29-04-2021, 07:26 PM
कम्मो-हर सवाल का जवाब
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सिर्फ मैं और कम्मो , ... घर में थे और जब मेरे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने कम्मो को अपनी परेशानी बताई ,
की कैसे मेरे मायके के सब लोग कह रहे हैं की कोहबर का वायदा था , की मैं , ... मतलब ये होली के पहले गुड्डी के साथ ,... और बस अब दो दिन परसों हम लोगों को जाना ही है , ... मैंने सब को बहुत समझाया ,
पहले तो थोड़ी देर वो सीरियस रही फिर हंस के बोली ,
" अरे इतनी सी बात सुबह से मुंह फुलाये हो , सही तो कह रहे हैं तेरे मायके वाले ,... फड़वा दो उसकी झिल्ली , दो दिन क्यों आज ही ,.... "
![[Image: Teej-33a1cbddb52791d6ee94eb19ac59f8e0.jpg]](https://i.ibb.co/Nx7x95s/Teej-33a1cbddb52791d6ee94eb19ac59f8e0.jpg)
मेरे अभी भी समझ में कुछ नहीं आया लेकिन वो मुझे हड़काते बोली ,
" अरे अभी बहुत काम पड़ा ही , ये काम तुम हमरे ऊपर छोड़ दो ,... उसकी चिंता छोड़ दो ,... बस आज तिझरिया को उसको बुला लो किसी तरह , ... बस आगे सब हमारी जिम्मेदारी , ..देवर सांझ तक तो आ ही जायेंगे ,... "
मेरे अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,
![[Image: Teej-e404c7acff55fe4dff4ead6514e1fe0b.jpg]](https://i.ibb.co/Srgmdg2/Teej-e404c7acff55fe4dff4ead6514e1fe0b.jpg)
लेकिन थोड़ा बहला फुसला के , थोड़ा इमोशनल बैकमेल ,... और गुड्डी मान गयी ३-४ बजे तक आने के लिए ,
लेकिन उसे नहीं मालूम था की घर में सिर्फ मैं और कम्मो हैं ,....
और मैं ,
कितना काम पड़ा था , ... और इनके बस का तो कुछ भी नहीं था
( सिवाय एक काम के , .... एक दिन मैंने उनकी नाक पकड़ के पूछ भी लिया , हे मैं नहीं आयी थी तो किसके साथ काम चलता था , मेरी ननदों के साथ या सास के साथ ,... और शरमाने में तो ,... एक दो बार मैने मम्मी से कहा भी , आपके दामाद शर्माते हैं तो वो वो हंस के बोलीं , आएगा न होली में ,...सब उसकी साली सलहज मिल के सारी सरम लाज उसके पिछवाड़े ,... मैंने मौका नहीं छोड़ा , मम्मी मेरी एकदम सहेली की तरह थीं , उन्हें चिढ़ाते मैं बोली , और मम्मी उनकी सास क्या करेंगी , तो भी न एकदम मेरी मम्मी , हंस के बोलीं , साली सलहज से दो हाथ आगे रहेंगी ,... )
मैं भी न , ...हाँ और जब से पक्का हुआ था हम लोगों का होली के उनके ससुराल चलने का , तो जब आफिस के काम से फुर्सत मिलती थी तो साली सलहज के साथ फोन पर ,
सारा काम पड़ा हुआ था , इत्ती पैकिंग
सिरफ मेरे मायके का मामला नहीं था , वहीँ से हम लोग इनकी पोस्टिंग पर जाने वाले थे , और फिर चार छह महीने लौटने का सवाल नहीं , तो उसके लिए भी पैकिंग , नयी गृहस्थी ,...
और होली के लिए भी , सबके लिए तो ये गिफ्ट लाये थे , जब फॉरेन से लौटते हुए दिल्ली रुके थे , कपडे , और भी
और जो बचे खुचे थे , खुद मुझे याद दिला के , और सब चीजें ये भूल जाएँ लेकिन लड़कियों के मामले में इनकी याददाश्त एकदम पक्की थी , नाउँन की लड़की , बहू , ...एक एक कर के मुझे याद दिला के
![[Image: Teej-127225062-4060580963986046-84655502...7271-o.jpg]](https://i.ibb.co/DQ8hG0Q/Teej-127225062-4060580963986046-846555021971227271-o.jpg)
और ऊपर से मेरी सास , ... बार बार , अरे पहली बार ससुराल जा रहे हो , ऐसे खाली हाथ , मुफ्त में थोड़ी साली सलहज से होली खेलने को , ... और अपनी समधन के लिए तो खुद उन्होंने अपनी पसंद से ,
फिर होली का सामान तो इनकी ससुराल में खुलता पर जो पोस्टिंग के लिए था वो अलग पैकिंग , जिससे वहां दुबारा पैक न करना पड़े , ... फिर होली खेलने वाले कपडे , जिद करके इन्होने मुझसे रंग गुलाल सब खरीदवाए थे , पर मुझे मालूम था इनकी सालियाँ सब से पहले उसी पर कब्ज़ा करेंगी ,... एक साथ में दिमाग में कई बातें घुमड़ घुमड़ के चल रही थीं ,
थोड़ी देर पहले रीतू भाभी का फोन आया था ,
![[Image: Teej-tumblr-pk1tek-KKg-F1uv2rsco5-1280.jpg]](https://i.ibb.co/2MCJScB/Teej-tumblr-pk1tek-KKg-F1uv2rsco5-1280.jpg)
सिर्फ मैं और कम्मो , ... घर में थे और जब मेरे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने कम्मो को अपनी परेशानी बताई ,
की कैसे मेरे मायके के सब लोग कह रहे हैं की कोहबर का वायदा था , की मैं , ... मतलब ये होली के पहले गुड्डी के साथ ,... और बस अब दो दिन परसों हम लोगों को जाना ही है , ... मैंने सब को बहुत समझाया ,
पहले तो थोड़ी देर वो सीरियस रही फिर हंस के बोली ,
" अरे इतनी सी बात सुबह से मुंह फुलाये हो , सही तो कह रहे हैं तेरे मायके वाले ,... फड़वा दो उसकी झिल्ली , दो दिन क्यों आज ही ,.... "
![[Image: Teej-33a1cbddb52791d6ee94eb19ac59f8e0.jpg]](https://i.ibb.co/Nx7x95s/Teej-33a1cbddb52791d6ee94eb19ac59f8e0.jpg)
मेरे अभी भी समझ में कुछ नहीं आया लेकिन वो मुझे हड़काते बोली ,
" अरे अभी बहुत काम पड़ा ही , ये काम तुम हमरे ऊपर छोड़ दो ,... उसकी चिंता छोड़ दो ,... बस आज तिझरिया को उसको बुला लो किसी तरह , ... बस आगे सब हमारी जिम्मेदारी , ..देवर सांझ तक तो आ ही जायेंगे ,... "
मेरे अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,
![[Image: Teej-e404c7acff55fe4dff4ead6514e1fe0b.jpg]](https://i.ibb.co/Srgmdg2/Teej-e404c7acff55fe4dff4ead6514e1fe0b.jpg)
लेकिन थोड़ा बहला फुसला के , थोड़ा इमोशनल बैकमेल ,... और गुड्डी मान गयी ३-४ बजे तक आने के लिए ,
लेकिन उसे नहीं मालूम था की घर में सिर्फ मैं और कम्मो हैं ,....
और मैं ,
कितना काम पड़ा था , ... और इनके बस का तो कुछ भी नहीं था
( सिवाय एक काम के , .... एक दिन मैंने उनकी नाक पकड़ के पूछ भी लिया , हे मैं नहीं आयी थी तो किसके साथ काम चलता था , मेरी ननदों के साथ या सास के साथ ,... और शरमाने में तो ,... एक दो बार मैने मम्मी से कहा भी , आपके दामाद शर्माते हैं तो वो वो हंस के बोलीं , आएगा न होली में ,...सब उसकी साली सलहज मिल के सारी सरम लाज उसके पिछवाड़े ,... मैंने मौका नहीं छोड़ा , मम्मी मेरी एकदम सहेली की तरह थीं , उन्हें चिढ़ाते मैं बोली , और मम्मी उनकी सास क्या करेंगी , तो भी न एकदम मेरी मम्मी , हंस के बोलीं , साली सलहज से दो हाथ आगे रहेंगी ,... )
मैं भी न , ...हाँ और जब से पक्का हुआ था हम लोगों का होली के उनके ससुराल चलने का , तो जब आफिस के काम से फुर्सत मिलती थी तो साली सलहज के साथ फोन पर ,
सारा काम पड़ा हुआ था , इत्ती पैकिंग
सिरफ मेरे मायके का मामला नहीं था , वहीँ से हम लोग इनकी पोस्टिंग पर जाने वाले थे , और फिर चार छह महीने लौटने का सवाल नहीं , तो उसके लिए भी पैकिंग , नयी गृहस्थी ,...
और होली के लिए भी , सबके लिए तो ये गिफ्ट लाये थे , जब फॉरेन से लौटते हुए दिल्ली रुके थे , कपडे , और भी
और जो बचे खुचे थे , खुद मुझे याद दिला के , और सब चीजें ये भूल जाएँ लेकिन लड़कियों के मामले में इनकी याददाश्त एकदम पक्की थी , नाउँन की लड़की , बहू , ...एक एक कर के मुझे याद दिला के
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और ऊपर से मेरी सास , ... बार बार , अरे पहली बार ससुराल जा रहे हो , ऐसे खाली हाथ , मुफ्त में थोड़ी साली सलहज से होली खेलने को , ... और अपनी समधन के लिए तो खुद उन्होंने अपनी पसंद से ,
फिर होली का सामान तो इनकी ससुराल में खुलता पर जो पोस्टिंग के लिए था वो अलग पैकिंग , जिससे वहां दुबारा पैक न करना पड़े , ... फिर होली खेलने वाले कपडे , जिद करके इन्होने मुझसे रंग गुलाल सब खरीदवाए थे , पर मुझे मालूम था इनकी सालियाँ सब से पहले उसी पर कब्ज़ा करेंगी ,... एक साथ में दिमाग में कई बातें घुमड़ घुमड़ के चल रही थीं ,
थोड़ी देर पहले रीतू भाभी का फोन आया था ,