23-04-2021, 04:18 PM
ऊँची ऊँची सीत्कार की आवाज़ें निकलता हुआ मैं बहुत धड़ाके से झड़ा, लौड़े ने बीस पचीस तुनके मारे और हर तुनके के साथ गरम वीर्य के मोटे मोटे थक्के चंदा रानी के मुंह में झाड़े।
कई दिनों का जमा हुआ मक्खन निकल गया, मैं बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर फैल गया और अपनी सांसों को काबू पाने की चेष्टा करने लगा।
मेरा लंड झड़ कर मुरझा चुका था और चंदा रानी की लार व मेरे लेस की बूँदों से लिबड़ा एक तरफ को पड़ा हुआ था।
चंदा रानी ने सारा वीर्य पी लिया था और फिर उसने मेरे लौड़े को चाट चाट कर अच्छे से साफ किया नीचे से ऊपर तक।
चंदा रानी ने लंड के निचले भाग में जो मोटी सी नस होती है, उसे दबा दबा कर निचोड़ा, लेस की एक बड़ी बूंद टोपे के छेद से निकली, जिसे उसने जीभ से उठाया और पी लिया।
अब वह मेरे बगल में आकर लेट गई और प्यार से मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी।
‘राजे… तुमने इतना तगड़ा धक्का क्यों मारा मेरे मुंह में… अगर मेरा गला फट जाता तो?’ चंदा रानी ने गुस्से का नाटक करते हुए फुसफुसाई।
‘नहीं रानी… नहीं फटता गला… जब मेरी बीवी का नहीं फटा तो तेरा क्यों फटता? मुझे पता था कुछ भी नहीं होगा।’ मैं बोला।
‘अच्छा जी… तुम्हारी पत्नी भी चूसती है इस भोले-भाले को !’ उसने मेरे लौड़े को प्यार से हिलाते हुए कहा- तुम रोज़ इश्क़ लड़ाते हो?
‘मैं तो पूरी कोशिश करता हूँ कि दिन में कम से कम दो बार तो चुदाई करूँ, पर रोज़ तो नहीं हो पाती दो बार.. रोज़ एक बार तो पक्का और अंदाज़न हफ़्ते में तीन दफे दो बार और एक आध बारी तीन दफे भी !’
‘हाय…मेरे चोदू राजा… कितना चुदक्कड़ है तू… तो उसके मेंसेस में क्या करता है?..हाथ से झाड़ता है क्या?’ चंदा रानी ने एक चुम्मी लेकर कहा।
‘नहीं चंदारानी… जब उसके पीरियड होते हैं तो वह लंड को चूस चूस के खलास करती है, उसे बहुत मज़ा आता है मेरा लंड चूसने में… जब मैं झड़ता हूँ तो कुछ वह पी लेती है और कुछ वह अपने चेहरे पर मल लेती है क्रीम की तरह ! वह कहती है कि यह हर क्रीम से बेहतर होता है।’
‘ठीक है मैं भी ट्राइ करूँगी… पर तेरे रस से करूँगी… अपने उस चूतिए पति के वीर्य से नहीं !’ चंदरानी ने कहा।
‘क्यों? उसके लंड म़ें कांटे लगे हैं क्या?’ मैंने पूछा।
‘बस मेरा जी नहीं मानता… वह इश्क़ लड़ाने के बाद अपना लंड साबुन से साफ करता है… जैसे किसी गंदी चीज़ से छू गया हो… कभी मेरी योनि नहीं चूसता… ऐसा दिखाता है कोई गंदी वस्तु है… फिर मैं क्यों उसका वीर्य पीऊँ या मुंह पर मलूँ… क्यों ठीक है या नहीं?’ चंदा रानी अपने नालायक पति से बहुत नाराज़ थी।
साला गांडू ! इतनी सुन्दर औरत!! मादरचोद इसकी बुर नहीं चूसेगा तो बदनसीब है!!! चूत नहीं चूसता ! मेरा बस चले तो घंटों चंदा रानी की चूत चूसता रहूँ !
‘चल… मां चुदवाने दे उस हरामी को… तू अब खड़ी हो जा ताकि मैं तुझे अच्छे से निहार सकूं !’
चंदा रानी खड़ी हो गई, मादरजात नंगी !
खड़ी होकर उसने बिल्कुल फिल्मी लड़कियों की तरह अंगडाई सी लेते हुए का पोज़ बनाया, फूली हुई दूध से भरी चूचियाँ अपने निप्पल सीधे सामने की ओर निशाना साधे मेरे तन बदन में ज्वाला भड़काये जा रही थी।
वह एक जन्नत से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी ! क्या बदन था ! उसका अंग अंग बेहद खूबसूरत था ! कामुकता चंदा रानी के रोम रोम से टपक रही थी।
उसने शरारत से एक चूची का निप्पल दबाया और दूध क़ी एक छोटी सी धार मेरे मुंह की तरफ मारी।
अब तक तो मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा था। अबकी बार उसने दूध क़ी एक बौछार मेरे खड़े लौड़े क़ी ऊपर मारी।
मेरा लंड पूरा अकड़ चुका था, उस बला की सेक्सी औरत को निहारते हुए !
कई दिनों का जमा हुआ मक्खन निकल गया, मैं बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर फैल गया और अपनी सांसों को काबू पाने की चेष्टा करने लगा।
मेरा लंड झड़ कर मुरझा चुका था और चंदा रानी की लार व मेरे लेस की बूँदों से लिबड़ा एक तरफ को पड़ा हुआ था।
चंदा रानी ने सारा वीर्य पी लिया था और फिर उसने मेरे लौड़े को चाट चाट कर अच्छे से साफ किया नीचे से ऊपर तक।
चंदा रानी ने लंड के निचले भाग में जो मोटी सी नस होती है, उसे दबा दबा कर निचोड़ा, लेस की एक बड़ी बूंद टोपे के छेद से निकली, जिसे उसने जीभ से उठाया और पी लिया।
अब वह मेरे बगल में आकर लेट गई और प्यार से मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी।
‘राजे… तुमने इतना तगड़ा धक्का क्यों मारा मेरे मुंह में… अगर मेरा गला फट जाता तो?’ चंदा रानी ने गुस्से का नाटक करते हुए फुसफुसाई।
‘नहीं रानी… नहीं फटता गला… जब मेरी बीवी का नहीं फटा तो तेरा क्यों फटता? मुझे पता था कुछ भी नहीं होगा।’ मैं बोला।
‘अच्छा जी… तुम्हारी पत्नी भी चूसती है इस भोले-भाले को !’ उसने मेरे लौड़े को प्यार से हिलाते हुए कहा- तुम रोज़ इश्क़ लड़ाते हो?
‘मैं तो पूरी कोशिश करता हूँ कि दिन में कम से कम दो बार तो चुदाई करूँ, पर रोज़ तो नहीं हो पाती दो बार.. रोज़ एक बार तो पक्का और अंदाज़न हफ़्ते में तीन दफे दो बार और एक आध बारी तीन दफे भी !’
‘हाय…मेरे चोदू राजा… कितना चुदक्कड़ है तू… तो उसके मेंसेस में क्या करता है?..हाथ से झाड़ता है क्या?’ चंदा रानी ने एक चुम्मी लेकर कहा।
‘नहीं चंदारानी… जब उसके पीरियड होते हैं तो वह लंड को चूस चूस के खलास करती है, उसे बहुत मज़ा आता है मेरा लंड चूसने में… जब मैं झड़ता हूँ तो कुछ वह पी लेती है और कुछ वह अपने चेहरे पर मल लेती है क्रीम की तरह ! वह कहती है कि यह हर क्रीम से बेहतर होता है।’
‘ठीक है मैं भी ट्राइ करूँगी… पर तेरे रस से करूँगी… अपने उस चूतिए पति के वीर्य से नहीं !’ चंदरानी ने कहा।
‘क्यों? उसके लंड म़ें कांटे लगे हैं क्या?’ मैंने पूछा।
‘बस मेरा जी नहीं मानता… वह इश्क़ लड़ाने के बाद अपना लंड साबुन से साफ करता है… जैसे किसी गंदी चीज़ से छू गया हो… कभी मेरी योनि नहीं चूसता… ऐसा दिखाता है कोई गंदी वस्तु है… फिर मैं क्यों उसका वीर्य पीऊँ या मुंह पर मलूँ… क्यों ठीक है या नहीं?’ चंदा रानी अपने नालायक पति से बहुत नाराज़ थी।
साला गांडू ! इतनी सुन्दर औरत!! मादरचोद इसकी बुर नहीं चूसेगा तो बदनसीब है!!! चूत नहीं चूसता ! मेरा बस चले तो घंटों चंदा रानी की चूत चूसता रहूँ !
‘चल… मां चुदवाने दे उस हरामी को… तू अब खड़ी हो जा ताकि मैं तुझे अच्छे से निहार सकूं !’
चंदा रानी खड़ी हो गई, मादरजात नंगी !
खड़ी होकर उसने बिल्कुल फिल्मी लड़कियों की तरह अंगडाई सी लेते हुए का पोज़ बनाया, फूली हुई दूध से भरी चूचियाँ अपने निप्पल सीधे सामने की ओर निशाना साधे मेरे तन बदन में ज्वाला भड़काये जा रही थी।
वह एक जन्नत से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी ! क्या बदन था ! उसका अंग अंग बेहद खूबसूरत था ! कामुकता चंदा रानी के रोम रोम से टपक रही थी।
उसने शरारत से एक चूची का निप्पल दबाया और दूध क़ी एक छोटी सी धार मेरे मुंह की तरफ मारी।
अब तक तो मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा था। अबकी बार उसने दूध क़ी एक बौछार मेरे खड़े लौड़े क़ी ऊपर मारी।
मेरा लंड पूरा अकड़ चुका था, उस बला की सेक्सी औरत को निहारते हुए !