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Adultery रीमा की दबी वासना
गिरधारी रीमा पर चढ़ने की कोशिश करने लगा | रीमा - पीछे हटो गिरधारी, वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा |
गिरधारी रुक गया | अपने हाथ में लंड लेकर मसलने लगा - क्या दिक्कत  है मैडम, कोई पहली बार न तो आप हमारा लंड देख रही है न हम आपकी छाती | हम आपको छु चुके, आप हमको छु चुकी है | क्या दिक्कत है | पिचली बार अगर आपको दर्द हुआ था तो इस बार नहीं होगा, हम ख्याल रखेगे इसका | 
रीमा लगभग गुर्राते हुए - पीछे हटो मैंने कहाँ | 
लगभग एक फीट पीछे हटते हुए - लो जी मैडम जी आपका कहना मान लिया | क्या दिक्कत है मैडम ? अब तो बता दो, कुछ तो तरस खावो इस पर, ( अपने मसलते लंड की तरफ इशारा करके ) आपकी ही लगायी आग में जल रहा है | इसे तो पता भी नहीं था पिछली सुरंग का स्वाद कैसा होता है | आप ने ही तो चखाया है | क्या दिक्कत है मैडम, पहली बार आपकी गाड़ मारने जा रहा होता तो अलग बात होती, आप तो मुझसे गाड़ मरवा चुकी हो फिर किस बात की झिझक है | अब तो जो भी इज्जत लुटनी थी लुट चुकी है अब क्या बचा है जो बचाने की कोशिश कर रही हो | जिस्मो के छेद खुल चुके है | अब तो बस मजा लूटो | ये देखो मेरा लंड कैसा लोहे की तरह सख्त हो गया है |
[Image: cock_ejaculating_cl-6354.jpg]
रीमा जानती थी गिरधारी सही कह रहा है उसके पास कोई जवाब नहीं था गिरधारी के सवालो का | 
गिरधारी - इतना क्या सोच रही हो मैडम, देखो कितनी लालसा से आपकी तरफ देखकर फुदक रहा है | मुझे तो पता भी नहीं था की किसी औरत की गांड कैसे मारते है, आपने तो इसे अपने हाथो से अपनी गांड पर सजाया था और फिर गुलाबी सुरंग की राह दिखाई थी | मुझ अनाड़ी को आपने एक ही रात में खिलाडी बना दिया और अब आप पीछे हट रही है | क्यों मैडम क्यों मैडम |

गिरधारी की बातो से रीमा विवेक शुन्य हो गयी | क्या सही क्या गलत सारे पैमाने ध्वस्त हो गए | क्या जवाब से गिरधारी को रीमा | रीमा को जड़वत देख गिरधारी - कहाँ खो गयी मैडम, बस एक बार चोद लेने दीजिये मैडम उसके बाद बेशक मुझे गोली मार देना |इतना कहकर गिरधारी रीमा की तरफ बढ़ा | रीमा के ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगा |
रीमा ने प्रतिरोध किया | दोनों के बीच हाथापाई होने लगी | दोनों जिस्म गुथम गुठा हो गए | गिरधारी रीमा को बिसतर पर पीठ या पेट के बल गिराना चाहता था ताकि उसकी पैंटी उतार कर उसकी जांघो के बीच अपनी जांघे फंसा कर रीमा को चोद सके | 

रीमा भी पूरी ताकत से गिरधारी को पीछे धकेलने में लगी थी | गिरधारी ने रीमा के बाल पकड़ लिए तो रीमा ने गिरधारी को काट लिया और कसकर मुक्का रसीद कर दिया | गिरधारी ने पूरी ताकत से रीमा को कंधे से पकड़ कर बिस्तर पर धकेल दिया | और उसके ऊपर चढ़ आया | रीमा गिरधारी के नीचे छटपटाने लगी | गिरधारी ने एक हाथ से रीमा के दोनों हाथो की कलाइयों को थाम कर और उसके बालो को भी उसी में कसकर फंसा कर उसके हाथ उसके सर के ऊपर बिस्तर में दबा दिए | दुसरे हाथ से रीमा की पैंटी खिसकाने लगा | 
गिरधारी - मैडम जी राजी खुसी मान जावो, क्यों जबरदस्ती करवा रही हो | 
रीमा - छोड़ मुझे साले हरामजादे, अभी तेरा मुहँ तोड़ के न रख दिया तो | 
गिरधारी - चुदोगी तो है ही हर हाल में बा बिना चोदे तो नहीं छोडूंगा मैडम जी आपको , चाहे राजी खुसी से चुदो या जबरदस्ती करनी पड़े | इतनी देर से गिडगिड़ा रहा हूँ, अभी भी तुमारा दिल नहीं पसीजा, तो यही सही |अभी तक तो सिर्फ मान मुन्न्वल से गांड ही मांग रहा था तुम तो मार पीट पर उतर आयी | अब तो तुमारे दोनों छेद चोदे बिना तुम्हे नहीं छोडूंगा |
रीमा ने जोर लगाया लेकिन उसके दोनों हाथ गिरधारी की गिरफ्त में थे | कमजोर हाथ से वो रीमा की पैंटी उतारने की असफल कोशिश कर रहा था | इसी बीच रीमा को छटपटाता देख उसने अपने दोनों पैर फंसा कर रीमा की जांघे फैला दी | उसकी पेंट से बाहर झूलता लंड अब रीमा की चूत के मुहाने के बिलकुल ठीक सामने था और दोनों के बीच बस एक झीनी कपड़े का पर्दा था | गिरधारी अपने लंड को रीमा की जांघो के बीच चूत त्रिकोण पर रगड़ने लगा | रीमा द्वारा हिलने डुलने से कभी उसका लंड रीमा की दाई जांघ पर रगड़ खाता कभी बायीं और कभी जाकर उसकी चूत के रसीले फांको से टकराता | 
रीमा गिरधारी की गिरफ्त में कसमसा रही थी | 
गिरधारी - मैडम ये मर्द की ताकत है, कितना भी कसमसा लो थककर चूर हो जावोगी लेकिन पंजा नहीं छुड़ा पावोगी | गिरधारी रीमा के उन्नत उरोजो की नुकीली चोटियों का रस पीने लगा | 
रीमा के अन्दर का प्रतिरोध लगातार जोर मार रहा था | उसका शरीर हथियार डालने को राजी था लेकिन रीमा नहीं | वो गिरधारी जैसे लीचड़ से अपनें जिस्म को भोगे जाने के ख्याल से ही घिन से भर गयी थी | गिरधारी की पकड़ मजबूत थी | न तो रीमा अपने हाथ छुड़ा पा रही थी न ही पैर | मर्दाना ताकत के आगे बेबस सी हो गयी थी | अन्दर से रोना आ  रहा था | अपनी किस्मत अपनी नियति को कोसने लगी | उसके हाथ पाँव ने जोर मारना बंद कर दिया | उसका शरीर ढीला पड़ गया | उसका प्रतिरोध स्वाहा हो गया | गिरधारी जैसे इंसान से भी चुदना लिखा है क्या ? यही सोचकर निराशा में डूब में गयी | उफ्फ्फ्फ़ रीमा इससे अच्छा तू मौत को गले लगा ले | क्या करेगी ऐसा जीवन जीकर | 

रीमा के प्रतिरोध को शिथिल पड़ता देख गिरधारी की हिम्मत और बढ़ गयी | अब वो रीमा को काबू करने की बजाय उसको चोदने पर अपनी उर्जा लगाना चाहता था | उसने पैरो की ग्रिप थोड़ी ढीली करी और रीमा के उरोजो को हलके हाथ से मसलने लगा | रीमा ने भी प्रतिरोध करने की बजाय अपने जांघे और फैला दी | गिरधारी और खुस हो गया, उसने सुन रखा था चोदने से पहले औरते नखरे दिखाती ही है लेकिन एक बार काबू में आने के बाद राजी ख़ुशी चुदती है खूब चूतड़ उछाल उछाल कर चुदती है | गिरधारी ऊपर ऊपर से कमर हिलाकर रीमा के चूत त्रिकोण के पास पैंटी में लंड फंसा कर रीमा के जिस्म से रगड़ रहा था | रीमा आइस्ते से अपना बांया पैर ऊपर की तरफ खींचा, और अपने छाती को उठाकर गिरधारी के मुहँ के पास कर दिया | गिरधारी की रीमा के हाथो पर पकड़ थोड़ी से ढीली हुई और रीमा ने पूरा जोर लगाकर गिरधारी के लंड पर बायीं  लात का प्रहार किया | गिरधारी उसी वक्त रीमा की चूंची चूसने के लिए नीचे की तरफ खिसका था | रीमा की लात गिरधारी की नाभि के नीचे लगी जाकर | रीमा ने उसी वक्त अपने दांत गिरधारी के उस हाथ में गडा दिए जो उसके बाल और हाथो को पकड़े हुए था | गिरधारी इस दो तरफ़ा हमले से रीमा से छिटक कर दूर हो गया और रीमा उसकी गिरफ्त से आजाद हो गयी | रीमा तेजी से बिस्तर से उठी और पास पड़ा बर्तन उठाने चली | गिरधारी ने रीमा के पैर में तगड़ी मार दी वो मुहँ के बल गिरते गिरते बची | उसने नुडल वाला पैन उठाया और तेजी से गिरधारी की तरफ फेंक के मारा | गिरधारी जब तक इससे संभलता तब तक रीमा बाथरूम में घुस गयी | और दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया | 

गिरधारी अपना सर और पेट सहलाते हुए उठा - साली कुतिया रंडी मादरचोद, एक चूत और एक गांड के लिए इतने नखरे वो भी जिसको पहले राजी ख़ुशी खुद ही चुदवा चुकी है | 
रीमा के बाथरूम में पहुचते ही उसे याद आया की सुबह जितेश का दिया चाकू तो उसके लोअर में है जो नहाते वक्त उसने बाथरूम में टांग दिया था | रीमा ने झट से वो चाकू निकाला और उसे हाथो में थामकर गिरधारी का सामना करने के लिए खुद के अन्दर हिम्मत बटोरने लगी | 
[Image: 17915421.webp]
गिरधारी बाथरूम के दरवाजे पर जोर जोर से हाथ मार कर रीमा को धमकाता हुआ - निकल बाहर रंडी साली कुतिया, आज तेरी चूत को चोद चोद चीथड़े न किये, निकल बाहर मादरचोद रंडी | 
 रीमा तेजी से बाथरूम का दरवाजा खोलते हुए - पीछे हट मादरजात , पीछे हट (हवा में चाकू लहराते हुए) | नहीं तो मार दूँगी |
गिरधारी के लिए चाकूबाजी कोई नयी बात नहीं थी लेकिन रीमा के तेवर देख उसने पीछे हटने में भलाई समझी |
रीमा - साला नाली का कीड़ा रीमा को चोदेगा, आधा शहर मुझे देख आहे भरता है लेकिन उनको मेरे जिस्म की एक झलक नहीं मिलती | तू साला गन्दी नाली का सुवर, तेरा लंड का क्या गांड में ले लिया बिलकुल सड़क छाप समझ बैठा मुझे | मादरजात अपनी ख़ुशी के लिए लंड घोटती हूँ | मर्द को सुख पहुचाने के लिए नहीं | मेरी चूत है मेरी गांड है जिसका मर्जी लंड घोटू | तू कौन होता है मुझे रंडी कहने वाला | तुम साले १० जगह मुहँ मारते फिरते हो, तुम साले भडवे नहीं हुए | हट पीछे साले नहीं तो चीर कर रख दूँगी |

गिरधारी थोड़ा नरम पड़ता हुआ - ठीक है मैडम ठीक है, गरम मत हो | नहीं चुदवाना मत चुदवाओ, नुकसान तुमारा है | हमें क्या है हाथ से भी पिचकारी निकाल लेगें |
रीमा चाकू लहराकर - साले समझ नहीं आ रहा इसी चुरी से काट लूंगी जिस लंड पर इतना फूल रहा है उसी को |
गिरधारी हँसने लगा - मैडम शांत हो जावो, ये बच्चो का खिलौना नहीं है, लग जायेगा तो जिस्म फट जायेगा | इसे मुझे दे दो | मत चुदवाओ, मुझे क्या तुम तरसोगी लंड को | लेकिन ये मुझे दे दो |
रीमा - तुझे मजाक लग रहा है, साले इसी से चीर के रख दूँगी पीछे हट | 
गिरधारी - क्या मैडम, इससे डरा रही हो | हम हर हफ्ते इससे फील्ड में असली खिलाडियों के साथ खेलते है | ये छुटकी बजाते हमारे हाथ में होगा |
रीमा - तू ऐसे नहीं मानेगा | रीमा ने हवा में गिरधारी की तरफ वार किया |
गिरधारी भी होशियार था | वो पीछे की तरफ झुकते हुए बांयी तरफ पलटा और पल झपकते ही रीमा के दाए हाथ को अपने दोनों हाथो की हथेलियों में फंसा कर चाकू को झटक कर जमीन पर गिरा दिया | फिर तेजी से चाकू को जमीन से उठा लिया | 

गिरधारी ने रीमा के बालो को भीचते हुए उसकी गर्दन पर चाकू रख दिया - चल साली छिनार तेरा बहुत नाटक देख लिया, अब तो तुझे बिना किसी रहम के चोदुंगा | चल चुपचाप बिस्तर पर | 
पल भर में क्या हो गया रीमा को पता ही नहीं चला | इससे पहले वो कुछ सोचती करती, गिरधारी ने उसको बेड पर धकेल दिया और धमकाने लगा - अगर बिस्तर से हिली तो जगह से इस गुलाबी जिस्म को खोल कर लाल कर दूंगा, समझी क्या |

रीमा डर गयी, उसे पता था गिरधारी की बात न मानने पर वो उसको नुकसान पंहुचा सकता है | गिरधारी ने एक झटके में अपने कपड़े उतार फेंके | अब रीमा को चोदने के बीच कोई रोड़ा नहीं था लेकिन इस लडाई झगड़े में गिरधारी का लंड मुरझा गया था | वो बेड पर चढ़ गया | रीमा के जिस्म से सटकर एक  हाथ में चाकू लेकर रीमा की गर्दन से सटा दिया और दूसरे हाथ से अपना लंड मसलने लगा | 
रीमा डर के मारे अनुनय विनय करने लगी - मेरे रेप मत करो प्लीज | 

फिर उठकर बैठ गया और अभी तक रीमा की झीनी पैंटी में छुपी चूत को बेपर्दा करने लगा | गिरधारी  रीमा को धमकाते हुए - चुप कर रंडी साली, वरना अभी इसी चाकू से चीर कर चूत पेट तक फैला दूंगा | इतना कहकर उसने चाकू के आगे की तेज नोक 
को सीधे रीमा की चूत के ओंठो की दरार के सामने पैंटी में अड़ाया, तेज धार चाकू झीनी पैंटी को चीर कर अन्दर चूत के ओंठो तक पंहुच गया |
गिरधारी - साली बहुत नखरे दिखाए है तूने, अब चु चपड़ करी तो ये पूरा का पूरा चाकू इसी तेरी गुलाबी चूत में उतार दूंगा | 
रीमा लगभग रोते हुए - प्लीज मुझे कोई नुकसान मत पहुचाओ तुम जो कहोगे वो करूंगी | जैसे चोदना चाहते हो चोद लो मुझे | प्लीज लेकिन ये चाकू हटा हो |

गिरधारी - जब तब तू चुदेगी ये चाकू तब तक तेरे जिस्म से ही सटा रहेगा | तेरा भरोसा नहीं कब पलट जाये | इतना कहकर धीरे धीरे गिरधारी हल्के हाथों से चाकू को रीमा की चूत दरार से ऊपर की तरफ रेगाने लगा | उसने पूरा ध्यान रखा कही चाकू रीमा की चूत के आस पास लग न जाये | उसका मकसद सिर्फ रीमा को डराना था, कौन बेवखूफ़ होगा जो इतने खूबसूरत गुलाबी चिकने जिस्म और गुलाबी मखमली रसीली चूत को नुकसान पंहुचाएगा | 
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धीरे धीरे वो चाकू रीमा की पैंटी की इलास्टिक के पास आकार रुका |ऊपर से लेकर चूत के मुहाने तक पैंटी में  चीरा लग चूका था और रीमा की वासना का रिमोट कण्ट्रोल गुलाबी चूत दाना उस दरार से बाहर झांक रहा था | दुसरे हाथ से गिरधारी लंड मुठीयाने में लगा था लेकिन पेट पर लात पड़ने से उसे वहां अभी भी दर्द हो रहा था | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 09-05-2021, 08:46 AM



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