20-04-2021, 11:42 AM
इस बार सबा का माथा ठनका ....क्योंकि गुप्ता जी ने जिस अंदाज से खड़े खंबे की उपमा दी थी, वो लंड के सिवा कुछ और हो ही नही सकता था... और ना चाहते हुए भी उसकी नज़र गुप्ता जी के लंड की तरफ चली गयी जो उनकी पेंट में मे किसी खंबे जैसा ही खड़ा हुआ था..पराए मर्दों के बीच बैठी हुई सबा अचानक डर सी गयी... वो सोचने लगी की ये कहा फँस गयी वो... लेकिन फिर उसे अंदर ही अंदर एक अलग से रोमांच का अनुभव भी हुआ... ये वो अनुभव था जो वो कॉलेज या कॉलेज टाइम में महसूस किया करती थी..
वो हमेशा से ही पढ़ने में अव्वल रही थी, इसलिए उसकी दोस्ती भी ऐसे लोगो से ही होती थी जो उसकी तरह पड़ने में तेज थे.. लेकिन वो जब भी दूसरे बदमाश टाइप के लड़को का ग्रुप देखती तो उसे अंदर ही अंदर ना जाने क्या हो जाता था की वो उनकी तरफ आकर्षित सी हो जाती थी... उन बदमाश लड़को के बोलने के स्टाइल, गाली गलोच के साथ बात करने का तरीका, हर बात में सेक्स से रिलेटेड टॉपिक को बीच में लेकर आ जाना, ये सब उसे अंदर से रोमांचित सा कर देता था...लेकिन समाज के डर से, अपने दोस्तों में अच्छी इमेज को बनाए रखने की वजह से और अपने माँ-बाप का नाम ना खराब हो जाए, इस डर से वो उन सबसे दूर ही रहा करती थी...
इसलिए उसको प्यार भी अपने ग्रुप के सबसे शरीफ लड़के राहुल से हुआ और शादी भी उसने उससे ही की ... और धीरे-2 वो उन सब एहसासों को भूलती चली गयी... लेकिन आज जिस अंदाज से ये सोसायटी के मर्द उसके सामने बैठकर उसी अंदाज में बाते कर रहे थे, जो उसे ना जाने कब से पसंद थी तो उसका शरीर काँप सा उठा...और उसका अंग-2 कड़क सा हो उठा..और धीरे-2 उसके अंदर दबे हुए वो एहसास फिर से कुलबुलाने लगे..
शशांक का पूरा ध्यान सबा के उपर था...वो सामने से बोली जा रही हर बात पर सबा का रिएक्शन बड़ी बारीकी से नोट कर रहा था... और जब उसने देखा की वो बाते सुनकर सबा का सीना तेज गति से उठ-बैठ रहा है, वो बार -2 अपने होंठों पर जीभ फेर रही है...उसका शरीर काँप सा रहा है , तो उसे समझते देर नही लगी की वो सब सुनकर वो एक्ससाइटिड हो रही है...और ये उसने उसके निप्पल देखकर भी जाना, जो उसकी टी शर्ट पर बुरी तरह से उभरकर बाहर झाँक रहे थे..
वो हमेशा से ही पढ़ने में अव्वल रही थी, इसलिए उसकी दोस्ती भी ऐसे लोगो से ही होती थी जो उसकी तरह पड़ने में तेज थे.. लेकिन वो जब भी दूसरे बदमाश टाइप के लड़को का ग्रुप देखती तो उसे अंदर ही अंदर ना जाने क्या हो जाता था की वो उनकी तरफ आकर्षित सी हो जाती थी... उन बदमाश लड़को के बोलने के स्टाइल, गाली गलोच के साथ बात करने का तरीका, हर बात में सेक्स से रिलेटेड टॉपिक को बीच में लेकर आ जाना, ये सब उसे अंदर से रोमांचित सा कर देता था...लेकिन समाज के डर से, अपने दोस्तों में अच्छी इमेज को बनाए रखने की वजह से और अपने माँ-बाप का नाम ना खराब हो जाए, इस डर से वो उन सबसे दूर ही रहा करती थी...
इसलिए उसको प्यार भी अपने ग्रुप के सबसे शरीफ लड़के राहुल से हुआ और शादी भी उसने उससे ही की ... और धीरे-2 वो उन सब एहसासों को भूलती चली गयी... लेकिन आज जिस अंदाज से ये सोसायटी के मर्द उसके सामने बैठकर उसी अंदाज में बाते कर रहे थे, जो उसे ना जाने कब से पसंद थी तो उसका शरीर काँप सा उठा...और उसका अंग-2 कड़क सा हो उठा..और धीरे-2 उसके अंदर दबे हुए वो एहसास फिर से कुलबुलाने लगे..
शशांक का पूरा ध्यान सबा के उपर था...वो सामने से बोली जा रही हर बात पर सबा का रिएक्शन बड़ी बारीकी से नोट कर रहा था... और जब उसने देखा की वो बाते सुनकर सबा का सीना तेज गति से उठ-बैठ रहा है, वो बार -2 अपने होंठों पर जीभ फेर रही है...उसका शरीर काँप सा रहा है , तो उसे समझते देर नही लगी की वो सब सुनकर वो एक्ससाइटिड हो रही है...और ये उसने उसके निप्पल देखकर भी जाना, जो उसकी टी शर्ट पर बुरी तरह से उभरकर बाहर झाँक रहे थे..