23-04-2021, 04:56 PM
चंदा रानी की कुंवारी बहन की नथ
यारो, अपनी पहली कहानी में मैंने आपको अपने दोस्त की पत्नी चंदा रानी की भरपूर चुदाई का वाक़या बताया था, और यह भी बताया था कि चंदा रानी ने मुझे गुलाम बनाकर एक इनाम दिया था कि मैं उसकी छोटी बहन नन्दा की नथ खोलकर उसका कौमार्य भंग करूँ।
आज मैं आपको उस अति उत्तेजक घटना का विस्तारपूर्वक उल्लेख करूँगा, जिसे पढ़ कर आप सभी का लंड सख्त होकर तनतनाने लगेगा।
जैसा कि पिछली कहानी में मैंने बताया था कि चन्दा की जोरदार चुदाई के तीन दिन के बाद उसकी सगी बहन नन्दा का अठारहवाँ जन्मदिन था,
चंदा रानी ने शाम को एक पार्टी रखी थी जिसमें सिर्फ अड़ोस-पड़ोस के बड़े बच्चों को बुलाया था और मुझे उसने रात नौ बजे बुलाया था ताकि पार्टी समाप्त होने के बाद तसल्ली से हम अपना काम शांत करने का काम कर सकें।
मैं पूरे नौ बजे चंदा रानी के घर पहुँच गया, दरवाज़ा सिर्फ भेड़ा हुआ था, चिटकनी नहीं लगाई थी अंदर से !
चंदा रानी जल्दी जल्दी पार्टी के बाद घर की सफाई में लगी थी।
मैंने उसे बाहों में भींच के एक बहुत लम्बा चुम्बन लिया। चुम्बन के बाद वह बोली- राजे… बस दस मिनट तसल्ली कर ले… सफाई नहीं होगी तो मेरे सिर में टेंशन हो जाता है… तू बैठ आराम से !
‘ठीक है रानी… तब तक तेरी बहन से जान पहचान कर लूँ… कहाँ है वो..’
‘उसे छिपाकर रखा है… तू कुछ देर सबर तो कर… सारी रात अपनी है राजा !’
मैं सोफे पर टांगें पसार के बैठ गया। चंदा रानी ड्राइंग रूम को ठीक ठाक करने में दुबारा लग गई और में उसे सिर से पैरों तक निहारने लगा।
भगवान ने इस कामवासना से भरपूर नारी को बड़े मस्त मूड में बनाया होगा। उसका हर अंग मैंने देख लिया था और हर अंग बेहद खूबसूरत था।
मैं इस चुदासी चंदा रानी को घंटों बिना थके निहार सकता था। उसने ताड़ लिया कि मैं उसे लगातार देखे जा रहा हूँ। फिर से उसने अपना हाथ दिखाकर थोड़ी सी देर तसल्ली रखने का इशारा किया और एक फ्लाइंग चुम्बन मेरी तरफ उछाला।
मैंने भी उसकी दूध से लबाबब चूचियाँ दबाने का इशारा किया।
करीब पंद्रह मिनट में सब सही हो गया तो चंदा रानी आकर मेरे पास बैठ गई और मुझसे लिपट कर मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मैंने भी उसकी चूचियाँ निचोड़ना शुरू कर दिया।
जब दिल भर के चूम चुकी तो बड़े धीमे से मेरे कान में बोली- राजे… थोड़ा प्लान चेन्ज हो गया है… अब हम तेरे घर चलेंगे और तेरे बिस्तर पर ही इक्का दुक्की का खेल खेलेंगे… कितना मज़ा आयेगा न जब तेरे पलंग पर जिस पर तू अपनी पत्नी को चोदता है, उसी पे तू हम दो बहनों को चोद देगा।
इतना सुन कर मेरा लंड फुंकार उठा, अपनी ही बीवी के बिस्तर पर दो पराई लड़कियों चोदना वाकयी में ठरक को सैकड़ों गुणा बढ़ाने वाली बात थी।
अपनी ही बेड रूम में अपनी बीवी के साथ सोने वाले पलंग पर एक नहीं दो दो स्त्रियों के साथ सम्भोग करना कितना उत्तेजित करने वाली बात थी, ऐसा सौभाग्य लाखों में ही किसी को मिलता है, जबकि दूसरी जगहों पर चुदाई तो बहुत से आदमी कर लेते हैं।
लंड हुमक हुमक के तंग करने लगा।
चंदा रानी ने भी कस के अकड़ा हुआ लौड़े को महसूस कर लिया था, बोली- अरे तू इतनी देर इंतज़ार भी कर पायेगा या नहीं… तेरा तो मुझे हाल खराब लग रहा है… कहे तो चूस के एक बार झाड़ दूं… बोल… क्या कहता है?
इतना कह के उसने मेरे लंड को पैंट की ज़िप खोल के बाहर निकलने की चेष्टा की।
मैंने उसका हाथ हटा दिया और कहा- रानी… नहीं… अब तो मैं तुम दोनों की चूतें अपने बिस्तर पर ही लूंगा… आज तो दोनों बहनों की चूतों को फाड़ डालने की मंशा हो रही है मेरी।