28-03-2021, 10:38 AM
राजेश ने अपना लॅंड निकाला और उसी की बगल में हांफता हुआ सा गिर गया…
लॅंड उसका अभी भी तना हुआ था, जिसपर उसकी बेटी की चूत का इत्र चमक रहा था..
पर वो ज़्यादा देर तक चमक नही पाया, क्योंकि ऐसे रस की प्यासी लोमड़ी चाँदनी ने उसे अपने कब्ज़े में लिया और उसे अपने मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगी.
और जिस अंदाज से वो उसके लॅंड को चूस रही थी वो अंदाज बता रहा था की चुदाई वो जबरदस्त तरीके से करवाएगी…
क्योंकि जिन लड़कियों में लॅंड चूसने का जुनून हद से ज़्यादा होता है उनमें सैक्स कूट कूटकर भरा होता है
और लॅंड चूसने के अंदाज ही बयान कर देते है की वो चुदाई में कैसे कमाल दिखाने वाली है..
वैसे तो चाँदनी की भी ये पहली चुदाई थी पर ईशा को इतनी आसानी से चुदते देखकर उसका डर अब गायब हो चुका था…
अब तो उसे अपनी चूत के होंठ बस फड़कते हुए से महसूस हो रहे थे की कब उनमे राजेश अंकल का लॅंड जाए और उसकी खुजली को दूर करे..
पर उसे चोदने से पहले वो उसकी चूत को एक बार चाटना चाहता था,
क्योंकि इतनी देर से उन दोनो के साथ मज़े लेने के बाद उसका गला अब खुश्क हो चुका था, जिसे चूत का पानी ही तर कर सकता था..
उसने चाँदनी को साइड के सोफे पर लिटाया और उसकी टांगे खोलकर उनके बीच अपनी जीभ लगा दी…
वो ऐसे तड़प उठी जैसे बिजली का करंट लग गया हो..
“आआआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह अंकल …………..सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स….. मजाआा आआआआआआआअ रहाआआआआआआआआआअ है…….. अहह ऐसे ही चाटो इसे…….. उम्म्म्मममममममममममम….. “
कुछ देर तक चाटने के बाद राजेश ने उसे अपने ऊपर आने का न्योता दिया…
वो भी मुस्कुराती हुई उपर की तरफ आई और अपनी दोनो टांगे कमर के दोनो तरफ करके राजेश की जांघों पर बैठ गयी…
राजेश को उसकी चूत से निकल रही गर्मी झुलसा रही थी…
अब उसे उसी भट्टी में अपना लॅंड सेंकना था.
उसने चाँदनी की गांड को थोड़ा उपर उठाया,
अपने लॅंड को हाथ से लेजाकर उसकी चूत के मुहाने पर लगाया और उसे नीचे झुकाते हुए उसके होंठों को स्मूच करने लगा…
ताकि चुदाई के वक़्त उसकी चीख अंदर ही दब जाए…
वो भी बड़ी ही बेबाकी से उस स्मूच में डूबकर अपने बूब्स राजेश की छाती से रगड़ते हुए उसका मज़ा लेने लगी…
और उसी वक़्त राजेश ने मौका देखकर नीचे से अपने लॅंड का झटका देकर एक ही बार में उसकी चूत को भी भेद डाला…
राजेश ने महसूस किया उसके शरीर की अकड़न को,
उसके नम पड़ रहे होंठों को,
उसकी फेली हुई आँखो को जिन्हे शायद विश्वास नही हो रहा था की वो भी अब चुद चुकी है…
गीली चूत का यही फायदा होता है,
दर्द का एहसास नही होता,
जितना लड़किया अपनी पहली चुदाई के वक़्त डरती है,
उतना दर्द असल में महसूस नही होता अगर उनकी चूत गीली हो…
पहले ईशा के साथ यही हुआ और अब चाँदनी के साथ भी…
और ईशा की तरह चाँदनी भी उस मोटे लॅंड को अपनी चूत में महसूस करके फूली नहीं समा रही थी…
राजेश ने कुछ देर तक उसके नर्म होंठों का रस पिया और फिर ताबड़तोड़ नीचे से धक्के देकर उसकी चुदाई करने लगा..
अब तो चाँदनी को भी मज़े आने लगे थे….
चूत में जब लॅंड गोले दागता है तो कैसे मज़े मिलते है ये उसे आज महसूस हो चूका था….
अब तो वो ऐसे तोपें चलवाते रहना चाहती थी अपनी चूत में
पर अभी के लिए तो अंकल के लॅंड का पूरा मज़ा लेना बनता था…
आख़िरकार उन्होने उसकी जवानी की फॅंटेसी जो पूरी कर दी थी…
वो सीधी होकर अपने चुचे तनवा कर लॅंड पर बैठ गयी और खुद ही उपर नीचे कूदते हुए राजेश के लॅंड को अंदर बाहर करने लगी…
राजेश उसके रंग ढंग देखकर ही समझ गया की ये लड़की काफ़ी आगे जाएगी…
वो उसके बूब्स को मसलते हुए,
उसकी गांड पर चपत लगाते हुए,
उसकी चूत में अपने लंड की कुटाई का भरपूर मज़ा लेने लगा..
तब तक ईशा को भी होश आ चूका था…
अपनी चुदाई के बाद आई मदहोशी से बाहर निकलने का उसका मन तो नही कर रहा था पर अपने पापा के द्वारा अपनी प्यारी सहेली की पहली चुदाई वो भी मिस्स करना नही चाहती थी, इसलिए अपनी गीली चूत में धीरे-2 उंगलियों को फेरते हुए वो उनकी चुदाई का मज़ा लेने लगी..
और राजेश के लॅंड को अंदर महसूस करके जो ऑर्गॅज़म चाँदनी के अंदर पनप रहा था, वो भी जल्द ही अपने उफान पर आ गया और वो भी भरभराकर उस लॅंड पर अपनी पहली चुदाई के पहले रज़ को कुर्बान करके हांफती हुई राजेश की छाती पर गिर पड़ी…
आज राजेश को अपने स्टॅमिना पर गर्व हो रहा था..
2-2 कुँवारी चूतें चोद डाली थी उसने, पर अभी भी उसका लॅंड स्टील की तरह खड़ा था..
उसने चाँदनी को भी ईशा की बगल में लिटाया और खुद उनके बीच घुटनो के बल बैठकर अपने मोटे लॅंड को जोरों से रगड़ने लगा…
वो दोनो भी अपनी प्यासी जीभें निकाल कर आने वाली बरसात का इंतजार करते हुए अपनी-2 चूतें रगड़ने लगी…
और जल्द ही वो बरसात भी आई, जिसने उन दोनो के चेहरों से लेकर छातियों तक को ऐसे भिगो डाला जैसे उनपर हिमपात हुआ हो…
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आज जैसा माल राजेश का आज तक नही निकला था…
उसने अपने लॅंड से निकली पिचकारियों को उन दोनो के चेहरों पर बराबर मात्रा में बाँट दिया ताकि किसी को शिकायत का मौका ना मिले…
और फिर निढाल होकर वो उन दोनो के बीच गिर पड़ा…
वो दोनो एक दूसरे के चेहरे से मलाई चाटने के बाद उसके लॅंड को भी चाटने में मशगूल हो गयी..
राजेश आँखे बंद किए शेफाली की आत्मा को धन्यवाद दे रहा था जिसने आज उसकी लाइफ में ये हसीन पल का एहसास करवाया…
और वो दोनो चुलबुलियां अपनी पहली चुदाई करवाकर एक नये एहसास मे डूबी हुई, खुशी के एक अलग ही लेवल पर पहुँच चुकी थी..
और वहीं दरवाजे पर खड़ी रजनी , जो काफ़ी देर से छुप कर उनकी चुदाई का मज़ा ले रही थी, आज अपने प्लान के सफल होने पर सबसे ज़्यादा खुश थी…
भले ही अपने पति को थोड़ा बेवकूफ़ बनाया शेफाली के नाम पर
पर उसने और राधिका ने जो प्लान बनाया था की घर की जवान हो रही लड़कियों को घर पर ही रहकर चुदवाने का ताकि उन्हे बाहर की हवा ना लगे,
वो आज सफल हो चुका था…
और मन ही मन वो भी शेफाली की आत्मा को धन्यवाद कर रही थी..
और वो जानती थी की ये सब अब आगे भी होता रहेगा…
और एक औरत यही तो चाहती है की उसे जिंदगी भर ऐसी चुदाई मिलती रहे जो उसे खुश रखे..
और अब वो खुशी उसे और उसकी बेटी जो जिंदगी भर मिलने वाली थी.
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समाप्त
लॅंड उसका अभी भी तना हुआ था, जिसपर उसकी बेटी की चूत का इत्र चमक रहा था..
पर वो ज़्यादा देर तक चमक नही पाया, क्योंकि ऐसे रस की प्यासी लोमड़ी चाँदनी ने उसे अपने कब्ज़े में लिया और उसे अपने मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगी.
और जिस अंदाज से वो उसके लॅंड को चूस रही थी वो अंदाज बता रहा था की चुदाई वो जबरदस्त तरीके से करवाएगी…
क्योंकि जिन लड़कियों में लॅंड चूसने का जुनून हद से ज़्यादा होता है उनमें सैक्स कूट कूटकर भरा होता है
और लॅंड चूसने के अंदाज ही बयान कर देते है की वो चुदाई में कैसे कमाल दिखाने वाली है..
वैसे तो चाँदनी की भी ये पहली चुदाई थी पर ईशा को इतनी आसानी से चुदते देखकर उसका डर अब गायब हो चुका था…
अब तो उसे अपनी चूत के होंठ बस फड़कते हुए से महसूस हो रहे थे की कब उनमे राजेश अंकल का लॅंड जाए और उसकी खुजली को दूर करे..
पर उसे चोदने से पहले वो उसकी चूत को एक बार चाटना चाहता था,
क्योंकि इतनी देर से उन दोनो के साथ मज़े लेने के बाद उसका गला अब खुश्क हो चुका था, जिसे चूत का पानी ही तर कर सकता था..
उसने चाँदनी को साइड के सोफे पर लिटाया और उसकी टांगे खोलकर उनके बीच अपनी जीभ लगा दी…
वो ऐसे तड़प उठी जैसे बिजली का करंट लग गया हो..
“आआआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह अंकल …………..सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स….. मजाआा आआआआआआआअ रहाआआआआआआआआआअ है…….. अहह ऐसे ही चाटो इसे…….. उम्म्म्मममममममममममम….. “
कुछ देर तक चाटने के बाद राजेश ने उसे अपने ऊपर आने का न्योता दिया…
वो भी मुस्कुराती हुई उपर की तरफ आई और अपनी दोनो टांगे कमर के दोनो तरफ करके राजेश की जांघों पर बैठ गयी…
राजेश को उसकी चूत से निकल रही गर्मी झुलसा रही थी…
अब उसे उसी भट्टी में अपना लॅंड सेंकना था.
उसने चाँदनी की गांड को थोड़ा उपर उठाया,
अपने लॅंड को हाथ से लेजाकर उसकी चूत के मुहाने पर लगाया और उसे नीचे झुकाते हुए उसके होंठों को स्मूच करने लगा…
ताकि चुदाई के वक़्त उसकी चीख अंदर ही दब जाए…
वो भी बड़ी ही बेबाकी से उस स्मूच में डूबकर अपने बूब्स राजेश की छाती से रगड़ते हुए उसका मज़ा लेने लगी…
और उसी वक़्त राजेश ने मौका देखकर नीचे से अपने लॅंड का झटका देकर एक ही बार में उसकी चूत को भी भेद डाला…
राजेश ने महसूस किया उसके शरीर की अकड़न को,
उसके नम पड़ रहे होंठों को,
उसकी फेली हुई आँखो को जिन्हे शायद विश्वास नही हो रहा था की वो भी अब चुद चुकी है…
गीली चूत का यही फायदा होता है,
दर्द का एहसास नही होता,
जितना लड़किया अपनी पहली चुदाई के वक़्त डरती है,
उतना दर्द असल में महसूस नही होता अगर उनकी चूत गीली हो…
पहले ईशा के साथ यही हुआ और अब चाँदनी के साथ भी…
और ईशा की तरह चाँदनी भी उस मोटे लॅंड को अपनी चूत में महसूस करके फूली नहीं समा रही थी…
राजेश ने कुछ देर तक उसके नर्म होंठों का रस पिया और फिर ताबड़तोड़ नीचे से धक्के देकर उसकी चुदाई करने लगा..
अब तो चाँदनी को भी मज़े आने लगे थे….
चूत में जब लॅंड गोले दागता है तो कैसे मज़े मिलते है ये उसे आज महसूस हो चूका था….
अब तो वो ऐसे तोपें चलवाते रहना चाहती थी अपनी चूत में
पर अभी के लिए तो अंकल के लॅंड का पूरा मज़ा लेना बनता था…
आख़िरकार उन्होने उसकी जवानी की फॅंटेसी जो पूरी कर दी थी…
वो सीधी होकर अपने चुचे तनवा कर लॅंड पर बैठ गयी और खुद ही उपर नीचे कूदते हुए राजेश के लॅंड को अंदर बाहर करने लगी…
राजेश उसके रंग ढंग देखकर ही समझ गया की ये लड़की काफ़ी आगे जाएगी…
वो उसके बूब्स को मसलते हुए,
उसकी गांड पर चपत लगाते हुए,
उसकी चूत में अपने लंड की कुटाई का भरपूर मज़ा लेने लगा..
तब तक ईशा को भी होश आ चूका था…
अपनी चुदाई के बाद आई मदहोशी से बाहर निकलने का उसका मन तो नही कर रहा था पर अपने पापा के द्वारा अपनी प्यारी सहेली की पहली चुदाई वो भी मिस्स करना नही चाहती थी, इसलिए अपनी गीली चूत में धीरे-2 उंगलियों को फेरते हुए वो उनकी चुदाई का मज़ा लेने लगी..
और राजेश के लॅंड को अंदर महसूस करके जो ऑर्गॅज़म चाँदनी के अंदर पनप रहा था, वो भी जल्द ही अपने उफान पर आ गया और वो भी भरभराकर उस लॅंड पर अपनी पहली चुदाई के पहले रज़ को कुर्बान करके हांफती हुई राजेश की छाती पर गिर पड़ी…
आज राजेश को अपने स्टॅमिना पर गर्व हो रहा था..
2-2 कुँवारी चूतें चोद डाली थी उसने, पर अभी भी उसका लॅंड स्टील की तरह खड़ा था..
उसने चाँदनी को भी ईशा की बगल में लिटाया और खुद उनके बीच घुटनो के बल बैठकर अपने मोटे लॅंड को जोरों से रगड़ने लगा…
वो दोनो भी अपनी प्यासी जीभें निकाल कर आने वाली बरसात का इंतजार करते हुए अपनी-2 चूतें रगड़ने लगी…
और जल्द ही वो बरसात भी आई, जिसने उन दोनो के चेहरों से लेकर छातियों तक को ऐसे भिगो डाला जैसे उनपर हिमपात हुआ हो…
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आज जैसा माल राजेश का आज तक नही निकला था…
उसने अपने लॅंड से निकली पिचकारियों को उन दोनो के चेहरों पर बराबर मात्रा में बाँट दिया ताकि किसी को शिकायत का मौका ना मिले…
और फिर निढाल होकर वो उन दोनो के बीच गिर पड़ा…
वो दोनो एक दूसरे के चेहरे से मलाई चाटने के बाद उसके लॅंड को भी चाटने में मशगूल हो गयी..
राजेश आँखे बंद किए शेफाली की आत्मा को धन्यवाद दे रहा था जिसने आज उसकी लाइफ में ये हसीन पल का एहसास करवाया…
और वो दोनो चुलबुलियां अपनी पहली चुदाई करवाकर एक नये एहसास मे डूबी हुई, खुशी के एक अलग ही लेवल पर पहुँच चुकी थी..
और वहीं दरवाजे पर खड़ी रजनी , जो काफ़ी देर से छुप कर उनकी चुदाई का मज़ा ले रही थी, आज अपने प्लान के सफल होने पर सबसे ज़्यादा खुश थी…
भले ही अपने पति को थोड़ा बेवकूफ़ बनाया शेफाली के नाम पर
पर उसने और राधिका ने जो प्लान बनाया था की घर की जवान हो रही लड़कियों को घर पर ही रहकर चुदवाने का ताकि उन्हे बाहर की हवा ना लगे,
वो आज सफल हो चुका था…
और मन ही मन वो भी शेफाली की आत्मा को धन्यवाद कर रही थी..
और वो जानती थी की ये सब अब आगे भी होता रहेगा…
और एक औरत यही तो चाहती है की उसे जिंदगी भर ऐसी चुदाई मिलती रहे जो उसे खुश रखे..
और अब वो खुशी उसे और उसकी बेटी जो जिंदगी भर मिलने वाली थी.
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