03-04-2019, 08:34 AM
(This post was last modified: 15-07-2020, 02:32 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुलाबी निपल
वो बस लपकते हुए अंदर आये और , ... बस बेहोश नहीं हुए।
मैंने जबरदस्त आँख मारी और ब्रा से बाहर झांकते अपने कड़क मांसल गुलाबी गुलाबी निपल उनकी ओर उचका दिए।
बस वही हुआ जो होना था।
सीधे उनके होंठों के बीच ,
वो चूसते रहे ,चुभलाते रहे और बीच बीच में उनके लालची दांत भी ,कभी हलके से ,... जीभ तो लगातार कभी सहलाती कभी फ्लिक करती।
बस दो मिनट में ही मैं पिघल रही थी ,
लेकिन मैं क्यों छोडती मौक़ा , उनका हाल चाल चाल जानने के लिए उनकी जीन्स के ऊपर जो मैंने हाथ रखा तो , ... एकदम पत्थर।
बस हलके हलके मैंने हथेली से जीन्स के ऊपर से दबाना मसलना रगड़ना शुरू किया और कुछ ही देर में उनकी हालत मुझसे भी ज्यादा खराब हो गयी।
मेरा एक निपल उनकी उँगलियों के बीच और दूसरा उनके मुंह के बीच , ...
एक हाथ खाली था। बस वो मेरी स्कर्ट के अंदर और थांग के ऊपर से ही चुनमुनिया को मसलने लगा।
मैं सिसक रही थी ,सिहर रही थी।
उनकी ऊँगली थांग को हटा के सीधे प्रेम गली के अंदर ,
अंगूठा क्लिंट पे।
मैं बस पागल नहीं हुयी और मैंने वही किया जो एक आदर्श पत्नी को करना चाहिए।
उनकी ज़िप मैंने खोल दी , मुस्टंडा बाहर ,
और फिर अंदर ,मेरे मुंह के।
मैं घुटने के बल बैठ गयी और सीधे लन्ड मेरे मुंह में ,...
मुझे उन्हें ब्लो जॉब करना बहुत अच्छा लगता था और उन्हें करवाना।
लेकिन पहली बार ,एक पब्लिक प्लेस में ऐसे दिन दहाड़े ,...
न मुझे परवाह थी न उन्हें।
ट्रायल रूम में दरवाजा तक नहीं था ,सिर्फ एक पर्दा , और हम दोनों ,...
लेकिन इश्क क्या जो सर चढ़ के न बोले।
कुछ देर तक मैं सिर्फ उनका मोटा सुपाड़ा चूसती चुभलाती रही ,
बीच बीच में जीभ की नोक ,उनके फूले मोटे मांसल सुपाड़े के छेद में ,पी होल में ,
वो गिनगिना रहे थे ,सिसक रहे थे।
और अब तंग करने की बारी मेरी थी ,मेरे कोमल कोमल हाथ भी मजा लेना जानते थे ,पहले हलके हलके फिर जोर जोर से मैंने मुठियाना शुरू किया।
उस ट्रायल रूम में मैं उनका चूस रही थी ,मुठिया रही थी और कभी कभी ,
मेरे लंबे नाख़ून उनके बॉल्स को भी सहला देते।
पर थोड़ी देर में कमान उन्होंने हाथ में ले ली और धक्के पे धक्का ,
क्या कोई चूत चोदेगा जिस तरह वो मुंह चोद रहे था।
सटासट सटासट ,गपागप गपागप ,
मेरा मखमली मुंह उनका मोटा लन्ड घोंट रहा था ,वो पेल रहे थे।
एकदम गले तक ,मैं गों गों कर रही थी लेकिन न मैंने चूसना छोड़ा और न उन्होंने ठेलना ,
हम दोनों ये भूल चुके थे की कहाँ है ,
हलकी सी पैरों की आहट सुनाई भी दी , लेकिन वो उस हालात में थे की ,..
और न मैं चाहती थी की वो रुकें ,
सफ़ेद गाढ़ी थक्केदार मलाई की धार , एक बार ,रुक कर फिर से।
और मेरे मुंह से बहते उस शियर ब्रा पर भी ,निपल पर भी।
तबतक बाहर से शाप अस्सीस्टेन्ट की आवाज सुनाई पड़ी और उन्होंने खूँटा जीन्स के अंदर बंद कर लिया।
मैंने अपने को जल्दी जल्दी ठीक किया और उनके साथ बाहर निकली।
हम लोगों ने जो सेलेक्ट किया था उसको स्कैन करके उसने बिल बना लिया था और उनके कार्ड पे चार्ज कर लिया था।
" ट्रायल कैसा रहा , " मुस्कारते हुए उसने पूछा।
बहुत अच्छा , कुर्सी पर पड़ा टॉप पहनते हुए मैंने पूछा और तभी मेरी निगाह वहां पड़ी , जहां वो देख रही थी।
ऊप्स ,मेरा एक निपल उनकी गाढ़ी थक्केदार मलाई से ढंका हुआ था।
लेकिन मैंने जल्दी से टॉप पहन लिया।
इस वाली का दाम ,...उन्होंने उस एक्सपोज्ड निपल वाले ब्रा के बारे में पूछा तो असिस्टेंट ने हंसते हुए कहा ,
इट इज आन द हाउस।
हम तीनो जब तक शाप के ऊपरी फ्लोर पे आये , मेरा मोबाइल अलार्म तेजी से बजने लगा।
और तब मुझे याद आया ,मिसेज खन्ना के यहां मीटिंग।
सिर्फ १० मिनट बचे थे।
वो बस लपकते हुए अंदर आये और , ... बस बेहोश नहीं हुए।
मैंने जबरदस्त आँख मारी और ब्रा से बाहर झांकते अपने कड़क मांसल गुलाबी गुलाबी निपल उनकी ओर उचका दिए।
बस वही हुआ जो होना था।
सीधे उनके होंठों के बीच ,
वो चूसते रहे ,चुभलाते रहे और बीच बीच में उनके लालची दांत भी ,कभी हलके से ,... जीभ तो लगातार कभी सहलाती कभी फ्लिक करती।
बस दो मिनट में ही मैं पिघल रही थी ,
लेकिन मैं क्यों छोडती मौक़ा , उनका हाल चाल चाल जानने के लिए उनकी जीन्स के ऊपर जो मैंने हाथ रखा तो , ... एकदम पत्थर।
बस हलके हलके मैंने हथेली से जीन्स के ऊपर से दबाना मसलना रगड़ना शुरू किया और कुछ ही देर में उनकी हालत मुझसे भी ज्यादा खराब हो गयी।
मेरा एक निपल उनकी उँगलियों के बीच और दूसरा उनके मुंह के बीच , ...
एक हाथ खाली था। बस वो मेरी स्कर्ट के अंदर और थांग के ऊपर से ही चुनमुनिया को मसलने लगा।
मैं सिसक रही थी ,सिहर रही थी।
उनकी ऊँगली थांग को हटा के सीधे प्रेम गली के अंदर ,
अंगूठा क्लिंट पे।
मैं बस पागल नहीं हुयी और मैंने वही किया जो एक आदर्श पत्नी को करना चाहिए।
उनकी ज़िप मैंने खोल दी , मुस्टंडा बाहर ,
और फिर अंदर ,मेरे मुंह के।
मैं घुटने के बल बैठ गयी और सीधे लन्ड मेरे मुंह में ,...
मुझे उन्हें ब्लो जॉब करना बहुत अच्छा लगता था और उन्हें करवाना।
लेकिन पहली बार ,एक पब्लिक प्लेस में ऐसे दिन दहाड़े ,...
न मुझे परवाह थी न उन्हें।
ट्रायल रूम में दरवाजा तक नहीं था ,सिर्फ एक पर्दा , और हम दोनों ,...
लेकिन इश्क क्या जो सर चढ़ के न बोले।
कुछ देर तक मैं सिर्फ उनका मोटा सुपाड़ा चूसती चुभलाती रही ,
बीच बीच में जीभ की नोक ,उनके फूले मोटे मांसल सुपाड़े के छेद में ,पी होल में ,
वो गिनगिना रहे थे ,सिसक रहे थे।
और अब तंग करने की बारी मेरी थी ,मेरे कोमल कोमल हाथ भी मजा लेना जानते थे ,पहले हलके हलके फिर जोर जोर से मैंने मुठियाना शुरू किया।
उस ट्रायल रूम में मैं उनका चूस रही थी ,मुठिया रही थी और कभी कभी ,
मेरे लंबे नाख़ून उनके बॉल्स को भी सहला देते।
पर थोड़ी देर में कमान उन्होंने हाथ में ले ली और धक्के पे धक्का ,
क्या कोई चूत चोदेगा जिस तरह वो मुंह चोद रहे था।
सटासट सटासट ,गपागप गपागप ,
मेरा मखमली मुंह उनका मोटा लन्ड घोंट रहा था ,वो पेल रहे थे।
एकदम गले तक ,मैं गों गों कर रही थी लेकिन न मैंने चूसना छोड़ा और न उन्होंने ठेलना ,
हम दोनों ये भूल चुके थे की कहाँ है ,
हलकी सी पैरों की आहट सुनाई भी दी , लेकिन वो उस हालात में थे की ,..
और न मैं चाहती थी की वो रुकें ,
सफ़ेद गाढ़ी थक्केदार मलाई की धार , एक बार ,रुक कर फिर से।
और मेरे मुंह से बहते उस शियर ब्रा पर भी ,निपल पर भी।
तबतक बाहर से शाप अस्सीस्टेन्ट की आवाज सुनाई पड़ी और उन्होंने खूँटा जीन्स के अंदर बंद कर लिया।
मैंने अपने को जल्दी जल्दी ठीक किया और उनके साथ बाहर निकली।
हम लोगों ने जो सेलेक्ट किया था उसको स्कैन करके उसने बिल बना लिया था और उनके कार्ड पे चार्ज कर लिया था।
" ट्रायल कैसा रहा , " मुस्कारते हुए उसने पूछा।
बहुत अच्छा , कुर्सी पर पड़ा टॉप पहनते हुए मैंने पूछा और तभी मेरी निगाह वहां पड़ी , जहां वो देख रही थी।
ऊप्स ,मेरा एक निपल उनकी गाढ़ी थक्केदार मलाई से ढंका हुआ था।
लेकिन मैंने जल्दी से टॉप पहन लिया।
इस वाली का दाम ,...उन्होंने उस एक्सपोज्ड निपल वाले ब्रा के बारे में पूछा तो असिस्टेंट ने हंसते हुए कहा ,
इट इज आन द हाउस।
हम तीनो जब तक शाप के ऊपरी फ्लोर पे आये , मेरा मोबाइल अलार्म तेजी से बजने लगा।
और तब मुझे याद आया ,मिसेज खन्ना के यहां मीटिंग।
सिर्फ १० मिनट बचे थे।