13-04-2021, 09:53 AM
एक बार हमारे क्लब में सारे मेम्बरों का सिर्फ पति पत्नी ही आमंत्रित ऐसा मिलन समारोह हुआ। उस दिन जब हम वहाँ पहुंचे तब मैंने देखा की सारे पति वर्ग मेरी पत्नी दीपा को छिप छिप कर घूर रहे थे। उन बेचारों का क्या दोष? मेरी पत्नी दीपा थी ही ऐसी। उसके स्तन एकदम भरे हुए पके बड़े आम की तरह अपने ब्लाउज में बड़ी मुश्किल से समा पाते थे। मेरी बीबी के स्तनों का नाप ३४ से कम नहीं था। मैं अपनी हथेली में एक स्तन को मुश्किल से ले पाता था। उसकी पतली कमर एवं नोकीले सुन्दर नितम्ब ऐसे थे के उसे देख कर ही अच्छे अच्छों का पानी निकल जाए। वह हमेशां पुरुषों की लालची और स्त्रियों की ईर्ष्या भरी नज़रों का शिकार रहती थी।
उस दिन क्लब के मिलन समारोह में अपने घने लम्बे बाल दीपा ने खुले छोड़ रखे थे। इससे तो वह और भी सेक्सी लग रही थी।
उसने साड़ी तो पहन रक्खीथी पर अंचल की परत और ब्लाउज की बॉर्डर स्तनों से सटकर रुक जाती थी। स्तनों के किनारे से लेकर अपनी नाभि से काफी नीचे तक (जहाँ से उसकी चूत का उभार शुरू होता था) उसकी उतनी लंबी और कामुक नंगी कमर देखने वालों की नजरें नीति भ्रष्ट कर रही थी। जिसमे उसकी नाभि और नितम्ब के अंग भंगिमा को सब ताक रहे थे। वहाँ सारे मर्दों की पैनी नजरें देख कर तो ऐसा लग रहा था जैसे वहां सिर्फ मेरी पत्नी ही थी और कोई औरत थी ही नहीं। हालाँकि वहां करीब पचीस से तीस औरतें थीं। मुझे पुरुषों के दीपा को लालची निगाहों से देखना, पता नहीं क्यों, अच्छा लगता था। एक कारण तो यह था की मुझे बड़े गर्व का अनुभव होता था की मेरी पत्नी उन सब की पत्नियों से ज्यादा सुन्दर और सेक्सी है।
उस समय दीपा कुछ महिलाओं से बात करने मुझसे थोड़ी दूर चली गयी। तब घोषणा हुई की अब डांस होगा। सब को अपने साथीदार के साथ डांस फ्लोर पर आने के लिए कहा गया। दीपा और मुझे ना डांस आता था और नाही कोई डांस करने में इंटरेस्ट था। तब मेरे बॉस मेरे पास आये। उन्होंने मेरे पास आकर पूछा, "हेलो दीपक, कैसे हो? क्या मैं तुम्हारी खूबसूरत बीबी के साथ डांस कर सकता हूँ?"
मैंने बॉस से कहा, "सर उसे या मुझे डांस करना नहीं आता। बाकी आप देखलो। दीपा वहाँ खड़ी है।"
मैंने महसूस किया की मेरे बॉस की लालच भरी नजर मेरी बीबी पर कभी से टिकी हुई थी। मैं तो जानता ही था की मेरा बॉस तो पहले से ही मेरी बीबी पर फ़िदा था। बॉस मुझसे दूर दीपा जहां खड़ी थी वहाँ गए और दीपा से कुछ देर बात करने के बाद उन्होंने अपने साथ डांस करने के लिए दीपा का हाथ पकड़ा और उसे डांस करने के लिए आग्रह करने लगे। दीपा थोड़ी सी नानुक्कड करने लगी पर बॉस के ज्यादा आग्रह करने पर दीपा उन्हें मना नहीं कर पायी। वह बॉस की ऋणी थी की उन्होंने कांटे के समय पैसा दे कर दीपा के पिता का जीवन बचाया था। दीपा ने मेरी और देखा। मैंने कंधे हिला कर दीपा को बॉस के साथ डांस करने के लिए मेरी स्वीकृति देदी।
दीपा उनके साथ फ्लोर पर चली गयी। बॉस ने मेरी बीबी दीपा की कमर पर हाथ रखा और डांस के लिए कुछ स्टेप्स कैसे लेते हैं वह समझाने लगे। जैसे ही वह और मेरी खूबसूरत बीबी दीपा ने डांस करने की शुरुआत की तब पता नहीं कहाँ से अपने पति के साथ दीपा को डाँस करने की शुरुआत करते देख बॉस की बीबी फ़ौरन वहाँ पहुँच गयी। बॉस की बीबी के चेहरे के भाव देख कर दीपा वहाँ से बिना बोले, अपनी कमर पर रखे बॉस के हाथ हटाकर वहाँ से खिसकी और वापस मेरे पास आ गयी। बॉस को दीपा पर लाइन मारते देख मेरे अंदर एक अजीब तरह का रोमांच हो रहा था। मुझे कुछ निराशा हुई की दीपा को मेरे बॉस के साथ डांस करने का मौक़ा नहीं मिला।
उस पार्टी में मेरा एक दोस्त तरुण था। वह हमारे कॉम्पिटिटर की कंपनी में काम करता था। पर हमारे बिच अच्छी खासी दोस्ती थी। कई बार हम टूर पर ट्रैन में या दूसरे कोई शहर में मिल जाते थे तब कई इधरउधर की बातें भी करते थे। हमारी कंपनी में काम करती लडकियां और औरतों पर भी टिका टिपण्णी करते रहते थे। हम एक दूसरे की बिबयों के बारेमें भी ऐसी ही ऊलजलूल तंज कसते रहते थे। हालांकि सारी बातें सभ्य तरीके से ही होती थीं।
तरुण मेरी ही उम्र का था और अच्छा लंबा तंदुरस्त और सुगठित मांस पेशियोँ वाला था। उस समय उसकी कोई ३०-३२ साल की उम्र रही होगी। वह गोरा चिट्टा और गोल सा चेहरे वाला था। उसके बाल जैसे काले घने बादल समान थे। उसने मैरून रंग की शर्ट पहनी थी और गले में स्कार्फ़ सा बाँध रख था। उसकी धीमी और नरम आवाज और सबके साथ सहजसे घुलमिल जानेवाले स्वभाव के कारण सब उसे पसंद करते थे। यहां तक के सारी स्त्रियां भी उससे बात करने के लिए उतावली रहतीं थी। वह आसानी से महिलाओ से अच्छी खासी दोस्ती बना लेता थाा
उस दिन क्लब के मिलन समारोह में अपने घने लम्बे बाल दीपा ने खुले छोड़ रखे थे। इससे तो वह और भी सेक्सी लग रही थी।
उसने साड़ी तो पहन रक्खीथी पर अंचल की परत और ब्लाउज की बॉर्डर स्तनों से सटकर रुक जाती थी। स्तनों के किनारे से लेकर अपनी नाभि से काफी नीचे तक (जहाँ से उसकी चूत का उभार शुरू होता था) उसकी उतनी लंबी और कामुक नंगी कमर देखने वालों की नजरें नीति भ्रष्ट कर रही थी। जिसमे उसकी नाभि और नितम्ब के अंग भंगिमा को सब ताक रहे थे। वहाँ सारे मर्दों की पैनी नजरें देख कर तो ऐसा लग रहा था जैसे वहां सिर्फ मेरी पत्नी ही थी और कोई औरत थी ही नहीं। हालाँकि वहां करीब पचीस से तीस औरतें थीं। मुझे पुरुषों के दीपा को लालची निगाहों से देखना, पता नहीं क्यों, अच्छा लगता था। एक कारण तो यह था की मुझे बड़े गर्व का अनुभव होता था की मेरी पत्नी उन सब की पत्नियों से ज्यादा सुन्दर और सेक्सी है।
उस समय दीपा कुछ महिलाओं से बात करने मुझसे थोड़ी दूर चली गयी। तब घोषणा हुई की अब डांस होगा। सब को अपने साथीदार के साथ डांस फ्लोर पर आने के लिए कहा गया। दीपा और मुझे ना डांस आता था और नाही कोई डांस करने में इंटरेस्ट था। तब मेरे बॉस मेरे पास आये। उन्होंने मेरे पास आकर पूछा, "हेलो दीपक, कैसे हो? क्या मैं तुम्हारी खूबसूरत बीबी के साथ डांस कर सकता हूँ?"
मैंने बॉस से कहा, "सर उसे या मुझे डांस करना नहीं आता। बाकी आप देखलो। दीपा वहाँ खड़ी है।"
मैंने महसूस किया की मेरे बॉस की लालच भरी नजर मेरी बीबी पर कभी से टिकी हुई थी। मैं तो जानता ही था की मेरा बॉस तो पहले से ही मेरी बीबी पर फ़िदा था। बॉस मुझसे दूर दीपा जहां खड़ी थी वहाँ गए और दीपा से कुछ देर बात करने के बाद उन्होंने अपने साथ डांस करने के लिए दीपा का हाथ पकड़ा और उसे डांस करने के लिए आग्रह करने लगे। दीपा थोड़ी सी नानुक्कड करने लगी पर बॉस के ज्यादा आग्रह करने पर दीपा उन्हें मना नहीं कर पायी। वह बॉस की ऋणी थी की उन्होंने कांटे के समय पैसा दे कर दीपा के पिता का जीवन बचाया था। दीपा ने मेरी और देखा। मैंने कंधे हिला कर दीपा को बॉस के साथ डांस करने के लिए मेरी स्वीकृति देदी।
दीपा उनके साथ फ्लोर पर चली गयी। बॉस ने मेरी बीबी दीपा की कमर पर हाथ रखा और डांस के लिए कुछ स्टेप्स कैसे लेते हैं वह समझाने लगे। जैसे ही वह और मेरी खूबसूरत बीबी दीपा ने डांस करने की शुरुआत की तब पता नहीं कहाँ से अपने पति के साथ दीपा को डाँस करने की शुरुआत करते देख बॉस की बीबी फ़ौरन वहाँ पहुँच गयी। बॉस की बीबी के चेहरे के भाव देख कर दीपा वहाँ से बिना बोले, अपनी कमर पर रखे बॉस के हाथ हटाकर वहाँ से खिसकी और वापस मेरे पास आ गयी। बॉस को दीपा पर लाइन मारते देख मेरे अंदर एक अजीब तरह का रोमांच हो रहा था। मुझे कुछ निराशा हुई की दीपा को मेरे बॉस के साथ डांस करने का मौक़ा नहीं मिला।
उस पार्टी में मेरा एक दोस्त तरुण था। वह हमारे कॉम्पिटिटर की कंपनी में काम करता था। पर हमारे बिच अच्छी खासी दोस्ती थी। कई बार हम टूर पर ट्रैन में या दूसरे कोई शहर में मिल जाते थे तब कई इधरउधर की बातें भी करते थे। हमारी कंपनी में काम करती लडकियां और औरतों पर भी टिका टिपण्णी करते रहते थे। हम एक दूसरे की बिबयों के बारेमें भी ऐसी ही ऊलजलूल तंज कसते रहते थे। हालांकि सारी बातें सभ्य तरीके से ही होती थीं।
तरुण मेरी ही उम्र का था और अच्छा लंबा तंदुरस्त और सुगठित मांस पेशियोँ वाला था। उस समय उसकी कोई ३०-३२ साल की उम्र रही होगी। वह गोरा चिट्टा और गोल सा चेहरे वाला था। उसके बाल जैसे काले घने बादल समान थे। उसने मैरून रंग की शर्ट पहनी थी और गले में स्कार्फ़ सा बाँध रख था। उसकी धीमी और नरम आवाज और सबके साथ सहजसे घुलमिल जानेवाले स्वभाव के कारण सब उसे पसंद करते थे। यहां तक के सारी स्त्रियां भी उससे बात करने के लिए उतावली रहतीं थी। वह आसानी से महिलाओ से अच्छी खासी दोस्ती बना लेता थाा