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Adultery मेहमान बेईमान
मैने थोड़ी देर यही सिलसिला जारी रखा उसकी चूत से तो मानो पानी की नादिया बह रही थी जो उसकी चूत से निकल कर मेरी जाँघो पर मुझे सॉफ महसूस हो रही थी. जब मैने उसे चूमना बंद किया ओर उसका चेहरा घुमा कर अपनी तरफ किया उसका पूरा चेहरा भयंकर रूप से लाल हो चुका था ऑर वो बोहोत जोरो से साँसे ले रही थी. उसने अपनी आँखे खोली ऑर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मेरी बनियान उतार कर मेरे सरीर से अलग कर दी. ओर मुझे हल्का सा धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया. ओर मेरी छाती को चूमने लगी उसके चुंबन लेने तक तो ठीक था लेकिन जब उसने अपनी जीभ को मेरी पूरी छाती पर फिराना सुरू किया गुदगुदी के कारण मेरा पूरा सरीर ज़ोर ज़ोर से कंप-कँपाने लगा. उस दिन तो वो जिस तरह से कर रही थी मेरे साथ उसे देख कर लग रहा था कि आज कामदेव उसमे पूरी तरह से समा गया हो. उसकी हर बात आज एक नया रूप लिए हुए थी. उसने अभी तक जो कुछ भी नही किया था वो आज ख़ुसी से अपने आप ही कर रही थी. उसके इस तरह से करने के कारण मेरे मुँह से भी हल्की हल्की आन्ह्हे निकलने लग गयी. कुछ देर तक उसने मेरी छाती यूँही चूमि ऑर चूमते चूमते नीचे मेरे अंडरवेर के पास तक आ गयी मेरे अंडरवेर मे तंबू बना हुआ था. उसने अपने हाथ बढ़ा कर मेरे अंडरवेर को उतारना सुरू कर दिया मैने भी अपने चूतर उठा कर उसे उंडरवेार उतारने मे मदद की. ये उस रात पहली बार हो रहा था कि वो खुद अपने आप अपने हाथो से मेरा अंडरवेर उतार रही थी वरना उसने कभी भी अपने हाथ से मेरा अंडरवेर नही छुआ था.

उसने मेरे अंडरवेर को जैसे ही नीचे सरका कर उतारा उसकी आँखे मेरे तने हुए लंड पर तन गयी. वो बड़े गोर से मेरे झटके खाते हुए लंड को देख रही थी मेरे लंड को देख कर उसकी आँखो मे एक अजीब तरह की चमक आ गयी थी उसने फिर मेरी तरफ देखा ओर मुस्कुरा दी. उसकी मुस्कान देख कर मेरे लंड ने ओर ज़ोर से झटके लगाने सुरू कर दिए. आज हमारे कमरे मे लाइट भी जल रही थी और वो पूरी तरह से जैसा मैं उस से हमेशा चाहता था खुल कर मेरे लंड के साथ खेल रही थी. वरना जब भी मैं उसकी लेता था लाइट बंद करवा देती थी. थोड़ी देर तक मेरे लंड को जोरो के झटखे ख़ाता देखने के बाद उसने अपने एक हाथ से हल्का सा चाँटा मेरे झटके खाते हुए लंड पर लगा दिया. उसके हल्के से चान्टे से मेरे मुँह से एक सिसकी सी निकल गयी स्शह.... ऑर फिर उसने अपना दोनो हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ा ऑर सहलाने लगी मैं उसके हाथ अपने लंड पर पड़ते ही मज़े की एक नयी दुनियाँ मे चला गया. उस रात उसने पहली बार मेरे लंड को अपने मुलायम हाथो से छुआ था.

मैने उसे इशारे से समझाया कि वो घूम जाए ऑर मेरा इशारा समझ कर घूम गयी उसकी चूत ऑर चुतड दोनो मेरी आँखो के सामने मेरे मुँह से कुछ इंच की दूरी पर थे मैने फॉरन अपने दोनो हाथो से उसकी कमर पकड़ी ऑर अपनी जीभ उसकी पानी टपकाती हुई चूत पर लगा दी. उसकी चूत से निकलते हुए पानी का स्वाद आज कुछ ज़्यादा ही नमकीन था जो चूसने मे मुझे बोहोत ही स्वादिष्ट लग रहा था. उसकी चूत पर मैने जैसे ही अपनी जीभ फिराना शुरू किया उसके मुँह से आँहे निकल कर पूरे कमरे मे जोरो से गूँज ने लगी. उसके मुँह से निकलती आन्हो ने मुझ पर ऐसा जादू कर दिया था कि मैने उसकी चूत के छेद मे अपनी जीभ को अंदर घुमाना सुरू कर दिया. उधर उसने भी अपनी जीभ को मेरे लंड पर फिराना सुरू कर दिया उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड की चमड़ी को नीचे सरका दिया ऑर मेरे लंड के सुपाडे को मुँह मे ले कर लोली-पोप की तरह चूसने लगी. उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुँह मे लिया मैं हैरत और उत्तेजना के कारण सातवे आसमान पर था. उसके ऐसा करने से मेरी अंदर से हालत खराब हो रही थी ऑर मैने दोनो हाथ से उसकी चूत को छोड़ कर उसकी चूत के अंदर के भग्नासे को मुँह मे भर लिया ऑर उसी की अदा मे चूसने लग गया.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 16-04-2021, 03:46 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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