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Adultery सोलवां सावन
गुलबिया और उसका मर्द, 


[Image: Lez-nip-suck-19626778.gif]


और हम दोनों एक साथ हँस पड़े। मेरी उंगली भी भौजी की बुर में बुरी तरह अंदर-बाहर हो रही थी।

 

बसंती ने बात बदली और उसका जिक्र छेड़ दिया, जो हम लोगों के लिए बाहर से पानी भरती थी, गुलबिया और उसका मर्द, बाहर कुंवे से पानी निकालता था। 

उसको तो मैं अच्छी तरह जानती थी, बसंती की उम्र की ही होगी, एक-दो साल छोटी और मजाक में छेड़ने में भी एकदम वैसी। 


[Image: geeta-228bb8ba66fcd14951bc14cabd67f8be.jpg]


 

“कभी कुंवे के पानी से नहायी हो यहाँ?” बसंती ने पूछा। 

 

“हाँ दो तीन बार, जब नल नहीं आ रहा था, खूब ठंडा और ताज़ा…” मैंने बोला। 

 

“और जो कुंए का पानी निकालता था, उसके पानी से?”

 

 घच्च से दूसरी उंगली भी मेरी पनीली चूत में ठेलते, आँख नचाकर उसने पूछा। 


[Image: pussy-fingering-16977090.gif]


 

“धत्त…” खिस्स से हँस दी मैं। 

 

“अरे ऊ तो कामनी के मर्द से भी दो चार आगे है…” 

 

ये तो मुझे पूरा यकीन था की कामिनी भाभी के पति का बंसती कई बार घोंट चुकी है, लेकिन ये भी…” 

 

और जैसे मेरे सवाल को भांपते बसंती खिलखिला के हँसी, बोली- 

 

“अरे मेरा देवर लगता है…” 



और फिर पूरा हाल खुलासा बताया।

 

“सिर्फ लम्बाई या मोटाई में ही नहीं वो चुदाई में भी कामिनी के मर्द से 22 है। चूत चोदने में तो बस ई सोचो की अच्छी-अच्छी चुदी चुदाई, कई-कई बच्चों की महतारी, भोसड़ी-वालियां पशीना छोड़ देती हैं उसकी चुदाई में। ऐसा रगड़ चोदता है न की बस… लेकिन अगर ऊ गाण्ड मारने पे आ गया न तो बस… चाहे जितना रोओ, चिल्लाओ, गाण्ड फाड़ के रख देगा।


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 अगर तुम दो-चार बार मरवा लो न उससे, फिर सटासट गपागप गाण्ड में लण्ड घोंटोगी, खुदै गाण्ड फैलाकर लण्ड पे बैठ जाओगी…” 

 

मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, डर भी लग रहा था, मन भी कर रहा था। कुछ बसंती की बातें कुछ उसकी उँगलियों का असर जो मेरी चूत में तूफान मचा रही थीं। 

 

बसंती मुश्कुराकर शरारत से बोली- 

“अरे अई मतलब नहीं की गाण्ड मरावे में दरद नहीं होगा। अरे जब गाण्ड के छल्ले में दरेरता, रगड़ता, घिसटता, फाड़ता घुसेगा न… जो दरद होगा वही तो असली मजा है, मारने वाले के लिए भी और मरवाने वाली के लिये भी…” 

 

बात बसंती भौजी की एकदम सही थी, जब सुनील का मोटा सुपाड़ा दरेरता हुआ घुसा था, एकदम जैसे किसी ने गाण्ड में मुट्ठी भर लाल मिर्च झोंक दी हो, आँख से पानी निकल आया था। 

लेकिन याद करके फिर से गाण्ड सिकुड़ने फूलने लगती थी। 

 

बसंती भौजी ने मेरे चूत के पानी से डूबी अपनी उंगली निकाली और मेरी दुबदुबाती गाण्ड के छेद पे मसल दी और हँसकर, मसलकर बोलीं-


“क्यों मन कर रहा है उसका लेने का? 

लेकिन भरौटी में जाना पड़ेगा उसके घर। अरे तोहार भौजी हूँ, दिलवा दूंगी, खुद ले चलूंगी। हाँ जाने के पहले गाण्ड में पाव भर कड़वा तेल डालकर जाना…” 

 

मैं कुछ बोलती, जवाब देती उसके पहले ही भौजी ने एक वार्निंग भी दे दी- 

 
“लेकिन भरौटी के लौंडन से बच के रहना…”
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सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 02-04-2019, 05:49 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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