21-04-2021, 11:49 AM
मेरी बात सुन कर पहले तो बोहोत खुस हो गया पर मेरी पूरी बात सुन कर उसका चेहरा थोड़ा सा लटक गया. लेकिन को-ऑपरेट करने की बात सुन कर वो बोहोत खुस हो गया. उसने मेरी बात पूरी होती ही अपने एक हाथ को मेरी कमर पर दूसरे को मेरी थाइस पर रख दिया और फिर से बड़े आराम आराम से सहलाने लग गया. इस बार बार उसके हाथो मे एक अजीब ही किस्म का जलवा था जो उस जलवे को मेरे शरीर पर यूज़ कर रहा था. उसके हाथ मेरी थाइस पर इस तरह से चल रहे थे कि मुझे अपनी योनि गीली होना महसूस होने लग गयी. और उसका दूसरा हाथ मेरी कमर पर तो कभी मेरे नितंब पर घूम रहा था.
थोड़ी देर तक यूँ ही हाथ घुमाने के बाद उसने अपने एक हाथ को वापस मेरे उरोज पर रख दिया और उसे धीरे धीरे और फिर थोड़ा तेज तेज मसल्ने लग गया. मेरे मुँह से उसके इस तरह तेज़ी से उरोज मसलने की वजह से आह निकलने लग गयी. उसका एक हाथ मेरी थाइस सहलाते हुए मेरी योनि के उपर आ गया और सारी के उपर से ही वो मेरी योनि को सहलाने लग गया जिस वजह से ना चाहते हुए भी मेरी योनि ने तेज़ी के साथ पानी बहाना शुरू कर दिया.
मुझे बोहोत मज़ा आने लग गया था. एक बात जो अब तक मैने महसूस कि वो ये कि हर आदमी के हाथो मे अलग अलग किस्म का जादू होता है. मैने अपनी मस्ती मे क्या खो गयी उसने अपने हाथ को पीछे ले जा कर मेरी ब्रा का हुक खोल दिया जिस वजह से मेरी ब्रा पूरी तरह से खूल गयी. मैने उसे फॉरन अपने से दूर कर दिया.
“मैने तुमसे मना किया था ना जो कुछ भी करना है उपर ही उपर कर लो पर तुमने ने मेरी बात नही मानी” मैने उसे फिर से डाँट ते हुए कहा.
“ग़लती हो गयी मुझे माफ़ कर दो. पर मैं क्या करू कपड़े के उपर से ज़रा भी मज़ा नही आ रहा है.” उसने फिर से गिड गीडाते हुए कहा.
बात तो वो सही कह रहा था. मुझे भी ब्रा के उपर से उरोज दब्वाने मे उतना मज़ा नही आ रहा था और ब्रा भी से पानी भीगी हुई थी इसलिए वो थोड़ा चिपक रही थी. और असल बात तो ये थी कि मैं खुद भी यही चाह रही थी कि वो मुझसे खुद कहे कि मैं ब्रा उतारना चाहता हू. क्यूकी औरत कोई भी हो मन सबका होता है सेक्स करने का पर वो कभी अपने मुँह से नही कहती है कि मैं सेक्स के लिए तैयार हू वो सामने वाले का ही वेट करती है कि वो उससे अपने और उसके दोनो की मन की बात कहे.
थोड़ी देर तक यूँ ही हाथ घुमाने के बाद उसने अपने एक हाथ को वापस मेरे उरोज पर रख दिया और उसे धीरे धीरे और फिर थोड़ा तेज तेज मसल्ने लग गया. मेरे मुँह से उसके इस तरह तेज़ी से उरोज मसलने की वजह से आह निकलने लग गयी. उसका एक हाथ मेरी थाइस सहलाते हुए मेरी योनि के उपर आ गया और सारी के उपर से ही वो मेरी योनि को सहलाने लग गया जिस वजह से ना चाहते हुए भी मेरी योनि ने तेज़ी के साथ पानी बहाना शुरू कर दिया.
मुझे बोहोत मज़ा आने लग गया था. एक बात जो अब तक मैने महसूस कि वो ये कि हर आदमी के हाथो मे अलग अलग किस्म का जादू होता है. मैने अपनी मस्ती मे क्या खो गयी उसने अपने हाथ को पीछे ले जा कर मेरी ब्रा का हुक खोल दिया जिस वजह से मेरी ब्रा पूरी तरह से खूल गयी. मैने उसे फॉरन अपने से दूर कर दिया.
“मैने तुमसे मना किया था ना जो कुछ भी करना है उपर ही उपर कर लो पर तुमने ने मेरी बात नही मानी” मैने उसे फिर से डाँट ते हुए कहा.
“ग़लती हो गयी मुझे माफ़ कर दो. पर मैं क्या करू कपड़े के उपर से ज़रा भी मज़ा नही आ रहा है.” उसने फिर से गिड गीडाते हुए कहा.
बात तो वो सही कह रहा था. मुझे भी ब्रा के उपर से उरोज दब्वाने मे उतना मज़ा नही आ रहा था और ब्रा भी से पानी भीगी हुई थी इसलिए वो थोड़ा चिपक रही थी. और असल बात तो ये थी कि मैं खुद भी यही चाह रही थी कि वो मुझसे खुद कहे कि मैं ब्रा उतारना चाहता हू. क्यूकी औरत कोई भी हो मन सबका होता है सेक्स करने का पर वो कभी अपने मुँह से नही कहती है कि मैं सेक्स के लिए तैयार हू वो सामने वाले का ही वेट करती है कि वो उससे अपने और उसके दोनो की मन की बात कहे.