23-04-2021, 05:16 PM
इस दफा उसने भी अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी, उसके लब चूसते चूसते ही मैंने धक्कों की रफ़्तार थोड़ी सी तेज़ की। चूत में खून और चूत के रस के कारण बड़ी पिच पिच हो रही थी और हर धक्के पर फच फच की आवाज़ आती।
नन्दा रानी ने अपने चूतड़ ऊपर नीचे हिला हिला के धक्कों में मेरा साथ देना शुरू कर दिया था, उसने अपनी टांगें मेरी जाँघों पर कस कर लपेट ली थीं।
उसकी चूचुक मेरी छाती में गड़े जा रहे थे लेकिन उनको मैंने जो अच्छे से निचोड़ा था इसलिये उनकी अकड़न अब घट चुकी थी, सिर्फ निप्पल सख्ताये हुए थे क्योंकि नन्दा रानी पर अब चुदास पूरी तरह चढ़ चुकी थी और चुदासी लड़की के निप्पल सख्त हो ही जाते हैं, जब स्खलित होगी तो दुबारा मुलायम हो जायेंगे, यह सबसे पक्की निशानी है कि लड़की गर्म हो गई है या नहीं।
मेरे लंड की गर्मी भी अब बहुत ज़्यादह बढ़ गई थी। मैं जानता था कि इतनी देर से उत्तेजित लौड़ा अब झड़ने की राहत मांग रहा है। मैंने धक्के और भी तेज़ स्पीड से मारने शुरू किये, मैं लंड को सुपारी तक बाहर खींचता और फिर धमाक से वापस चूत में घुसा देता। एक बड़े ज़ोर से फच की आवाज़ होती और साथ ही लौड़े का टोपा चूत के आखिर में नन्दा रानी की बच्चेदानी में जाके ठुकता।
बुर अब दबादब रस का प्रवाह करे जा रही थी, इसलिये लंड अब बड़े आराम से इतनी तंग चूत में भी अंदर बाहर हो रहा था।
नन्दा रानी बहुत कसमसा रही थी, उसका सुन्दर मुखड़ा कामवासना के तीव्र आवेश में लाल हो गया था, माथे पे पसीने की बूंदें छलक आयीं थीं, उसके नाखून मेरी पीठ पे गड़े जा रहे थे और वह बार बार सी सी कर रही थी।
उत्तेजना से भरपूर नन्दा रानी अपना मुंह कभी दायें करती और कभी बायें।
मैंने थोड़ा सा अपने को उठाया और एक बार फिर से उसकी मस्त चूचुक कस के मसलने कुचलने लगा।
मैंने दोनों निप्प्लों को अंगूठे और उंगली के बीच में जकड़ कर बड़े ज़ोर से उमेठा, एक गहरी हिचकी उसके मुंह से निकली और फिर उसने अपने नितंब बहुत तेज़ तेज़ ऊपर नीचे किये।
चूत कई बार लपलपाई और फिर झड़ गई, रस की एक फुहार मेरे लंड पे सब तरफ से गिरी, और नन्दा रानी ने मुझे पूरी ताक़त से भींच डाला।
उसके बाद वो धड़ धड़ करके अनेक बार झड़ी। मेरा लंड तो काफी देर से झड़ना चाहता था जिसे मैंने बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया हुआ था।
मैंने उसके कंधे पकड़े और दनादन बीस पचीस धक्के बहुत तेज़ी से मारे, लंड बड़े ज़ोर से झड़ा, मेरा गर्म गर्म लावा बड़े बड़े थक्कों के रूप मे निकला और काफी देर तक निकलता रहा।
मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी रीढ़ की हड्डी पिघल गयी हो और मैं मूर्छित सा होकर नन्दा रानी के ऊपर ढेर हो गया, वो भी झड़ के बेसुध सी पड़ी थी।
‘बधाई हो नन्दा… मेरी प्यारी बहन… आज तेरी नथ खुल गई… आज तेरी ज़िंदगी का एक महान दिन है… बहुत बहुत बधाई… ईश्वर करे कि तुझे जीवन भर इसी प्रकार तगड़े लंड मिलें… चल मैं तुम दोनों के लिये मीठा लेकर आती हूँ… .मेरी बहन की नथ खुली है… मीठा मुंह तो होना चाहिये न !’ इतना कह कर नंगी चंदा रानी कमरे से बाहर चली गई।
नन्दा रानी ने अपने चूतड़ ऊपर नीचे हिला हिला के धक्कों में मेरा साथ देना शुरू कर दिया था, उसने अपनी टांगें मेरी जाँघों पर कस कर लपेट ली थीं।
उसकी चूचुक मेरी छाती में गड़े जा रहे थे लेकिन उनको मैंने जो अच्छे से निचोड़ा था इसलिये उनकी अकड़न अब घट चुकी थी, सिर्फ निप्पल सख्ताये हुए थे क्योंकि नन्दा रानी पर अब चुदास पूरी तरह चढ़ चुकी थी और चुदासी लड़की के निप्पल सख्त हो ही जाते हैं, जब स्खलित होगी तो दुबारा मुलायम हो जायेंगे, यह सबसे पक्की निशानी है कि लड़की गर्म हो गई है या नहीं।
मेरे लंड की गर्मी भी अब बहुत ज़्यादह बढ़ गई थी। मैं जानता था कि इतनी देर से उत्तेजित लौड़ा अब झड़ने की राहत मांग रहा है। मैंने धक्के और भी तेज़ स्पीड से मारने शुरू किये, मैं लंड को सुपारी तक बाहर खींचता और फिर धमाक से वापस चूत में घुसा देता। एक बड़े ज़ोर से फच की आवाज़ होती और साथ ही लौड़े का टोपा चूत के आखिर में नन्दा रानी की बच्चेदानी में जाके ठुकता।
बुर अब दबादब रस का प्रवाह करे जा रही थी, इसलिये लंड अब बड़े आराम से इतनी तंग चूत में भी अंदर बाहर हो रहा था।
नन्दा रानी बहुत कसमसा रही थी, उसका सुन्दर मुखड़ा कामवासना के तीव्र आवेश में लाल हो गया था, माथे पे पसीने की बूंदें छलक आयीं थीं, उसके नाखून मेरी पीठ पे गड़े जा रहे थे और वह बार बार सी सी कर रही थी।
उत्तेजना से भरपूर नन्दा रानी अपना मुंह कभी दायें करती और कभी बायें।
मैंने थोड़ा सा अपने को उठाया और एक बार फिर से उसकी मस्त चूचुक कस के मसलने कुचलने लगा।
मैंने दोनों निप्प्लों को अंगूठे और उंगली के बीच में जकड़ कर बड़े ज़ोर से उमेठा, एक गहरी हिचकी उसके मुंह से निकली और फिर उसने अपने नितंब बहुत तेज़ तेज़ ऊपर नीचे किये।
चूत कई बार लपलपाई और फिर झड़ गई, रस की एक फुहार मेरे लंड पे सब तरफ से गिरी, और नन्दा रानी ने मुझे पूरी ताक़त से भींच डाला।
उसके बाद वो धड़ धड़ करके अनेक बार झड़ी। मेरा लंड तो काफी देर से झड़ना चाहता था जिसे मैंने बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया हुआ था।
मैंने उसके कंधे पकड़े और दनादन बीस पचीस धक्के बहुत तेज़ी से मारे, लंड बड़े ज़ोर से झड़ा, मेरा गर्म गर्म लावा बड़े बड़े थक्कों के रूप मे निकला और काफी देर तक निकलता रहा।
मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी रीढ़ की हड्डी पिघल गयी हो और मैं मूर्छित सा होकर नन्दा रानी के ऊपर ढेर हो गया, वो भी झड़ के बेसुध सी पड़ी थी।
‘बधाई हो नन्दा… मेरी प्यारी बहन… आज तेरी नथ खुल गई… आज तेरी ज़िंदगी का एक महान दिन है… बहुत बहुत बधाई… ईश्वर करे कि तुझे जीवन भर इसी प्रकार तगड़े लंड मिलें… चल मैं तुम दोनों के लिये मीठा लेकर आती हूँ… .मेरी बहन की नथ खुली है… मीठा मुंह तो होना चाहिये न !’ इतना कह कर नंगी चंदा रानी कमरे से बाहर चली गई।