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Adultery मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान
#2
Update - 2




सुबह सात बजे वो आती थी। बड़ी मुश्किल से मुझे रात में नींद आई। सुबह छः बजे दरवाजे की घंटी बजी। मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने सबीना मुस्कुरा रही थी। मैंने उसके अन्दर घुसते ही दरवाज़ा बंद कर दिया और पीछे से उसकी चूचियाँ पकड़ लीं। 




सबीना हँसते हुए बोली- बाबूजी, क्यों परेशान होते हो, आज तो पूरा मज़ा ले लो ! भाभीजी बाहर हैं इसलिए ही जल्दी आई हूँ। हम दोनों कमरे में आ गए हँसते हुए उसने अपना ब्लाउज उतार दिया ब्रा में बंद दोनों चूचियाँ मेरा लण्ड खड़ा कर चुकी थीं। उसने कामुक अंगड़ाई ली और बोली- ब्रा का हुक खोलो ना ! मैं पगला रहा था, मैंने उसे बाँहों में भरा और उसकी ब्रा का हुक खोल कर पलंग गिरा दिया। सबीना की दोनों बड़ी बड़ी संतरे जैसी चूचियाँ बाहर आ गई थीं जिन्हें मैं पागल की तरह दबाने लगा। सबीना रोकते हुए बोली- इतने उतावले क्यों हो रहे हो? लो, पहले मेरे चूचियों को चूसो ! और उसने मेरी शर्ट और बनियान उतारकर मेरा सर अपनी गोदी में रख लिया और मेरे मुँह में अपनी चूची की घुण्डी घुसा दी।







एक बच्चे की तरह मैं उसकी चूची चूसने लगा। उसकी काली चूची चूसने में मुझे मज़ा आ रहा था। सबीना का एक हाथ मेरे पजामे के ऊपर लण्ड पर था, एक तरह से वो मेरे लण्ड को सहला रही थी। थोड़ी देर में उसने मेरा पजामा उतार दिया तो मेरा नंगा लण्ड उसके हाथों में था जिसे वो हल्का हल्का अपनी मुट्ठी में दबा कर मसल रही थी। मैं गर्म हो रहा था और उसकी चूची पीते पीते उसके चुचूक पर काट रहा था। 






मेरा मन सबीना को चोदने का कर रहा था, सबीना इस बात को समझ गई थी। उसने मुझे उठा कर अपना पेटीकोट उतार दिया। उसकी नंगी बालों वाली चूत पूरी चमचमा रही थी। सबीना मुस्कुराते हुए बोली- आज सुबह पाँच बजे उठकर तुम्हारे लिए धों धों कर साफ़ की है ! अब मस्त चोदना ! उसने अपनी दोनों टाँगे चौड़ी कर दीं और बोली- अब अपना लण्ड इसमें घुसा दो ! सच, बहुत दिनों से तुमसे मरवाने का मन कर रहा है, अब रहा नहीं जा रहा है, इस सुसरी को फाड़ दो मेरा चुतिया बेवफा और शराबि शौहर ने मुझको काफी समय से नहीं चोदा. अब चौदो मुझको जल्दी से. 





तीन महीने से मेरी बीवी ने चूत नहीं दी थी, मुझसे रहा नहीं गया, बिना कंडोम पहने मैंने अपना नौ इंची लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। चूत चुदी हुई थी तो लण्ड आराम से अन्दर घुस गया। मैंने सबीना की चुदाई शुरू कर दी थी, सबीना की चूत में लण्ड घुसा हुआ था, अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर टिका दिए और उन्हें की तरह बजाने लगा साथ ही उसके सुन्दर काली चुची को नोच और मसल रहा था। उसकी चूत मेरे लण्ड के झटके खा रही थी, सबीना मज़े लेते हुए मेरे बाल सहला रही थी। करीब दो मिनट ही मैंने उसको चोदा होगा कि लण्ड ने वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। 






हाँफते हुए मैं उठ गया, जल्दी झड़ने के कारण मैं शरमा रहा था। सबीना उठी और उसने मुझे एक ग्लास पानी लाकर दिया और बोली- साहब शरमाएँ नहीं ! सात दिन में मैं आपको चूत का खिलाडी बना दूँगी, एक-एक घंटे तक यह औरतों की चूत फाड़े रखेगा और एक बार बुढ़िया या जवान जिसको आपने चोद दिया वो आपकी दीवानी हो जाएगी और बार बार चुदवाएगी, आपके लण्ड में अभी बहुत जान है, लाओ मैं इसे चूसती हूँ। सबीना मेरा लण्ड चूसने लगी, मैं आराम से लेटा हुआ था, अब मुझमें इतनी उत्तेजना नहीं थी लेकिन मुझे मस्ती बहुत आ रही थी, पहली बार किसी ने मेरा लण्ड चूसा था। ......... अलग ही मजा था.........







लेकिन यह क्या दो मिनट से कम में ही मेरा लण्ड फिर झड़ गया। सबीना मेरा लण्ड-रस मुँह में पी गई, मैं आँखें नीचे किये था। सबीना मुझे समझाते हुए बोली- आप शरमाएँ नहीं। आप में कोई कमी नहीं है, आप ने शराफत के कारण चूत का असली मज़ा नहीं लिया है। अगर आप रोज़ रजिया की चूत मारते तो यह इतनी जल्दी खाली नहीं होता। मुझे पता है कि तुम लोग बीवी की रोज़ मार नहीं पाते और तेरे जैसे कि बेगम भी खुलकर चूत नहीं देती है और एसे शौहरो का ख्याल भी नहीं रखती है। अब आप देखना, मैं आपको दस दिन में चूत का खिलाड़ी बना दूँगी। सबीना आगे बोली- अब आपका लण्ड पूरा खाली है। आपको मैं एक ग्लास दूध देती हूँ और साथ में ये मुलेठी और शिलाजीत का पाउडर। उसके बाद नहाते समय सरसों के तेल से लण्ड की मालिश करुँगी। शाम तक यह टनटनाने लगेगा। शाम को एक बार मैं आपका लण्ड फिर चूसूंगी, कल फिर आप देखना कैसे यह चूत में हल्ला मचाता है, 15 मिनट से पहले खाली नहीं होगा और दस दिन बाद यह नौ इंच का लण्ड औरतों की 2-2 घंटे फाड़े रखेगा और उनकी चूत 4-4 बार झड़वा देगा। 






सबीना ने मेरा सर अपनी चूचियों में छिपा लिया और मेरे बाल सहलाने लगी। पाँच मिनट बाद सबीना उठी, उसने मुझे एक ग्लास दूध दिया मुलेठी और शिलाजीत का पाउडर मिला कर और बोली- आप अब तली हुई चीज़ मत खाना। मुझे लग रहा था कि सबीना मुझे अब चोदना सिखा देगी। मैंने पूरा ग्लास दूध पि लिया। हम दोनों नंगे बाथरूम में गए, वहाँ सबीना ने मेरे लण्ड की तेल मालिश की और मुझसे चिपक कर फव्वारे में नहाने का मज़ा लिया। मैंने ऐसे मज़े की कभी उम्मीद भी नहीं की थी। शाम को सबीना पाँच बजे आई और काम करने के बाद उसने मुझसे कहा- चलो अब अपना लण्ड चुसवाओ ! मैं पाजामे को उतारने लगा तो मुझे बाँहों में भरती हुई बोली- मेरे शरीफ साहब जल्दी करो और लण्ड बाहर निकालो, उसे मैं चूसूंगी ! कभी पार्क में किसी लड़की या औरत के साथ जाओ तो उसे ऐसे ही लण्ड चुसवाया जाता है। मैंने फटा फट लण्ड निकाल लिया। लण्ड धीरे धीरे टनक रहा था, सबीना ने उसे मुँह में ले लिया और 5-6 बार चूसने के बाद सुपाड़ा चाटने लगी। 





मैंने कहा- सबीना, चोदने का मन कर रहा है, एक बार चूत मारने दो ! सबीना ने अपने मुख से लण्ड निकाला और उँगलियाँ सुपाड़े पर फिराती हुई बोली- चूत कल मिलेगी ! अभी मैं चूस कर इसे खाली करुँगी ! और उसने अपने हाथों से लण्ड पकड़ कर मुँह में चूसना शुरू कर दिया। मैं उसकी चूचियाँ धीरे धीरे मसल रहा था। करीब 5 मिनट तक मेरे लण्ड से खेलने के बाद बोली- अब इसका रस निकलने वाला है उसे मेरे मुँह में डाल दो ! मैंने उसके कहे अनुसार लण्ड-रस उसके मुँह में डाल दिया। इसके बाद उसने मुझसे कहा- रात को आप एक ग्लास दूध पाउडर वाला लेना और सुबह लण्ड मालिश करके रखना। कल सुबह एक बार फिर आप मेरी चूत मारना। 





अगले दिन सबीना सुबह 6 बजे आई मैंने लण्ड पर उसके कहे अनुसार तेल मालिश कर रखी थी और रात से मेरा लण्ड बुरी तरह से उसकी चूत मारने को फड़फड़ा रहा था। मैंने सिर्फ लूंगी और बनियान पहन रखी थी। सबीना के घुसते ही मैंने दरवाज़ा बंद किया और उसे गोद में उठा कर पलंग पर पटक दिया मेरी लूंगी खुल गई थी और मेरा नौ इंची लण्ड उसके सामने था। उसने अपने हाथ से मेरा लण्ड पकड़ा और बोली- बाबूजी, लण्ड तो आपका बहुत मस्त हो रहा है, मेरी चूत भी इसे खाने के लिए पागल हो रही है लेकिन थोड़ा सब्र करो, इतने उतावले क्यों हो रहे हो? पहले मुझे नंगी तो कर दो। मैं सबीना का दिवाना हो गया था, मैंने एक एक करके उसकी साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया। ब्रा आज वो नहीं पहने थी। नंगी सबीना मेरे लण्ड में आग लगाए हुआ थी। लण्ड पूरा टनटना रहा था, ऐसे में तो बुढ़िया भी सुंदरी लगती है फिर सबीना जैसी मोटे और भरे हुए बदन वालीं औरत तो सेक्सी लगनी ही थी। सबीना ने मुझे पलंग पर बैठाया और अपना मुँह मेरे लण्ड पर लगा दिया। मेरे दोनों हाथों में उसने अपने संतरे पकड़ा दिए। सबीना ने बड़े प्यार से धीरे धीरे 3-4 बार मेरा लण्ड चूसा और मेरे लण्ड के अग्र भाग पर जीभ फिराने लगी। मेरी उत्तेजना चरमसीमा पर थी, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं बोला- सबीना अब चूत मारने दो ! अब रहा नहीं जा रहा है। सबीना मुँह से लण्ड निकालते हुए बोली- बाबूजी, चूत तो आपकी गुलाम है लेकिन कुछ इनाम तो दे दो इस नाचीज़ को। मैंने अपनी जेब से निकाल कर तीन सौ रुपए दे दिए। 






मेरे से चिपकती हुई सबीना बोली- आपने मुझे खुश कर दिया, मैं आपको 2-3 दिन में सरप्राइज़ दूँगी। मैं बोला- रानी पहले अपनी चूत मारने दो, अब सब्र नहीं होता। बाद में जो देना हो, दे देना ! सबीना ने मेरी बनियान उतार दी और अंगड़ाई लेती हुई बोली- लो राजा मार लो ! मैंने उसे सीधा लेटा दिया और उसकी चूत में लण्ड घुसा दिया। अब मैं सबीना के ऊपर चढ़ा हुआ था। आज सच में लण्ड में एक अजीब सी ताकत दिख रही थी। चूची दबाते हुए मैंने उसकी चूत चोदना शुरू कर दी। 2-3 मिनट चोदने के बाद सबीना ने मुझे हटा दिया और बोली- राजा, अब 5 मिनट आराम करो, फिर नई ताकत से चोदना ! 






उसने मुझे सीधा लेटा दिया और धीरे धीरे मेरी छाती की घुन्डियाँ काटने लगी और बीच बीच में मेरा लण्ड सहला देती। मुझसे बात करते हुए बोली- आपकी बेगम आपको ठीक से चूत मारने नहीं देती अगर औरत की चूत रोज चोदोगे तो तीन महीने बाद एक घंटे तक चूत बीच बीच मैं 4-5 बार 2-3 मिनट का आराम लेते हुए चोद सकते हो।
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RE: मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान - by Dani Daniels - 03-05-2021, 12:57 AM



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