14-04-2021, 07:27 PM
इससे पहले मैं कुछ बोलती..वो आदमी हाथ जोड़के हुए बोलता है “ देखो शोर मत मचाना मैं तुम्हे कुछ नही करूगा”
उसे अपने बराबर से बैठा देख कर मैं गुस्से मे उस पर बुरी तरह से चीखते हुए बोली “तेरी हिम्मत कैसे हुई ख़ूसट बुड्ढे मेरी बगल मे बैठने की. भूल गया तू अभी तेरा क्या हाल हुआ था. इतने जूते खाने के बाद भी तुझे शरम नही आई जो फिर से पिटने के लिए चला आया मेरे पीछे पीछे.”
“मेरी कोई ग़लती नही है.. तुम हो ही इतनी सुंदर कि तुम्हे देख कर कोई भी अपना आपा खो दे” बुड्ढे ने अपनी ग़लती मानते हुए कहा. पर मुझे उसकी कोई भी बात पर विश्वास नही था इस लिए मैं उसको बार बार वहाँ से जाने को बोल रही थी. मुझे इस समय जल्दी से जल्दी स्टेशन जाना था जहाँ पर वान्या और उसका पति मेरा वेट कर रहे होगे. और ये बुड्ढ़ा तो मेरे पीछे हाथ धो कर पीछे पड़ने के मूड मे लग रहा था.
“मेरी बात समझने की कोसिस तो करो” बूढ़े ने फिर से गिडगिडाते हुए कहा.
“मुझे तुम्हारी कोई बात नही सुननी है इस से पहले कि मैं शोर मचा कर तुम्हे दोबारा पिटवाऊं… अपनी भलाई चाहते हो तो यहाँ से उठ कर अभी के अभी चले जाओ” मैने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा.
“मैं सच कहता हू कि मैं कुछ नही करूगा मैं तो बस तुमसे अपने किए की माफी माँगने आया हू. मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हू. मुझे पता है कि मुझे तुम्हारे साथ ऐसी हरकत नही करनी चाहिए थी पर मैं क्या करू.” बूढ़ा कहते हुए अचानक से रोने लग गया. उसकी आँखो मे आँसू देख कर मैं हैरान हो गयी समझ मे नही आ रहा था कि क्या कहूँ क्या ना कहूँ. पर वो मेरे सामने बुरी तरह से रोने लग गया जिस से मेरा दिल उसके लिए थोड़ा सा फिघल गया.
“मैं सच मे तुमसे माफी माँगना चाहता हू. उस वक़्त तुम्हे देख कर ना जाने मुझे क्या हो गया था मैं खुद पर काबू नही कर पाया और तुम्हारे साथ वो सब हरकत कर बैठा जो मुझे नही करनी चाहिए थी.” उसकी बात सुन कर और उसकी आँखो मे आँसू देख कर मुझे लगा कि वो सच मे अपनी की गयी ग़लती के लिए शर्मिंदा है और मुझसे माफी माफी माँग रहा है.
“ठीक है. कोई बात नही है पर आगे से ध्यान रखना मेरे साथ ही नही किसी भी औरत के साथ ऐसी हरकत करने की कोसिस मत करना” मैने उसकी आँखो मे बहते हुए आँसू देख कर उसपर भरोसा करते हुए कहा.
“मेरी बीवी कोई मरे 5 साल से ज़्यादा हो गया है और मेरे पास इतने पैसे भी नही होते है कि कही जा कर अपनी प्यास को भुजा लूँ. जब भी किसी खूबसूरत औरत को देखता हू तो मुझे पता नही क्या हो जाता है मैं खुद पर काबू नही रख पाता हू. मेरा लंड बेकाबू हो जाता है उस वक़्त भी ऐसा ही हुआ था” कहते कहते उसने अपने हाथ को अपने लंड पर रख लिया.
“ये क्या कर रहे हो तुम फिर से वही हरकत कर रहे हो..” मैने उसकी इस हरकत पर उस पर गुस्सा होते हुए कहा.
“नही.. नही.. मैं कोई हरकत नही कर रहा हू वो तुम्हारे पास मे बैठा हू तो यही बात सोच कर मेरे लंड ने झटके मारना शुरू कर दिया है और लूँगी पहने होने की वजह से कही बाहर ना आ जाए इस लिए हाथ लगा कर पकड़ लिया है. वरना तुम कही फिर से नाराज़ हो कर मुझे पिटवा ना दो” उसने शर्मिंदगी से भरे हुए लहजे मे कहा. मुझे ना जाने क्यू उसकी बातो मे सच्चाई लग रही थी कि वो सच कह रहा है. पर मेरे मन मे जो सवाल उठ रहा था कि इस बूढ़े का खड़ा भी होता होगा शकल से देखने से तो लग रहा है कि साले का लंड है भी कि नही.
“तुम्हे इस उमर मे ये सब करने की सुझती कैसे है इस उमर मे तुम्हे सन्यास ले कर कही मंदिर वगेरह पर चले जाना चाहिए और तुम सेक्स के बारे मे सोच रहे हो” मैने एक नज़र उसकी हालत पर डालते हुए कहा
“तुम्हारा कहना सही है पर.. 5 साल से रोके हुए हू. अब बर्दाश्त नही होता है. वैसे मैं ऐसा कभी नही करता हू पर तुम्हारी खूबसूरती देख कर मैं खुद पर काबू नही कर पाया. तुम्हारे जैसे खूबसूरत लड़की मैने आज तक नही देखी” बूढ़े के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुझे मन ही मन बहुत ख़ुसी हो रही थी. मैने सोचा चलो बूढ़े के साथ थोड़े मज़े लिए जाए. वैसे भी समय तो काटना ही है. देखते है ये क्या कहता है और क्या करता है.
तभी बूढ़ा बोला “तुम्हे बुरा ना लगे तो मैं अपना हिला लूँ बहुत बुरी तरह से दर्द हो रहा है” उसकी बात सुन कर मैं एक दम दंग रह गयी.
मैने उसे कहा कि “तुम फिर से उसी घटिया हरकतों पर आ गये” उसकी इस हरकत से मुझे बहुत ज़ोर का गुस्सा आ गया. और मैने उसे उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया. “तेरी इतनी हिम्मत बूढ़े की अभी लात घुसे खा कर भी तुझे चैन नही है. अभी तुझे समझाया था कि आगे से सब औरतो की इज़्ज़त करना पर तू गंदी नाली का वो कीड़ा है जिसे गटर ही पसंद है, मैं ग़लती की जो तुझे यहाँ अपने पास बैठने दिया. अब यहाँ से हट जा वरना बस मे शोर मचा कर तुझे दोबारा से इतना पिटवाउंगी की यही तेरा दम निकल जाएगा.” म
उसे अपने बराबर से बैठा देख कर मैं गुस्से मे उस पर बुरी तरह से चीखते हुए बोली “तेरी हिम्मत कैसे हुई ख़ूसट बुड्ढे मेरी बगल मे बैठने की. भूल गया तू अभी तेरा क्या हाल हुआ था. इतने जूते खाने के बाद भी तुझे शरम नही आई जो फिर से पिटने के लिए चला आया मेरे पीछे पीछे.”
“मेरी कोई ग़लती नही है.. तुम हो ही इतनी सुंदर कि तुम्हे देख कर कोई भी अपना आपा खो दे” बुड्ढे ने अपनी ग़लती मानते हुए कहा. पर मुझे उसकी कोई भी बात पर विश्वास नही था इस लिए मैं उसको बार बार वहाँ से जाने को बोल रही थी. मुझे इस समय जल्दी से जल्दी स्टेशन जाना था जहाँ पर वान्या और उसका पति मेरा वेट कर रहे होगे. और ये बुड्ढ़ा तो मेरे पीछे हाथ धो कर पीछे पड़ने के मूड मे लग रहा था.
“मेरी बात समझने की कोसिस तो करो” बूढ़े ने फिर से गिडगिडाते हुए कहा.
“मुझे तुम्हारी कोई बात नही सुननी है इस से पहले कि मैं शोर मचा कर तुम्हे दोबारा पिटवाऊं… अपनी भलाई चाहते हो तो यहाँ से उठ कर अभी के अभी चले जाओ” मैने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा.
“मैं सच कहता हू कि मैं कुछ नही करूगा मैं तो बस तुमसे अपने किए की माफी माँगने आया हू. मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हू. मुझे पता है कि मुझे तुम्हारे साथ ऐसी हरकत नही करनी चाहिए थी पर मैं क्या करू.” बूढ़ा कहते हुए अचानक से रोने लग गया. उसकी आँखो मे आँसू देख कर मैं हैरान हो गयी समझ मे नही आ रहा था कि क्या कहूँ क्या ना कहूँ. पर वो मेरे सामने बुरी तरह से रोने लग गया जिस से मेरा दिल उसके लिए थोड़ा सा फिघल गया.
“मैं सच मे तुमसे माफी माँगना चाहता हू. उस वक़्त तुम्हे देख कर ना जाने मुझे क्या हो गया था मैं खुद पर काबू नही कर पाया और तुम्हारे साथ वो सब हरकत कर बैठा जो मुझे नही करनी चाहिए थी.” उसकी बात सुन कर और उसकी आँखो मे आँसू देख कर मुझे लगा कि वो सच मे अपनी की गयी ग़लती के लिए शर्मिंदा है और मुझसे माफी माफी माँग रहा है.
“ठीक है. कोई बात नही है पर आगे से ध्यान रखना मेरे साथ ही नही किसी भी औरत के साथ ऐसी हरकत करने की कोसिस मत करना” मैने उसकी आँखो मे बहते हुए आँसू देख कर उसपर भरोसा करते हुए कहा.
“मेरी बीवी कोई मरे 5 साल से ज़्यादा हो गया है और मेरे पास इतने पैसे भी नही होते है कि कही जा कर अपनी प्यास को भुजा लूँ. जब भी किसी खूबसूरत औरत को देखता हू तो मुझे पता नही क्या हो जाता है मैं खुद पर काबू नही रख पाता हू. मेरा लंड बेकाबू हो जाता है उस वक़्त भी ऐसा ही हुआ था” कहते कहते उसने अपने हाथ को अपने लंड पर रख लिया.
“ये क्या कर रहे हो तुम फिर से वही हरकत कर रहे हो..” मैने उसकी इस हरकत पर उस पर गुस्सा होते हुए कहा.
“नही.. नही.. मैं कोई हरकत नही कर रहा हू वो तुम्हारे पास मे बैठा हू तो यही बात सोच कर मेरे लंड ने झटके मारना शुरू कर दिया है और लूँगी पहने होने की वजह से कही बाहर ना आ जाए इस लिए हाथ लगा कर पकड़ लिया है. वरना तुम कही फिर से नाराज़ हो कर मुझे पिटवा ना दो” उसने शर्मिंदगी से भरे हुए लहजे मे कहा. मुझे ना जाने क्यू उसकी बातो मे सच्चाई लग रही थी कि वो सच कह रहा है. पर मेरे मन मे जो सवाल उठ रहा था कि इस बूढ़े का खड़ा भी होता होगा शकल से देखने से तो लग रहा है कि साले का लंड है भी कि नही.
“तुम्हे इस उमर मे ये सब करने की सुझती कैसे है इस उमर मे तुम्हे सन्यास ले कर कही मंदिर वगेरह पर चले जाना चाहिए और तुम सेक्स के बारे मे सोच रहे हो” मैने एक नज़र उसकी हालत पर डालते हुए कहा
“तुम्हारा कहना सही है पर.. 5 साल से रोके हुए हू. अब बर्दाश्त नही होता है. वैसे मैं ऐसा कभी नही करता हू पर तुम्हारी खूबसूरती देख कर मैं खुद पर काबू नही कर पाया. तुम्हारे जैसे खूबसूरत लड़की मैने आज तक नही देखी” बूढ़े के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुझे मन ही मन बहुत ख़ुसी हो रही थी. मैने सोचा चलो बूढ़े के साथ थोड़े मज़े लिए जाए. वैसे भी समय तो काटना ही है. देखते है ये क्या कहता है और क्या करता है.
तभी बूढ़ा बोला “तुम्हे बुरा ना लगे तो मैं अपना हिला लूँ बहुत बुरी तरह से दर्द हो रहा है” उसकी बात सुन कर मैं एक दम दंग रह गयी.
मैने उसे कहा कि “तुम फिर से उसी घटिया हरकतों पर आ गये” उसकी इस हरकत से मुझे बहुत ज़ोर का गुस्सा आ गया. और मैने उसे उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया. “तेरी इतनी हिम्मत बूढ़े की अभी लात घुसे खा कर भी तुझे चैन नही है. अभी तुझे समझाया था कि आगे से सब औरतो की इज़्ज़त करना पर तू गंदी नाली का वो कीड़ा है जिसे गटर ही पसंद है, मैं ग़लती की जो तुझे यहाँ अपने पास बैठने दिया. अब यहाँ से हट जा वरना बस मे शोर मचा कर तुझे दोबारा से इतना पिटवाउंगी की यही तेरा दम निकल जाएगा.” म