05-04-2019, 10:59 AM
अंकल – क्यों.. !! तुम्हारे लाल के कॉलेज जाने के बाद, आऊंगा.. !! प्लीज़, एक बार.. !! धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – बात को समझिए.. !! प्लीज़, अभी तो दर्द भी गया नहीं है.. !! कम हो जाए थोड़ा, फिर.. !! प्लीज़.. !! मना तो नहीं कर रही.. !!
अंकल – महक, प्लीज़ यार.. !! तुम भी तो ना जाने, कब से तड़फ़ रही हो.. !! अब मौका मिला तो पीछे हट रही हो.. !! मैं बिल्कुल धीरे धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – ठीक है.. !! बस, एक बार लेकिन.. !!
अंकल – ठीक है, जानू.. !! कितने बजे.. !!
मम्मी – 9 बजे के बाद.. !!
अंकल – आइ लव यू, जान.. !!
उसके बाद का मैसेज, अभी का मैसेज था।।
थोड़ी देर बाद, फिर एक मैसेज आया।।
अब मैंने फोन जाके, मम्मी को दे दिया।।
अपना दिमाग़ खराब करने का क्या मतलब।।
फिर कुछ देर बाद, श्लोक आया और हम लोग क्रिकेट खेलने चले गये।।
लेकिन वो कहते हैं ना “गाण्ड में कीड़ा” इसलिए, कुछ दिन तक रोज़ लगभग मैं मम्मी के मैसेज पढ़ता था।।
मुझे आज भी याद है, 26 जनवरी का दिन था और सोसाइटी के सब लोगों को बुलाया गया था।।
श्लोक ने कहा – चल यार, निकल चलते हैं.. !! बोर होंगे.. !!
थोड़ी देर बैठने के बाद, हमने ऐसा ही किया और हम वहां से निकल के अपने घर के लिए आ गये।।
श्लोक ने कहा – चल, मैं चलता हूँ तेरे घर.. !! लेकिन, मैं आज खुद नहीं चाहता था की श्लोक आए, मेरे साथ.. !! क्यूंकि मेरे मन में जो शक था की अंकल मेरे कॉलेज या कहीं जाने के बाद आते हैं.. !! वो, मैं दूर करना चाहता था.. !! इसी लिए.. !!
मैंने उसे कहा – यार, शाम को मिलते हैं.. !! मेरी कुछ तबीयत ठीक सी नहीं है.. !!
उसने कहा – ठीक है, यार.. !! तू आराम कर.. !! और, मैं अपने घर के लिए चल पड़ा।।
दरवाजा बंद था।।
मैंने पहले से ही दूसरी चाबी छुपा के रखी थी, जिससे मैंने दरवाज़ा धीरे से खोला और चुपके से अंदर आ गया।।
हमारा, घर कुछ ऐसा है।।
घुसते ही, हॉल है।।
हॉल में ही टीवी और सोफा है।।
सीधे हाथ पर मेरा कमरा है और उल्टे हाथ में मम्मी और पापा का कमरा है।।
हॉल के बालकनी में परदा लगा हुआ था और पूरा अंधेरा हो रहा था और मम्मी के कमरे से आवाज़ आ रही थी।।
मैं धीरे धीरे, दरवाज़े के पास गया।।
मैं उस वक़्त, कांप रहा था।।
मम्मी के रूम का दरवाज़ा, आधा खुला हुआ था।।
सबसे पहले मुझे ज़मीन पर पड़ी, मेरी मम्मी की नाइटी और पैंटी, ब्रा दिखी और जैसे मैंने नज़र उठाई, मैं देखता रह गया।।
मेरी मम्मी और अंकल, एक ही पलंग में थे।।
अंकल ने अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के हाथ पकड़े हुए थे और मेरी मम्मी अपने सिर को इधर उधर करते हुए – आ आ अहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आहह माआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ अहह औहह ओई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई मा आ आ आ आ आ आअ आ आ आ सस्स्स्स्स् सस्स ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़.. !! बस कीजिए.. !! आ आ आ अहह.. !! मा आआ.. !!
अंकल ने कहा – बस हो गया, जानू.. !! हो गया.. !!
इधर, मम्मी “आ आ आहह” कर रही थीं।।
मैं वहां 2 मिनट, निस्तेज खड़ा रहा।।
अंकल, उसी तरह से मेरी मम्मी को मेरी आँखों से सामने चोद रहे थे।।
आँखों के सामने, मेरी माँ चुद रही थी।।
लगातार, मेरी मम्मी की सिसकारियों की आवाज़ मेरे कानों में आ रही थी।।
मैं चुप चाप खड़ा था और “अपनी माँ चुदते” देख रहा था।।
कुछ देर बाद, उसी तरह जैसे मैं आया था, वैसे मैंने दरवाज़ा बंद किया और घर से निकल के, श्लोक के यहाँ चला गया।।
श्लोक ने पूछा – क्या हुआ, भाई.. !!
मैंने कहा – कुछ नहीं, यार.. !! मैं कुछ देर, तेरे यहाँ रहता हूँ.. !!
उसने कहा – पर तेरी तो तबीयत खराब थी.. !!
मैं अब कुछ, रुआंसा सा हो गया।।
उसे, कुछ मालूम नहीं था।।
तभी आंटी ने कहा – बेटा, क्या हुआ.. !! तुम ठीक हो ना.. !!
मैंने अपने आप को संभालते हुए कहा – जी आंटी.. !!
आंटी ने खाने को, नाश्ता दिया।।
मैंने खाया और लगभग एक घंटे के बाद, मैं अपने घर के लिए निकला।।
मम्मी – बात को समझिए.. !! प्लीज़, अभी तो दर्द भी गया नहीं है.. !! कम हो जाए थोड़ा, फिर.. !! प्लीज़.. !! मना तो नहीं कर रही.. !!
अंकल – महक, प्लीज़ यार.. !! तुम भी तो ना जाने, कब से तड़फ़ रही हो.. !! अब मौका मिला तो पीछे हट रही हो.. !! मैं बिल्कुल धीरे धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – ठीक है.. !! बस, एक बार लेकिन.. !!
अंकल – ठीक है, जानू.. !! कितने बजे.. !!
मम्मी – 9 बजे के बाद.. !!
अंकल – आइ लव यू, जान.. !!
उसके बाद का मैसेज, अभी का मैसेज था।।
थोड़ी देर बाद, फिर एक मैसेज आया।।
अब मैंने फोन जाके, मम्मी को दे दिया।।
अपना दिमाग़ खराब करने का क्या मतलब।।
फिर कुछ देर बाद, श्लोक आया और हम लोग क्रिकेट खेलने चले गये।।
लेकिन वो कहते हैं ना “गाण्ड में कीड़ा” इसलिए, कुछ दिन तक रोज़ लगभग मैं मम्मी के मैसेज पढ़ता था।।
मुझे आज भी याद है, 26 जनवरी का दिन था और सोसाइटी के सब लोगों को बुलाया गया था।।
श्लोक ने कहा – चल यार, निकल चलते हैं.. !! बोर होंगे.. !!
थोड़ी देर बैठने के बाद, हमने ऐसा ही किया और हम वहां से निकल के अपने घर के लिए आ गये।।
श्लोक ने कहा – चल, मैं चलता हूँ तेरे घर.. !! लेकिन, मैं आज खुद नहीं चाहता था की श्लोक आए, मेरे साथ.. !! क्यूंकि मेरे मन में जो शक था की अंकल मेरे कॉलेज या कहीं जाने के बाद आते हैं.. !! वो, मैं दूर करना चाहता था.. !! इसी लिए.. !!
मैंने उसे कहा – यार, शाम को मिलते हैं.. !! मेरी कुछ तबीयत ठीक सी नहीं है.. !!
उसने कहा – ठीक है, यार.. !! तू आराम कर.. !! और, मैं अपने घर के लिए चल पड़ा।।
दरवाजा बंद था।।
मैंने पहले से ही दूसरी चाबी छुपा के रखी थी, जिससे मैंने दरवाज़ा धीरे से खोला और चुपके से अंदर आ गया।।
हमारा, घर कुछ ऐसा है।।
घुसते ही, हॉल है।।
हॉल में ही टीवी और सोफा है।।
सीधे हाथ पर मेरा कमरा है और उल्टे हाथ में मम्मी और पापा का कमरा है।।
हॉल के बालकनी में परदा लगा हुआ था और पूरा अंधेरा हो रहा था और मम्मी के कमरे से आवाज़ आ रही थी।।
मैं धीरे धीरे, दरवाज़े के पास गया।।
मैं उस वक़्त, कांप रहा था।।
मम्मी के रूम का दरवाज़ा, आधा खुला हुआ था।।
सबसे पहले मुझे ज़मीन पर पड़ी, मेरी मम्मी की नाइटी और पैंटी, ब्रा दिखी और जैसे मैंने नज़र उठाई, मैं देखता रह गया।।
मेरी मम्मी और अंकल, एक ही पलंग में थे।।
अंकल ने अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के हाथ पकड़े हुए थे और मेरी मम्मी अपने सिर को इधर उधर करते हुए – आ आ अहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आहह माआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ अहह औहह ओई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई मा आ आ आ आ आ आअ आ आ आ सस्स्स्स्स् सस्स ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़.. !! बस कीजिए.. !! आ आ आ अहह.. !! मा आआ.. !!
अंकल ने कहा – बस हो गया, जानू.. !! हो गया.. !!
इधर, मम्मी “आ आ आहह” कर रही थीं।।
मैं वहां 2 मिनट, निस्तेज खड़ा रहा।।
अंकल, उसी तरह से मेरी मम्मी को मेरी आँखों से सामने चोद रहे थे।।
आँखों के सामने, मेरी माँ चुद रही थी।।
लगातार, मेरी मम्मी की सिसकारियों की आवाज़ मेरे कानों में आ रही थी।।
मैं चुप चाप खड़ा था और “अपनी माँ चुदते” देख रहा था।।
कुछ देर बाद, उसी तरह जैसे मैं आया था, वैसे मैंने दरवाज़ा बंद किया और घर से निकल के, श्लोक के यहाँ चला गया।।
श्लोक ने पूछा – क्या हुआ, भाई.. !!
मैंने कहा – कुछ नहीं, यार.. !! मैं कुछ देर, तेरे यहाँ रहता हूँ.. !!
उसने कहा – पर तेरी तो तबीयत खराब थी.. !!
मैं अब कुछ, रुआंसा सा हो गया।।
उसे, कुछ मालूम नहीं था।।
तभी आंटी ने कहा – बेटा, क्या हुआ.. !! तुम ठीक हो ना.. !!
मैंने अपने आप को संभालते हुए कहा – जी आंटी.. !!
आंटी ने खाने को, नाश्ता दिया।।
मैंने खाया और लगभग एक घंटे के बाद, मैं अपने घर के लिए निकला।।