28-03-2021, 10:37 AM
अपनी सहेली को थोड़ा स्पेस देते हुए चाँदनी ने राजेश का लॅंड ईशा के हवाले कर दिया और खुद नीचे खिसक कर उसकी बाल्स को मुँह में भरकर चूसने लगी…
और ईशा उस गीले लॅंड को मुँह में लेकर इतनी उत्तेजित हो गयी की उसकी खुद की चूत से अवीरल पानी निकल कर अपने पापा की टांगो को गीला करने लगा जिसे उसने अपनी चूत के साथ भींच कर दबा रखी था.
लॅंड को जब एक साथ 2 होंठों की सकिंग का एहसास मिला तो वो अपने चरम पर पहुँच गया..
शायद आज जितना लंबा और कड़क लॅंड राजेश को आज से पहले कभी महसूस नही हुआ था…
राजेश के नथुनों में उन दोनो की चूत से निकल रहे रस की खुश्बू महसूस हो रही थी….
उसने चाँदनी को घुमाकर उसकी चूत अपनी तरफ कर ली…
वो तो लॅंड चूसने में इतनी बिज़ी थी की उसने उसे मुँह से निकाला भी नही और चकरी की तरह घूमकर अपनी चूत राजेश अंकल के मुँह पर लगा दी…
राजेश भी बड़े मज़े से उसकी गीली चूत का रसपान करते हुए जिंदगी के नशे के मज़े लेने लगा..
और तभी ईशा भी उसी अंदाज मे खिसकती हुई उल्टी होती चली गयी…
यानी वो भी 69 पोज़ में आ गयी और अब आलम ये था की दोनो की कुँवारी चूत राजेश के मुँह से लगी थी और उन दोनो के मुँह उसके लॅंड पर…
ऐसा अद्भुत पोज़ शायद राजेश ने सोचा भी नही था आज तक…
पर जो भी था, ऐसी पोज़िशन में ये सब करते हुए उसे मज़ा बहुत आ रहा था…
वो जब चाँदनी की चूत पर अपने होंठ लगाता तो वो सिसक कर उसके लॅंड को जोरों से चूसने लगती….
और जब वो अपनी प्यारी बेटी की चूत के गुलाबी होंठो को अपने मुँह में दबोचता तो वो चिहुंक कर उसकी बॉल्स को मुँह में चुभलाते हुए जोरों से सक्क कर लेती….
ऐसा नज़ारा बन चूका था की राजेश का मुँह उन दोनो की चूत से निकले घी से पूरी तरह पट्ट चूका था और उन दोनो लड़कियों के चेहरे पर भी गीलेपन की छाप पूरी तरह से आ चुकी थी.
और अब मौका था चुदाई का…
जिसके लिए वो दोनो ना जाने कब से तड़प रही थी…
राजेश ने दोनो को बेड पर लिटाया और अपने लॅंड को रगड़ते हुए दोनो के सैक्सी जिस्मों को जी भरके देखा जो जल बिन मछली की तरह तड़प कर अपनी चुदाई का बेसब्री से इंतजार कर रही थी..
राजेश कभी चाँदनी को देखता तो कभी ईशा को….
वो तो सोच कर आया था की पहले वो चाँदनी को चोदेगा क्योंकि वो तो आज के बाद चली ही जाएगी…
ईशा तो घर पर ही है, उसे तो कभी भी चोदा जा सकता है.
ईशा और चाँदनी दोनो ही चाहती थी की उसकी चूत में पहले लॅंड जाए…
और राजेश के चेहरे पर आई परेशानी देखकर आख़िरकार चाँदनी बोल ही पड़ी..
‘’अंकल…..आप प्लीज़ ईशा को पहले चोदो, आप उसके पापा हो, आप पर पहला हक उसी का है…’’
अपनी सहेली की इस समझदारी वाली बात सुनकर ईशा ने झट्ट से अपने होंठ आगे करके उसे चूम लिया…
उसकी आँखो मे खुशी के आँसू आ गये पर वो आँसू एक ही पल में एक लंबी सिसकारी में बदल गये जब राजेश ने बिना किसी चेतावनी के उसकी चूत पर अपना लॅंड रखा और उसपर झुकता चला गया…
‘’आआआआआआआआआआआआआआहह…….. ओह माआययययययययययययययी गॉडद्द्द्द्द्द्द्दद्ड’’
ये एहसास बड़ा ही अजीब सा था ईशा के लिए…..
उसकी गीली चूत में उतना दर्द नही हुआ जितना उसने सोचा था…
पर लाइफ में पहली बार लॅंड अंदर लिया था उसने…
उसे सहन करना हर किसी के बस की बात नही होती…
एक अजीब सी सुरसुरी भी महसूस हुई उसे पूरे जिस्म में …
उसका मुँह खुला का खुला रह गया…
जिसे आगे बढ़कर चाँदनी ने अपने होंठों से ढक लिया…ताकि उसे दर्द तोड़ा कम हो…
वो अपनी उंगलियों से उसकी नन्ही चुचियों पर लगे निप्पल्स भी मसल रही थी ताकि उसमे से निकली तरंगे उसका ध्यान दर्द से हटा सके…
अपना पूरा लॅंड अंदर तक पेलने के बाद राजेश थोड़ी देर तक रुका , तब तक चाँदनी उठकर उनके पीछे आ गयी और नीचे मुँह लगाकर ईशा की चूत और राजेश के लॅंड के मिलन स्थल पर अपने होंठ लगाकर उन्हे चूसने लगी…
राजेश ने नीचे झुकते हुए ईशा के होंठो पर अपने होंठ रखे और उन्हे बड़े प्यार से चूसा और पूछा
‘’बेटा…दर्द तो नही हो रहा ना….’’
अपने पापा के इस केयरिंग नेचर को देखकर वो काफ़ी खुश हुई…
उसे दर्द तो हुआ ही नही था…
पर उस मोटे लॅंड को अपने अंदर महसूस करने का एहसास ऐसा था जैसे कोई फ़तह हासिल कर ली हो उसने जिंदगी की जंग में..
वो उन्हे जोरों से हग करते हुए, उन्हे स्मूच करते हुए, बार बार आई लव यू …आई लव यू , कहती रही और बोलती रही की नही पापा….आप करो….मज़ा आ रहा है….करो ना पापा…..ज़ोर से करो…
ईशा की तरफ से हरी झंडी मिलते ही राजेश ने रिवर्स गियर लगाया और फिर दुगनी स्पीड से अपनी गाड़ी उसकी संकरी सड़क पर दौड़ा दी….
सड़क के दोनो तरफ की टाइट दीवारों से टकराती हुई उसकी गाड़ी हर बार अंदर तक जाती और उसी वेग में वापिस आती….
ईशा तो अपनी टांगे और बाहें फेला कर उस चुदाई के पुर मज़े ले रही थी…
इतना मज़ा शायद उसे आज तक महसूस नही हुआ था…
काश वो पहले ही चुद ली होती अगर उसे पता होता की चुदाई में इतना मज़ा आता है.
राजेश के दमदार धक्को ने जल्द ही उसकी चूत को पानी पीला दिया…
उसकी चूत का गुबार एक जोरदार प्रेशर के साथ निकल कर राजेश के लॅंड को भिगोता चला गया….
और वो जोरों से चिल्लाती हुई अपनी पहली चुदाई के ओर्गास्म को महसूस करके अपनी सुध बुध खोकर बेहोशी के आगोश में चली गयी…
और ईशा उस गीले लॅंड को मुँह में लेकर इतनी उत्तेजित हो गयी की उसकी खुद की चूत से अवीरल पानी निकल कर अपने पापा की टांगो को गीला करने लगा जिसे उसने अपनी चूत के साथ भींच कर दबा रखी था.
लॅंड को जब एक साथ 2 होंठों की सकिंग का एहसास मिला तो वो अपने चरम पर पहुँच गया..
शायद आज जितना लंबा और कड़क लॅंड राजेश को आज से पहले कभी महसूस नही हुआ था…
राजेश के नथुनों में उन दोनो की चूत से निकल रहे रस की खुश्बू महसूस हो रही थी….
उसने चाँदनी को घुमाकर उसकी चूत अपनी तरफ कर ली…
वो तो लॅंड चूसने में इतनी बिज़ी थी की उसने उसे मुँह से निकाला भी नही और चकरी की तरह घूमकर अपनी चूत राजेश अंकल के मुँह पर लगा दी…
राजेश भी बड़े मज़े से उसकी गीली चूत का रसपान करते हुए जिंदगी के नशे के मज़े लेने लगा..
और तभी ईशा भी उसी अंदाज मे खिसकती हुई उल्टी होती चली गयी…
यानी वो भी 69 पोज़ में आ गयी और अब आलम ये था की दोनो की कुँवारी चूत राजेश के मुँह से लगी थी और उन दोनो के मुँह उसके लॅंड पर…
ऐसा अद्भुत पोज़ शायद राजेश ने सोचा भी नही था आज तक…
पर जो भी था, ऐसी पोज़िशन में ये सब करते हुए उसे मज़ा बहुत आ रहा था…
वो जब चाँदनी की चूत पर अपने होंठ लगाता तो वो सिसक कर उसके लॅंड को जोरों से चूसने लगती….
और जब वो अपनी प्यारी बेटी की चूत के गुलाबी होंठो को अपने मुँह में दबोचता तो वो चिहुंक कर उसकी बॉल्स को मुँह में चुभलाते हुए जोरों से सक्क कर लेती….
ऐसा नज़ारा बन चूका था की राजेश का मुँह उन दोनो की चूत से निकले घी से पूरी तरह पट्ट चूका था और उन दोनो लड़कियों के चेहरे पर भी गीलेपन की छाप पूरी तरह से आ चुकी थी.
और अब मौका था चुदाई का…
जिसके लिए वो दोनो ना जाने कब से तड़प रही थी…
राजेश ने दोनो को बेड पर लिटाया और अपने लॅंड को रगड़ते हुए दोनो के सैक्सी जिस्मों को जी भरके देखा जो जल बिन मछली की तरह तड़प कर अपनी चुदाई का बेसब्री से इंतजार कर रही थी..
राजेश कभी चाँदनी को देखता तो कभी ईशा को….
वो तो सोच कर आया था की पहले वो चाँदनी को चोदेगा क्योंकि वो तो आज के बाद चली ही जाएगी…
ईशा तो घर पर ही है, उसे तो कभी भी चोदा जा सकता है.
ईशा और चाँदनी दोनो ही चाहती थी की उसकी चूत में पहले लॅंड जाए…
और राजेश के चेहरे पर आई परेशानी देखकर आख़िरकार चाँदनी बोल ही पड़ी..
‘’अंकल…..आप प्लीज़ ईशा को पहले चोदो, आप उसके पापा हो, आप पर पहला हक उसी का है…’’
अपनी सहेली की इस समझदारी वाली बात सुनकर ईशा ने झट्ट से अपने होंठ आगे करके उसे चूम लिया…
उसकी आँखो मे खुशी के आँसू आ गये पर वो आँसू एक ही पल में एक लंबी सिसकारी में बदल गये जब राजेश ने बिना किसी चेतावनी के उसकी चूत पर अपना लॅंड रखा और उसपर झुकता चला गया…
‘’आआआआआआआआआआआआआआहह…….. ओह माआययययययययययययययी गॉडद्द्द्द्द्द्द्दद्ड’’
ये एहसास बड़ा ही अजीब सा था ईशा के लिए…..
उसकी गीली चूत में उतना दर्द नही हुआ जितना उसने सोचा था…
पर लाइफ में पहली बार लॅंड अंदर लिया था उसने…
उसे सहन करना हर किसी के बस की बात नही होती…
एक अजीब सी सुरसुरी भी महसूस हुई उसे पूरे जिस्म में …
उसका मुँह खुला का खुला रह गया…
जिसे आगे बढ़कर चाँदनी ने अपने होंठों से ढक लिया…ताकि उसे दर्द तोड़ा कम हो…
वो अपनी उंगलियों से उसकी नन्ही चुचियों पर लगे निप्पल्स भी मसल रही थी ताकि उसमे से निकली तरंगे उसका ध्यान दर्द से हटा सके…
अपना पूरा लॅंड अंदर तक पेलने के बाद राजेश थोड़ी देर तक रुका , तब तक चाँदनी उठकर उनके पीछे आ गयी और नीचे मुँह लगाकर ईशा की चूत और राजेश के लॅंड के मिलन स्थल पर अपने होंठ लगाकर उन्हे चूसने लगी…
राजेश ने नीचे झुकते हुए ईशा के होंठो पर अपने होंठ रखे और उन्हे बड़े प्यार से चूसा और पूछा
‘’बेटा…दर्द तो नही हो रहा ना….’’
अपने पापा के इस केयरिंग नेचर को देखकर वो काफ़ी खुश हुई…
उसे दर्द तो हुआ ही नही था…
पर उस मोटे लॅंड को अपने अंदर महसूस करने का एहसास ऐसा था जैसे कोई फ़तह हासिल कर ली हो उसने जिंदगी की जंग में..
वो उन्हे जोरों से हग करते हुए, उन्हे स्मूच करते हुए, बार बार आई लव यू …आई लव यू , कहती रही और बोलती रही की नही पापा….आप करो….मज़ा आ रहा है….करो ना पापा…..ज़ोर से करो…
ईशा की तरफ से हरी झंडी मिलते ही राजेश ने रिवर्स गियर लगाया और फिर दुगनी स्पीड से अपनी गाड़ी उसकी संकरी सड़क पर दौड़ा दी….
सड़क के दोनो तरफ की टाइट दीवारों से टकराती हुई उसकी गाड़ी हर बार अंदर तक जाती और उसी वेग में वापिस आती….
ईशा तो अपनी टांगे और बाहें फेला कर उस चुदाई के पुर मज़े ले रही थी…
इतना मज़ा शायद उसे आज तक महसूस नही हुआ था…
काश वो पहले ही चुद ली होती अगर उसे पता होता की चुदाई में इतना मज़ा आता है.
राजेश के दमदार धक्को ने जल्द ही उसकी चूत को पानी पीला दिया…
उसकी चूत का गुबार एक जोरदार प्रेशर के साथ निकल कर राजेश के लॅंड को भिगोता चला गया….
और वो जोरों से चिल्लाती हुई अपनी पहली चुदाई के ओर्गास्म को महसूस करके अपनी सुध बुध खोकर बेहोशी के आगोश में चली गयी…