29-04-2021, 09:17 AM
सास का प्यास
सीमा 49 (सास)
रोहित 25 (दामाद)
मैं रोहित 25, फरीदाबाद में रहता हूं, मेरा सादी का 3 साल हुआ था, और दिल्ली में जॉब करता था, सबकुछ अच्छा चल रहा था, फिर कुछ दिनों के लिए मेरा सास मेरे साथ रहने के लिए आ गई
सीमा 49, गुड़गांव में अपने दो बेटे के साथ रहती थी, जिसमे बड़ा बेटा सादी सुदा था और छोटा बेटा सिक्युरिटी में जाने का तैयारी कर रहा था, बड़ा वहीं बिजनेसमैन था और पैसे की कोई कमी नहीं थी
मेरा सास मॉडर्न थी और जब से फरीदाबाद आई है उन्होंने कई सारी औरतें के साथ दोस्ती कर ली और अब ऐसे रहने लगी की कहां की महारानी हो, रोज का किट्टी पार्टी में जाना और कुछ औरतें के साथ शराब और सिगरेट का सेवन करना आम बात हो गया था उनके लिए
वो अपनी बेटी से बोली बेटी बहुत दिन तुम्हारे पापा के बिना उदासी जिंदगी जी ली पर अब और नहीं जी सकती, आज मुझे एहसास हुआ की जिंदगी में इतना मजा भी है,
मैं भी बैंक में मैनेजर था और उस एरिया में मेरा अच्छा खासा लोगों से जान पहचान हो गई थी, पर मैं कभी ये सब नहीं करता था, मेरा सास अब कुछ मर्दों से भी जान पहचान कर ली थी, और कभी कभी वो उनके साथ समय भी गुजरने लगी थी
पर अब मुझे भी धीरे धीरे अच्छा लगने लगा था क्योंकि बीवी के साथ सो सो के मैं थक चुका था अब कोई मील्फ की तलाश में था जो मुझे अपने सास में दिखाई देने लगा
अब वो घर में भी शॉर्ट में रहने लगी, मुझे तो समझ नही आ रहा था की क्या करूं, क्योंकि एक मर्द होने के नाते कबतक खुद को कंट्रोल करूं, वैसे भी में ठरकी पहले से भी था और ये बात मेरा सास भी जानती थी
मुझे बाद में पता चला की ससुर जी अपना सारा संपति मेरी सास की नाम से कर चुके थे जिसका वो भरपूर मजा लेती थी,
सास का सुडोल सा बदन, हुस्न की देवी लग रही थी, थाई तो रसमलाई जैसा था और बदन उफ्फ संगमरमर जैसा, गोल मटोल नाभी उस पर काला सा तिनका, स्ट्रॉबेरी जैसा लिप्स, उभरे हिप्स और चौरी छाती के साथ साथ बड़े बड़े दूध की गोदाम, करली बाल और काजल हमेशा आंख में लगाईं रहती थी, उफ्फ अब मेरा भी मुस्कील हो गया था उन्हें देखे बिना
जबतक आंख भर कर देख ना लूं तो चैन न आता था, अब ऐसा लगने लगा की सास तो मेरा वाइफ से भी ज्यादा जवान और हुस्न की मल्लिका लग रही है
ऐसे ही मैं एक दिन उनका पीछा किया तो क्लब तक जा पहुंचा जहां कुछ मर्द उनको घेर रखा था और उनका जिस्म पर सिगार का धुएं उड़ा रहा था और मेरा सास उसको अपने सीने से बार बार लगती और फिर ड्रिंक करती
फिर कुछ देर के बाद उन्हें पर्सनल रूम ले गया और करीब आधे घंटे के बाद दो मर्द निकला फिर दो मर्द अंदर गया वो भी मेरे सास के साथ ही निकला और सब हंस हरे थे
मैं समझ गया कि वो क्या करवाने गई थी, मैं अब पहले निकलना चाहता था क्योंकि उनके आने से पहले मैं अपने जॉब से घर आ जाता था और वैसे भी बैंक में जल्दी छुट्टी हो जाता था
एक दिन ऐसे ही सास अपने कमरे में पेट के बल सोई हुई थी और मैं झांक रहा था, पर मुझे नही पता था की वो मुझे देख चुकी है उसने खुद का पैर उठा कर हिलाने लगी जैसे वो अपने पैर से ही मुझे बुला रही हो
ऐसे करते करते उनका मैक्सी थाई तक आ गया और जब मुझ से कंट्रोल नही हुआ तो उन्हे देखते ही अपना लिंग रगड़ने लगा और कुछ देर बाद ही मेरा पैंट ही गीला हो गया
उस दिन के बाद से ही मेरा सास अब मुझ पर नजर रखने लगी और जानकर मुझे जब देखती तो वो कभी अपना कमर को झुका देती तो कभी अपना पांव फैला कर अपना हिप्स का दर्शन करवाती तो कभी अपने बड़े दूध दिखाने के लिए चाय के बहाने झुक जाती
अब ये रोज होने लगा
एक दिन वो गुलाबी साड़ी में लिपटी हुई थी। नई साड़ी में चमक रही थी। उन्होंने अच्छी तरह से मेकअप कर रखा था। होठो पर लिपस्टिक चमक रही थी। पिंक लिपस्टिक में मेरी सास काफी सेक्सी माल दिख रही थी।
“हेलो मम्मी जी! आप कैसी है??” मैंने कहा
“दमाद जी क्या लोगे, ठंडा या कुछ गर्म, वो अपनी बड़ी बड़ी कसी कसी दूध की तरफ इशारा करके कहने लगी
मैं तो सकपका गया।
फिर बोलती है ज्यादा भोला मत बना करो, मैं सबकुछ जानती हूं आपके बारे में जब से आपका सादी मेरी बेटी से हुआ है तब से,
की कैसे मेरे पर नजर गड़ाए बैठे हो, ऐसा लगता है मिल जाऊं तो खा जाओगे और फिर हसने लगी
क्या कह रही है आप” मैं हकलाकर पूछने लगा
“ज्यादा अनजान मत बनो। उस दिन क्लब में तुमने मुझे गैर मर्द के साथ मजे करते हुए देख लिया था। तुमने ये बात मेरी बेटी को नही बताई। इसलिए मैं तुमको अपनी जवानी गिफ्ट करना चाहती हूँ । सास बोली
और मेरे हाथ को पकड़कर अपने बड़े बड़े दूध पर रख दिया। आज उन्होंने हाफ स्लीव्स वाला ब्लाउज पहन रखा था जो डीप नेक था। सासु माँ की सफ़ेद दूध मुझे ठीक सामने दिखाई दे रही थी। देखकर ही मेरा लिंग खड़ा होने लगा
फिर मैंने उनसे कहा की आपकी बेटी है सामने वाला कमरे में, उसका तो ख्याल करो
दामाद जी मैं कोई कच्ची खेल नही खेलती, आज सुबह ही बेटी को अपने बहु के पास भेज दी, ये बोलकर की वो पेट से है और मैं बोलकर आ गई की दामाद जी मैं देखभाल करती हूं
मैं अब ना पीछे देखा ना आगे और उनपर टूट पर उनका लिप्स को अपने लिप्स में दबाकर चूसने लगा तो कभी उनके मुंह के अंदर अपनी जीभ से उनके जीभ को लॉक कर देता, एक हाथ उनका स्तन पर था और दूसरा उनका हिप्स पर और जोरो से चुम्मा हो रहा था
अब इनबॉक्स में