09-04-2021, 03:37 PM
दीदी ने मुझे अपने कमरे में ले गयी और मुझे गले लगा लिया. मैंने भी दीदी को हग किया और अपना हाथ दीदी की गांड पर ले गया. बहुत सॉफ्ट गांड थी. मैंने दीदी को एक किश किया, दीदी ने भी पूरा साथ दिया. ये किसी भाई बहन का नहीं हवस में डुबे एक लवर्स का किश था. मुझे दीदी का क्लीवेज पूरा दिख रहा था, आधी से ज्यादा दीदी की चूचियां नंगी थी. हर साँस के साथ चूचियां ऊपर निचे हो रही थी, मेरा कण्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. मैंने ऊपर से दीदी की चूचियों को मसलना सुरु कर दिया…
मैं: उफ्फ्फ कंचन जानेमन क्या चूचियां है साली तेरी.. खा जाऊँगा इसे..
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह.. भाई दबा इसे .. जोर से मसल डाल इसे
मैंने दीदी की ड्रेस की ज़िप खोल दी, अब दीदी की चूचियां पूरी नंगी मेरे सामने थी..
मैं: दीदी ये चूचियां तो मेरी उम्मीद से भी बहुत बड़ी है.. हमेशा आपकी तनी हुई छाती मेरा लन्ड खड़ा करती रही है…
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई तो सोच क्यू रहा है.. आ चूस इन्हे.. दबा जोरसे
मैं एक चुची को चूसने लगा और दूसरी को दबा रहा था. चूचियां इतनी बड़ी थी की एक हाथ में आ नहीं रही थी..
दीदी: आअह्ह्ह्हह भाई… मेरा बुरा हाल है …मेरे चूत में आग लगा दी है तूने..
मैंने दीदी की ड्रेस निकल दी और पैंटी भी उतर दी, अब दीदी पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी.
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी… कयामत का बदन है आपका..कितनी चिकनी बूर है और इतनी बड़ी गांड.. उफ्फफ्फ्फ़
दीदी: भाई मुझे शर्म आ रही है..
दीदी ने मेरा लन्ड निकल कर हिलने लगी.. २ मिनट में ही मेरा लन्ड फिर पूरी तरह अकड़ गया.
दीदी: भाई अब सहा नहीं जा रहा है.. घुसा दे ये लन्ड मेरी बूर में और बन जा बहनचोद..
मैं: दीदी तैयार हो जाओ अपनी भाई का लन्ड लेने के लिए..
मैंने अपना लन्ड दीदी की बूर में सेट किया और एक जोर का झटका मारा. लन्ड का सूपड़ा ३ इंच तक दीदी की बूर में घुस गया..
दीदी: आह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईईई माँ मर गयी भाई..फाड़ दिया तुमने आखिर मेरा बूर..
मैंने एक और धक्का मारा, लन्ड बूर में आधा धंस गया.. दीदी की चीख निकल आयी..
दीदी: उईईईईई .. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .. भाई आराम से चोद … तेरा लन्ड बहुत मोटा और बड़ा है
मैं: बस दीदी थोड़ा दर्द और फिर जमकर चुदाई होगी आपकी..
मैं: उफ्फ्फ कंचन जानेमन क्या चूचियां है साली तेरी.. खा जाऊँगा इसे..
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह.. भाई दबा इसे .. जोर से मसल डाल इसे
मैंने दीदी की ड्रेस की ज़िप खोल दी, अब दीदी की चूचियां पूरी नंगी मेरे सामने थी..
मैं: दीदी ये चूचियां तो मेरी उम्मीद से भी बहुत बड़ी है.. हमेशा आपकी तनी हुई छाती मेरा लन्ड खड़ा करती रही है…
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई तो सोच क्यू रहा है.. आ चूस इन्हे.. दबा जोरसे
मैं एक चुची को चूसने लगा और दूसरी को दबा रहा था. चूचियां इतनी बड़ी थी की एक हाथ में आ नहीं रही थी..
दीदी: आअह्ह्ह्हह भाई… मेरा बुरा हाल है …मेरे चूत में आग लगा दी है तूने..
मैंने दीदी की ड्रेस निकल दी और पैंटी भी उतर दी, अब दीदी पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी.
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी… कयामत का बदन है आपका..कितनी चिकनी बूर है और इतनी बड़ी गांड.. उफ्फफ्फ्फ़
दीदी: भाई मुझे शर्म आ रही है..
दीदी ने मेरा लन्ड निकल कर हिलने लगी.. २ मिनट में ही मेरा लन्ड फिर पूरी तरह अकड़ गया.
दीदी: भाई अब सहा नहीं जा रहा है.. घुसा दे ये लन्ड मेरी बूर में और बन जा बहनचोद..
मैं: दीदी तैयार हो जाओ अपनी भाई का लन्ड लेने के लिए..
मैंने अपना लन्ड दीदी की बूर में सेट किया और एक जोर का झटका मारा. लन्ड का सूपड़ा ३ इंच तक दीदी की बूर में घुस गया..
दीदी: आह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईईई माँ मर गयी भाई..फाड़ दिया तुमने आखिर मेरा बूर..
मैंने एक और धक्का मारा, लन्ड बूर में आधा धंस गया.. दीदी की चीख निकल आयी..
दीदी: उईईईईई .. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .. भाई आराम से चोद … तेरा लन्ड बहुत मोटा और बड़ा है
मैं: बस दीदी थोड़ा दर्द और फिर जमकर चुदाई होगी आपकी..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
