06-04-2019, 09:01 AM
कैसे फटी हो भौजी कैसे फटी ,... तोहार
मंझली ननद , अब फिर सवाल पूछने के मोड में आ गयी , मुझसे बोली
" तो १० बजकर २७ मिनट ,... उस समय घुसा था या फटी थी , बोलो न , अब बता तो दिया ही है , ... "
मेरे मुंह से सच निकल गया ,
" फटी थी , बहुत दरद हुआ था ,... "
और मेरी जेठानी मेरी ओर से मिली को चिढ़ाती बोलीं , ...
" देखा मेरी देवरानी तुम सब ननदों की तरह नहीं की मायके से ही फड़वा के आए ,.. और कहानी बनाये , ... "
ननद के साथ अब मेरी बड़ी जेठानी भी आ गयी सब बात उगलवाने के चक्कर में , उन्होंने पूछा , ...
" देवर जी के सर में महावर लगा था , इसका मतलब तेरे पैर उठाके ,
अपने कंधे पर रखा होगा , है न। "
अब छुपाने से कुछ बचना तो था नहीं , मैंने कबूल कर लिया ,
हाँ ,...
और फिर जोर का धक्का , है न ,
अबकी मेरी ननद थीं ,
और मैंने फिर कबूल कर लिया ,
हाँ।
' देवर जी सिर्फ चोद ही रहे थे या तुम्हारी चूँची भी दबा रहे थे , साथ साथ " अबकी मेरी जेठानी थीं।
" हाँ दबा रहे थे , "
मैंने आंख झुका के कबूल किया ,.
उन्हें क्या बताती उनके देवर पहले दिन से ही , जब से उन्होंने हमको देखा मेरे उभारों के पीछे कैसे दीवाने हैं।
खूब जोर से शोर उठा ,
भाभी बताइये न क्या दबा रहे थे ,...
अब तक दुलारी भी मैदान में आ गयी थी ,
उसने और मंझली ननद ने साफ साफ़ बोला ,
" या तो मैं बोलूं , या खोल के दिखाऊं ,.. "
मैं बहुत धीमे से बोली , " चूँची "
" भाभी हमने नहीं सूना , जोर से ,... "
सब जोर से चिल्लाईं , और आखिर मुझे जोर से बोलना ही पड़ा की
वो खूब जोर से मेरी चूँची दबा रहे थे।
" अच्छा चलो , पहली बार तो तुम भी कुछ घबड़ा रही होगी , वो भी झिझक रहे होंगें , लेकिन दूसरी बार ,... "
जेठानी ने आगे का मोर्चा सम्हाला।
लेकिन बिना उनके बोले मेरी सारी ननदें एक साथ बोलीं , ...
ठीक एक बजे।
" हाँ तो दूसरी बार तेरे चूतड़ के नीचे , मेरे देवर ने तकिया कुशन पेलने के पहले लगाया था की नहीं , ... "
" हाँ लगाया था ,... "
मैं शर्माते हुए बोली।
पर ननदें सब , ... ' कहाँ लगाया था " एक साथ , और मेरी जेठानी ने इशारा किया , ... कोई फायदा नहीं ,...
" चूतड़ के नीचे "
जबतक मैंने नहीं बोला ,...
और फिर सब कुछ मुझसे बुलवाकर ,...
बाहर से खाने की आवाज आयी लेकिन हम सब के बीच तबतक सारी लाज , झिझक , शरम एकदम घुल चुकी थी ,
हम सब एकदम पक्की सहेलियों की तरह ,
ननदों के चिढ़ाने का अब मैं भी उसी तरह जवाब दे रही थी ,
दरवाजा खुला , तो और कौन ,... वो ,... बिचारे लगता है काफी देर से इन्तजार कर रहे थे , लेकिन जब वो अंदर घुसे तो ननदोई , ( मंझली ननद वाले ) भी साथ थे , मैंने घूंघट ठीक किया तो एक नन्द ने , ...
मंझली ननद , अब फिर सवाल पूछने के मोड में आ गयी , मुझसे बोली
" तो १० बजकर २७ मिनट ,... उस समय घुसा था या फटी थी , बोलो न , अब बता तो दिया ही है , ... "
मेरे मुंह से सच निकल गया ,
" फटी थी , बहुत दरद हुआ था ,... "
और मेरी जेठानी मेरी ओर से मिली को चिढ़ाती बोलीं , ...
" देखा मेरी देवरानी तुम सब ननदों की तरह नहीं की मायके से ही फड़वा के आए ,.. और कहानी बनाये , ... "
ननद के साथ अब मेरी बड़ी जेठानी भी आ गयी सब बात उगलवाने के चक्कर में , उन्होंने पूछा , ...
" देवर जी के सर में महावर लगा था , इसका मतलब तेरे पैर उठाके ,
अपने कंधे पर रखा होगा , है न। "
अब छुपाने से कुछ बचना तो था नहीं , मैंने कबूल कर लिया ,
हाँ ,...
और फिर जोर का धक्का , है न ,
अबकी मेरी ननद थीं ,
और मैंने फिर कबूल कर लिया ,
हाँ।
' देवर जी सिर्फ चोद ही रहे थे या तुम्हारी चूँची भी दबा रहे थे , साथ साथ " अबकी मेरी जेठानी थीं।
" हाँ दबा रहे थे , "
मैंने आंख झुका के कबूल किया ,.
उन्हें क्या बताती उनके देवर पहले दिन से ही , जब से उन्होंने हमको देखा मेरे उभारों के पीछे कैसे दीवाने हैं।
खूब जोर से शोर उठा ,
भाभी बताइये न क्या दबा रहे थे ,...
अब तक दुलारी भी मैदान में आ गयी थी ,
उसने और मंझली ननद ने साफ साफ़ बोला ,
" या तो मैं बोलूं , या खोल के दिखाऊं ,.. "
मैं बहुत धीमे से बोली , " चूँची "
" भाभी हमने नहीं सूना , जोर से ,... "
सब जोर से चिल्लाईं , और आखिर मुझे जोर से बोलना ही पड़ा की
वो खूब जोर से मेरी चूँची दबा रहे थे।
" अच्छा चलो , पहली बार तो तुम भी कुछ घबड़ा रही होगी , वो भी झिझक रहे होंगें , लेकिन दूसरी बार ,... "
जेठानी ने आगे का मोर्चा सम्हाला।
लेकिन बिना उनके बोले मेरी सारी ननदें एक साथ बोलीं , ...
ठीक एक बजे।
" हाँ तो दूसरी बार तेरे चूतड़ के नीचे , मेरे देवर ने तकिया कुशन पेलने के पहले लगाया था की नहीं , ... "
" हाँ लगाया था ,... "
मैं शर्माते हुए बोली।
पर ननदें सब , ... ' कहाँ लगाया था " एक साथ , और मेरी जेठानी ने इशारा किया , ... कोई फायदा नहीं ,...
" चूतड़ के नीचे "
जबतक मैंने नहीं बोला ,...
और फिर सब कुछ मुझसे बुलवाकर ,...
बाहर से खाने की आवाज आयी लेकिन हम सब के बीच तबतक सारी लाज , झिझक , शरम एकदम घुल चुकी थी ,
हम सब एकदम पक्की सहेलियों की तरह ,
ननदों के चिढ़ाने का अब मैं भी उसी तरह जवाब दे रही थी ,
दरवाजा खुला , तो और कौन ,... वो ,... बिचारे लगता है काफी देर से इन्तजार कर रहे थे , लेकिन जब वो अंदर घुसे तो ननदोई , ( मंझली ननद वाले ) भी साथ थे , मैंने घूंघट ठीक किया तो एक नन्द ने , ...