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Misc. Erotica ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण
पूनम उसी तरह नंगी ही सो रही थी और सुबह जब वो जागी तो उसकी चुत गीली थी और उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी चुत में कुछ बड़ा सा अंदर जाये तब उसकी चुत शांत हो। पूनम का हाथ अपने आप अपनी चुत पर चला गया और सुबह सुबह पूनम अपनी चुत में ऊँगली करने लगी। थोड़ी देर बाद जब उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया तब पूनम थोड़ी शांत हुई।

पूनम को तैयार होकर अपने मम्मी पापा के साथ अपनी मौसेरी बहन ज्योति की शादी के लिए निकलना पड़ा। अगर पूनम का बस चलता तो वो एक दिन बाद शादी में जाती और आज दिन भर गुड्डू और विक्की के बीच अपनी जवानी लुटाती रहती। आब उसके मन में कोई शंका कोई शंशय नहीं था। वो दोनों से चुदवाने के लिए तैयार थी। गुड्डू और विक्की दोनों से एक साथ चुदवाने के लिए तैयार थी पूनम सक्सेना।

लेकिन पूनम को बिना चुदे अपनी मौसेरी बहन ज्योति की शादी में आना पड़ा। पूनम को इस बात का बहुत गहरा अफ़सोस हो रहा था कि उसकी बेवकूफी की वजह से उसकी चुत की प्यास और बढ़ गयी थी और उसकी बेवकूफी की वजह से वो बिना चुदे शादी में जा रही थी। उसके बेवकूफी की वजह से उसे कुछ दिन और बिना चुदे गुजरना था। अगर किसी तरह का कोई रास्ता होता की वो गुड्डू और विक्की से चुदवा पाती तो रास्ते में ही चुदवा लेती।

लेकिन पूनम को प्यासी चुत के साथ ज्योति की शादी में आना था तो वो पहुँच गयी। ज्योति पूनम की मौसेरी बहन थी और उससे उम्र में 5-6 वर्ष बड़ी थी, लेकिन दोनों बहनों में काफी गहरी दोस्ती थी। पूनम के नानी घर के परिवार में ज्योति के बाद बहन में पूनम ही थी तो दोनों बहनें काफी अच्छी दोस्त थी और दोनों में गहरा प्यार था।

पूनम 4 सालों बाद ज्योति से मिल रही थी तो दोनों बहनों की ख़ुशी की कोई सीमा नहीं रही। ज्योति से मिलते ही पूनम सब कुछ भूल गयी और ज्योति में खो गयी। ज्योति उसे शादी की अपने कपड़े, ज्वैलरी सब दिखाने लगी और सब कुछ बताने लगी। वो अपने होने वाले हस्बैंड से पूनम को बात करवाई और उसे बतायी की पूनम उसकी सबसे खास बहन है। पूनम भी अपने जीजू से बात करके बहुत खुश हुई।

पूनम घर में सबसे मिली और सबसे बात करते हुए उसे पता ही नहीं चला की कब रात हो चुकी है। रात में पूनम और ज्योति साथ में ही सो रहे थे। दोनों बहनें काफी सालों बाद मिल रहे थे तो दोनों की बातें ख़त्म ही नहीं हो रही थी और आधी रात तक दोनों बात कर ही रही थी। ज्योति बहुत ही खुली टाइप की लड़की थी और उसे लड़कों में बहुत इंटरेस्ट था। दोनों के बीच में लड़कों के बारे में ही बातें हो रही थी और पूनम भी अमित के बारे में ज्योति को बता दी की अब उसके साथ उसका ब्रेकअप हो गया है। फिर बात सेक्स तक पहुँच गयी और अब ज्योति को पता था कि पूनम अमित से कहाँ कहाँ क्या क्या की।

ज्योति बोली "अच्छा की जो चुदवाने के बाद ब्रेकअप की। अब दूसरा लड़का ढूंढ जिसका समान उससे बड़ा हो और मस्ती कर उसके साथ। ये लड़के आते जाते रहेंगे। इनके बारे में ज्यादा सोचा मत कर।" पूनम गुड्डू और विक्की के बारे में नहीं बताई थी और सोच रही थी की 'मैंने दूसरा क्या तीसरा भी ढूंढ लिया है जिनका लण्ड अमित के लण्ड का दुगुना है। और बिना चोदे ही वो लोग मुझे इतनी मस्ती करा चुके हैं तो मस्ती तो भरपूर करुँगी ही।'

ज्योति का फ़ोन बजा तो वो "अब तेरे जीजू को मेरी याद आयी है।" बोलकर फ़ोन रिसीव कर ली और वहीँ पर बात करने लगी। "हाँ... ह्म्म्म..... नहीं..... अच्छा!!! ....हाँ....यहीं है.... नहीं.....आज नहीं..... ब्रेकअप हो गया है.... हाँ...." पूनम को दूसरी तरफ की आवाज़ तो नहीं आ रही थी लेकिन ज्योति की बात सुनकर वो गुसा गयी की वो उसके ब्रेकअप के बारे में अपने होने वाले पति को बता दी। ज्योति अभी भी हँस हँस कर बातें कर रही थी और पूनम को समझ आ रहा था कि उसी के बारे में बातें हो रही है।

"अच्छा!!! .... ह्म्म्म.... वो तो है.....आखिर बहन किसकी है.....हाहाहा....नहीं.... बस मैं.... हाहाहा.... नहीं..... ह्म्म्म..... हाँ" पूनम का मन हुआ कुछ बोलने का लेकिन फिर वो नहीं बोली की ये पति पत्नी के बीच में बातचीत है, वो क्यों बोले, हाँ... फ़ोन काटने के बाद अपनी बहन का गला जरूर घोंट देगी। ज्योति पूनम को सोने के लिए बोलकर बाहर छत पर जाकर उससे बात करने लगी। पूनम का भी मन हुआ की वो भी गुड्डू से बात करे लेकिन फिर वो बात नहीं की और सोने लगी।

लगभग आधे घंटे हो गए थे, लेकिन ज्योति अभी तक नीचे नहीं आयी थी और पूनम को नींद नहीं आ रही थी। उसे गुड्डू का लण्ड याद आ रहा था, उसकी बातें याद आ रही थी, उसके साथ बिताए पल याद आ रहे थे, और साथ ही याद आ रहा था कि वो बिना चुदे आयी है गुड्डू से। उसे फिर अपने आप पे गुस्सा आ रहा था और उसे अफ़सोस हो रहा था। काश की गुड्डू यहाँ आ जाये तो पूनम यही पर उसके लिए अपनी टाँगें फैला देगी और उसके लण्ड को अपनी चुत में समा लेगी, लेकिन अफ़सोस की ऐसा हो नहीं सकता था।

जब पूनम को नींद नहीं आया तो वो उठी और पहले तो बाथरूम गयी और फिर टहलते हुए छत पर जाने लगी। अभी वो सीढ़ियों पे ही थी की उसे एक मर्दाना आवाज़ सुनाई दी "अच्छे से कर न" और फिर ज्योति की आवाज़ सुनाई दी "म्म्म... कर तो रही हूँ।"

पूनम का दिल जोरों से धड़कने लगा। 'दीदी छत पे किसके साथ है। जीजाजी? नहीं... वो यहाँ कहाँ से आ सकते हैं। तो और कौन हो सकता है। अभी तो घर में ज्यादा मेहमान भी नहीं आये हैं। और वो ऐसे किसके साथ क्या कर रही है।' पूनम अपनी चाल धीमी कर ली और चुपके से छत पर आ गयी। वैसे तो छत पर अँधेरा था, लेकिन आधे चाँद की रौशनी और बिजली के पोल पर लगे बल्बों की रौशनी ने अँधेरे को कम कर दिया था।

पूनम सीढ़ी पर ही खड़ी थी और यहाँ पे पूरा अँधेरा था। उसकी नज़र छत पे गयी तो उसकी साँस रुक गयी। उसे बस हिलती हुई परछाई नज़र आ रही थी लेकिन थोड़ी ही देर में उसे पता चल गया कि कोई महिला किसी पुरुष के ऊपर नंगी बैठी हुई है और उतेजना से सिसकारी भरते हुए उसके लण्ड को अपने चुत में लेकर ऊपर नीचे हो रही है। पूनम का दिल धक्क से रह गया और उसे अचानक अपने पेट के नीचे कुछ करंट सा दौड़ता महसूस हुआ। उसकी चुत गीली हो गयी।

पूनम छुप कर देखने लगी। कुछ ही देर में उसे यकीन हो गया कि चुदने वाली महिला उसकी बड़ी बहन ज्योति है जिसकी दो दिनों में शादी है और उसे ये यक़ीन भी हो गया कि जिस पुरुष से वो चुदवा रही है, वो उसका होने वाला पति तो नहीं ही है। अब उनका पोजीशन बदल गया था और अब ज्योति कुतिया बनी हुई थी और वो पुरुष पीछे से धक्के लगाता हुए उसे चोद रहा था। ज्योति की हिलती हुई चुच्ची और हर धक्के के बाद ज्योति के मुँह से "आह" निकलती देखकर पूनम को धक्के की ताकत का अंदाज़ा हो रहा था।

पूनम अपनी चुत सहलाने लगी थी। उसका हाथ उसके शॉर्ट्स और पैंटी के अंदर पहुँच गया था। आज तक वो पोर्न नहीं देखी थी और आज तो वो लाइव चुदाई देख रही थी, वो भी अपनी बहन की, और वो भी किसी और अंजान आदमी के साथ। पूनम शॉर्ट्स और पैंटी को थोड़ी नीची कर दी और अपनी नंगी चुत को सहलाती हुई ऊँगली करने लगी। अब ज्योति सीधी लेटी हुई थी और वो पुरुष उसके सीने पे बैठा हुआ था, शायद उसे अपना लण्ड चुसवा रहा होगा। पूनम को उस पुरुष की पीठ दिख रही थी बस।

पूनम की प्यासी चुत ने पानी छोड़ दिया और वो अपने कपड़े ठीक कर कर नीचे अपने कमरे में आ गयी। 10 मिनट बाद ज्योति भी आ गयी। पहले तो पूनम सोची थी की वो ज्योति से इस बारे में बात नहीं करेगी, लेकिन फिर उसका मन नहीं माना। उसे नींद नहीं आ रही थी। उसे यकीन नहीं आ रहा था कि ज्योति अभी छत पर से आधे घंटे चुदवा कर नीचे आयी है। दूसरा उसे ये भी जानना था कि वो है कौन जिससे वो शादी के 2 दिन पहले चुदवा रही है।

पूनम करवट बदल कर ज्योति को देखने लगी और ज्योति से नज़र मिलते ही उसके चेहरे पे मुस्कान फ़ैल गयी। ज्योति अंजान बनते हुए बोली "तु सोई नहीं अब तक?" पूनम उसी तरह मुस्कुराते हुए बोली "तुम किसके साथ सो कर आई हो?" उसकी हँसी कम हो ही नहीं रही थी। ज्योति 2 सेकंड तो अंजान बनी खड़ी रही, फिर बेड पे पूनम पे कूदते हुए बोली "साली तू छत पे गयी थी। तुझे तो मैं बोल कर गयी थी सोने के लिए, तो तु छत पे क्या देखने गयी थी।"

पूनम हँसने लगी। पूछी "कौन है वो?" ज्योति भी शरमाते और मुस्काते बोली "तेरे जीजू।" ज्योति को भी शर्म लग रहा था कि उसकी छोटी बहन उसे नंगी होकर चुदवाते देखी है। पूनम बोली "वो तो नहीं ही थे। वो हो ही नहीं सकते।" ज्योति बोली "यही है असली जीजू।" अब तक पूनम की मुस्कान रुक चुकी थी। वो गंभीर मुँह बनाकर बोली "तुझे डर नहीं लगा। कोई देख लेता तो।" ज्योति ऐसे मुँह बनायीं जैसे "हुँह... कोई नहीं देखेगा।" उसे कोई टेंशन नहीं था।

ज्योति को भले कोई टेंशन नहीं था लेकिन पूनम को टेंशन हो रही थी। बोली "फिर भी ऐसे खुल्ले में छत पे?" ज्योति पहले तो कुछ नहीं बोली लेकिन फिर थोड़ी देर में शरमाते हुए बोली "उसे अच्छा लगता है।" पूनम बोली "मतलब बहुत बार करवा चुकी हो। वो भी छत पे ही।" ज्योति हाँ में सर हिलायी।

पूनम फिर उसी तरह टेंशन में बोली "लेकिन जीजू को पता नहीं चलेगा, 2 दिन में तेरी शादी है।" ज्योति उसी तरह शरमाते हुए लेकिन इस बार मुस्कुराते हुए ना में सर हिलायी। पूनम ऐसे पूछी "क्यों?" जैसे ज्योति का दिमाग खराब है और उसे कुछ बुद्धि नहीं है। ज्योति बोली "मैं बहुत तेज़ हूँ, इसलिए।" पूनम बोली "मतलब? कैसे?

ज्योति धीरे से पूनम के कान के पास मुँह लायी और धीरे से ऐसे बोली जैसे कितनी राज की बात बताने वाली हो। बोली "किसी को बोलेगी तो नहीं?" पूनम झुंझलाते हुए बोली "तुम्हे लगता है कि ये बात मैं किसी को बताऊँगी!" ज्योति बोली "मैं उसके साथ भी करवा चुकी हूँ।" पूनम शॉक्ड होती हुई बोली "मतलब?!!!!" ज्योति ऐसे बताने लगी जैसे वो कितनी बड़ी खिलाड़ी हो और पूनम उसके सामने बच्ची है।

बोली "एक दिन जब हम मिले थे तो उसका मन था और बाँकी मन मैं बना दी। फिर वो मुझे एक होटल में ले गया और फिर वहीँ......" पूनम आश्चर्य से पूछी "कब?" ज्योति उसी तरह श्यानी बनती हुई बोली "अरे अभी यार.... 20-25 दिन पहले।" पूनम उसी तरह आश्चर्य के सागर में गोते लगाते हुए पूछी "तो भी, उसे कुछ पता नहीं चला!!!!"

ज्योति रहस्मयी मुस्कान देते हुए बोली "बोली ना मैं बहुत तेज हूँ। जब तक किस विस कर रहा था तब तक तो करने दी, लेकिन जब कपड़े उतारने लगा तो मैं बोली की मुझे शर्म आ रही है उसके सामने कपड़े उतरवाने में। उसे भी लगा की पहली बार कपड़े उतर रहे हैं तो शर्माएगी ही। उसने सारा लाइट बंद कर दिया और पूरा अँधेरा करवाने के बाद उससे करवाई। वो बेचारा तो खुश था कि अपनी होने वाली बीवी के साथ शादी से पहले ही सुहागदिन मना रहा है। मैं जोर जोर से दर्द होने की एक्टिंग करती रही और फिर सब कुछ पोछ पाछ कर तुरंत वहाँ से निकल गयी। वो जानता है कि उसी ने उसी दिन मेरा सील तोड़ा। उस पर से अगले सुबह मैं उसे ये भी बोल दी की मेरा मेन्सट्रूअल स्टार्ट हो गया है। तो बस, अब क्या पता चलेगा उसे।"

पूनम चुपचाप सुन रही थी। वो मान गयी की उसकी बहन कितनी श्यानी है। वो कितना डर रही है गुड्डू से चुदवाने में जबकि कोई रिस्क नहीं है और ज्योति यहाँ अपने ही घर के छत पे बिंदास होकर चुदवा रही है। अपने होने वाले पति तक को बेवकूफ बना दी। पूनम फिर पूछी "ये है कौन? कब से चल रहा इसके साथ?"

ज्योति बोली "3 साल हो गया। यहीं रहता है बगल में ही। मेरे कारण बगल वाला घर किराये पे ले लिया है।" पूनम बोली "वही मैं सोच रही हूँ की वो किधर गायब हो गया।" ज्योति मुस्कुरा दी। पूनम भी मुस्कुराने लगी। बोली "तब तो बहुत बार कर चुकी होगी?" ज्योति गर्व से बोली "अब तो याद भी नहीं की कितनी बार किया है। लेकिन हर बार पागल बना देता है।" पूनम को अपनी बहन की बुद्धि पे गर्व हो रहा था। उसे ज्योति से बहुत कुछ सीखने की जरूरत थी।

पूनम बोली "तो उसी के साथ शादी क्यों नहीं की?" ज्योति गहरी साँस छोड़ती हुई बोली "नहीं कर सकती यार। ये दुनिया, ये समाज, ये घर, ये परिवार। ये सब मिलने कहाँ देते। तभी तो रात के अंधेरे में छत पे मिलना पड़ता है।" पूनम भी उसी तरह उदासी में सहमत होते हुए हाँ में सर हिलायी।

पूनम आगे पूछी "उस वक़्त इसी का फ़ोन था। तुम उसे ही मेरे बारे में बता रही थी।" ज्योति फिर शरारत भरी मुस्कान के साथ हाँ में सर हिलायी और बोली "जब से तुझे देखा है, तेरा दीवाना हो गया है। तुझे भी छत पर लेकर आने बोल रहा था।" पूनम शर्मा गयी। ज्योति आगे बोली "तू मेरे साथ तो छत पे नहीं गयी, लेकिन पीछे पीछे सूँघते सूँघते पहुँच गयी।" पूनम शर्मा रही थी।

अब ज्योति पूछी "क्या क्या देखी?" अब पूनम शरमाते हुए हँसते हुए बोली "जो जो कर रही थी वही न देखूँगी।" ज्योति कुछ नहीं बोली। फिर बोली "ऊपर गयी तभी पूछा तुम्हारे बारे में। और जब अंदर डाल रहा था तब भी बोल रहा ....." पूनम बीच में ही उसकी बात काट दी। बोली "तू पागल हो गयी है क्या?"

ज्योति बोली "इसमें पागल होने वाली कौन सी बात है। तू उसे अच्छी लगती है और वो तेरे साथ करना चाहता है तो इसमें मेरे पागल होने वाली कौन सी बात है।" पूनम शॉक्ड होती हुई बोली "तुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं?" ज्योति बोली "मुझे क्यों होगी दिक्कत। वो तो और भी कइयों को कर चुका है। मुझे बता कर करता है।" पूनम शॉक्ड सी ज्योति को देख रही थी जैसे ज्योति किसी दूसरी दुनिया की बात कर रही हो।

ज्योति आगे बोली "उसने तो मुझे भी कहा है कि अगर मेरा भी मन किसी और के साथ करवाने का हो तो मैं भी करवा सकती हूँ। ये तो मेरी मर्ज़ी है कि अब मैं किसी और से करवाना ही नहीं चाहती। मुझे सारी ख़ुशी वही दे देता है। और फिर भी करवा ही रही हूँ दूसरे के साथ। अपने होने वाले पति के साथ करवायी ही और फिर शादी के बाद करवाऊँगी ही। और वैसे भी अब मेरी शादी होने वाली है और मैं यहाँ रहूँगी नहीं, तो क्या उसे कोई और नहीं ढूंढ लेना चाहिए।"

पूनम चुप हो गयी। बहुत बड़ी बात थी ये। इसके सामने तो उसका और अमित का प्यार तो कुछ भी नहीं था। और गुड्डू की तो बात ही और है। ज्योति बोली "कल दोस्ती कर लेना उससे।" पूनम करवट बदलते हुए बोली "सो जाओ अब। मुझे नहीं करना किसी से दोस्ती वोस्ति।" लेकिन उसकी चुत में चींटियाँ रेंगने लगी थी। एक और लड़का उसे चोदने के लिए ढूंढ रहा था।

ज्योति बोली "इसका भी बहुत बड़ा है, करवा लेना। बहुत मज़ा आएगा।फिर तो चल ही जायेगी। मस्ती कर लेना।" पूनम कुछ नहीं बोली और सोचते हुए सोने लगी। कुछ ही देर में वो गहरी नींद में थी।
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RE: ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण - by Bunty4g - 04-04-2019, 01:06 AM



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