11-04-2021, 01:06 AM
फिर तो एक बार मेरे होने वाले जीजू शुरू हुए तो उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का काम तमाम करने के बाद ही झटके मारना बंद किया... दोनों ही एक साथ झड़ने के बाद लंबी लंबी सांसे लेने लगे... पानी निकल गया मेरे भी औजार से.... मन ही मन मुझे बहुत ग्लानि का अनुभव रहा था क्योंकि मैं अपनी ही सगी बहन की ठुकाई गैर मर्द से होते हुए देखकर अपने औजार का पानी निकाल चुका था... मेरे मन में सुकून सिर्फ इस बात का था कि मेरी बहन अपने होने वाले पति के साथ ही संभोग कर रही है..
खड़े-खड़े मेरी टांगे कहां पर ही थी... पर मैं आगे होने वाले खेल को देखना चाहता था.... मैं बुरी तरह थक चुका था पर फिर भी मैं वही खिड़की के पास खड़ा होकर अपना मुरझाया हुआ छोटा सा लोड़ा हाथ में लिए हुए झोपड़ी के अंदर होने वाले आगे के क्रियाकलाप को देखने के लिए उत्सुक था...
मेरी प्रियंका दीदी बिल्कुल नंगी हालत में अजय के बदन से लिपटी हुई थी.. उनकी योनि से माल टपक रहा था.. लंबी लंबी सांसे लेती हुई मेरी दीदी मेरे होने वाले मेरे होने वाले जीजू के गालों को चूम रही थी..
जैसा कि मुझे उम्मीद थी... अजय ने बिल्कुल वैसे ही किया. उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का बाल पकड़कर नीचे की तरफ झुकाया और मेरी दीदी के मुंह में अपना मुरझाया हुआ औजार घुसा दिया... मेरी प्रियंका दीदी बड़े प्यार से चूसने लगी... काला मोटा लण्ड कुछ ही देर में मेरी प्रियंका दीदी के मुंह में बड़ा होने लगा... मेरे होने वाले जीजू का औजार फिर से दूसरे राउंड के लिए तैयार होने लगा था.. मेरी बहन के मुंह में..
मेरी प्रियंका दीदी अजय के बड़े अंडकोष को चूसने लगी.. और उनके बड़े हथियार को हिलाने लगी अपने हाथ से... मेरे होने वाले जीजू बिल्कुल पागल हो गया मेरी प्रियंका दीदी की इस अदा पर..
इस बार अजय ने मेरी प्रियंका दीदी का घोड़ी बना दिया जमीन पर और उन्होंने अपना मोटा लण्ड मेरी बहन की गांड के छेद पर टिका दिया.. एक हाथ से उन्होंने मेरी दीदी के बाल पकड़े और दूसरे हाथ से उन्होंने मेरी दीदी की एक चूची.... फिर उस जालिम ने एक जोरदार झटका मेरी दीदी की गांड के भीतर दिया... और अपना आधा मेरी बहन की गांड में उतार दिया.... मेरी प्रियंका दीदी के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई.. पर बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट के बीच में उनकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था वहां पर है सिवाय मेरे..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी की गांड मारने शुरू कर दी थी... मेरा मुरझाया हुआ छोटा सा खड़ा होने का नाम नहीं ले रहा था.. मैं कोशिश तो कर रहा था पर सफल नहीं हो पा रहा था..
अजय जीजू अब पूरी स्पीड में मेरी प्रियंका दीदी की गांड मार रहे थे.. और गंदी गंदी गालियां भी दे रहे थे मेरी बहन को...
साली ,तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँ , क्या मस्त माल पैदा किया है.. क्या मस्त टाइट गांड के छेद है तेरी... साली तेरी रुपाली दीदी की भी मारूंगा गांड और तुम दोनों बहनों को एक ही बिस्तर पर लूंगा...
मेरी प्रियंका दीदी : आ आ आहह आ आ अहह मा आआ मा आ आ आ आ मा आआ अ मा आअ माआअ नाह हिई ई ओउू ऊहह ओई ई ईई ई ई.. ! प्लीज़, अब छोड़ दे.. ! तू इंसान है या जनवार.. ! इतना तो कोई रंडी को भी नहीं चोदता.. ! आ आ आ आ अहह अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ.. !
तू रंडी नहीं है साली मेरी होने वाली बीवी है... तुझे तो हर रात ऐसी बजाऊंगा... बहन की लोड़ी...
मेरे होने वाले जीजू अजय का एकदम मोटा सॉलिड खूंटा मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छेद में चीरता हुआ अंदर बाहर हो रहा था..
मेरे होने वाले जीजू का एकदम लोहे के राड ऐसा कड़ा सख्त ,लेकिन खूब मांसल भी... अपनी पूरी रफ्तार में था... मेरी प्रियंका दीदी की आंखों में आंसू थे... अपने होने वाले पति के प्यार का एहसास पाकर मेरी दीदी खुशी के आंसू अपनी आंखों से और अपनी मुनिया से टपका रही थी.
हां दोस्तों मेरी बहन एक हाथ से अपनी योनि को मसल रही थी... झोपड़ी के अंदर तूफान आया हुआ था.. और बाहर भी..
मेरी प्रियंका दीदी की चूतड़ अपने आप ऊपर हो रहे थे , जोर जोर से सिसकिया ले रही थीं , अजय दोनों हाथों से मेरी दीदी के दोनों चूचियों को पकड़ चोदने लगे मेरी बहन की गांड...
मेरी प्रियंका दीदी कुछ देर : आ आहह आ आ अहह आ अहह.. ! करती रहीं। फिर, एकदम शांत हो गयीं.. जमीन के ऊपर पसर गई... फिर से रोने लगी और छोड़ने की गुहार करने लगी..
मेरे होने वाले जीजू अजय: रो मत, मेरी रानी.. ! एक बार शांत कर दे मुझे, फिर छोड़ दूँगा.. !
मेरी प्रियंका दीदी की चूडी और पायल की “छन छन” की आवाज़ गूँज रही थीं पर उनकी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।
हल्की हल्की रोने की सिसकी, कभी कभी सुनाई दे जाती थी।
एक हाथ से मैं अपने छोटे से लण्ड को हिलाने का प्रयास कर रहा था पर वह खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा .. थक हार कर मैं वापस अपने कमरे में आ गया क्योंकि बारिश भी तेज होने लगी थी और मैं भीग चुका था बुरी तरह से..
अपने कमरे में आने के बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए भीगे हुए.. और बिल्कुल नंगा होकर अपने बिस्तर पर लेट गया.. कुछ ही देर में मेरी आंख लग गई... रात भर मेरी आंखों के सामने गंदे गंदे दृश्य उभरते रहे.. कभी मेरी प्रियंका दीदी तो कभी मेरी रूपाली दीदी... कभी असलम तो कभी दिनेश और रवि... सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं नंगा लेटा हुआ था अपने बिस्तर पर और मेरी एक हाथ में मेरा लण्ड अपनी पूर्ण अवस्था में खड़ा था...
अगली सुबह मेरे घर में वातावरण बिल्कुल ही नॉर्मल लग रहा था..
पर मेरी नजर तो अपनी प्रियंका दीदी पर ही थी... कल रात जो भी हुआ था झोपड़ी के अंदर.. मेरी प्रियंका दीदी का चेहरा देखने से ही उसका अंदाजा हो रहा था.. एक मादक और कामुकता मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर थकान में लिपटी हुई... सारी रात एक मोटे लण्ड की मार ..
खड़े-खड़े मेरी टांगे कहां पर ही थी... पर मैं आगे होने वाले खेल को देखना चाहता था.... मैं बुरी तरह थक चुका था पर फिर भी मैं वही खिड़की के पास खड़ा होकर अपना मुरझाया हुआ छोटा सा लोड़ा हाथ में लिए हुए झोपड़ी के अंदर होने वाले आगे के क्रियाकलाप को देखने के लिए उत्सुक था...
मेरी प्रियंका दीदी बिल्कुल नंगी हालत में अजय के बदन से लिपटी हुई थी.. उनकी योनि से माल टपक रहा था.. लंबी लंबी सांसे लेती हुई मेरी दीदी मेरे होने वाले मेरे होने वाले जीजू के गालों को चूम रही थी..
जैसा कि मुझे उम्मीद थी... अजय ने बिल्कुल वैसे ही किया. उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का बाल पकड़कर नीचे की तरफ झुकाया और मेरी दीदी के मुंह में अपना मुरझाया हुआ औजार घुसा दिया... मेरी प्रियंका दीदी बड़े प्यार से चूसने लगी... काला मोटा लण्ड कुछ ही देर में मेरी प्रियंका दीदी के मुंह में बड़ा होने लगा... मेरे होने वाले जीजू का औजार फिर से दूसरे राउंड के लिए तैयार होने लगा था.. मेरी बहन के मुंह में..
मेरी प्रियंका दीदी अजय के बड़े अंडकोष को चूसने लगी.. और उनके बड़े हथियार को हिलाने लगी अपने हाथ से... मेरे होने वाले जीजू बिल्कुल पागल हो गया मेरी प्रियंका दीदी की इस अदा पर..
इस बार अजय ने मेरी प्रियंका दीदी का घोड़ी बना दिया जमीन पर और उन्होंने अपना मोटा लण्ड मेरी बहन की गांड के छेद पर टिका दिया.. एक हाथ से उन्होंने मेरी दीदी के बाल पकड़े और दूसरे हाथ से उन्होंने मेरी दीदी की एक चूची.... फिर उस जालिम ने एक जोरदार झटका मेरी दीदी की गांड के भीतर दिया... और अपना आधा मेरी बहन की गांड में उतार दिया.... मेरी प्रियंका दीदी के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई.. पर बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट के बीच में उनकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था वहां पर है सिवाय मेरे..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी की गांड मारने शुरू कर दी थी... मेरा मुरझाया हुआ छोटा सा खड़ा होने का नाम नहीं ले रहा था.. मैं कोशिश तो कर रहा था पर सफल नहीं हो पा रहा था..
अजय जीजू अब पूरी स्पीड में मेरी प्रियंका दीदी की गांड मार रहे थे.. और गंदी गंदी गालियां भी दे रहे थे मेरी बहन को...
साली ,तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँ , क्या मस्त माल पैदा किया है.. क्या मस्त टाइट गांड के छेद है तेरी... साली तेरी रुपाली दीदी की भी मारूंगा गांड और तुम दोनों बहनों को एक ही बिस्तर पर लूंगा...
मेरी प्रियंका दीदी : आ आ आहह आ आ अहह मा आआ मा आ आ आ आ मा आआ अ मा आअ माआअ नाह हिई ई ओउू ऊहह ओई ई ईई ई ई.. ! प्लीज़, अब छोड़ दे.. ! तू इंसान है या जनवार.. ! इतना तो कोई रंडी को भी नहीं चोदता.. ! आ आ आ आ अहह अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ.. !
तू रंडी नहीं है साली मेरी होने वाली बीवी है... तुझे तो हर रात ऐसी बजाऊंगा... बहन की लोड़ी...
मेरे होने वाले जीजू अजय का एकदम मोटा सॉलिड खूंटा मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छेद में चीरता हुआ अंदर बाहर हो रहा था..
मेरे होने वाले जीजू का एकदम लोहे के राड ऐसा कड़ा सख्त ,लेकिन खूब मांसल भी... अपनी पूरी रफ्तार में था... मेरी प्रियंका दीदी की आंखों में आंसू थे... अपने होने वाले पति के प्यार का एहसास पाकर मेरी दीदी खुशी के आंसू अपनी आंखों से और अपनी मुनिया से टपका रही थी.
हां दोस्तों मेरी बहन एक हाथ से अपनी योनि को मसल रही थी... झोपड़ी के अंदर तूफान आया हुआ था.. और बाहर भी..
मेरी प्रियंका दीदी की चूतड़ अपने आप ऊपर हो रहे थे , जोर जोर से सिसकिया ले रही थीं , अजय दोनों हाथों से मेरी दीदी के दोनों चूचियों को पकड़ चोदने लगे मेरी बहन की गांड...
मेरी प्रियंका दीदी कुछ देर : आ आहह आ आ अहह आ अहह.. ! करती रहीं। फिर, एकदम शांत हो गयीं.. जमीन के ऊपर पसर गई... फिर से रोने लगी और छोड़ने की गुहार करने लगी..
मेरे होने वाले जीजू अजय: रो मत, मेरी रानी.. ! एक बार शांत कर दे मुझे, फिर छोड़ दूँगा.. !
मेरी प्रियंका दीदी की चूडी और पायल की “छन छन” की आवाज़ गूँज रही थीं पर उनकी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।
हल्की हल्की रोने की सिसकी, कभी कभी सुनाई दे जाती थी।
एक हाथ से मैं अपने छोटे से लण्ड को हिलाने का प्रयास कर रहा था पर वह खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा .. थक हार कर मैं वापस अपने कमरे में आ गया क्योंकि बारिश भी तेज होने लगी थी और मैं भीग चुका था बुरी तरह से..
अपने कमरे में आने के बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए भीगे हुए.. और बिल्कुल नंगा होकर अपने बिस्तर पर लेट गया.. कुछ ही देर में मेरी आंख लग गई... रात भर मेरी आंखों के सामने गंदे गंदे दृश्य उभरते रहे.. कभी मेरी प्रियंका दीदी तो कभी मेरी रूपाली दीदी... कभी असलम तो कभी दिनेश और रवि... सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं नंगा लेटा हुआ था अपने बिस्तर पर और मेरी एक हाथ में मेरा लण्ड अपनी पूर्ण अवस्था में खड़ा था...
अगली सुबह मेरे घर में वातावरण बिल्कुल ही नॉर्मल लग रहा था..
पर मेरी नजर तो अपनी प्रियंका दीदी पर ही थी... कल रात जो भी हुआ था झोपड़ी के अंदर.. मेरी प्रियंका दीदी का चेहरा देखने से ही उसका अंदाजा हो रहा था.. एक मादक और कामुकता मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर थकान में लिपटी हुई... सारी रात एक मोटे लण्ड की मार ..