01-04-2021, 10:26 AM
होली का रस
उनकी ऊपर स्विट्जरलैंड के साथ कांफ्रेंस चल रही थी और मेरा भी गपियाने का मन था , तो मैंने भौजी को और छेड़ा ,
" भौजी इसके पहले भी डबलिंग , कभी ,... "
" कितनी बार , शादी के पहले भी , गन्ने के खेत में , अरहरिया में ,... लेकिन ऐसी जबरदस्त आज ही , अरे एक बार तो ट्रिपलिंग भी ,... "
हँसते हुए भौजी ने कबूल किया ,
जो मजा
गन्ने के खेत और अरहरिया में है उ डबल बेड पर भी नहीं है ,
और होली में तो भौजाई सब पकड़ के ऐसी रगड़ाई ,... एक बार भौजी के दो भाई आये थे , उन दोनों ने ही और भौजी के सामने ,
कम्मो भाभी की बात ने मुझे अपनी गाँव की होली की याद दिला दी ,
सच में भाभियाँ शायद ही कोई देवर बचता हो जिसका पाजामा न खुलता हो , कई कम उमर वालों को भी , बस दो दो भाभियाँ पकड़ लेती दोनों हाथ , तीसरी आराम से पहले पजामा का नाड़ा खोलती , फिर पाजामे से नाड़ा बाहर कर के नाड़ा आसपास के खेत में फेंक देती बस , कहतीं जाओ।
यही हाल नंदों की शलवार का होता ,
लेकिन मुझे कुछ और पूछना था , वो ट्रिपलिंग वाली बात ,
और कम्मो भौजी ने अपनी ससुराल की , शादी के बाद की पहली होली की बात बतानी शुरू कर दी।
" कब " मैं अब आश्चर्य चकित थी , ये किस्सा भौजी ने कभी नहीं सुनाया था ,
भौजी फ्लैश बैक में चली गयीं।
जैसा गाँव में होता है कम्मो भौजी की शादी कम उम्र में ही हो गयी थी , हाँ पर इस उमर में भी वो अच्छी खासी , देखने में भी जोबन में भी , जवानी आने के पहले ही गुड़ में चींटी की तरह लौंडे मंडराने लगते हैं , उसी तरह ,...
और उनके उमर की लड़कियां जब पाठशाला में , कॉलेज में तो कम्मो गन्ने के खेत की मास्टरनी बन चुकी थीं ,
शादी भी गाँव में हुयी और मर्द भी उनकी जोड़ी का ही मिला , पहले दिन से ही ,... रात भर चक्की चली,
घर में उनसे छोटी दो ननदें , एक देवर और सास,
ससुर नहीं थे,
एक ननद जो कम्मो से मुश्किल से साल भर छोटी थी , उसकी शादी सात आठ महीने पहले हो गयी थी , नन्दोई भी जबरदस्त ,
छोटी ननद , थोड़ी छोटी थी , इनकी ममेरी बहन गुड्डी की समौरिया या दो चार महीने छोटी ही रही होगी उस समय ,
उनकी ऊपर स्विट्जरलैंड के साथ कांफ्रेंस चल रही थी और मेरा भी गपियाने का मन था , तो मैंने भौजी को और छेड़ा ,
" भौजी इसके पहले भी डबलिंग , कभी ,... "
" कितनी बार , शादी के पहले भी , गन्ने के खेत में , अरहरिया में ,... लेकिन ऐसी जबरदस्त आज ही , अरे एक बार तो ट्रिपलिंग भी ,... "
हँसते हुए भौजी ने कबूल किया ,
जो मजा
गन्ने के खेत और अरहरिया में है उ डबल बेड पर भी नहीं है ,
और होली में तो भौजाई सब पकड़ के ऐसी रगड़ाई ,... एक बार भौजी के दो भाई आये थे , उन दोनों ने ही और भौजी के सामने ,
कम्मो भाभी की बात ने मुझे अपनी गाँव की होली की याद दिला दी ,
सच में भाभियाँ शायद ही कोई देवर बचता हो जिसका पाजामा न खुलता हो , कई कम उमर वालों को भी , बस दो दो भाभियाँ पकड़ लेती दोनों हाथ , तीसरी आराम से पहले पजामा का नाड़ा खोलती , फिर पाजामे से नाड़ा बाहर कर के नाड़ा आसपास के खेत में फेंक देती बस , कहतीं जाओ।
यही हाल नंदों की शलवार का होता ,
लेकिन मुझे कुछ और पूछना था , वो ट्रिपलिंग वाली बात ,
और कम्मो भौजी ने अपनी ससुराल की , शादी के बाद की पहली होली की बात बतानी शुरू कर दी।
" कब " मैं अब आश्चर्य चकित थी , ये किस्सा भौजी ने कभी नहीं सुनाया था ,
भौजी फ्लैश बैक में चली गयीं।
जैसा गाँव में होता है कम्मो भौजी की शादी कम उम्र में ही हो गयी थी , हाँ पर इस उमर में भी वो अच्छी खासी , देखने में भी जोबन में भी , जवानी आने के पहले ही गुड़ में चींटी की तरह लौंडे मंडराने लगते हैं , उसी तरह ,...
और उनके उमर की लड़कियां जब पाठशाला में , कॉलेज में तो कम्मो गन्ने के खेत की मास्टरनी बन चुकी थीं ,
शादी भी गाँव में हुयी और मर्द भी उनकी जोड़ी का ही मिला , पहले दिन से ही ,... रात भर चक्की चली,
घर में उनसे छोटी दो ननदें , एक देवर और सास,
ससुर नहीं थे,
एक ननद जो कम्मो से मुश्किल से साल भर छोटी थी , उसकी शादी सात आठ महीने पहले हो गयी थी , नन्दोई भी जबरदस्त ,
छोटी ननद , थोड़ी छोटी थी , इनकी ममेरी बहन गुड्डी की समौरिया या दो चार महीने छोटी ही रही होगी उस समय ,