Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
दिल की ज़ुबानी
#5
खयाल में भी उसे बेरिदा नहीं किया है,
ये ज़ुल्म मुझसे नहीं हुआ, नहीं किया है।

में एक शख्स को ईमान जानता हूं तो क्या?
खुदा के नाम पे लोगों ने क्या नहीं किया है।

इसलिए तो मैं रोया नहीं बिछड़ते समय
तुझे रवाना किया है, जुदा नहीं किया है।

अगर ये बत्तमिज तुझसे डर रहे हैं तो फिर,
तुझे बिगाड़ के मैंने बुरा नहीं किया है।
Ali Zaryoun
Like Reply


Messages In This Thread
दिल की ज़ुबानी - by Gpoint - 07-04-2021, 08:10 PM
RE: दिल की ज़ुबानी - by Gpoint - 07-04-2021, 08:18 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)