23-04-2021, 04:42 PM
हम दोनों एक दौड़ के बाद घोड़े की तरह हांफ रहे थे।
चंदा रानी तो बिस्तर पर लुढ़क गई, मैं भी मुर्झाया सा उसकी बगल में गिर गया।
दस पंद्रह मिनट के बाद चंदा रानी की हालत काबू में आ गई, तो उसने उठ कर पहले तो अपनी चूत को तौलिये से पोंछ पोंछ कर साफ किया और फिर उसने मेरा मुरझाया हुआ लंड चाट चाट के साफ किया।
लंड की नस निचोड़ निचोड़ के उसने वीर्य की दो बूंदें बाहर निकाल ही लीं, उसने उन बूँदों को क्रीम की तरह मसल मसल के अपने चेहरे पे मल लिया।
‘राजे.. तेरी क्रीम तो मस्त है… अब तो जब जब मैं तेरे साथ होऊँगी, कोई भी दूसरी क्रीम न लगाऊँगी… अब सुन ध्यान से… तेरा इनाम मेरा गुलाम बनने का… परसों मेरी छोटी बहन नन्दा आ रही है मेरे साथ रहने के लिये ! जब तक तेरा चूतिया दोस्त वापस नहीं आ जाता… बहुत सुन्दर और सेक्सी लड़की है… तीन दिन बाद उसकी अठारहवीं बर्थडे है… मैं चाहती हूँ कि तू उसकी नथ खोल कर उस मादक कली को अति मादक फूल बना दे… इतनी कामुक लड़की ज्यादह दिन कुमारी न रहने वाली… अगर तूने उसे ना भोगा तो कोई और ले उड़ेगा…! आया मज़ा अपना इनाम सुन कर?’
मज़ा ! मेरा तो लंड उछलने लगा एक कमसिन कुमारी लड़की को चोदने का सुन कर।
मुझे पता है कुमारियों की चूतें कितनी टाइट होती हैं, लंड भीतर जा कर फंस जाता है और इसी लिये मज़ा बेइंतिहा मिलता है।
मैं तभी से मैं नन्दा रानी को कैसे चोदूंगा यह सोच कर ही मज़े के मारे मारा जा रहा था, दो दो चूतों के साथ संगम करने को मिलेगा। क्या मुकद्दर तू लिखवा के लाया है, साले चूतनिवास !
पर तीन दिन इंतज़ार करना पड़ेगा इतनी मस्ती लूट पाने से पहले।
तभी चंदा रानी का बच्चा जग गया और रोने लगा भूख के मारे। नंगी चंदा रानी ने उसे उठाया और चूची शिशु के मुंह में देकर दूध पिलाने लगी।
अब मेरे चलने का वक़्त हो गया था, वैसे भी तीन घंटों में तीन बार झड़ जाने के बाद मैं अब आराम चाहता था।
उसका बालक अब जग चुका था, तो चुदाई की संभावना ज़रा कम ही थी।
मैंने चंदा रानी के होंठ चूमे, उसकी एक निप्पल उमेठी और उसके बदन पर हाथ फेरता हुआ मैं वहाँ से निकल कर अपने घर आ गया।
चंदा रानी तो बिस्तर पर लुढ़क गई, मैं भी मुर्झाया सा उसकी बगल में गिर गया।
दस पंद्रह मिनट के बाद चंदा रानी की हालत काबू में आ गई, तो उसने उठ कर पहले तो अपनी चूत को तौलिये से पोंछ पोंछ कर साफ किया और फिर उसने मेरा मुरझाया हुआ लंड चाट चाट के साफ किया।
लंड की नस निचोड़ निचोड़ के उसने वीर्य की दो बूंदें बाहर निकाल ही लीं, उसने उन बूँदों को क्रीम की तरह मसल मसल के अपने चेहरे पे मल लिया।
‘राजे.. तेरी क्रीम तो मस्त है… अब तो जब जब मैं तेरे साथ होऊँगी, कोई भी दूसरी क्रीम न लगाऊँगी… अब सुन ध्यान से… तेरा इनाम मेरा गुलाम बनने का… परसों मेरी छोटी बहन नन्दा आ रही है मेरे साथ रहने के लिये ! जब तक तेरा चूतिया दोस्त वापस नहीं आ जाता… बहुत सुन्दर और सेक्सी लड़की है… तीन दिन बाद उसकी अठारहवीं बर्थडे है… मैं चाहती हूँ कि तू उसकी नथ खोल कर उस मादक कली को अति मादक फूल बना दे… इतनी कामुक लड़की ज्यादह दिन कुमारी न रहने वाली… अगर तूने उसे ना भोगा तो कोई और ले उड़ेगा…! आया मज़ा अपना इनाम सुन कर?’
मज़ा ! मेरा तो लंड उछलने लगा एक कमसिन कुमारी लड़की को चोदने का सुन कर।
मुझे पता है कुमारियों की चूतें कितनी टाइट होती हैं, लंड भीतर जा कर फंस जाता है और इसी लिये मज़ा बेइंतिहा मिलता है।
मैं तभी से मैं नन्दा रानी को कैसे चोदूंगा यह सोच कर ही मज़े के मारे मारा जा रहा था, दो दो चूतों के साथ संगम करने को मिलेगा। क्या मुकद्दर तू लिखवा के लाया है, साले चूतनिवास !
पर तीन दिन इंतज़ार करना पड़ेगा इतनी मस्ती लूट पाने से पहले।
तभी चंदा रानी का बच्चा जग गया और रोने लगा भूख के मारे। नंगी चंदा रानी ने उसे उठाया और चूची शिशु के मुंह में देकर दूध पिलाने लगी।
अब मेरे चलने का वक़्त हो गया था, वैसे भी तीन घंटों में तीन बार झड़ जाने के बाद मैं अब आराम चाहता था।
उसका बालक अब जग चुका था, तो चुदाई की संभावना ज़रा कम ही थी।
मैंने चंदा रानी के होंठ चूमे, उसकी एक निप्पल उमेठी और उसके बदन पर हाथ फेरता हुआ मैं वहाँ से निकल कर अपने घर आ गया।
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