04-05-2021, 12:16 AM
शाम सूर्यास्त के बाद मेरी आँख खुली चारों तरफ़ अंधेरा पसरा हुआ था और मधु अभी भी गहरी नींद मे सोई हुई थी और उठ कर मे गुसलखाने मे मुँह धो कर जैसे ही हॉल की ओर बढ़ा दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी और दरवाज़ा खुलते ही मनमोहक शालिनी भाभी मुश्काते अंदर आते बोली कहाँ है मेरी देवरानी ।
भाभी अंदर से हँसते निकल आई ओर बोली देवर जी क्या बात है अभी तक सो रही वो, मैंने उनको वसंत वाली बात बताई वो हँसते बोली पक्की रांड बन चुकी है तेरी जोरू देवर जी एक तो रात भर चुदाई फिर अलग से जवान लड़के को बुला के गांड मरवा के सोई है उफ्फ्फ क्या आग है इसके जोवन मे ।
वो किचन मे चाय बना कर बाहर आ कर मेरे पास चिपक कर बैठ बोली देवर जी क्यों न कही घूमने चला जाए मज़ा आएगा मैं बोला कहाँ वो बोली वही जहाँ गांडू और रंडी दोनों खुश रहते है ।
मेरे ललाट पर हैरानी की लकीरें पढ़ भाभी बोली अरे देवर जी कोई हिल स्टेशन हो आते है ना क्या बोलते है हम दोनों रंडिया थोड़े और मर्दों के साथ ऐश कर लेंगे आप दोनों गांडू को भी नए लौड़े हाथ लग जाएंगे वैसे भी गर्मी के दिनों मे हिल स्टेशनों पर बड़ी अय्याशी होती है और तुम जानते है हो वहाँ बाहर से आए लौंडे शादीशुदा हम जैसी औरतों को सामूहिक चोदते है बाकी ओर क्या चाहिये ।
भाभी मन ही मन अपना सारा प्लान बना के आई थी और वो मेरे झाघो को अपने नर्म हाथों से सहलाती मुझे रिझाने पर आतुर थी और चाय की प्याली जैसे ही मैंने मेज पर रखी वो मेरे गोद पर सवार हो मेरे होंठो को चूमते बोली चलो न देवर जी मेरी बात हो रखी है वहाँ एक पहाड़ो पर मस्त सा कॉटेज है जहाँ का मैनेजर मेरे हुस्न के दीवाना है वो बोल रहा है मस्त इंतज़ाम रहेगा ।
भाभी मेरे सीने को सहलाती मेरे होठो को चूसने लगी और उनका स्तन मेरे बदन पर दबने लगा और वो मेरे सर को पकड़ अपने स्तनों के बीच दबाती बोली देवर जी एक से एक मर्दो से मिलना होगा वहाँ और देखना कैसे तेरी बीवी और मैं एक साथ अनगिनत मर्दो का वीर्य अपने नंगे जिस्मों ओर ले के तुमसे चटवाएँगे कहती वो सोफे पर खड़ी हो कर अपनी साड़ी उठा कर बोली देखो बिना पैंटी आई हूं चाटोगे न कहती वो मेरे बालों पर अपनी चूत रगड़ने लगी जो फिसल कर मेरे चेहरे की ओर आने लगी ओर नाक के पास भाभी ने रोकते बोला तुझे मेरी ये चूत की महक अच्छी लगती है ना मैं दुविधा मे पड़ा रहा वो मेरे नाक पर चूत रगड़ती बोलती रही और अचानक उनकी चूत मेरे मुँह पर आ गयी ओर मेरे जीभ ने अपना काम शुरू कर दिया और वो बालों को झगझोरती अपना चूत चटवाने लगी और बोली देवर जी वहाँ अगर तुम चाहो तो अपनी मधु की दलाली भी कर सकते हो भाव अच्छा मिलता है ,वहाँ बस एक बार भाव हुआ फिर मधु मज़े कर लेगी और कुछ आमदनी भी हो जाएगी सोच के देखो एक हफ्ते रहने पर काफी मोटी रकम हाथों मे रहेगी और क्या चाहिए आपकी बीवी भी खुश और आप भी खुश ,ऐसा बोलती भाभी ने मेरे मुँह से अपनी चूत हटा कर गोद पर बैठ मेरे होठो को चूसते चाटने लगी और न चाहते मेरा हाथ उनके चूत ओर फिसलने लगा और वो बोली एक साथ कॉलेज के आठ दस जवान लड़के जब मधु के साथ रहेंगे वो कितनी खुश हो जाएगी जब बाली उम्र के लड़के उसके चूत को लपालप चोद कर उसको रंडी समझ कर एक एक रुपए वसूल करेंगे और वो अहह करती आपको धन्यवाद बोलेगी ।
भाभी की बातों को सुन मैंने उनको सोफे पर लेटा कर टाँगे उठा चूत चाटना शुरू ही किया था कि वो बोलने लगी देवर जी पिछली बार मैं वहाँ एक हफ्ते रुक आई थी कुल कितने लड़को ने चोदा याद नहीं पर मैनेजर ने मुझे अपनी कार से यहाँ तक छुड़वाया था सोचो ज़रा ऐसे माहौल मे मधु कितनी ऐश करती रहेगी ।
भाभी की चूत चाट कर लाल करता मे गंदे ख़यालों मे घिर गया नतीजा ये हुआ कि मेरा लुल्ली तन गया और भाभी के सिरहाने जा कर मैंने उनके मुँह मे लुल्ली डालते बोला भाभी तू चाहती है तेरी देवरानी एक रंडी बने और मुझे तुम दलाल बनाना चाहती हो कैसी भाभी हो तुम बोलता मैं लुल्ली चुसवाने लगा वो मस्त जीभ घुमाती मेरी लुल्ली लॉलीपॉप की तरह चूसते बोली और क्या दलाल तो तुम हो ही वसंत ने ऐसे ही तेरी आँखों के सामने मधु को पटक कर चोदा तूने चुदवाया और सच तो ये है तुम्हें देख कर मज़ा आता है कि तेरी बीवी रंडी है और इतना बोल भाभी मेरी लुल्ली ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मैं उनके चूत मे तीन उँगलियों को फसा कर रगड़ने लगा और वो जैसे ही हल्का गीलापन आने योनि पर बरसाई मैं लुल्ली मुँह से निकाल उनके भोसड़े मे डाल कर चढ़ गया वो हँसते बोली देवर जी जितना जोश है तेरे पास सब लगा दो पर तुम खुद भी जानते हो तुम नामर्द हो और तेरे इस मूंगफली से न मधु कभी झड़ी है ना कभी तुम मुझे झड़ने का सुख दे पाओगें इसलिए बात मानो चलो घूमने वहाँ हफ्ते भर जब हम दो रंडियों को चुदते देखोगें तब तब मज़ा आएगा ऊपर से वहाँ मैनेजर को बोल तेरे लिए भी मर्दों के इंतजाम करवा देती हूँ ।
भाभी की बातें सच ही थी कि मेरे लड़ से न वो न मेरी अर्धाग्नि खुश रह सकती है परंतु जान बूझ कर रंडी वाली हरकत करने से मन मे थोड़ा दुविधा सा लगने लगा था पर जो भी हो मेरा लुल्ली बड़े मस्त तरीके से तना भाभी के भोसड़े को गुदगुदी दे रहा था जो मेरे लिए अच्छा ही था जब भाभी ने बोला देवर जी एक बात और बता देती हूँ कि वहाँ अगर पसंद के हिसाब से कोई भी लड़की या औरतें काम करती है तो ज़्यादा कमाई हाथ लगती है ।
पसंद मतलब वो बोली देख मधु अभी जवान है और देखने मे भी बहुत सुंदर है ऐसे मे अगर कोई मर्द उसे एक रात की दुल्हन बनाने को बोले तो एक रात की बीवी इसमें तुम्हें उसको सजा के बस पहुँचना है बाकी सुबह वो वापस आएगी या एक रात कुछ मर्दों के लिए डांसर बन के जाएगी वहाँ नाचेगी और लौड़े पर उछाल मारेगी या किसी ठरकी बूढ़े के लिए बहु बन जाएगी किसी के लिए बेटी किसी गंदे आदमी ने बहन बना लिया कोई कुछ बना के ले जाएगा ऐसा होता है जिसको वो फॉरप्ले बोलते है जो काफी चलन मे रहता है ।
भाभी की बेबाक बातों को सुन कर मैं रुक कर उनके ऊपर लेट कर उनको कस कर पकड़ के बोला भाभी ऐसे मे मधु तो लड़खोर हो जाएगी न फिर वो कही रोज पैसे के लिए न बाजार घूमने लगे वो हँसते बोली तू इतना कमाता है आज तक क्या कमी रखा है तूने जो वो पैसे के लिए बाहर जाएगी तूने तो उल्टा उसके गर्मी को शांत करने के लिए खुद मर्दो को बुलाया , अरे ऐसा कुछ नही होगा बस एक हफ़्ते तू मस्त दलाल बन के देख कितना मज़ा आएगा वैसे मैं रहूँगी न साथ और मेरा दलाल तो तेरे भाईसाहब ही रहेंगे बोलती वो हँसने लगी और बोली चोद भी अब रुक क्यों गया ।
भाभी अंदर से हँसते निकल आई ओर बोली देवर जी क्या बात है अभी तक सो रही वो, मैंने उनको वसंत वाली बात बताई वो हँसते बोली पक्की रांड बन चुकी है तेरी जोरू देवर जी एक तो रात भर चुदाई फिर अलग से जवान लड़के को बुला के गांड मरवा के सोई है उफ्फ्फ क्या आग है इसके जोवन मे ।
वो किचन मे चाय बना कर बाहर आ कर मेरे पास चिपक कर बैठ बोली देवर जी क्यों न कही घूमने चला जाए मज़ा आएगा मैं बोला कहाँ वो बोली वही जहाँ गांडू और रंडी दोनों खुश रहते है ।
मेरे ललाट पर हैरानी की लकीरें पढ़ भाभी बोली अरे देवर जी कोई हिल स्टेशन हो आते है ना क्या बोलते है हम दोनों रंडिया थोड़े और मर्दों के साथ ऐश कर लेंगे आप दोनों गांडू को भी नए लौड़े हाथ लग जाएंगे वैसे भी गर्मी के दिनों मे हिल स्टेशनों पर बड़ी अय्याशी होती है और तुम जानते है हो वहाँ बाहर से आए लौंडे शादीशुदा हम जैसी औरतों को सामूहिक चोदते है बाकी ओर क्या चाहिये ।
भाभी मन ही मन अपना सारा प्लान बना के आई थी और वो मेरे झाघो को अपने नर्म हाथों से सहलाती मुझे रिझाने पर आतुर थी और चाय की प्याली जैसे ही मैंने मेज पर रखी वो मेरे गोद पर सवार हो मेरे होंठो को चूमते बोली चलो न देवर जी मेरी बात हो रखी है वहाँ एक पहाड़ो पर मस्त सा कॉटेज है जहाँ का मैनेजर मेरे हुस्न के दीवाना है वो बोल रहा है मस्त इंतज़ाम रहेगा ।
भाभी मेरे सीने को सहलाती मेरे होठो को चूसने लगी और उनका स्तन मेरे बदन पर दबने लगा और वो मेरे सर को पकड़ अपने स्तनों के बीच दबाती बोली देवर जी एक से एक मर्दो से मिलना होगा वहाँ और देखना कैसे तेरी बीवी और मैं एक साथ अनगिनत मर्दो का वीर्य अपने नंगे जिस्मों ओर ले के तुमसे चटवाएँगे कहती वो सोफे पर खड़ी हो कर अपनी साड़ी उठा कर बोली देखो बिना पैंटी आई हूं चाटोगे न कहती वो मेरे बालों पर अपनी चूत रगड़ने लगी जो फिसल कर मेरे चेहरे की ओर आने लगी ओर नाक के पास भाभी ने रोकते बोला तुझे मेरी ये चूत की महक अच्छी लगती है ना मैं दुविधा मे पड़ा रहा वो मेरे नाक पर चूत रगड़ती बोलती रही और अचानक उनकी चूत मेरे मुँह पर आ गयी ओर मेरे जीभ ने अपना काम शुरू कर दिया और वो बालों को झगझोरती अपना चूत चटवाने लगी और बोली देवर जी वहाँ अगर तुम चाहो तो अपनी मधु की दलाली भी कर सकते हो भाव अच्छा मिलता है ,वहाँ बस एक बार भाव हुआ फिर मधु मज़े कर लेगी और कुछ आमदनी भी हो जाएगी सोच के देखो एक हफ्ते रहने पर काफी मोटी रकम हाथों मे रहेगी और क्या चाहिए आपकी बीवी भी खुश और आप भी खुश ,ऐसा बोलती भाभी ने मेरे मुँह से अपनी चूत हटा कर गोद पर बैठ मेरे होठो को चूसते चाटने लगी और न चाहते मेरा हाथ उनके चूत ओर फिसलने लगा और वो बोली एक साथ कॉलेज के आठ दस जवान लड़के जब मधु के साथ रहेंगे वो कितनी खुश हो जाएगी जब बाली उम्र के लड़के उसके चूत को लपालप चोद कर उसको रंडी समझ कर एक एक रुपए वसूल करेंगे और वो अहह करती आपको धन्यवाद बोलेगी ।
भाभी की बातों को सुन मैंने उनको सोफे पर लेटा कर टाँगे उठा चूत चाटना शुरू ही किया था कि वो बोलने लगी देवर जी पिछली बार मैं वहाँ एक हफ्ते रुक आई थी कुल कितने लड़को ने चोदा याद नहीं पर मैनेजर ने मुझे अपनी कार से यहाँ तक छुड़वाया था सोचो ज़रा ऐसे माहौल मे मधु कितनी ऐश करती रहेगी ।
भाभी की चूत चाट कर लाल करता मे गंदे ख़यालों मे घिर गया नतीजा ये हुआ कि मेरा लुल्ली तन गया और भाभी के सिरहाने जा कर मैंने उनके मुँह मे लुल्ली डालते बोला भाभी तू चाहती है तेरी देवरानी एक रंडी बने और मुझे तुम दलाल बनाना चाहती हो कैसी भाभी हो तुम बोलता मैं लुल्ली चुसवाने लगा वो मस्त जीभ घुमाती मेरी लुल्ली लॉलीपॉप की तरह चूसते बोली और क्या दलाल तो तुम हो ही वसंत ने ऐसे ही तेरी आँखों के सामने मधु को पटक कर चोदा तूने चुदवाया और सच तो ये है तुम्हें देख कर मज़ा आता है कि तेरी बीवी रंडी है और इतना बोल भाभी मेरी लुल्ली ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मैं उनके चूत मे तीन उँगलियों को फसा कर रगड़ने लगा और वो जैसे ही हल्का गीलापन आने योनि पर बरसाई मैं लुल्ली मुँह से निकाल उनके भोसड़े मे डाल कर चढ़ गया वो हँसते बोली देवर जी जितना जोश है तेरे पास सब लगा दो पर तुम खुद भी जानते हो तुम नामर्द हो और तेरे इस मूंगफली से न मधु कभी झड़ी है ना कभी तुम मुझे झड़ने का सुख दे पाओगें इसलिए बात मानो चलो घूमने वहाँ हफ्ते भर जब हम दो रंडियों को चुदते देखोगें तब तब मज़ा आएगा ऊपर से वहाँ मैनेजर को बोल तेरे लिए भी मर्दों के इंतजाम करवा देती हूँ ।
भाभी की बातें सच ही थी कि मेरे लड़ से न वो न मेरी अर्धाग्नि खुश रह सकती है परंतु जान बूझ कर रंडी वाली हरकत करने से मन मे थोड़ा दुविधा सा लगने लगा था पर जो भी हो मेरा लुल्ली बड़े मस्त तरीके से तना भाभी के भोसड़े को गुदगुदी दे रहा था जो मेरे लिए अच्छा ही था जब भाभी ने बोला देवर जी एक बात और बता देती हूँ कि वहाँ अगर पसंद के हिसाब से कोई भी लड़की या औरतें काम करती है तो ज़्यादा कमाई हाथ लगती है ।
पसंद मतलब वो बोली देख मधु अभी जवान है और देखने मे भी बहुत सुंदर है ऐसे मे अगर कोई मर्द उसे एक रात की दुल्हन बनाने को बोले तो एक रात की बीवी इसमें तुम्हें उसको सजा के बस पहुँचना है बाकी सुबह वो वापस आएगी या एक रात कुछ मर्दों के लिए डांसर बन के जाएगी वहाँ नाचेगी और लौड़े पर उछाल मारेगी या किसी ठरकी बूढ़े के लिए बहु बन जाएगी किसी के लिए बेटी किसी गंदे आदमी ने बहन बना लिया कोई कुछ बना के ले जाएगा ऐसा होता है जिसको वो फॉरप्ले बोलते है जो काफी चलन मे रहता है ।
भाभी की बेबाक बातों को सुन कर मैं रुक कर उनके ऊपर लेट कर उनको कस कर पकड़ के बोला भाभी ऐसे मे मधु तो लड़खोर हो जाएगी न फिर वो कही रोज पैसे के लिए न बाजार घूमने लगे वो हँसते बोली तू इतना कमाता है आज तक क्या कमी रखा है तूने जो वो पैसे के लिए बाहर जाएगी तूने तो उल्टा उसके गर्मी को शांत करने के लिए खुद मर्दो को बुलाया , अरे ऐसा कुछ नही होगा बस एक हफ़्ते तू मस्त दलाल बन के देख कितना मज़ा आएगा वैसे मैं रहूँगी न साथ और मेरा दलाल तो तेरे भाईसाहब ही रहेंगे बोलती वो हँसने लगी और बोली चोद भी अब रुक क्यों गया ।