है.....? कहीं उसको कुछ हो ना जाये.
सलीम बेचारा सोच रहा था कि शाहिदा को कैसा मज़ा आ रहा होगा। पर इधर तो मोहन शाहिदा को धक्के मार रहा था। पूरा बिस्तर मोहन के धक्कों से बुरी तरह हिल रहा था।
जैसे ही शाहिदा के हाथ ने मोहन के लंड के चमड़े को छुआ तो उसके पूरे जिस्म में एक सिहरन सी दौड़ गयी। अब मोहन मिश्रा का लंड पूरी तरह तना हुआ था। लंड तो क्या, शाहिदा ने अपने हाथों में कोइ गरम सलाख पकड़ ली हो।
इधर यह भयानक नजारा देख कर तो बेचारे सलीम का तो बुरा हाल हो गया. इधर मोहन का विशालकाय बड़ा *** लण्ड था उधर बेचारे सलीम का छोटू **** लण्ड था.
अब यहां शाहिदा की ज़ुबान एक बार के लिये मोहन के लण्ड से चिपक गयी और मुँह गिला होने लगा। शाहिदा का हसबैंड बेचारा गेट के बैठा था और यहां शाहिदा नयी दुल्हन की तरह एक गैर मर्द का लंड अपने हाथों में थामे हुए थी। अब शाहिदा शरम और डर से गड़ी जा रही थी।
मगर यहां तो जैसे सलीम की ज़ुबान को तो मानो लकवा मार गया था पता नहीं वो अपनी बेगम को कैसे किसी गैर आदमी के हाथों की कठपुतली बने देख सकता था।
अब यहां मोहन पहलवान ने मजबूती से शाहिदा के गोरे हाथ को मजबूती से अपने लंड पर थाम रखा था। शाहिदा ने धीरे-धीरे उसके लंड को अपनी मुठ्ठी में ले लिया। मोहन अपने काले और बलिष्ठ हाथ से शाहिदा के कोमल और गोरे हाथ को ऊपर नीचे करके उसके लंड को सहलाने का इशारा किया। शाहिदा उसके लंड को सहलाने लगी। जब मोहन को यकीन हो गया तो उसने शाहिदा के हाथ को छोड़ दिया और शाहिदा के चेहरे को पकड़ कर अपनी ओर मोड़ा। शाहिदा के गुलाबी होंठों पर अपने सूखे होंठ चिपक गये। मोहन ने शाहिदा के रसीले होंठों को अपनी जीभ से खुलवा कर शाहिदा के मुँह में अपनी जीभ घुसा दी। बेचारी डर के मारे काँपने लगी। जल्दी ही मोहन को धक्का देकर अपने से अलग किया।
यह देख बाहर खड़ा उसका शौहर सलीम खुश हुआ उसमे अब थोड़ी हिम्मत आयी और उसने अन्दर जाकर अपनी वाइफ को इस राक्षस के हाथों से बचाने का फैसला. पर तभी मोहन ने
अपने हाथों से शाहिदा की सलवार ऊँची करनी शुरू की और उसकी पाजामी निकाल दी। अब वो हाथ शाहिदा की नंगी जाँघों पर फेर रहा था। शाहिदा ने अपनी टाँगों को कस कर दबा रखा था इसलिये उसे उसकी चूत तक पहुँचने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। पर यहां शाहिदा भी मोहन के लंड पर जोर-जोर से हाथ चला रही थी।
यह देख कर तो मानो बेचारे सलीम की सारी हिम्मत मुह के बल गिर गयी जमीन पर. वो अपनी वाइफ का हाथ मोहन के लण्ड पर चलता देख उदास हो गया. और वहीं चुप चाप खडा हो गया.
कुछ देर बाद शाहिदा के मुँह से हल्की हल्की “आआह ऊऊह” जैसी आवाजें निकलने लगी.
अब दोनों के बचे हुए भी कपड़े बहुत जल्दी जिस्म से हट गये। हल्की-हल्की रोशनी में सलीम ने देखा कि मोहन ने शाहिदा को सीधा कर के उसके दोनों गोरे चिकने पैर अपने कंधों पर रख दिये और धक्के मारने लगे। चादर उनके जिस्म से हटे हुए थे। बेचारे सलीम ने हल्की रोशनी में मोहन के मोटे तगड़े लंड को देखा। शाहिदा लंड घुसते समय “आआह” कर उठी। मोहन का लंड सलीम के अपना लण्ड से काफी बड़ा और मोटा था।
सलीम बेचारा यही सोच कर परेशान हो रहा था कि उसकी बेचारी वाइफ इतना बड़ा लण्ड ले कैसे पा रही है.....? कहीं उसको कुछ हो ना जाये.
सलीम बेचारा सोच रहा था कि शाहिदा को कैसा मज़ा आ रहा होगा। पर इधर तो मोहन शाहिदा को धक्के मार रहा था। पूरा बिस्तर मोहन के धक्कों से बुरी तरह हिल रहा था।