13-04-2021, 08:19 PM
मैंने मेरी बीबी की अपनी खुली तारीफ़ से शर्माते हुई हँसी देखि और मैं समझ गया की यह तो गयी। कहते हैं ना, की हँसी तो फँसी।
अब आगे ....
वहाँ से थोड़ा हट कर बाद में दीपा मुझसे बोली, "आपका मित्र वास्तव में बड़ा सभ्य और शालीन लगता है। क्या वह शादी शुदा है?" दीपा की बात से मुझे अचरज हुआ की इतनी जल्दी दीपा ने कैसे तय कर लिया की तरुण सभ्य और शालीन था?
तरुण हमें छोड़ कर कुछ और लोगों से मिलने चला गया। पर मैंने यह नोटिस किया की मेरी बीबी, तरुण से कुछ हद तक इम्प्रेस जरूर हुई थी। क्यूंकि हालांकि तरुण कुछ दुरी पर दूसरे छोर पर गया था, पर दीपा उसको कभी कभी अपनी तिरछी नज़रों से देखती अथवा ढूंढती रहती थी। तरुण भी तो बारी बारी मेरी बीबी को ताकता रहता था। जब उनकी नजरें मिल जातीं तो दीपा शर्मा कर थोड़ा सा मुस्करा कर अपनीं नज़रें घुमा लेती थी जैसे वह कहीं और देख रही हो।
मैंने मेरी बीबी से धीरे से कहा, "देखो डार्लिंग, तरुण ना सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि वह एक बड़ा फ़्लर्ट भी है। मैंने सूना है की वह जिस औरत को पाने की ठान लेता है तो वह उसे अपने साथ बिस्तर में सुलाकर उसे चोद कर ही छोड़ता है। और इसमें खूबसूरती तो यह है की वह औरत को ऐसा इम्प्रेस कर देता है की वह भी उससे चुदवाने के लिए तड़पने लगती है। तुम तो उससे दूर ही रहना।"
मेरी बात सुनकर दीपा चौंक गयी और बोली, "क्या कहते हो? पर खैर मुझे क्या? मैंने जिंदगी में बड़े बड़े फ़्लर्ट देखें हैं और उनको चित्त किया है। मुझे उससे मिल ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो तुम्हारा दोस्त है इस लिए मैं उससे बातें कर रही थी, वरना मुझे क्या? वैसे मुझे भी वह फ़्लर्ट ही लगा।"
मैं मन ही मन मुस्कराया। अभी अभी तो दीपा तरुण को शालीन कह रही थी। अचानक वह फ़्लर्ट हो गया? तब अचानक मेरे मन में एक ख्याल आया। मुझे तरुण का मेरी बीबी पर लाइन मारना बड़ा ही उत्तेजक लगा। मुझे लगा की शायद तरुण ही मेरी बीबी को अपने जाल में फाँस कर उसे वश कर सकता है। उसमें कैसे स्त्रियों से पेश आना और उन्हें ललचाना वह एक कला थी। एक अच्छी बात यह भी थी की तरुण कभी भी किसी भी महिला के बारे में असभ्यता भरी बात नहीं करता था। कभी उसने उसके पुराने अफेयर्स के बारे में मुझसे या किसी और से कोई बात नहीं की। मतलब वह सारी बातें कैसे सीक्रेट रखना वह भाली भाँती जानता था। उसका और उसके परिवार का अपना भी समाज में सम्मान था। मतलब उससे निजी सम्बन्ध रखने में जोखिम नहीं था। पता नहीं क्यों, मैं मेरी बीबी को तरुण के करीब लाना चाहने लगा। मैंने सोचा तरुण मेरी बीबी को फाँस कर चोदने की स्थिति तक लाने में कामयाब हो सकता है। यह सोच कर ही मेरा लण्ड मेरी पतलून में खड़ा हो गया।
पर तब मेरे तरुण के बारे में ऐसी नकारात्मक बात करने से दीपा के ऊपर उलटा असर होगा उसकी चिंता सताने लगी। अगर दीपा मेरी बात से भड़क गयी और तरुण से दूर रह कर उससे किनारा करने लगी तो फिर तो तरुण का दीपा को फाँसने में कामयाब होना नामुमकिन था।
तब मैंने अपनी ही बात को पलटते हुए दीपा से कहा, "अरे यार! परेशान मत हो। मैं तो तुम्हें फ़ालतू में चिढ़ा रहा था। तरुण ऐसा बिलकुल नहीं है। बेचारा तरुण शादीशुदा और सीधा है। उसकी एक बेटी भी है। हाँ यह सच है की वह तुम से शायद थोड़ा आकर्षित जरूर हुआ लगता है। पर मेरे ख़याल से इस महफ़िल मैं शायद ही कोई मर्द ऐसा हो जो तुम पर लाइन नहीं मार रहा।"
दीपा ने मेरी और टेढ़ी नज़रों से देखा और मुझे डाँटते हुए बोली, "तुम हमेशा ऊलजलूल बातें करते रहते हो। ऐसे किसी के बारे में गलत नहीं बोलना चाहिए। क्यों उस बेचारे सीधे सादे तरुण को फ़ालतू में बदनाम करते हो? ऐसी बातें करने से उसकी बदनामी हो सकती है। कहीं तुम्हें उससे जलन तो नहीं?" उसके चेहरे से लगा की वह मेरी बात से संतुष्ट और खुश लग रही थी।
अब आगे ....
वहाँ से थोड़ा हट कर बाद में दीपा मुझसे बोली, "आपका मित्र वास्तव में बड़ा सभ्य और शालीन लगता है। क्या वह शादी शुदा है?" दीपा की बात से मुझे अचरज हुआ की इतनी जल्दी दीपा ने कैसे तय कर लिया की तरुण सभ्य और शालीन था?
तरुण हमें छोड़ कर कुछ और लोगों से मिलने चला गया। पर मैंने यह नोटिस किया की मेरी बीबी, तरुण से कुछ हद तक इम्प्रेस जरूर हुई थी। क्यूंकि हालांकि तरुण कुछ दुरी पर दूसरे छोर पर गया था, पर दीपा उसको कभी कभी अपनी तिरछी नज़रों से देखती अथवा ढूंढती रहती थी। तरुण भी तो बारी बारी मेरी बीबी को ताकता रहता था। जब उनकी नजरें मिल जातीं तो दीपा शर्मा कर थोड़ा सा मुस्करा कर अपनीं नज़रें घुमा लेती थी जैसे वह कहीं और देख रही हो।
मैंने मेरी बीबी से धीरे से कहा, "देखो डार्लिंग, तरुण ना सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि वह एक बड़ा फ़्लर्ट भी है। मैंने सूना है की वह जिस औरत को पाने की ठान लेता है तो वह उसे अपने साथ बिस्तर में सुलाकर उसे चोद कर ही छोड़ता है। और इसमें खूबसूरती तो यह है की वह औरत को ऐसा इम्प्रेस कर देता है की वह भी उससे चुदवाने के लिए तड़पने लगती है। तुम तो उससे दूर ही रहना।"
मेरी बात सुनकर दीपा चौंक गयी और बोली, "क्या कहते हो? पर खैर मुझे क्या? मैंने जिंदगी में बड़े बड़े फ़्लर्ट देखें हैं और उनको चित्त किया है। मुझे उससे मिल ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो तुम्हारा दोस्त है इस लिए मैं उससे बातें कर रही थी, वरना मुझे क्या? वैसे मुझे भी वह फ़्लर्ट ही लगा।"
मैं मन ही मन मुस्कराया। अभी अभी तो दीपा तरुण को शालीन कह रही थी। अचानक वह फ़्लर्ट हो गया? तब अचानक मेरे मन में एक ख्याल आया। मुझे तरुण का मेरी बीबी पर लाइन मारना बड़ा ही उत्तेजक लगा। मुझे लगा की शायद तरुण ही मेरी बीबी को अपने जाल में फाँस कर उसे वश कर सकता है। उसमें कैसे स्त्रियों से पेश आना और उन्हें ललचाना वह एक कला थी। एक अच्छी बात यह भी थी की तरुण कभी भी किसी भी महिला के बारे में असभ्यता भरी बात नहीं करता था। कभी उसने उसके पुराने अफेयर्स के बारे में मुझसे या किसी और से कोई बात नहीं की। मतलब वह सारी बातें कैसे सीक्रेट रखना वह भाली भाँती जानता था। उसका और उसके परिवार का अपना भी समाज में सम्मान था। मतलब उससे निजी सम्बन्ध रखने में जोखिम नहीं था। पता नहीं क्यों, मैं मेरी बीबी को तरुण के करीब लाना चाहने लगा। मैंने सोचा तरुण मेरी बीबी को फाँस कर चोदने की स्थिति तक लाने में कामयाब हो सकता है। यह सोच कर ही मेरा लण्ड मेरी पतलून में खड़ा हो गया।
पर तब मेरे तरुण के बारे में ऐसी नकारात्मक बात करने से दीपा के ऊपर उलटा असर होगा उसकी चिंता सताने लगी। अगर दीपा मेरी बात से भड़क गयी और तरुण से दूर रह कर उससे किनारा करने लगी तो फिर तो तरुण का दीपा को फाँसने में कामयाब होना नामुमकिन था।
तब मैंने अपनी ही बात को पलटते हुए दीपा से कहा, "अरे यार! परेशान मत हो। मैं तो तुम्हें फ़ालतू में चिढ़ा रहा था। तरुण ऐसा बिलकुल नहीं है। बेचारा तरुण शादीशुदा और सीधा है। उसकी एक बेटी भी है। हाँ यह सच है की वह तुम से शायद थोड़ा आकर्षित जरूर हुआ लगता है। पर मेरे ख़याल से इस महफ़िल मैं शायद ही कोई मर्द ऐसा हो जो तुम पर लाइन नहीं मार रहा।"
दीपा ने मेरी और टेढ़ी नज़रों से देखा और मुझे डाँटते हुए बोली, "तुम हमेशा ऊलजलूल बातें करते रहते हो। ऐसे किसी के बारे में गलत नहीं बोलना चाहिए। क्यों उस बेचारे सीधे सादे तरुण को फ़ालतू में बदनाम करते हो? ऐसी बातें करने से उसकी बदनामी हो सकती है। कहीं तुम्हें उससे जलन तो नहीं?" उसके चेहरे से लगा की वह मेरी बात से संतुष्ट और खुश लग रही थी।