04-04-2019, 07:01 PM
बस
बस उन्होंने मुट्ठी सा मोटा सुपाड़ा मम्मी की कसी , संकरी , फैली गाँड़ में सटाया, अपने दोनों हाथों से मम्मी के बड़े बड़े ३८ ++ साइज चूतड़ों को पकड़ा बस ,.. और हचक के पेल दिया अपना तगड़ा मोटा सुपाड़ा गांड में , अपनी पूरी ताकत से ,
एक ही धक्के में सुपाड़ा पूरा धंस गया था ,
..... मेरे साजन को तो गाँड़ मारने में पूरी पी एच डी हासिल थी ,
जब वो नौवें में पढ़ते थे तभी दर्जा आठ का कोईलौंडा था , चिकना नमकीन , उसकी नेकर सरका के उन्होंने ठोंक दिया था ,...
और अभी कल होली के दिन सुबह सुबह , ननदोई जी के साथ मिल के , अपने साले को,... मेरे ममेरे भाई को ,...
मैं देख रही थी , ... कैसे वो छटपटा रहा , लेकिन अपना मोटा बित्ते भर का लंड उसकी गाँड़ में जड़ तक ,... और रात में ट्रेन में मेरेसामने ही निहुरा के , उसकी ले ली थी ,...
वो छटपटाता रहा , चीखता चिल्लाता रहा ,...
पर अब तक मैं भी अपने साजन की संगत में सिख गयी थी , चाहे लड़का हो या लड़की , बिना बेरहमी के गांड नहीं मारी जा सकती।
और इस समय तो मैं अपने साजन का पूरा साथ दे रही थी , उनकी ख़ुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकती थी , ...
मम्मी कुछ रिएक्ट करतीं की मेरे होंठों ने फिर एक बार उनके क्लिट को काट लिया
और जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया । और वो एक बार किर झड़ने लगी।मुझे मम्मी को झाड़ने की हर ट्रिक मालूम थी ,
और झड़ते समय उनकी हालत ऐसी बेहाल , ... थेथर उन्हें कुछ भी हो जाय , वो हिल नहीं सकती थीं , ऐसी झड़ते समय उनकी हालत हो जाती थी।
इसी मौके की तो उन्हें तलाश थी।
69 की पोजीशन में मम्मी मेरे ऊपर थी यानी आलमोस्ट डॉगी पोज में ,
उनके दामाद सुपाड़ा उनके पिछवाड़े धंस चुका था , बस
बस उन्होंने अपने दोनों हाथों से मम्मी के बड़े बड़े गोल गोल मांसल नितम्बो
थोड़ा सा उठाया , कस के दबोचा और एक और करारा धक्का मारा।
फिर लगातार पांचछह धक्के , हर धक्का पहले वाले से ज्यादा तेज ,...
मम्मी अब चीख रही थी , चिल्ला रही थीं , उन्हें गालियां दे रही रही थीं पर ,
पर
गाण्ड का छल्ला पार हो गया था और
अब मम्मी की गाण्ड ने खुद उनके लण्ड को दबोच रखा था। वो लाख कोशिश करें लण्ड निकल नहीं सकता था।
हम दोनों, पति पत्नी एक दूसरे को देखकर
और आूँखों ही आूँखों में हाई फाइव किया।
अपनी सास की मस्त गांड में लौंड़ा धसाने के साथ साथ ,
उनके चेहरे पर जो चमक थी , आँखों में जो ख़ुशी नाच रही थी , उस ख़ुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकतीथी।
थोड़ी देर वो हम दोनों के बीच दबी फंसी रही, किर मैं निकल आयी आयी
और जिस कुसी पे थोड़ी देर पहले वो बैठे थे वहां बैठ के मजे से देखने लगी।
सास दामाद की मस्ती ,
सास अब एकदम कुतिया वाले पोज में ,
... इनकी फेवरिट और
गांड मारने , मरवाने के लिए बेस्ट
क्या धुंआधार पेलाई थी।
बस उन्होंने मुट्ठी सा मोटा सुपाड़ा मम्मी की कसी , संकरी , फैली गाँड़ में सटाया, अपने दोनों हाथों से मम्मी के बड़े बड़े ३८ ++ साइज चूतड़ों को पकड़ा बस ,.. और हचक के पेल दिया अपना तगड़ा मोटा सुपाड़ा गांड में , अपनी पूरी ताकत से ,
एक ही धक्के में सुपाड़ा पूरा धंस गया था ,
..... मेरे साजन को तो गाँड़ मारने में पूरी पी एच डी हासिल थी ,
जब वो नौवें में पढ़ते थे तभी दर्जा आठ का कोईलौंडा था , चिकना नमकीन , उसकी नेकर सरका के उन्होंने ठोंक दिया था ,...
और अभी कल होली के दिन सुबह सुबह , ननदोई जी के साथ मिल के , अपने साले को,... मेरे ममेरे भाई को ,...
मैं देख रही थी , ... कैसे वो छटपटा रहा , लेकिन अपना मोटा बित्ते भर का लंड उसकी गाँड़ में जड़ तक ,... और रात में ट्रेन में मेरेसामने ही निहुरा के , उसकी ले ली थी ,...
वो छटपटाता रहा , चीखता चिल्लाता रहा ,...
पर अब तक मैं भी अपने साजन की संगत में सिख गयी थी , चाहे लड़का हो या लड़की , बिना बेरहमी के गांड नहीं मारी जा सकती।
और इस समय तो मैं अपने साजन का पूरा साथ दे रही थी , उनकी ख़ुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकती थी , ...
मम्मी कुछ रिएक्ट करतीं की मेरे होंठों ने फिर एक बार उनके क्लिट को काट लिया
और जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया । और वो एक बार किर झड़ने लगी।मुझे मम्मी को झाड़ने की हर ट्रिक मालूम थी ,
और झड़ते समय उनकी हालत ऐसी बेहाल , ... थेथर उन्हें कुछ भी हो जाय , वो हिल नहीं सकती थीं , ऐसी झड़ते समय उनकी हालत हो जाती थी।
इसी मौके की तो उन्हें तलाश थी।
69 की पोजीशन में मम्मी मेरे ऊपर थी यानी आलमोस्ट डॉगी पोज में ,
उनके दामाद सुपाड़ा उनके पिछवाड़े धंस चुका था , बस
बस उन्होंने अपने दोनों हाथों से मम्मी के बड़े बड़े गोल गोल मांसल नितम्बो
थोड़ा सा उठाया , कस के दबोचा और एक और करारा धक्का मारा।
फिर लगातार पांचछह धक्के , हर धक्का पहले वाले से ज्यादा तेज ,...
मम्मी अब चीख रही थी , चिल्ला रही थीं , उन्हें गालियां दे रही रही थीं पर ,
पर
गाण्ड का छल्ला पार हो गया था और
अब मम्मी की गाण्ड ने खुद उनके लण्ड को दबोच रखा था। वो लाख कोशिश करें लण्ड निकल नहीं सकता था।
हम दोनों, पति पत्नी एक दूसरे को देखकर
और आूँखों ही आूँखों में हाई फाइव किया।
अपनी सास की मस्त गांड में लौंड़ा धसाने के साथ साथ ,
उनके चेहरे पर जो चमक थी , आँखों में जो ख़ुशी नाच रही थी , उस ख़ुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकतीथी।
थोड़ी देर वो हम दोनों के बीच दबी फंसी रही, किर मैं निकल आयी आयी
और जिस कुसी पे थोड़ी देर पहले वो बैठे थे वहां बैठ के मजे से देखने लगी।
सास दामाद की मस्ती ,
सास अब एकदम कुतिया वाले पोज में ,
... इनकी फेवरिट और
गांड मारने , मरवाने के लिए बेस्ट
क्या धुंआधार पेलाई थी।