पाठको, याद रखो जितना ज़्यादा चोदोगे उतना ही लंड की ताक़त बनी रहेगी, उतना ही अधिक वीर्य का उत्पादन होगा और उतना ही सख्त लंड खड़ा होगा।
जितनी वर्ज़िश उतनी ताक़त।
और हाँ अपनी बीवी या माशूका का स्वर्णरसपान ज़रूर करें।
औरत आपकी गुलाम बनी रहेगी और समझेगी यह कि आप उसके गुलाम हो।
यह मेरा खुद का अनेक बरसों का रोज़ स्वर्णामृत पीने का अनुभव है।
इसके अलावा यह अमृत आपकी ताक़त बेतहाशा बढ़ा देता है।
अगर आज आप दिन में तीन बार चोद सकते हो तो कुछ दिन रोज़ स्वर्णामृत पीने के बाद आप पांच बार चुदाई कर पाओगे।
जब मेरी पत्नी मायके से वापस आई तो उससे भी मैंने कहा कि मैं उसका स्वर्णामृत पीना चाहता हूँ।
पहले तो उसने नाक भौं सिकोड़ी लेकिन जब मैंने बहुत कहा कि बेहद मज़ा आयेगा तो वह मान गई।
यारो, एक बार जब उसने पिलाया सो मस्ती में झूम उठी।
तब से रोज़ का कार्यक्रम है कि जब तक वह मुझे अपना रस पान नहीं करवा देती, उसे चैन ही नहीं पड़ता।
और फिर जो वह मचल मचल के चोदती है तो मुझे जन्नत के नज़ारे दिखा देती है।
उसके बाद से दिन में तीन और अक्सर चार बार चुदाई मज़े से करते हैं।
लंड सख्त भी ज़्यादह होता है और दिल में चुदास भी खूब ज़ोरों से उठती है।
अगली कहानी में नन्दा की नथ खोलने के बारे में आपको खुल कर बताऊँगा।
फिलहाल हैपी फक्किंग !!! सदा मस्त रहो और चोदा-चुदाई करते रहो।
समाप्त


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