16-04-2021, 03:45 PM
“उसकी आँखे अब भी बंद थी ऑर मुँह से सिसकियों की आवाज़ बदस्तूर जारी थी फिर मैं अपना एक हाथ आगे करके उसकी साड़ी को खोलने लगा जैसे ही उसकी साड़ी खुली मैं हैरान रह गया उसने अंदर पेटिकोट नही पहना हुआ था. बस एक छोटी सी चड्डी पहने हुए थी जो इतनी गीली हो रही थी कि उस चड्डी के उपर से ही उसकी चूत की पूरी रूप-रेखा उसकी चड्डी पर बनी हुई सॉफ-सॉफ नज़र आ रही थी. मैने फिर बिना देर किए ही उसकी चड्डी को उतारना सुरू कर दिया. चड्डी उतारते समय मेरा चेहरा उसकी चड्डी से कुछ इंच की दूरी पर ही था उसकी चड्डी से एक अजीब तरह की खुसबु आ रही थी जिसकी महक ने मुझे और भी ज़्यादा पागल बना दिया था..
1 महीने से रोका हुआ था अपने आप को इस लिए उस रात तो जैसे वो मुझे अपनी शादी की पहली रात के जैसे ही एक दम कुवारि जवान लड़की लग रही थी. जैसे ही मैने उसकी चड्डी को उसके जिस्म से अलग किया मुझे उसकी चूत सॉफ नज़र आई जो बिना झान्टो की थी मुझे लग रहा था कि 1 महीने तक चुदाई ना करने के कारण उसकी झान्टे लंबी लंबी जटा का रूप ले चुकी होगी पर वो तो एक दम चिकनी रखी हुई थी. उसकी चूत की दोनो फांके एक दूसरे से कस कर चिपकी हुई थी ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत एक दम कुवारि लड़की के जैसी है, मैने अपने एक हाथ को उसकी चूत पर फिराया जिससे वो बुरी तरह सिहर गयी फिर उसी हाथ से उसकी चूत के लबो को हल्का सा खोला उसकी चूत के एक अंदर हल्के गुलाबी रंग का एक छेद था जिसके उपर एक हल्के गुलाबी रंग की घुंडी सी बनी हुई थी. फिर मैं अपने दोनो हाथ से उसके दोनो हाथ पकड़े ऑर उसे हल्के हल्के अपने करीब करते हुए पीठ की दिशा से अपनी गोद मे बिठा लिया. जैसे ही वो मेरी गोद मे बैठी वो एक पल के लिए उछल सी गयी क्योकि मेरा लंड ठीक उसकी गान्ड की दरार मे जा टकराया था. हम दोनो ही एक दूसरे के चेहरे को देख कर मुस्कुरा दिए. फिर वो थोड़ा सा आगे सरक कर मेरी गोद मे इस तरह बैठी की मेरा लंड तिरछा हो कर उसकी चूत पर झटके मार रहा था. मैने उसकी गर्दन से उसे चूमना सुरू किया ऑर उसकी पूरी पीठ पर चुंबनो की बारिश करना सुरू कर दी. अपने दोनो हाथो को आगे ले जाकर उसके उरोज पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा ऑर दबाने लगा उसके मुँह से सिसकियाँ लेने की आवाज़ बढ़ती ही जा रही थी. आआआआअहह..................
आआआआआआअहह..................
उउईईईईईईईईई..,
1 महीने से रोका हुआ था अपने आप को इस लिए उस रात तो जैसे वो मुझे अपनी शादी की पहली रात के जैसे ही एक दम कुवारि जवान लड़की लग रही थी. जैसे ही मैने उसकी चड्डी को उसके जिस्म से अलग किया मुझे उसकी चूत सॉफ नज़र आई जो बिना झान्टो की थी मुझे लग रहा था कि 1 महीने तक चुदाई ना करने के कारण उसकी झान्टे लंबी लंबी जटा का रूप ले चुकी होगी पर वो तो एक दम चिकनी रखी हुई थी. उसकी चूत की दोनो फांके एक दूसरे से कस कर चिपकी हुई थी ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत एक दम कुवारि लड़की के जैसी है, मैने अपने एक हाथ को उसकी चूत पर फिराया जिससे वो बुरी तरह सिहर गयी फिर उसी हाथ से उसकी चूत के लबो को हल्का सा खोला उसकी चूत के एक अंदर हल्के गुलाबी रंग का एक छेद था जिसके उपर एक हल्के गुलाबी रंग की घुंडी सी बनी हुई थी. फिर मैं अपने दोनो हाथ से उसके दोनो हाथ पकड़े ऑर उसे हल्के हल्के अपने करीब करते हुए पीठ की दिशा से अपनी गोद मे बिठा लिया. जैसे ही वो मेरी गोद मे बैठी वो एक पल के लिए उछल सी गयी क्योकि मेरा लंड ठीक उसकी गान्ड की दरार मे जा टकराया था. हम दोनो ही एक दूसरे के चेहरे को देख कर मुस्कुरा दिए. फिर वो थोड़ा सा आगे सरक कर मेरी गोद मे इस तरह बैठी की मेरा लंड तिरछा हो कर उसकी चूत पर झटके मार रहा था. मैने उसकी गर्दन से उसे चूमना सुरू किया ऑर उसकी पूरी पीठ पर चुंबनो की बारिश करना सुरू कर दी. अपने दोनो हाथो को आगे ले जाकर उसके उरोज पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा ऑर दबाने लगा उसके मुँह से सिसकियाँ लेने की आवाज़ बढ़ती ही जा रही थी. आआआआअहह..................
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