09-04-2021, 08:52 PM
सुबह मुझे अमित ने गेट बजाया तो मेने उठकर गेट खोला तो अमित चाय लेकर अंदर आया और मुझे राजेश को उठाने को बोला ।
मेने राजेश की छाती पर उसकी निप्पल को चुसके उठाया तो राजेश बैठ गया अमित ने हम दोनों की तरफ ट्रे बढाई तो मेने ट्रे बिस्तर पर रखकर अमित को बैठने को कहा । अमित पास में बैठ गया ।
इस समय मे और राजेश नंगे थे राजेश के लण्ड में सुबह वाला उठाव था तो राजेश मुझे बाहों में लेकर बोला ।
राजेश ,--बेबी मॉर्निंग ड्रिंक हो जाये ।
में राजेश का इशारा समझ गयी और झुककर उसके लोडे को चूसना शुरू कर दिया । राजेश का लोडा पूरा रौद्र रूप में आ गया जिसे देखकर राजेश बोला ।
राजेश ,--अमित कैसा है मेरा लण्ड ।
अमित ,--सर बहुत विशाल है और सख्त भी ।
राजेश ,--रेखा जैसी चुड़कड औरतें ऐसे ही बड़े लण्ड से संतुष्ट होती है तुम्हारी नूनी से इनको मज़ा नही आता क्यों रेखा।
मेने अपने मुंह से राजेश का लण्ड निकालकर ,--जी सर ,मुझे मेरे बॉस ने कमसिन उम्र में ही बड़े बड़े लण्ड से चुदवा के बड़े लंड की आदि बना दिया ।
उसके बाद मेने राजेश के लोडे से पानी निकालकर पिया और तीनों चाय पीने लगे अमित चुपचाप मुझे लण्ड चूसते देख रहा था और अपना लण्ड पेंट पर से मसल रहा था ।
चाय पीते ही अमित बोला ,--सर आप फ्रेश हो जाइए में नास्ता बना लेता हूँ।तब तक ।
राजेश ,--हां , तब तक रेखा मुझे स्नान करवा देगी चलो रेखा ।
उसके बाद राजेश ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बाथरूम में लेकर जाने लगा उसने बाथरूम का गेट बंद नही करने दिया और बोला ,--बेबी गेट खुला रहने दो वो बिचारा भी बीच बीच मे आकर एन्जॉय कर लेगा ।
उसके बाद वो खड़ा होकर मूतने लगा तो में भी कमोड पर बैठ गयी ।और मूतने के साथ साथ फ्रेश होने लगी मेरे उठते ही राजेश मेरी जगह बैठ गया और फिर दोनों एक दूसरे को नहलाने लगे ।
हम दोनों को आधा घण्टे से ज्यादा समय हो गया था जब मेरी नज़र रूम में गयी तो अमित हमे देखकर लण्ड मसल रहा था । में भी अमित को दिखाने के लिए राजेश के बदन को सहलाने लगी और अपनी उन्नत छातियों को राजेश के शरीर से रगड़ने लगी ।
में पूरी गरम हो चुकी थी पर राजेश ने मुझे शाम को चोदने का बोलकर प्यासा छोड़ दिया और बाहर आकर कपड़े पहनने लगा ।
में भी बाहर आई और कपड़े पहनकर नास्ता करने लगी तीनो ने नास्ता किया उसके बाद अमित और राजेश चले गए ।
मेने भी फोन उठाया और सुलेखा दीदी को फोन मिलाया।
फोन पर ।
मैं ,--हेलो दीदी ।
सुलेखा ,--कैसी है छोटी ।
मैं ,--मस्त हूँ दीदी।
सुलेखा ,-- वो तो होगी ही अमित जैसा पति हो तो औरत मस्त ही रहेगी ।
मैं हंसते हुए ,--अब दीदी नई नई शादी हुई है तो होना ही है ।
सुलेखा ,--और बता कितने लोगों से मिल चुकी ।
मैं ,--अब नए शहर में तो नए लोग मिलेंगे ही ।
सुलेखा ,--छुटकी तू क्या समझती है में तेरे बारे में कुछ नही जानती तू तो शादी से पहले से ही कइयों को मिल चुकी अब ये बता अमित ने कितनो के नीचे सुला दिया ।
मैं ,--ओह्ह तो आप को मेरे शादी से पहले के अफेयर मालूम है ।
सुलेखा ,--मालूम ही नही वीडियो भी देखे है और सुन अमित को घरेलू लड़की नही तेरे जैसी बिगड़ैल लड़की से शादी करनी थी जो दस बीस लण्ड खा चुकी हो ।
सुलेखा दीदी ने पहली बार इतनी खुल कर लण्ड शब्द मेरे सामने बोला था इसलिए मैंने भी शर्म हया छोड़ने का फैसला कर लिया और बोली ।
में ,--दीदी जिसकी बड़ी बहन घर पर रोज नए बॉयफ्रेंड बुलाकर ऐयासी करे तो छोटी बहन कैसे शरीफ बचेगी ।
सुलेखा ,--तो बिगड़ैल लड़की अब बता भी दे अमित ने कितनो के नीचे सुला दिया ।
मैं ,--अब दीदी आप से क्या छुपाना राजेश सर आये हुए है रात भर अमित के सामने ही सब कुछ हुआ है ।
सुलेखा ,--ओह्ह तो अमित ने राजेश को बुला ही लिया वो तो शादी से पहले ही बोल चुका कि रेखा के पुराने यार शादी बाद भी रेखा के बॉयफ्रेंड बने रहेंगे ।
मैं ,--पर आप को किसने बताया ।
सुलेखा ,--ओह लगता है तुझे राजेश ने बता दिया है तो सुन मेने ही अमित को पसन्द किया था तेरे लिए क्योंकि तू राजेश की रखेल बनी हुई थी और अमित जब मुझे मेरे को मेरी फ्रेंड की शादी में मिला तो रात में मुझे अमित के साथ सेक्स करने का मूड बन गया और फिर दोनों चुदाई कर रहे थे तो अमित ने मुझे बताया कि उसे मेरे जैसी बोल्ड लड़की चाहिए जो बिना शर्म के किसी के साथ सो जाएं । तो मेने उसे तुम्हारी फोटो दिखाई ।
मैं ,--पर आप को अमित में ऐसा क्या दिखा जो आप ने मुझे उसके योग्य समझ लिया ।
सुलेखा ,--उसने मुझे बताया की वो अपनी बहन की नथ उतार चुका तो मेने सोचा तू राजेश की रखेल बनने की बजाय अमित की बीबी बनकर खुल के एंजोय करे क्योंकि अमित तो खुद तुझे दूसरों के सामने परोसने वाला था ।
मैं ,--तो फिर राजेश को भी आपने अपने साथ ....
सुलेखा ,--राजेश समझदार इंसान है उसको मेने समझाया कि रेखा की जवानी को चुसने के बाद रेखा का भविष्य कया होगा तो वो समझ गया और उसने मुझे सहयोग करने का वादा किया ।
में ,--में जान सकती हूं किस तरह का सहयोग किया फिर आपको ।
सुलेखा ,--उसने तुम्हारे सारे वीडियो मेरे को भेजे जो मेने अमित को भेज दिए जिसे देखकर अमित तुमसे मिला और तुझे अपनी बीबी बनाने का निर्णय लिया ।
सुलेखा की बात सुनकर मेरा दिमाग घूम गया ये सोचकर कि में अमित की नजरों में अपने आप को तीस मार खा समझ रही थी पर अमित मुझसे बहुत आगे था सोचने के मामले में जबकि में उसे बेवकूफ समझ रही थी ।
मैं ,--तो आपने मुझे क्यों नही बताया ।
सुलेखा ,--क्या बताती तूझे तू राजेश की रखेल बनी हुई थी और क्लब में तू किसी रण्डी की तरह चुद रही थी जिसे लण्ड के सिवाय कुछ नही दिखता । इसलिए मेने तेरी भलाई इसी में समझी की अमित से मांग भरवाने के बाद तू कैसे भी रहे कम से कम अमित की बीबी के नाम से जानी जाएगी ।
मैं ,--औऱ आप ने जो शादी के पहले किया वो ।
सुलेखा ,--में जो भी करती थी वो घर पर करती थी या फिर मेरे बॉयफ्रेंड के साथ उसके घर पर जाकर करती थी तेरी तरह सार्वजनिक जगह पर नंगी नही होती थी कि कोई आकर मुंह मे नही मूत सके ।
मैं ,--सॉरी दीदी आप तो नाराज हो गयी ।
सुलेखा ,--नही रे नाराज नही हो रही तू मेरे सामने पहले भी बच्ची थी आज भी बच्ची ही है तूमको पता नही की मेने शादी से पहले कितने लण्ड चूसे हैं मुझे तो गिनती भी याद नही पर बस मेने फ्री सेवा नही दी तेरे जैसे जिसने जितना खर्च किया उसको उतना ही आगे बढ़ने दिया ।
मैं ,--मतलब आप पैसे लेकर करती थी ।
सुलेखा ,--तुझे पता नही घर की हालत क्या थी मेरे ही कारण घर मे जितनी एसो आराम की चीजें आयी थी वरना डेड की कमाई से सिर्फ दाल रोटी का खर्च ही चल पाता था ।
मैं ,--सॉरी दीदी आप ने जो भी किया मुझे नही पता था कि आप मजबूरी में कर रही है ।और आप ने कभी ऐसा जिक्र भी नही किया ।
सुलेखा ,--तो सुन जब इतना जान लिया तो ये भी जान ले कि मोम को सब मालूम था और मुझे मोम ने ही समझाया था कि बॉयफ्रेंड से फ्री में नही अपनी कीमत वसूल करे ।।
मैं ,--मुझे तो यकीन नही हो रहा कि मोम ऐसा क्यों बोलेगी ।
सुलेखा ,--क्योंकि मोम खुद ये काम करती थी ।
मैं ,--पर मुझे मोम ऐसी नही लगी ।
सुलेखा ,--तो क्या वो तुझे दिखाकर करती की बेटी देख में रण्डी बाज़ी करके ऐश भी करती हूँ और पैसे भी कमाती हूँ ।
मैं ,--मेरे कहने का मतलब नही था ।
सुलेखा ,--तो तुझे समझ नही आता था कि डेड जब बाहर टूर पर होते थे मम्मी सज संवर कर सत्संग के नाम पर जाती थी और जब घर पहुंचती तो थकी हुई आती और फिर बिना खाये ही सो जाती थी ।
मैं ,--मतलब आप दोनों ने मुझे कभी अहसास ही नही होने दिया ।
सुलेखा ,--अब अहसास क्या होने देते तुझे समझ जाना चाहिए कि घर मे जवान बेटी के रूम में नए नए लड़के आते थे और मम्मी उनको प्यार से चाय पानी पकड़ाती थी ।
मैं ,--ओह्ह अब कुछ कुछ समझ मे आ रहा है ।
सुलेखा ,--तूझे अभी पूरी बात पता नही है मुझे मम्मी ने ही सारी बात समझाई की पापा से मम्मी ना तो शारीरिक संतुष्ट थी ना आर्थिक । इसलिए हम दोनों ने मिलकर घर को चलाया और फिर तुझे पढ़ाकर शादी की ।
मैं ,--ओह्ह , तभी मोम ने कोई पाबंदी नही लगाई ।
सुलेखा ,--तुझे पाबंदी दिख रही है मुझे तो मोम ने कई बार होटलों में अपने कस्टमर के पास भेजा था और तेरे बारे में भी सबकुछ मालूम है ।
मैं ,--मेरे बारे में भी ।
सुलेखा ,--हां, जिस दिन प्रिया तुझे शादी के नाम पर हरमीत के फार्म हाउस ले गयी थी उसी दिन ब्यूटी पार्लर वाली आंटी ने फोन पर बता दिया था कि तू दुल्हन बनकर राजेश से अपनी नथ उतरवाने जा रही है ।
मैं ,--पर वो तो राजेश की जान पहचान वाली थी ।
सुलेखा ,--वो राजेश जैसे लोगों को माल सप्लाई करती है और उसके थ्रू मोम भी कई बार बूक होकर गयी हुई थी ।
मैं ,--ओह्ह तब तो मोम को सब कुछ मालूम होना ही था।
सुलेखा ,--तभी मोम और मेने फैसला किया कि तू जिस रास्ते पर चल रही है अमित जैसा चूतिया तेरे लिए ठीक रहेगा क्योंकि तू एक मर्द से संतुष्ट नही रहने वाली ।
मैं ,--समझ गयी दीदी सारी बाय अब आप अपने बारे में सुनाइए आप तो ससुराल में खुश है ना ।
सुलेखा ,--हम्म तेरे जीजू बहुत चोदू आदमी है दिन रात लगे रहते हैं अब तो बेटे के जन्म के बाद दोनों बाप बेटे मेरी चुचियाँ के पीछे पड़े रहते हैं सारा दूध निचोड़ कर पी जाते हैं ।
मैं ,--चलो अच्छा है कम से कम बाहर तो मुंह नही मारना पड़ता है ।
सुलेखा ,--हम्म , पर देवर कभी कभी हाथ साफ कर लेता है जब मौका मिल जाये तो ।
मैं ,--तो जीजू को पता है ये बात ।
सुलेखा ,--अब एक बार आदत लग गयी वो छूटती थोड़े ही है बिचारा देवरानी के शर्मीलेपन की वजह से खुल कर नही खेल पाता तो थोड़ा खेल लेता है।
मैं ,--सही है अब में रखती हूं शाम को फिर राजेश के साथ एन्जॉय करना है ।
सुलेखा ,बाय राजेश से कीमत वसूल कर लेना ।
मेने फोन रखा ही था कि दीनू काका आ गया और साफ सफाई करने में लग गया। मुझे भी रात भर चुदाई से थकान हो रही थी इसलिए नींद आने लगी थी । तभी मेरे दिमाग मे आईडिया आया कि क्यों ना मसाज करवा ली जाए । जिससे शाम तक फ्रेश हो जाऊं। वैसे भी सुबह राजेश गरम करके छोड़ गया और फिर सुलेखा दीदी की बातों ने पूरा गर्म कर फ़िया था ।
इसलिए रूम में आकर साड़ी खोली और ब्रा पेंटी के ऊपर एक गाउन पहना जो सिर्फ डोरी से बंधा था और पेंटी कवर कर रहा था ।
गाउन पहनकर दीनू काका को आवाज लगाई तो दीनू काका ।
दीनू काका ,--जी बहुरानी ।
मैं ,--ससुर जी , में आप पर भरोसा कर सकती हूँ ना ।
दीनू काका ,--अरे बहुरानी मेने पहले भी कहा है में लंगोट का कच्चा नही हूँ और मुझे जबर्दस्ती बिल्कुल पसंद नही है में तो किसी प्यासी औरत की प्यास बुझाने को ही पुण्य समझता हूँ। और मुझपे भरोसे की बात सीमा से पूछ लेना मेने कभी भी अपनी तरफ से पहल नही की ।
मैं ,--अरे ससुर जी आप ने इतना लंबा भाषण दे दिया ।चलिए में आप की बात मान लेती हूँ कि आप विस्वास नही तोड़ेंगे ।मुझे मसाज करवानी थी आपसे ।
दीनू काका मेरे नजदीक आकर ,--बस इतनी सी बात बताओ किस तरह की मसाज चाहिए।
मैं ,--ससुर जी आप का नालायक बेटा रात में अपने बॉस को लाया था उन्होंने रात भर थका दिया तो थोड़ा सा मसाज कर दीजिए क्योंकि रात फिर उनकी सेवा करनी पड़ेगी ।
दीनू काका बेड पर बेठकर ,--ओह , बहुरिया तब तो पहले रात की थकान उतारकर फिर तुमको आज रात के लिए तैयार करना पड़ेगा उसके लिए एक बार पानी छुड़ाकर क्लीट की मसाज करनी पड़ेगी ।
मैं ,--ससुर जी आप को जो करना है कीजिये बस अपनी इस बहु की थकान मिटा दीजिये की आपके बेटे के बॉस को शिकायत का मौका नही मिले ।
दीनू काका ,--बहु उसके लिए तुमने शरीर का जितना हिस्सा ढक रखा है उतने ही हिस्से की मसाज करनी पड़ेगी ।
मैं दीनू काका की बात समझ चुकी थी कि वो ब्रा पेंटी के नीचे यानी बूब्स और चुत की मसाज करेगा इसलिए अपना फोन उठाया और अमित को कैमरा देखने का वॉट्सऐप किया और फिर बाथरूम में जाकर ब्रा पेंटी निकाली और गाउन पहनकर बाहर आई जो पहनना या ना पहनना एक ही बात थी ।
बाथरूम से बाहर आई तो अमित का वॉट्सऐप आया जिसमे उसने थम्स अप वाला ईमोजी भेजा था यानी वो ऑनलाइन देख रहा होगा ।
मेने राजेश की छाती पर उसकी निप्पल को चुसके उठाया तो राजेश बैठ गया अमित ने हम दोनों की तरफ ट्रे बढाई तो मेने ट्रे बिस्तर पर रखकर अमित को बैठने को कहा । अमित पास में बैठ गया ।
इस समय मे और राजेश नंगे थे राजेश के लण्ड में सुबह वाला उठाव था तो राजेश मुझे बाहों में लेकर बोला ।
राजेश ,--बेबी मॉर्निंग ड्रिंक हो जाये ।
में राजेश का इशारा समझ गयी और झुककर उसके लोडे को चूसना शुरू कर दिया । राजेश का लोडा पूरा रौद्र रूप में आ गया जिसे देखकर राजेश बोला ।
राजेश ,--अमित कैसा है मेरा लण्ड ।
अमित ,--सर बहुत विशाल है और सख्त भी ।
राजेश ,--रेखा जैसी चुड़कड औरतें ऐसे ही बड़े लण्ड से संतुष्ट होती है तुम्हारी नूनी से इनको मज़ा नही आता क्यों रेखा।
मेने अपने मुंह से राजेश का लण्ड निकालकर ,--जी सर ,मुझे मेरे बॉस ने कमसिन उम्र में ही बड़े बड़े लण्ड से चुदवा के बड़े लंड की आदि बना दिया ।
उसके बाद मेने राजेश के लोडे से पानी निकालकर पिया और तीनों चाय पीने लगे अमित चुपचाप मुझे लण्ड चूसते देख रहा था और अपना लण्ड पेंट पर से मसल रहा था ।
चाय पीते ही अमित बोला ,--सर आप फ्रेश हो जाइए में नास्ता बना लेता हूँ।तब तक ।
राजेश ,--हां , तब तक रेखा मुझे स्नान करवा देगी चलो रेखा ।
उसके बाद राजेश ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बाथरूम में लेकर जाने लगा उसने बाथरूम का गेट बंद नही करने दिया और बोला ,--बेबी गेट खुला रहने दो वो बिचारा भी बीच बीच मे आकर एन्जॉय कर लेगा ।
उसके बाद वो खड़ा होकर मूतने लगा तो में भी कमोड पर बैठ गयी ।और मूतने के साथ साथ फ्रेश होने लगी मेरे उठते ही राजेश मेरी जगह बैठ गया और फिर दोनों एक दूसरे को नहलाने लगे ।
हम दोनों को आधा घण्टे से ज्यादा समय हो गया था जब मेरी नज़र रूम में गयी तो अमित हमे देखकर लण्ड मसल रहा था । में भी अमित को दिखाने के लिए राजेश के बदन को सहलाने लगी और अपनी उन्नत छातियों को राजेश के शरीर से रगड़ने लगी ।
में पूरी गरम हो चुकी थी पर राजेश ने मुझे शाम को चोदने का बोलकर प्यासा छोड़ दिया और बाहर आकर कपड़े पहनने लगा ।
में भी बाहर आई और कपड़े पहनकर नास्ता करने लगी तीनो ने नास्ता किया उसके बाद अमित और राजेश चले गए ।
मेने भी फोन उठाया और सुलेखा दीदी को फोन मिलाया।
फोन पर ।
मैं ,--हेलो दीदी ।
सुलेखा ,--कैसी है छोटी ।
मैं ,--मस्त हूँ दीदी।
सुलेखा ,-- वो तो होगी ही अमित जैसा पति हो तो औरत मस्त ही रहेगी ।
मैं हंसते हुए ,--अब दीदी नई नई शादी हुई है तो होना ही है ।
सुलेखा ,--और बता कितने लोगों से मिल चुकी ।
मैं ,--अब नए शहर में तो नए लोग मिलेंगे ही ।
सुलेखा ,--छुटकी तू क्या समझती है में तेरे बारे में कुछ नही जानती तू तो शादी से पहले से ही कइयों को मिल चुकी अब ये बता अमित ने कितनो के नीचे सुला दिया ।
मैं ,--ओह्ह तो आप को मेरे शादी से पहले के अफेयर मालूम है ।
सुलेखा ,--मालूम ही नही वीडियो भी देखे है और सुन अमित को घरेलू लड़की नही तेरे जैसी बिगड़ैल लड़की से शादी करनी थी जो दस बीस लण्ड खा चुकी हो ।
सुलेखा दीदी ने पहली बार इतनी खुल कर लण्ड शब्द मेरे सामने बोला था इसलिए मैंने भी शर्म हया छोड़ने का फैसला कर लिया और बोली ।
में ,--दीदी जिसकी बड़ी बहन घर पर रोज नए बॉयफ्रेंड बुलाकर ऐयासी करे तो छोटी बहन कैसे शरीफ बचेगी ।
सुलेखा ,--तो बिगड़ैल लड़की अब बता भी दे अमित ने कितनो के नीचे सुला दिया ।
मैं ,--अब दीदी आप से क्या छुपाना राजेश सर आये हुए है रात भर अमित के सामने ही सब कुछ हुआ है ।
सुलेखा ,--ओह्ह तो अमित ने राजेश को बुला ही लिया वो तो शादी से पहले ही बोल चुका कि रेखा के पुराने यार शादी बाद भी रेखा के बॉयफ्रेंड बने रहेंगे ।
मैं ,--पर आप को किसने बताया ।
सुलेखा ,--ओह लगता है तुझे राजेश ने बता दिया है तो सुन मेने ही अमित को पसन्द किया था तेरे लिए क्योंकि तू राजेश की रखेल बनी हुई थी और अमित जब मुझे मेरे को मेरी फ्रेंड की शादी में मिला तो रात में मुझे अमित के साथ सेक्स करने का मूड बन गया और फिर दोनों चुदाई कर रहे थे तो अमित ने मुझे बताया कि उसे मेरे जैसी बोल्ड लड़की चाहिए जो बिना शर्म के किसी के साथ सो जाएं । तो मेने उसे तुम्हारी फोटो दिखाई ।
मैं ,--पर आप को अमित में ऐसा क्या दिखा जो आप ने मुझे उसके योग्य समझ लिया ।
सुलेखा ,--उसने मुझे बताया की वो अपनी बहन की नथ उतार चुका तो मेने सोचा तू राजेश की रखेल बनने की बजाय अमित की बीबी बनकर खुल के एंजोय करे क्योंकि अमित तो खुद तुझे दूसरों के सामने परोसने वाला था ।
मैं ,--तो फिर राजेश को भी आपने अपने साथ ....
सुलेखा ,--राजेश समझदार इंसान है उसको मेने समझाया कि रेखा की जवानी को चुसने के बाद रेखा का भविष्य कया होगा तो वो समझ गया और उसने मुझे सहयोग करने का वादा किया ।
में ,--में जान सकती हूं किस तरह का सहयोग किया फिर आपको ।
सुलेखा ,--उसने तुम्हारे सारे वीडियो मेरे को भेजे जो मेने अमित को भेज दिए जिसे देखकर अमित तुमसे मिला और तुझे अपनी बीबी बनाने का निर्णय लिया ।
सुलेखा की बात सुनकर मेरा दिमाग घूम गया ये सोचकर कि में अमित की नजरों में अपने आप को तीस मार खा समझ रही थी पर अमित मुझसे बहुत आगे था सोचने के मामले में जबकि में उसे बेवकूफ समझ रही थी ।
मैं ,--तो आपने मुझे क्यों नही बताया ।
सुलेखा ,--क्या बताती तूझे तू राजेश की रखेल बनी हुई थी और क्लब में तू किसी रण्डी की तरह चुद रही थी जिसे लण्ड के सिवाय कुछ नही दिखता । इसलिए मेने तेरी भलाई इसी में समझी की अमित से मांग भरवाने के बाद तू कैसे भी रहे कम से कम अमित की बीबी के नाम से जानी जाएगी ।
मैं ,--औऱ आप ने जो शादी के पहले किया वो ।
सुलेखा ,--में जो भी करती थी वो घर पर करती थी या फिर मेरे बॉयफ्रेंड के साथ उसके घर पर जाकर करती थी तेरी तरह सार्वजनिक जगह पर नंगी नही होती थी कि कोई आकर मुंह मे नही मूत सके ।
मैं ,--सॉरी दीदी आप तो नाराज हो गयी ।
सुलेखा ,--नही रे नाराज नही हो रही तू मेरे सामने पहले भी बच्ची थी आज भी बच्ची ही है तूमको पता नही की मेने शादी से पहले कितने लण्ड चूसे हैं मुझे तो गिनती भी याद नही पर बस मेने फ्री सेवा नही दी तेरे जैसे जिसने जितना खर्च किया उसको उतना ही आगे बढ़ने दिया ।
मैं ,--मतलब आप पैसे लेकर करती थी ।
सुलेखा ,--तुझे पता नही घर की हालत क्या थी मेरे ही कारण घर मे जितनी एसो आराम की चीजें आयी थी वरना डेड की कमाई से सिर्फ दाल रोटी का खर्च ही चल पाता था ।
मैं ,--सॉरी दीदी आप ने जो भी किया मुझे नही पता था कि आप मजबूरी में कर रही है ।और आप ने कभी ऐसा जिक्र भी नही किया ।
सुलेखा ,--तो सुन जब इतना जान लिया तो ये भी जान ले कि मोम को सब मालूम था और मुझे मोम ने ही समझाया था कि बॉयफ्रेंड से फ्री में नही अपनी कीमत वसूल करे ।।
मैं ,--मुझे तो यकीन नही हो रहा कि मोम ऐसा क्यों बोलेगी ।
सुलेखा ,--क्योंकि मोम खुद ये काम करती थी ।
मैं ,--पर मुझे मोम ऐसी नही लगी ।
सुलेखा ,--तो क्या वो तुझे दिखाकर करती की बेटी देख में रण्डी बाज़ी करके ऐश भी करती हूँ और पैसे भी कमाती हूँ ।
मैं ,--मेरे कहने का मतलब नही था ।
सुलेखा ,--तो तुझे समझ नही आता था कि डेड जब बाहर टूर पर होते थे मम्मी सज संवर कर सत्संग के नाम पर जाती थी और जब घर पहुंचती तो थकी हुई आती और फिर बिना खाये ही सो जाती थी ।
मैं ,--मतलब आप दोनों ने मुझे कभी अहसास ही नही होने दिया ।
सुलेखा ,--अब अहसास क्या होने देते तुझे समझ जाना चाहिए कि घर मे जवान बेटी के रूम में नए नए लड़के आते थे और मम्मी उनको प्यार से चाय पानी पकड़ाती थी ।
मैं ,--ओह्ह अब कुछ कुछ समझ मे आ रहा है ।
सुलेखा ,--तूझे अभी पूरी बात पता नही है मुझे मम्मी ने ही सारी बात समझाई की पापा से मम्मी ना तो शारीरिक संतुष्ट थी ना आर्थिक । इसलिए हम दोनों ने मिलकर घर को चलाया और फिर तुझे पढ़ाकर शादी की ।
मैं ,--ओह्ह , तभी मोम ने कोई पाबंदी नही लगाई ।
सुलेखा ,--तुझे पाबंदी दिख रही है मुझे तो मोम ने कई बार होटलों में अपने कस्टमर के पास भेजा था और तेरे बारे में भी सबकुछ मालूम है ।
मैं ,--मेरे बारे में भी ।
सुलेखा ,--हां, जिस दिन प्रिया तुझे शादी के नाम पर हरमीत के फार्म हाउस ले गयी थी उसी दिन ब्यूटी पार्लर वाली आंटी ने फोन पर बता दिया था कि तू दुल्हन बनकर राजेश से अपनी नथ उतरवाने जा रही है ।
मैं ,--पर वो तो राजेश की जान पहचान वाली थी ।
सुलेखा ,--वो राजेश जैसे लोगों को माल सप्लाई करती है और उसके थ्रू मोम भी कई बार बूक होकर गयी हुई थी ।
मैं ,--ओह्ह तब तो मोम को सब कुछ मालूम होना ही था।
सुलेखा ,--तभी मोम और मेने फैसला किया कि तू जिस रास्ते पर चल रही है अमित जैसा चूतिया तेरे लिए ठीक रहेगा क्योंकि तू एक मर्द से संतुष्ट नही रहने वाली ।
मैं ,--समझ गयी दीदी सारी बाय अब आप अपने बारे में सुनाइए आप तो ससुराल में खुश है ना ।
सुलेखा ,--हम्म तेरे जीजू बहुत चोदू आदमी है दिन रात लगे रहते हैं अब तो बेटे के जन्म के बाद दोनों बाप बेटे मेरी चुचियाँ के पीछे पड़े रहते हैं सारा दूध निचोड़ कर पी जाते हैं ।
मैं ,--चलो अच्छा है कम से कम बाहर तो मुंह नही मारना पड़ता है ।
सुलेखा ,--हम्म , पर देवर कभी कभी हाथ साफ कर लेता है जब मौका मिल जाये तो ।
मैं ,--तो जीजू को पता है ये बात ।
सुलेखा ,--अब एक बार आदत लग गयी वो छूटती थोड़े ही है बिचारा देवरानी के शर्मीलेपन की वजह से खुल कर नही खेल पाता तो थोड़ा खेल लेता है।
मैं ,--सही है अब में रखती हूं शाम को फिर राजेश के साथ एन्जॉय करना है ।
सुलेखा ,बाय राजेश से कीमत वसूल कर लेना ।
मेने फोन रखा ही था कि दीनू काका आ गया और साफ सफाई करने में लग गया। मुझे भी रात भर चुदाई से थकान हो रही थी इसलिए नींद आने लगी थी । तभी मेरे दिमाग मे आईडिया आया कि क्यों ना मसाज करवा ली जाए । जिससे शाम तक फ्रेश हो जाऊं। वैसे भी सुबह राजेश गरम करके छोड़ गया और फिर सुलेखा दीदी की बातों ने पूरा गर्म कर फ़िया था ।
इसलिए रूम में आकर साड़ी खोली और ब्रा पेंटी के ऊपर एक गाउन पहना जो सिर्फ डोरी से बंधा था और पेंटी कवर कर रहा था ।
गाउन पहनकर दीनू काका को आवाज लगाई तो दीनू काका ।
दीनू काका ,--जी बहुरानी ।
मैं ,--ससुर जी , में आप पर भरोसा कर सकती हूँ ना ।
दीनू काका ,--अरे बहुरानी मेने पहले भी कहा है में लंगोट का कच्चा नही हूँ और मुझे जबर्दस्ती बिल्कुल पसंद नही है में तो किसी प्यासी औरत की प्यास बुझाने को ही पुण्य समझता हूँ। और मुझपे भरोसे की बात सीमा से पूछ लेना मेने कभी भी अपनी तरफ से पहल नही की ।
मैं ,--अरे ससुर जी आप ने इतना लंबा भाषण दे दिया ।चलिए में आप की बात मान लेती हूँ कि आप विस्वास नही तोड़ेंगे ।मुझे मसाज करवानी थी आपसे ।
दीनू काका मेरे नजदीक आकर ,--बस इतनी सी बात बताओ किस तरह की मसाज चाहिए।
मैं ,--ससुर जी आप का नालायक बेटा रात में अपने बॉस को लाया था उन्होंने रात भर थका दिया तो थोड़ा सा मसाज कर दीजिए क्योंकि रात फिर उनकी सेवा करनी पड़ेगी ।
दीनू काका बेड पर बेठकर ,--ओह , बहुरिया तब तो पहले रात की थकान उतारकर फिर तुमको आज रात के लिए तैयार करना पड़ेगा उसके लिए एक बार पानी छुड़ाकर क्लीट की मसाज करनी पड़ेगी ।
मैं ,--ससुर जी आप को जो करना है कीजिये बस अपनी इस बहु की थकान मिटा दीजिये की आपके बेटे के बॉस को शिकायत का मौका नही मिले ।
दीनू काका ,--बहु उसके लिए तुमने शरीर का जितना हिस्सा ढक रखा है उतने ही हिस्से की मसाज करनी पड़ेगी ।
मैं दीनू काका की बात समझ चुकी थी कि वो ब्रा पेंटी के नीचे यानी बूब्स और चुत की मसाज करेगा इसलिए अपना फोन उठाया और अमित को कैमरा देखने का वॉट्सऐप किया और फिर बाथरूम में जाकर ब्रा पेंटी निकाली और गाउन पहनकर बाहर आई जो पहनना या ना पहनना एक ही बात थी ।
बाथरूम से बाहर आई तो अमित का वॉट्सऐप आया जिसमे उसने थम्स अप वाला ईमोजी भेजा था यानी वो ऑनलाइन देख रहा होगा ।