02-04-2021, 04:16 PM
ये मेरी पहली कहानी गृप में बता रही हु अगर कुछ शब्दों का आंकलन ठीक न लगे तो पहले से माफी मांग लेती हुं
ये आज से 15 साल पहले की बात है,मेरी एन्गेजमेन्ट के बाद फियान्स के साथ पहली बार मूवी देखने गई थी, हालांकि हम छोटे शहर में रहते थे और फियान्स तो छोटे गांव के थे, देखने में ठीक-ठाक पर उनके परिवार का हमारे समाज और आसपास के गांवों में बडा रूतबा था इसीलिए फेमीली ने मेरी कालेज की चालु पढ़ाई में ही अरेंजमेंट कर दिया
हां तो अब मुल कहानी पर,
हम दोनों पास वाले बड़े शहर में मूवी देखने गये थे विवाह नामक फिल्म थी वो
राजेश(फियान्स), उसका यह पहला अनुभव था कीसी लड़की के साथ अकेले थीयेटर जाने का, वो अनकम्फर्टेबल महसूस कर रहे थे,
इसी बीच हमारी सीट बीच वाली रो में थी, एक साईड कुछ लड़कों का गृप था उसके बगल में वो बेठ गये,
दुसरी मेरी साइड एक बडी उम्र का मर्द बेठा था, काला, हट्टा-कट्टा सा,
अब राजेश शरमा रहा था तो मैंने ही वो स्टार्ट क्या जो लोग अकसर थीयेटर में करते हैं
हाथ सहलाने के बाद राजेश भी कुछ गर्म हो गया मेरे दुपट्टे के नीचे से अपना हाथ डाल कर उरोज को श्पर्श करने लगा मे तो उत्तेजित हो ही गई थी
मैंने भी उनकी जांघ पर टच कीया और फिर हाथ रखकर उंगलियों फिराने लगी
उतनी देर में राजेश पुर्ण रूप से उत्तेजित हो गया था और उसकी उत्तेजना उसकी पेंट में तंबु बन के दीख रही थी,
में वहां देखकर शरमा गई,
उसने मेरे कान में कहा कि, "मैंने आज चड्डी नहीं पहनी है"
में वैसे मूवी देखने का ढोंग कर रही थी पर तीरछी नज़र से उनका "साईज और शेईप" देख रही थी
उसे पता चला फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर "वो" जगह पर रखा और मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रखकर दबाने लगा,
मेने अपने दुपट्टे से वो भाग ढक दिया
ये देखकर राजेश की हिम्मत बढ़ गई और साथ में उत्तेजना भी,
उसने पेंट की ज़िप खोल कर बाहर निकाल दिया, मे तो तैयार ही थी, वैसे मुझे उस वक्त पता नहीं था कैसे हिलाना होता है, उस समय मोबाइल भी बहुत कम लोग के पास होते थे और वो भी नोकीया के,
तब कभी पोर्न देखा ही नहीं था
हां तो मैं उपर से जोर जोर से दबाने लगी, फिर उसने बताया कि, ईस तरह से हिलाना होता है, वो करने लगी, दो-तीन मीनीट में ही उनका स्खलन हो गया मेरा पुरा हाथ चीपचीपा हो गया था,
पर में तो उत्तेजित ही रह गई
कमेन्ट जरूर करना ताकि मुझे गलती हो तो पता चले