05-04-2019, 10:43 AM
फिर वो रफ़्तार बड़ा कर, मेरी मम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।।
बीच बीच में वो, एक दो थप्पड़ मेरी मम्मी के चूतड़ पर मार दे रहे थे।।
उनके चूतड़ पर, अंकल के हाथ का निशान छप गया था।।
मम्मी की गाण्ड, एक दम “लाल” हो चुकी थी।।
इधर, अंकल के हर धक्के से मम्मी का चुचे आगे पीछे हुए जा रहे थे।।
अंकल ने लगभग, मम्मी को 5-7 मिनट तक ऐसे ही चोदा और उसके बाद, मम्मी के फुददी से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।।
फिर वो झुक कर, मम्मी के गाण्ड के पास आ गये और उनके छेद को फैला दिया।।
अब वो उसमें, अपनी नाक डाल के उसे सूंघने लगे।।
फिर उन्होंने अपनी दो उंगली अंदर घुसा दी और धीरे धीरे, मम्मी की गाण्ड के छेद को चौड़ा करने लगे।।
मैं समझ गया की अंकल, आज मम्मी की “गाण्ड” भी मारेंगें।।
कुछ देर के बाद, वो पीछे आ गये और झुक गये और अपना लण्ड मम्मी की गाण्ड के छेद पर रख दिया।।
अब उन्होंने मम्मी से पूछा – महक जी, गाण्ड मरवाई है, आपने कभी.. !
मम्मी ने कहा – नहीं.. !
अंकल हंस पड़े और कहा – किसी से भी नहीं.. ! आपके पति ने भी नहीं मारी.. !
मम्मी ने कहा – नहीं.. ! मैंने उनको नहीं मारने दी.. !
अंकल ने कहा – जिस मर्द ने तेरी गाण्ड नहीं मारी, उस पर धिक्कार है.. ! जब मैं तुझे जीन्स में देखता था, तब जी चाहता था, तेरी जीन्स को वहीं फाड़ के तेरी पैंटी निकाल के, तेरी गाण्ड मार दूँ.. ! आज तुझे इसका एहसास करता हूँ.. !
मम्मी से कहा – भाई साब.. ! रहम कीजिए.. ! गाण्ड मत मारिए, प्लीज़.. !
अंकल ने कहा – वो तो मैं, ज़रूर मारूँगा.. ! बेहतर है, आप साथ दें तो दर्द कम होगा.. ! एक काम कीजिए, हाथ पीछे करके अपने चूतड़ को फैला लीजिए.. !
मम्मी कुछ देर रुकीं, फिर उन्होंने वैसा ही किया।।
उन्होंने, अपने दोनों हाथ पीछे कर दिए और चूतड़ को फैला लिया।।
उनकी गाण्ड का छेद, पूरा खुल गया।।
अब अंकल ने बोला – छेद को ढीला छोड़ दो, जैसे सुबह टाय्लेट के टाइम छोड़ती हो.. !
फिर अंकल ने मम्मी के गाण्ड के छेद पर लण्ड सेट करके, हल्का झटका दिया और उनका टोपा मम्मी की गाण्ड के छेद में “भच” से चला गया।।
मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ीं – नही स स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आआ आहह.. ! प्लीज़ नही स स स स स स स स स.. ! निकाल बाहर.. !
अंकल ने कहा – महक जी, दर्द पल भर का है.. ! इसकी खुशी जिंदगी भर रहेगी.. !
और उन्होंने फिर से, एक और धक्का मारा।।
मम्मी की चीख के साथ इस बार उनके मुँह से गाली निकल गई – मा दर चोद स स स स स स स स स स.. !
मैंने सोचा बस यही बचा था तो मम्मी को “गलियाँ निकालना” भी आता है।।
इधर, अंकल हंस पड़े और बोले – चुदती हुई औरत के मुँह से गालियाँ खाना भी, कितना हसीन एहसास देता है.. !
अब तक अंकल का आधा लण्ड, मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर चला गया था।।
मम्मी की आँखों से अब, आँसू निकल रहे थे।।
अंकल को इस बात का, कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।।
बल्कि उन्होंने कस के एक और धक्का मारा और उनका पूरा लण्ड, मम्मी की गाण्ड में चला गया।।
अंकल ने अब मम्मी से कहा – कितनी टाइट गाण्ड है, आपकी महक जी.. ! अंदर ही नहीं जा रहा था.. ! एक दम “फ्रेश माल” हैं, आप.. ! साला लग ही नहीं रहा, दो बच्चों की अम्मा है तू.. ! अब तू, बस मेरी है.. ! और ये कहते हुए, उनकी गाण्ड के अंदर बाहर लण्ड करने लगे।।
मम्मी – अहह माँह ह ह ह ह ह ह ह ह ह मार डाला, तूने.. ! हरामी.. ! आ आ अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ औहह.. ! करने लगीं।।
ठप ठप ठप ठप ठप.. ! पट पट पट पट पट पट.. ! से पूरा कमरा गूँज रहा था।।
अंकल ज़ोर ज़ोर से बड़ी बेरहमी से, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे।।
मम्मी बीच बीच में, उन्हें लण्ड बाहर निकालने को कह रही थीं पर अंकल में जैसे “जानवर” घुस गया था।।
वो मम्मी की बात तक नहीं सुन रहे थे।।
लगातार, उनकी गाण्ड मार रहे थे।।
कुछ आधे घंटे के बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाला और – आ आ आ आ आ आ आ अहह.. ! करते हुए, मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर ही अपना सारा मूठ निकाल दिया।।
बीच बीच में वो, एक दो थप्पड़ मेरी मम्मी के चूतड़ पर मार दे रहे थे।।
उनके चूतड़ पर, अंकल के हाथ का निशान छप गया था।।
मम्मी की गाण्ड, एक दम “लाल” हो चुकी थी।।
इधर, अंकल के हर धक्के से मम्मी का चुचे आगे पीछे हुए जा रहे थे।।
अंकल ने लगभग, मम्मी को 5-7 मिनट तक ऐसे ही चोदा और उसके बाद, मम्मी के फुददी से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।।
फिर वो झुक कर, मम्मी के गाण्ड के पास आ गये और उनके छेद को फैला दिया।।
अब वो उसमें, अपनी नाक डाल के उसे सूंघने लगे।।
फिर उन्होंने अपनी दो उंगली अंदर घुसा दी और धीरे धीरे, मम्मी की गाण्ड के छेद को चौड़ा करने लगे।।
मैं समझ गया की अंकल, आज मम्मी की “गाण्ड” भी मारेंगें।।
कुछ देर के बाद, वो पीछे आ गये और झुक गये और अपना लण्ड मम्मी की गाण्ड के छेद पर रख दिया।।
अब उन्होंने मम्मी से पूछा – महक जी, गाण्ड मरवाई है, आपने कभी.. !
मम्मी ने कहा – नहीं.. !
अंकल हंस पड़े और कहा – किसी से भी नहीं.. ! आपके पति ने भी नहीं मारी.. !
मम्मी ने कहा – नहीं.. ! मैंने उनको नहीं मारने दी.. !
अंकल ने कहा – जिस मर्द ने तेरी गाण्ड नहीं मारी, उस पर धिक्कार है.. ! जब मैं तुझे जीन्स में देखता था, तब जी चाहता था, तेरी जीन्स को वहीं फाड़ के तेरी पैंटी निकाल के, तेरी गाण्ड मार दूँ.. ! आज तुझे इसका एहसास करता हूँ.. !
मम्मी से कहा – भाई साब.. ! रहम कीजिए.. ! गाण्ड मत मारिए, प्लीज़.. !
अंकल ने कहा – वो तो मैं, ज़रूर मारूँगा.. ! बेहतर है, आप साथ दें तो दर्द कम होगा.. ! एक काम कीजिए, हाथ पीछे करके अपने चूतड़ को फैला लीजिए.. !
मम्मी कुछ देर रुकीं, फिर उन्होंने वैसा ही किया।।
उन्होंने, अपने दोनों हाथ पीछे कर दिए और चूतड़ को फैला लिया।।
उनकी गाण्ड का छेद, पूरा खुल गया।।
अब अंकल ने बोला – छेद को ढीला छोड़ दो, जैसे सुबह टाय्लेट के टाइम छोड़ती हो.. !
फिर अंकल ने मम्मी के गाण्ड के छेद पर लण्ड सेट करके, हल्का झटका दिया और उनका टोपा मम्मी की गाण्ड के छेद में “भच” से चला गया।।
मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ीं – नही स स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आआ आहह.. ! प्लीज़ नही स स स स स स स स स.. ! निकाल बाहर.. !
अंकल ने कहा – महक जी, दर्द पल भर का है.. ! इसकी खुशी जिंदगी भर रहेगी.. !
और उन्होंने फिर से, एक और धक्का मारा।।
मम्मी की चीख के साथ इस बार उनके मुँह से गाली निकल गई – मा दर चोद स स स स स स स स स स.. !
मैंने सोचा बस यही बचा था तो मम्मी को “गलियाँ निकालना” भी आता है।।
इधर, अंकल हंस पड़े और बोले – चुदती हुई औरत के मुँह से गालियाँ खाना भी, कितना हसीन एहसास देता है.. !
अब तक अंकल का आधा लण्ड, मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर चला गया था।।
मम्मी की आँखों से अब, आँसू निकल रहे थे।।
अंकल को इस बात का, कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।।
बल्कि उन्होंने कस के एक और धक्का मारा और उनका पूरा लण्ड, मम्मी की गाण्ड में चला गया।।
अंकल ने अब मम्मी से कहा – कितनी टाइट गाण्ड है, आपकी महक जी.. ! अंदर ही नहीं जा रहा था.. ! एक दम “फ्रेश माल” हैं, आप.. ! साला लग ही नहीं रहा, दो बच्चों की अम्मा है तू.. ! अब तू, बस मेरी है.. ! और ये कहते हुए, उनकी गाण्ड के अंदर बाहर लण्ड करने लगे।।
मम्मी – अहह माँह ह ह ह ह ह ह ह ह ह मार डाला, तूने.. ! हरामी.. ! आ आ अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ औहह.. ! करने लगीं।।
ठप ठप ठप ठप ठप.. ! पट पट पट पट पट पट.. ! से पूरा कमरा गूँज रहा था।।
अंकल ज़ोर ज़ोर से बड़ी बेरहमी से, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे।।
मम्मी बीच बीच में, उन्हें लण्ड बाहर निकालने को कह रही थीं पर अंकल में जैसे “जानवर” घुस गया था।।
वो मम्मी की बात तक नहीं सुन रहे थे।।
लगातार, उनकी गाण्ड मार रहे थे।।
कुछ आधे घंटे के बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाला और – आ आ आ आ आ आ आ अहह.. ! करते हुए, मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर ही अपना सारा मूठ निकाल दिया।।