21-04-2021, 12:04 PM
मैंने देखा की उस दिन के बाद तो जैसे तरुण की चांदी हो गयी। पहले दीपा जैसे तरुण से डर रही थी और शङ्का कुशङ्का की नजर से उसे देख रही थी वह डर ख़त्म हो गया। शायद अब मेरी बीबी यह समझ गयी की मौक़ा आने पर वह तरुण को कण्ट्रोल कर सकती थी। इसके बाद दीपा तरुण से कोई औपचारिकता नहीं रखती थी। जब भी तरुण आता तो दीपा ख़ास उसे बात करने ड्राइंग रूम में उसके पास आती और उसके साथ भी बैठ जाती थी। कई बार दीपा तरुण को रसोई में भी बुला लेती और दोनों इधर उधर की बातें करते। मेरे सामने भी दीपा अब तरुण से शर्माती नहीं थी। कई बार मैंने देखा तो वह तरुण के कोई जोक पर तरुण का हाथ पकड़ कर हंसती थी।
परंतु कई बार चोरी छुपी से देखने के बाद भी मुझे यह देख कर निराशा हुई की उन के बिच ऐसी कोई ख़ास जातीयता वाली सेक्स वाली बात नहीं दिख रही थी। हाँ एक बार जरूर मैंने छुप कर देखा की जब तरुण ने दीपा को अपनी बाँहों में जकड़ लिया था तो दीपा हंसती हुई उसे धक्का मार कर वहाँ से भाग निकली थी। अब जब तरुण घर आता तो उसकी आवभगत होने लगी। वह मुन्नू के साथ खेलता और उसको कभी चॉकलेट तो कभी आइसक्रीम ला कर उसने मुन्नू का मन जीत लीया। दीपा के साथ भी उसने काफी दोस्ती बनाली थी।
परंतु कई बार चोरी छुपी से देखने के बाद भी मुझे यह देख कर निराशा हुई की उन के बिच ऐसी कोई ख़ास जातीयता वाली सेक्स वाली बात नहीं दिख रही थी। हाँ एक बार जरूर मैंने छुप कर देखा की जब तरुण ने दीपा को अपनी बाँहों में जकड़ लिया था तो दीपा हंसती हुई उसे धक्का मार कर वहाँ से भाग निकली थी। अब जब तरुण घर आता तो उसकी आवभगत होने लगी। वह मुन्नू के साथ खेलता और उसको कभी चॉकलेट तो कभी आइसक्रीम ला कर उसने मुन्नू का मन जीत लीया। दीपा के साथ भी उसने काफी दोस्ती बनाली थी।