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Adultery मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान
#22
Update - 4




सबीना बोली- राजा, पहले जाकर दूध के ग्लास रख कर आओ फिर तुम्हें चुदाई का दूसरा पाठ पढ़ाती हूँ। मैं ग्लास रखने गया, तभी मेरी कॉटन मिल से फ़ोन आ गया। मैंने फ़ोन पर बता दिया- आज नहीं आऊँगा। 


जब मैं कमरे में घुसा तो सबीना उलटी घुटनों के बल लेटकर नंगी लड़कियों की फोटो देख रही थी, मैं उसकी गाण्ड से चिपक कर चूची दबाने लगा तो सबीना बोली- लड़कियां तो बहुत सुन्दर हैं ! दो-दो लण्डों से भी चुदवा रही हैं। मैं बोला- सबीना जान, मेरा लण्ड तुम्हारी चूत के लिए पागल हो रहा है, जरा सीधी हो जा, एक बार चूत की सैर और करा दे ! 


सबीना बोली- चोद दो ! पीछे से चोद दो ! लो मैं चूत ढीली छोड़ती हूँ ! तुम घुसाओ ! सबीना थोड़ी उचक गई और उसने टाँगे फ़ैला दीं, बोली- चूत दिख रही है? 

मैंने कहा- दिख तो रही है ! सबीना बोली "तो घुसाओ ना ! चूतिया क्यों बने हुए हो?" मैं लण्ड उसकी चूत में लगाने लगा लेकिन लण्ड घुस ही नहीं रहा था। सबीना बनावटी गुस्से से बोली- मादरचोद, ऊपर वाला तुझे अगले जन्म में लण्ड बिना का पैदा करेगा। नौ इंच का रख कर भी चूत में नहीं घुसा पा रहा गाण्डू ? कमर पकड़ ! मैंने सबीना की कमर पकड़ ली, सबीना ने हाथ से लण्ड अपनी चूत के मुँह पर लगा लिया और बोली- अब तेजी से धक्का मार ! 

मैंने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को चूत में मारा, सफलता मिली और लण्ड चूत में था। वाकई एक अनोखा मज़ा था ! उसकी चूचियां मैंने पकड़ ली। 

सबीना बोली- ज्यादा शरीफ मत बनो, गालियाँ बकते हुए चोदो, वर्ना मेरे आलावा किसी की चोद भी नहीं पाओगे। मैंने सबीना को सेक्स का उस्ताद मान लिया था, लण्ड को पेलते हुए मैंने गालियाँ बकनी शुरू कर दीं - ले बहन की लोडी ! रंडी मादरचोद ! भोसड़ी की रांड ! ले मेरा मूसल लंड फिर तो............ आह मदरचोड़ रांड ले मेरा मूसल ............ बहनचोद




थोड़ी देर में हम दोनों पूरे मज़े ले रहे थे, 




सबीना चिल्ला रही थी- ऊह आह ! मज़ा आ गया ! क्या मारी है बहन चोद ! तू तो आज से चूत का राजा बन गया है ! मार साली की भोंसड़ी बना ! सच अब तुझसे चुदने का मज़ा आ रहा है ! कुत्ते मार इस हरामिन चूत को ! साली बहुत तंग करती है। 


मैं भी वापस अब - कुतिया, रंडी, साली, रंडी की औलाद, तेरी भोंसरी की मारूँ, लोंडी बकता हुआ सबीना को चोदने में लगा हुआ था। 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं निढाल होकर लेट गया, सबीना भी मुझसे चिपक गई। चिपके चिपके हम एक दूसरे की चूची, चूत और लण्ड से खेल रहे थे। 


करीब एक घंटे बाद उठे तो मैं चौंकते हुए बोला- अरे बारह बज गए? कोई क्या सोचेगा? सबीना मेरे गालों की पप्पी लेते हुए बोली- कोई कुछ नहीं सोचेगा ! किसी के पास यहाँ रिहायशी इलाक़ों में इतना समय नहीं है कि हमारे बारे में सोचेगा। 

मैं सबीना को चिपकाते हुए बोला- रानी, तुमने मस्त कर दिया ! अब यह बताओ कि क्या सरप्राइज़ दे रही हो? 

सबीना बोली- इतनी मारी है मेरी ! कुछ इनाम तो दो ! मैंने बिना देखे हुए परसों शाम को एक वर्कर से जो दो सौ रुपया लिया था, वो पूरा उसे दे दिया। वो बोली- राजा, आपने मुझे खुश कर दिया ! सच राजा, मज़ा आ गया ! और उसने मेरे गालों पर 5-6 पप्पी दे डाली। 




मैं बोला- सरप्राइज़ तो बता दो.................?





वो मेरे कान के पास मुँह लाकर बोली- कुछ दिन बाद मैं आपके लण्ड राजा को रूचि जी की चूत में घुमा कर लाऊँगी। यह सुन कर तो मुझको मेरे कानो पर यकीन ही नहीं हुआ. कहीं ये सबीना मज़ाक तो नहीं कर रही. फिर भी मैं एक बार वापस खुश होते हुए सबीना से पूछा-"सच रानी? मुझे विश्वास नहीं हो रहा है !" 


सबीना बोली- कुछ दिन बाद हो जायेगा अगर तुम मेरे कहे चले तो ! लेकिन मर्द बनकर चोदना, शरीफ बनकर नहीं ! कल मैं तुम्हें पूरा प्रोग्राम बताऊँगी। उसके बाद सबीना चली गई। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस रूचि अग्रवाल को सोच सोच कर मैंने कई बार मुठ मार दी, जिस रुचि को मैं सपने में भी नहीं छू पाया था.और जिसकी चूची तक मैंने नहीं दबाई, उसकी चूत में मेरा मूसल लण्ड दो दिन बाद सैर करेगा !!!!!!!!





यकीन नहीं हो रहा था क्या यही शुरुआत है मेरी गरीब किस्मत के अमीर होने की दास्तान की...............





पर अभी भी मुझको यकीन नहीं हो रहा था कि रुचि अग्रवाल तो एक पढ़ी लिखी समझदार और अमीर घर की शादी शुदा *** औरत है वो मेरे जैसे मामूली से **** चौकीदार के साथ सेक्स कैसे करेगी. मेरे जैसे गाँव के पिछड़े आदमी के साथ कैसे.........? जो भी हो यह सबीना ने कहा है तो रुचि के साथ सम्भोग तो मै करूगा ही. सबीना उस्ताद है.........




मैं सोचते सोचते नहाने चला गया और नहाते हुए सरसों के तेल से सबीना के कहे अनुसार लण्ड पर मालिश करने लगा। 


अगले दिन सबीना फिर छः बजे आ गई। मैंने सबसे पहले उससे प्रोग्राम पूछा, और कहा यह होगा कैसे.......? ये तो बता रुचि का लेवल कहा और मेरा लेवल कहा..........? यह तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकता हो कि मैं वीआईपी नालंदा सोसाइटी में रहने वाली रुचि अग्रवाल को चोद पाउ......!





लेकिन उसने कहा- पहले आप मुझे आठ बजे तक चोदो बिना लण्ड झड़े ! तब मैं रूचि जी की चूत दिलवाने का प्लान बताऊंगी. फिर सबीना हस्ती हुई बोली कि मेरे राजा अब्दुल मिया तुम कितने भोले हो. तुम कबसे एक ही बात पकड़ कर बैठे हो. दरसल मुझको रुचि जी के घर पर ही काम करने वाली एक औरत से पता चला है कि 


रुचि के पति रुचि को पाँच मिनट से ज्यादा चोद नहीं पाते और एक महीने में एक या दो बार ही सेक्स करते हैं, और अगर औरत को भरी जवानी में सेक्स नहीं मिले या कम मिले तो उसको किसी भी दूसरे आदमी के लिये तैयार करना थोड़ा आसान होता है. भले ही वो औरत कितनी भी पढ़ी लिखी, समझदार, धनवान और धार्मिक हो. 


और वेसे भी रूचि का पति दस दिनों के लिये बाहर रहने वाले हैं। मेरी जान पहचान में तो 10-11 इंच लम्बे लण्ड वाले आदमी है जिनको मैं यह रुचि के नाम का सरप्राइस दे सकती हू पर यह सोभाग्य मैं तुमको दूँगी. और मैं जिन आदमियों की बात कर रही हूं वो औरतों की जो 3 - 4 घंटे तक चूत फाड़े रखते हैं




अब तुम रुचि एक घंटा भी नहीं चोद पाए तो मेरी **** इज्ज़त के साथ-साथ तुम्हारी ***** होने की इज़्ज़त भी मिटटी में मिल जाएगी। अब मुझको यहाँ पर पूरा खेल समझ में आया. इसलिये रुचि जैसी सेक्सी और खूबसूरत औरत को मुजे चोदने का मोका मिलेगा. पर यह मोका मिलेगा कैसे......?

सबीना अब अपना मास्टर प्लान बताती
है............................................!!!!!!!!


मैं उसके पूरे प्लान को ध्यान से सुनता हूँ.


मैंने उसकी मास्टर स्ट्रोक वाले प्लान की बात मान ली और चुदाई शुरू कर दी। सबीना ने मुझे पूरा सहयोग किया और 5-6 आसनों से मेरा लण्ड चूत में डलवाया। डेढ़ घंटे बाद मेरा लण्ड पहली बार झड़ा, इतनी देर तक मैं सबीना को इसलिए चोद पाया क्योंकि सबीना ने हर आसन के बाद मेरे लण्ड को 2-3 मिनट का आराम दिया और इस समय मैं मुझसे अपने संतरे और होंटों को चुसवाया। इसके बाद सबीना ने लण्ड चूसा और उसे दुबारा खड़ा किया। एक बार फिर एक घंटे तक मेरे लण्ड ने उसकी चूत को बजाया। 


सबीना मुस्कुराते हुए बोली- अब्दुल मिया, वाकई अब आप चोदना सीख गए हो ! अब कुछ दिन बाद रूचि जी की चूत पर आपका राज रहेगा अगर मेरा प्लान सफल रहा तो.............................!

और हा आप उनकी चूत जम कर बजाना। सबीना ने अपना प्रोग्राम बताया। उसने बताया कि कल दोपहर एक बजे को यूसुफ शेख नाम का एक आदमी अपनी रुचि मैडम के यहां खाना बनाने वाली वो नेहा गुप्ता के साथ आपके कमरे में आयेंगे। जिसे वो 1 से 4 बजे आपके यहाँ चोदेंगे। मैं भी एक बजे तक काम ख़तम करके यहां आऊँगी और आपके साथ रहूँगी।


पर मे आश्चर्य से सबीना देखा और उसको पूछा - ये यूसुफ तो वहीं है ना नालंदा सोसायटी का दिन का चौकीदार जिसको सोसायटी के सेक्रेटरी ने एक महीने पहले धक्के मार कर नोकरी से निकाल दिया था और धमकी दी थी कि फिर कभी सोसायटी में तो क्या ! सोसायटी के आस पास भी मत दिखना वरना पुलिस को कॉल कर दूंगा.

सबीना - हा वहीं यूसुफ शेख है और नेहा गुप्ता इसकी आइटम है. पर एक महीने से दोनों मिल नहीं पाये है.

मैंने पूछा क्यों ऐसा क्या हो गया अगर सोसायटी में नहीं तो सोसायटी के बाहर तो मिल सकते है.....?

सबीना - नहीं मेरे राजा ! क्योंकि नेहा के पति को शक हो गया है उस पर ! इसलिए उसका पति रोज नेहा को लेने भी आता है और छोड़ने भी. भले ही यह नेहा के पास स्कूटी है तो भी......? खुद की बाइक पर लेने आता है.

मैंने पूछा यह सब तो ठीक है पर यूसुफ शेख जैसे खतरनाक आदमी की मदद करके हमारा क्या फायदा होगा और किसी ने देख लिया तो मुझको यह कमरा खाली करना पड़ सकता है.

सबीना बोली - अरे मेरे भोले भोंदु राजा हम यूसुफ की नहीं नेहा की मदद कर रहे. भले ही यह प्लान यूसुफ का है फिर भी.

मैंने पूछा वो कैसे सबीना जान ............?

सबीना बोली - अरे नेहा गुप्ता भले ही रुचि जी के यहां खाना बनाती है. पर नेहा एक शेफ ( बावर्ची ) होने के साथ-साथ रुचि की सहेली भी है....... साली पढ़ी लिखी है इसलिये रुचि और नेहा की काफी अच्छी बनतीं है. वो तो नेहा का पति कम कमाता है इसलिये वो खाना पकाने का काम करती है. छोड़ो यह सब हमको क्या. हमको तो सिर्फ अभी नेहा की जरूरत है.


मै यहां फिर से कुछ कुछ समझने की कोशिश कर रहा था तभी

सबीना बोली - ज्यादा मत सोचो मेरे मिया राजा हम नेहा का इस्तेमाल करके रुचि की चुत तक पहुंचेगे................!





To Be Continued...........
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RE: मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान - by Dani Daniels - 03-05-2021, 07:56 PM



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