26-04-2021, 11:09 PM
मैं मधु के सिरहाने बैठ गया और वसंत चूत का रस चाटता रहा ओर मधु अहह बेटा उफ्फ्फ करती चटवाती आहे भर रही थी । वसंत आखिरकार अपने माँ के चूत को पूरी तरह चाट कर टांगो के बीच से ऊपर उठ मधु के कोमल लबों को चूसने लगा था ओर मधु उसके केसों को कस कर जकड़ती अपनी होंठो को चुस्वाये जा रही थी ।
वसंत का पूरा जिस्म मधु के जिस्म पर लेटा हुआ था और वो अपने टांगो को उठा कर उसके कमर पर जकड़ अपनी चूत हवा मे उठा उसके लड़ पर दबाती जा रही थी मानो अब मधु एक पल भी न रुक सकने के आगोश मे समा रही थी ।
वसंत होंठो को चूसते एक हाथ से मधु के बालों को खिंचता चेहरे को ऊपर की ओर उठाता जा रहा था और मधु बिल्कुल कामुक्ता के मुहाने पर जा कर आँखे बंद बस चर्मसुख का आनंद बटोरे जा रही थी ।
वसंत उठ कर एक झटके से अपने कपड़े उतारने लगा ओर मधु बिस्तर पर उठ उल्टा लेट बिस्तर के किनारे जा कर अपने हाथों से वसंत का लड़ पकड़ती बोली पहले चूस लेने दे बेटा फिर चोदना ,वसंत हँसते बोला मेरी माँ तुझे बिना चुसाये ऐसे भी नहीं चोदने वाला मै, आखिर तू मेरी माँ है हर सुख दे के तुझे प्यार करना है मुझे ।
मधु अपने बेटे के लड़ पर जीभ फेरती चाटने लगी थी और मुँह मे लड़ ले चूसते जा रही थी और मधु का जवान बेटा अपने माँ के बालों को मुठी मे पकड़ कर अपने लड़ को हलक तक डालने की फिराक मे था ,आखिर ऐसे गबरू जवान बेटे के लड़ के सामने माँ हार गई और बेटे ने संपूर्ण लड़ अपने माँ के मुँह मे डाल दिया और वो सकपका कर मचलती उसको अपने हाथों से धकेलती जा रही थी पर वो माँ के हलक पर लड़ लगाए बड़े बेशर्म तरीके से माँ को छटपटाता देख मंद मुश्काते जा रहा था ।
थोड़े देर बाद वो लड़ खिंच झटके से निकाल माँ के चेहरे पर मलते बोला माँ तेरा मुँह चूत से कम नहीं, मधु उसके लड़ को सहलाते अपने चेहरे पर घिसते सासों को बटोरते बोली बेटा तेरा लड़ ही है जो हर छेद तुझे चूत लगती है बाकी तेरी माँ की तोह एक ही चूत है पर तु तोह तीन चूत समझ कर हर जगह घुसने को मचलता रहता है और तेरे प्यार मे मैं विवश तुझे रोक कहाँ पाती हूँ मेरे बदमाश बेटे ।
मधु की बात पूरी होते ही बेटे ने वापस माँ के मुँह मे लड़ डाल बोलने लगा माँ ये जो तेरा कोमल गर्दन का छेद है वहाँ लड़ को बड़ा मजा आता है डाल के और हाँ माँ तेरी तीनों छेद मुझे नर्म गर्म चूत सी लगती है । मधु वापस से संघर्ष करती अपने बेटे को धक्का दे रही थी पर वो ज़रा भी हिल नही रह था ।
बेटा माँ के मुख को चोद कर गर्म हो रहा था और माँ तो पहले से खुद के योवन को बेटे के हाथों लुटवाने के लिए तत्पर लेटी थी ।
वसंत ने लड़ खिंच निकाल कर उसपर लगा थूक मधु के चेहरे पर मसलते बोला माँ चल आज बेटे की कुतिया बन जा तेरा कुत्ता बेटा तुझे पीछे से चोदेगा , मधु अपने बेटे का लड़ सहलाते बोली बेटा तेरी माँ तोह तेरी कुतिया ही है और वो अपने गांड को बेटे की तरफ करती टांगो को फैलाती घोड़ी बन कर अपने हाथ को नीचे से अपने चूत पर रखती बोली डाल बेटा बड़ी आग सी लगी है तेरी माँ के चूत मैं ।
बेटा माँ के गांड को सहलाता एक जोरदार थपड जड़ते बोला माँ तेरा बेटा हूँ तेरी दूध पी के जवान हुआ हूं आज सब आग पानी बन बहा दूँगा कहता वो कमर को पकड़ मधु के जिस्म को अपने हिसाब से आगे पीछे करता अपने लड़ को अपने माँ के चूत के मुहाने रख हल्के हल्के घिसते बोला माँ बड़ी कोमल फूली चूत है तेरी ,मधु उफ्फ डाल न बेटा बोलती अपने हाथ से उसके लड़ को अपने छेद पर रखती बोली चोद बेटा, देख तेरी माँ प्यासी है फाड़ दे मेरी चूत ओर वसंत हँसते गांड पर हाथों को फेरते बोला माँ तेरे जैसे माँ हर बेटे को मिले और वो कमर को ज़ोर से पकड़ कर लड़ के टोपे को छेद पर टिका एक तगड़े झटके से ख़ुद को आगे किया और माँ की आँखे आँसू से डबडबा गई और वो चीखती मर गई बेटा बोलती बिस्तर पर चेहरे को रखती तड़पने लगी और बेटा माँ के कमर को पूरे मजबूती के पकड़ा बोला माँ एक झटके मे डालने का मज़ा क्या खूब देती है तू और वो झुक कर मधु के बालों को कस कर खिंचते बोला कुतिया की तरह रहो माँ अभी तो बहुत झटके देगा तेरा बेटा तुझे और मधु के आँसू उसके गालों पर साफ दिख रहे थे पर वो चारों टांगो पर कुतिया बन बैठी थी और उसका बेटा लड़ को आगे पीछे करने लगा था जिसके फलस्वरूप उसकी माँ अहह उफ्फ्फ करती जा रही थी और बेटा अपने लड़ को बड़े आराम से जड़ तक डालता और बाहर निकाल कर फिर गहराई मे डाल चोदने लगा था ।
अपने अंघुटे को वसंत ने अपने माँ के गांड के छेद पर रख हल्के हल्के सहलाता जा रहा था जो सुखी चमड़ी होने के कारण मधु और चितकारी मारने लगी थी और बेटा जोश के साथ माँ को पेलने मे लगा गांड को तड़पन देते जा रहा था ।
वसंत ने मुँह से थूक गिरा कर अपने माँ के गांड पर मलते बोला, माँ तेरी गांड की छेद मेरे लड़ को बुला रही है ,मधु आह नहीं अभी चूत चोद बेटा गांड थोड़ी देर बाद अहह करती जा रही थी पर बेटा अपने अंघुटे को तोह गांड मे फसा चुका था ।
अजीबोगरीब कसम्मकस मे पड़ी मधु दोहरे वॉर से बिल्कुल उतावली कामुक अर्धाग्नि लग रही रही थी और उसके स्तनों पर अकड़न आ चुकी थी और वो झूले की तरह झूलते जा रहे थे और मधु की सिसकियां कमरे मे मधुरता फैलती भोर मे ही रात्रि का नज़ारा बिखेरी जा रही थी ।
कहानी जारी रहेगी ।
वसंत का पूरा जिस्म मधु के जिस्म पर लेटा हुआ था और वो अपने टांगो को उठा कर उसके कमर पर जकड़ अपनी चूत हवा मे उठा उसके लड़ पर दबाती जा रही थी मानो अब मधु एक पल भी न रुक सकने के आगोश मे समा रही थी ।
वसंत होंठो को चूसते एक हाथ से मधु के बालों को खिंचता चेहरे को ऊपर की ओर उठाता जा रहा था और मधु बिल्कुल कामुक्ता के मुहाने पर जा कर आँखे बंद बस चर्मसुख का आनंद बटोरे जा रही थी ।
वसंत उठ कर एक झटके से अपने कपड़े उतारने लगा ओर मधु बिस्तर पर उठ उल्टा लेट बिस्तर के किनारे जा कर अपने हाथों से वसंत का लड़ पकड़ती बोली पहले चूस लेने दे बेटा फिर चोदना ,वसंत हँसते बोला मेरी माँ तुझे बिना चुसाये ऐसे भी नहीं चोदने वाला मै, आखिर तू मेरी माँ है हर सुख दे के तुझे प्यार करना है मुझे ।
मधु अपने बेटे के लड़ पर जीभ फेरती चाटने लगी थी और मुँह मे लड़ ले चूसते जा रही थी और मधु का जवान बेटा अपने माँ के बालों को मुठी मे पकड़ कर अपने लड़ को हलक तक डालने की फिराक मे था ,आखिर ऐसे गबरू जवान बेटे के लड़ के सामने माँ हार गई और बेटे ने संपूर्ण लड़ अपने माँ के मुँह मे डाल दिया और वो सकपका कर मचलती उसको अपने हाथों से धकेलती जा रही थी पर वो माँ के हलक पर लड़ लगाए बड़े बेशर्म तरीके से माँ को छटपटाता देख मंद मुश्काते जा रहा था ।
थोड़े देर बाद वो लड़ खिंच झटके से निकाल माँ के चेहरे पर मलते बोला माँ तेरा मुँह चूत से कम नहीं, मधु उसके लड़ को सहलाते अपने चेहरे पर घिसते सासों को बटोरते बोली बेटा तेरा लड़ ही है जो हर छेद तुझे चूत लगती है बाकी तेरी माँ की तोह एक ही चूत है पर तु तोह तीन चूत समझ कर हर जगह घुसने को मचलता रहता है और तेरे प्यार मे मैं विवश तुझे रोक कहाँ पाती हूँ मेरे बदमाश बेटे ।
मधु की बात पूरी होते ही बेटे ने वापस माँ के मुँह मे लड़ डाल बोलने लगा माँ ये जो तेरा कोमल गर्दन का छेद है वहाँ लड़ को बड़ा मजा आता है डाल के और हाँ माँ तेरी तीनों छेद मुझे नर्म गर्म चूत सी लगती है । मधु वापस से संघर्ष करती अपने बेटे को धक्का दे रही थी पर वो ज़रा भी हिल नही रह था ।
बेटा माँ के मुख को चोद कर गर्म हो रहा था और माँ तो पहले से खुद के योवन को बेटे के हाथों लुटवाने के लिए तत्पर लेटी थी ।
वसंत ने लड़ खिंच निकाल कर उसपर लगा थूक मधु के चेहरे पर मसलते बोला माँ चल आज बेटे की कुतिया बन जा तेरा कुत्ता बेटा तुझे पीछे से चोदेगा , मधु अपने बेटे का लड़ सहलाते बोली बेटा तेरी माँ तोह तेरी कुतिया ही है और वो अपने गांड को बेटे की तरफ करती टांगो को फैलाती घोड़ी बन कर अपने हाथ को नीचे से अपने चूत पर रखती बोली डाल बेटा बड़ी आग सी लगी है तेरी माँ के चूत मैं ।
बेटा माँ के गांड को सहलाता एक जोरदार थपड जड़ते बोला माँ तेरा बेटा हूँ तेरी दूध पी के जवान हुआ हूं आज सब आग पानी बन बहा दूँगा कहता वो कमर को पकड़ मधु के जिस्म को अपने हिसाब से आगे पीछे करता अपने लड़ को अपने माँ के चूत के मुहाने रख हल्के हल्के घिसते बोला माँ बड़ी कोमल फूली चूत है तेरी ,मधु उफ्फ डाल न बेटा बोलती अपने हाथ से उसके लड़ को अपने छेद पर रखती बोली चोद बेटा, देख तेरी माँ प्यासी है फाड़ दे मेरी चूत ओर वसंत हँसते गांड पर हाथों को फेरते बोला माँ तेरे जैसे माँ हर बेटे को मिले और वो कमर को ज़ोर से पकड़ कर लड़ के टोपे को छेद पर टिका एक तगड़े झटके से ख़ुद को आगे किया और माँ की आँखे आँसू से डबडबा गई और वो चीखती मर गई बेटा बोलती बिस्तर पर चेहरे को रखती तड़पने लगी और बेटा माँ के कमर को पूरे मजबूती के पकड़ा बोला माँ एक झटके मे डालने का मज़ा क्या खूब देती है तू और वो झुक कर मधु के बालों को कस कर खिंचते बोला कुतिया की तरह रहो माँ अभी तो बहुत झटके देगा तेरा बेटा तुझे और मधु के आँसू उसके गालों पर साफ दिख रहे थे पर वो चारों टांगो पर कुतिया बन बैठी थी और उसका बेटा लड़ को आगे पीछे करने लगा था जिसके फलस्वरूप उसकी माँ अहह उफ्फ्फ करती जा रही थी और बेटा अपने लड़ को बड़े आराम से जड़ तक डालता और बाहर निकाल कर फिर गहराई मे डाल चोदने लगा था ।
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वसंत ने मुँह से थूक गिरा कर अपने माँ के गांड पर मलते बोला, माँ तेरी गांड की छेद मेरे लड़ को बुला रही है ,मधु आह नहीं अभी चूत चोद बेटा गांड थोड़ी देर बाद अहह करती जा रही थी पर बेटा अपने अंघुटे को तोह गांड मे फसा चुका था ।
अजीबोगरीब कसम्मकस मे पड़ी मधु दोहरे वॉर से बिल्कुल उतावली कामुक अर्धाग्नि लग रही रही थी और उसके स्तनों पर अकड़न आ चुकी थी और वो झूले की तरह झूलते जा रहे थे और मधु की सिसकियां कमरे मे मधुरता फैलती भोर मे ही रात्रि का नज़ारा बिखेरी जा रही थी ।
कहानी जारी रहेगी ।