25-04-2021, 09:13 AM
कन्वर्जेंस
और परेशानियां भी बहुत थीं,
आज कल रात का टाइम बस इनका ,... अमेरिका यूरोप के टाइम डिफ़रेंस के चक्कर में , आज कल रात में तो बस इनकी कांफ्रेस काल , ...
और साथ में मैं भी कभी जागती , कभी सोती ,...
असल में ज्वाइन तो इन्हे हमारे गाँव से होली के बाद ही करना था , लेकिन करीब पन्दरह बीस दिन पहले ही उन्होंने एक तरह से काम शुरू कर दिया था , और फायदा भी था , पे स्टार्ट हो गयी थी हाँ , वो दस दिन गाँव वाले , मेरे मायके के उन्होंने पूरी छुट्टी मान ली थी लेकिन उसके बदले में आज कल रात में ,...
असल में , कुछ कन्वर्जेंस का काम था उनकी एक्सपर्टीज थी , बिग डाटा , आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस , ब्लाक चेन के साथ साथ वो क्वांटम कम्प्यूटिंग और नैनो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में , .... कल रात तक उन्हें उसका ढांचा बना कर भेजना था , ...
थोड़ा बहुत मैं भी उनका साथ देती थी , ...
कल रात वो काम ख़तम भी हो गया , सब उन्होंने मेल भी कर दिया , हाँ अब थोड़ा बहुत मैं भी बात चीत में , कल जो इन्होने समझा दिया था , उसके बाद से और , मुझे भी मजा आने लगा था , आलमोस्ट उनकी टीम से जुड़ के , ...
एक लड़की थी फ्रेंच , उससे तो मैं फ्रेंच में भी बातचीत कर लेती थी ,बताया तो था, मुझे लैंग्वेज सीखने का बड़ा शौक था और है, तो हाईकॉलेज से ही फ्रेंच क्लास, मेरे कालेज में तीन लैंग्वेज थीं, फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन, तो मैंने फ्रेंच ले ली थी, असल में मेरे एक भैया लगते थे, गाइड का काम करते थे, क्या फर्राटे से फ्रेंच और जर्मन बोलते थे, मैं उनसे बहुत इम्प्रेस थी , तो कॉलेज में पढ़ती थी फिर उनसे बात चीत भी फ्रेंच में और उन्होंने एक वो सीडी का सेट भी ला कर दे दिया था और कुछ फ्रेंच मूवीज, बस,... हाँ तो उस फ्रेंच लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी थी
और मेरा उनका साथ देने के कई कारण थे , पहली बात तो वो सब लोग मेरी बात बहुत ध्यान से सुनते थे ,
दूसरे मेरे साथ देने से थोड़ा तो उनका काम जल्दी ख़तम हो जाएगा ,... बताया तो था आपको पिछली एक पोस्ट में , माइक्रोडॉट , डी एन ए बेस्ड यूनिक आईडी , शॉपिंग , बिजनेस मेडिकल सब में एकदम ही अलग , सैटलाइट्स पर सर्वर फ़ार्म , ,...
हाँ आज एक उनके दोस्त ने जो कम्युनिकेटर डेवलप कर रहा था , एक नयी बात बतायी , हम सब लोगों को सोचना था ,...
बात ये थी की आज कल जगह जगह तो सी सी टीवी लगे रहते हैं , तो वो सी सी टीवी के कैमरे आयडेंटीफाई कर के कम्युनकेटर को बता सकता है , की उस आदमी की फोटो किस किस कैमरे में कहाँ आया ,... लेकिन बात थी घर के सी सी टीवी की उसे लिंक किया जाये की नहीं ,
मुझे लगा की ये प्राइवेसी का उल्ल्घन होगा ,...
लेकिन बाकी लोगों ने जो कहा मैंने मान लिया , ..
सिक्योरिटी और हेल्थ के लिए ,... अचानक बीमार होने पर , आधे एक घंटे पहले का सारा वीडियों कंडीशन डेवलप कैसे हुआ ये सब बता देगा , फिर कोई क्रिमिनल ऐक्टिवटी पर आटोमेटिक आलार्म , फिर बात हुयी मेडिकल डाटा लीवरेज करने की , तो इस ग्रुप में एक लड़का था व्हार्टन का , बिजनेस स्ट्रेटजी वाला पार्ट वही लिख रहा था ,... उसने कहा ये सारा डाटा बेस अगर किसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को मिल जाए तो उसके लिए इंश्योर करना , प्रीमियम तय करना कितना आसान होगा ,
मेरी उस फ्रेंच सहेली ने पूछा तो क्या वो डाटा हम लोग बेच दें किसी इंश्योरेंस कंपनी को ,...
" नहीं नहीं एकदम नहीं "
वो बोला फिर उस ने पूरी स्ट्रेटजी बतायी , मान लीजिये उस डाटा की मार्किट वैल्यू मान लीजिये ७४ मिलियन डालर है , तो हम बजाय बेचने के एक ऐसी इंश्योरेंस कंपनी जो तीसरे नंबर से नीचे, चौथे से छठवें के बीच वाली कंपनी को उसके शेयर लेकर दे सकते हैं , जो कंपनी तीसरे नंबर से नीचे होगी , उसकी शेयर वैल्यू भी कम होगी तो सब्स्टेंशियल शेयर और साथ में बोर्ड में दो चार मेंबर और फाइंनेस और स्ट्रेफाइवटजी में हमारा आदमी , और डाटा पर प्रोप्राइटरी राइट्स हमारे रहेंगे , एक्सेस हमारे थ्रू होगी और रायल्टी भी लेंगे ,...
हम सब लोग सांस थामे सुन रहे थे , फिर उसे ने एक एकदम नई बात कही ,
" और सिर्फ एक कम्पनी में नहीं दो कंपनी में , जिससे कोई मोनोपोली की बात न हो और ये दूसरी कम्पनी भी टॉप टेन में तो होगी लेकिन टॉप फाइव में नहीं , और लीवरेज कर के , हम इन दोनों इंश्योरेंस कंपनियों को टॉप फाइव में पहुंचा देंगे। "
बात सब लोगो को अपील कर रही थी , असल में टेक कम्पनियां भी जब तक बिजनेस सेन्स न हो तो प्रास्पर नहीं कर सकतीं ,... लेकिन मेरे मुंह से निकल गया लेकिन बहुत से लोग हैं जो मेडिकल इंश्योरेंस नहीं अफ़्फोर्ड कर सकते , उनका क्या , उनकी हेल्थ भी ,...
सब लोग चुप , लेकिन इन्होने ही रास्ता निकाला ,
और परेशानियां भी बहुत थीं,
आज कल रात का टाइम बस इनका ,... अमेरिका यूरोप के टाइम डिफ़रेंस के चक्कर में , आज कल रात में तो बस इनकी कांफ्रेस काल , ...
और साथ में मैं भी कभी जागती , कभी सोती ,...
असल में ज्वाइन तो इन्हे हमारे गाँव से होली के बाद ही करना था , लेकिन करीब पन्दरह बीस दिन पहले ही उन्होंने एक तरह से काम शुरू कर दिया था , और फायदा भी था , पे स्टार्ट हो गयी थी हाँ , वो दस दिन गाँव वाले , मेरे मायके के उन्होंने पूरी छुट्टी मान ली थी लेकिन उसके बदले में आज कल रात में ,...
असल में , कुछ कन्वर्जेंस का काम था उनकी एक्सपर्टीज थी , बिग डाटा , आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस , ब्लाक चेन के साथ साथ वो क्वांटम कम्प्यूटिंग और नैनो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में , .... कल रात तक उन्हें उसका ढांचा बना कर भेजना था , ...
थोड़ा बहुत मैं भी उनका साथ देती थी , ...
कल रात वो काम ख़तम भी हो गया , सब उन्होंने मेल भी कर दिया , हाँ अब थोड़ा बहुत मैं भी बात चीत में , कल जो इन्होने समझा दिया था , उसके बाद से और , मुझे भी मजा आने लगा था , आलमोस्ट उनकी टीम से जुड़ के , ...
एक लड़की थी फ्रेंच , उससे तो मैं फ्रेंच में भी बातचीत कर लेती थी ,बताया तो था, मुझे लैंग्वेज सीखने का बड़ा शौक था और है, तो हाईकॉलेज से ही फ्रेंच क्लास, मेरे कालेज में तीन लैंग्वेज थीं, फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन, तो मैंने फ्रेंच ले ली थी, असल में मेरे एक भैया लगते थे, गाइड का काम करते थे, क्या फर्राटे से फ्रेंच और जर्मन बोलते थे, मैं उनसे बहुत इम्प्रेस थी , तो कॉलेज में पढ़ती थी फिर उनसे बात चीत भी फ्रेंच में और उन्होंने एक वो सीडी का सेट भी ला कर दे दिया था और कुछ फ्रेंच मूवीज, बस,... हाँ तो उस फ्रेंच लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी थी
और मेरा उनका साथ देने के कई कारण थे , पहली बात तो वो सब लोग मेरी बात बहुत ध्यान से सुनते थे ,
दूसरे मेरे साथ देने से थोड़ा तो उनका काम जल्दी ख़तम हो जाएगा ,... बताया तो था आपको पिछली एक पोस्ट में , माइक्रोडॉट , डी एन ए बेस्ड यूनिक आईडी , शॉपिंग , बिजनेस मेडिकल सब में एकदम ही अलग , सैटलाइट्स पर सर्वर फ़ार्म , ,...
हाँ आज एक उनके दोस्त ने जो कम्युनिकेटर डेवलप कर रहा था , एक नयी बात बतायी , हम सब लोगों को सोचना था ,...
बात ये थी की आज कल जगह जगह तो सी सी टीवी लगे रहते हैं , तो वो सी सी टीवी के कैमरे आयडेंटीफाई कर के कम्युनकेटर को बता सकता है , की उस आदमी की फोटो किस किस कैमरे में कहाँ आया ,... लेकिन बात थी घर के सी सी टीवी की उसे लिंक किया जाये की नहीं ,
मुझे लगा की ये प्राइवेसी का उल्ल्घन होगा ,...
लेकिन बाकी लोगों ने जो कहा मैंने मान लिया , ..
सिक्योरिटी और हेल्थ के लिए ,... अचानक बीमार होने पर , आधे एक घंटे पहले का सारा वीडियों कंडीशन डेवलप कैसे हुआ ये सब बता देगा , फिर कोई क्रिमिनल ऐक्टिवटी पर आटोमेटिक आलार्म , फिर बात हुयी मेडिकल डाटा लीवरेज करने की , तो इस ग्रुप में एक लड़का था व्हार्टन का , बिजनेस स्ट्रेटजी वाला पार्ट वही लिख रहा था ,... उसने कहा ये सारा डाटा बेस अगर किसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को मिल जाए तो उसके लिए इंश्योर करना , प्रीमियम तय करना कितना आसान होगा ,
मेरी उस फ्रेंच सहेली ने पूछा तो क्या वो डाटा हम लोग बेच दें किसी इंश्योरेंस कंपनी को ,...
" नहीं नहीं एकदम नहीं "
वो बोला फिर उस ने पूरी स्ट्रेटजी बतायी , मान लीजिये उस डाटा की मार्किट वैल्यू मान लीजिये ७४ मिलियन डालर है , तो हम बजाय बेचने के एक ऐसी इंश्योरेंस कंपनी जो तीसरे नंबर से नीचे, चौथे से छठवें के बीच वाली कंपनी को उसके शेयर लेकर दे सकते हैं , जो कंपनी तीसरे नंबर से नीचे होगी , उसकी शेयर वैल्यू भी कम होगी तो सब्स्टेंशियल शेयर और साथ में बोर्ड में दो चार मेंबर और फाइंनेस और स्ट्रेफाइवटजी में हमारा आदमी , और डाटा पर प्रोप्राइटरी राइट्स हमारे रहेंगे , एक्सेस हमारे थ्रू होगी और रायल्टी भी लेंगे ,...
हम सब लोग सांस थामे सुन रहे थे , फिर उसे ने एक एकदम नई बात कही ,
" और सिर्फ एक कम्पनी में नहीं दो कंपनी में , जिससे कोई मोनोपोली की बात न हो और ये दूसरी कम्पनी भी टॉप टेन में तो होगी लेकिन टॉप फाइव में नहीं , और लीवरेज कर के , हम इन दोनों इंश्योरेंस कंपनियों को टॉप फाइव में पहुंचा देंगे। "
बात सब लोगो को अपील कर रही थी , असल में टेक कम्पनियां भी जब तक बिजनेस सेन्स न हो तो प्रास्पर नहीं कर सकतीं ,... लेकिन मेरे मुंह से निकल गया लेकिन बहुत से लोग हैं जो मेडिकल इंश्योरेंस नहीं अफ़्फोर्ड कर सकते , उनका क्या , उनकी हेल्थ भी ,...
सब लोग चुप , लेकिन इन्होने ही रास्ता निकाला ,