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Adultery मेहमान बेईमान
थोड़ी ही देर मे सबकी निगाह से बचते बचाते मैं घर की तरफ आ रही थी तभी मुझे सामने से मम्मी जी और कई सारी औरते मेरी तरफ ही पूजा का समान वगेरा ले कर गाती हुई आती हुई दिखाई दी. मैं भी उन सब औरतो की भीड़ मे शामिल हो गयी. मैने औरतो की भीड़ मे शामिल होने के बाद जब अमित की तरफ देखा तो वो अब भी मेरी तरफ गुस्से भरी निगाह से देख रहा था. उसका मुझे यूँ गुस्से भरी निगाह से देखना बोहोत गिल्टी फील करवा रहा था. थोड़ी ही देर मे कुआ पूजन करके मैं वापस घर पर आ गयी.
मैं घर पर आई ही थी कि अनिता मेरे पास फ़ोन ले कर आ गई. कॉल मनीष का था.
“हेलो.. निशा… तुम अभी तक गयी नही..” मनीष ने हैरान होने वाले लहजे मे फ़ोन पर कहा.
“कहाँ ?” मुझे समझ नही आ रहा था कि मनीष कहा जाने के लिए बोल रहे थे.
“अरे तुम से बोला था ना कि मिश्रा जी आ रहे है. उनको रास्ता नही मालूम है उनको जा कर पिक-अप कर लेना,” मनीष ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा.
“जी मैं वो…” मैं इस से पहले कुछ बोलती मनीष मेरी बात काट कर बीच मे ही बोल पड़े..
“क्या यार.. तुम से एक काम कहा और तुम वो भी ढंग से नही कर सकी.”
मुझे तो सच मे ही याद नही रहा था कि वान्या और उसके पति को मनीष ने लाने के लिए बोला था. मैने मनीष को नाराज़ होता देख कर तुरंत बात को संभालने के लिए उन्हे लाने के लिए बोल दिया.
“वैसे आप कितनी देर मे आ रहे है ?” मैने मनीष की इस्थिति जानने के लिए क्यूकी वो सामान लेने जाने वाले थे और मैने अमित को साथ ले जाने को कहा था.
“अरे मैं शर्मा अंकल के साथ हू मुझे थोड़ा टाइम लगेगा जब तक तुम जा कर मिश्रा जी को रिसिव कर लो वो भी आने वाले होगे.. अपनी कार ले जाना और हां अकेले मत जाना शाम होने वाली है. पीनू को अपने साथ ले जाना.” कह कर मनीष ने फ़ोन काट दिया.
“क्या भाभी..!!! भैया के बिना आप का दिल नही लगता है” अनिता ने चुटकी लेते हुए कहा.
मैने शर्म से मुस्कुरा दी और उसे फ़ोन वापस करते हुए कहा कि.. “अमित को बोल दो कि मेरे साथ पास वाले स्टेशन तक चलना है हमारे घर के पास मे ही मिश्रा जी रहते है वो शादी मे आ रहे है उन्होने घर नही देखा है तो उनको लेने जाना है.”
“जी भाभी” बोल कर अनिता चली गयी. और मैं बाहर खड़ी कार की तरफ… पता नही क्यू जब मनीष ने मुझे अमित के साथ जाने को बोला तो मैने मना करने की बजाए दिल मे एक राहत की साँस ली. क्यूकी मैं भी अमित से बात करना चाहती थी. अकेले मे. मैं उसको बताना चाहती थी कि मैं उन दोनो लड़को के जाल मे कैसे फँस गयी. मैं अपनी कार मे बैठी थी कि अमित को अनिता अपने साथ ले कर आ गयी. अमित को आता देख कर मेरे चेहरे पर फिर से शर्म और गिल्टी के भाव उभर आए.. अमित आ कर कार का दरवाजा खोल कर कार मे बैठने ही वाला था पास मे से ही एक बुड्ढ़ा करीब 70 की उमर के आस पास का शादी मे शामिल होने आया था उसके साथ उसकी पत्नी भी थी जो कि अच्छा ख़ासा घूँघट वगेरह किए हुए थी.. उसको देख कर अमित ने तुरंत बोल दिया..
“क्या ताऊ नये माल को ढँक कर रखा हुआ है”
उस बुढहे ने अमित की बात जैसे ही सुनी उसने जो गाली देना शुरू किया तो बस… मुझसे तो अपनी हँसी काबू करना मुश्किल ही होता जा रहा था. अनिता और अमित भी उसको बोलता हुआ देख कर खूब मज़े से हंस रहे थे. मैने जल्दी से कार स्टार्ट की इस से पहले कि वो हमे हंसता हुआ देख कर कुछ और ज़्यादा उल्टा सीधा ना बोल दे और सड़क पर चल दी.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 12-04-2021, 10:32 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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