28-03-2021, 10:03 AM
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अब आगे
**************
राजेश इस वक़्त बनियान और पायजामे में था….
पिंकी के नंगे बंदन को देखकर उसका लॅंड फटने को हो रहा था….
सच में…
आज तक उसकी नज़र से वो पता नही कैसे बची रह गयी थी….
शायद अपने मैले कपड़ो में अपनी उफनती जवानी को बाँध कर रखती थी वो आज तक…
पर अब उस जवानी का उफान अपनी चरम सीमा पर था और बिल्कुल नंगा होकर उसकी नज़रों के सामने था…
राजेश ने पास पड़ी तेल की शीशी से तेल लेकर अपने हाथ पर लगाया और उसे बेड पर लेटने को कहा…
और फिर अपने गर्म हाथ उसके तपते बदन पर रखकर मालिश करने लगा…
सबसे पहले उसके हाथ पिंकी की मोटी जाँघ से टकराए…
ऐसा लगा जैसे चिकने पेड़ का तना पकड़ लिया हो…
एकदम कठोर था वहाँ का माँस…
पूरा दिन काम करने के कारण जिम जैसी बॉडी बन चुकी थी पिंकी की…
वो इस वक़्त उल्टी होकर लेटी हुई थी…
राजेश के हाथ लगते ही उसका बदन अकड़ सा गया और उसकी गांड अपने आप कमान की तरह हवा में उठती चली गयी….
और साथ में एक ठंडी सिसकारी निकली उसके होंठो से…
‘’सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआआअहह’’
राजेश के हाथ थोड़ा उपर गये और उसने उसके उभरे हुए पुट्ठ को पकड़कर नीचे की तरफ दबाया और फिर से धरातल पर ला पटका…
ऐसा करते हुए उसके हाथों ने अच्छी तरह से उसकी गांड के माँस को अंदर तक महसूस किया…
जो लोग भरी हुई गांड के दीवाने होते है वो अच्छी तरह जानते है की इस तरह से गांड को दबाने पर कैसा महसूस होता है…
ठीक वैसा ही राजेश को फील हो रहा था इस वक़्त…
मन तो उसका कर रहा था की अपना मुँह उसके पीछे डाल कर उसकी चूत चूस डाले, पर वो अभी जल्दबाज़ी नही करना चाहता था…
धीरे-2 उसके हाथ उपर तक जाकर उसकी चिकनी पीठ और कंधो को भी मसल रहे थे….
ऐसा करते-2 वो उसकी पीठ पर सवार होकर अपना खड़ा लंड भी उसके उपर रगड़ रहा था….
पायज़ामे में खड़े लॅंड ने जब उसके बदन को छुआ तो एक गीलेपन की लकीर पिंकी के बदन पर खींचती चली गयी..
उसके गर्म बदन पर राजेश का प्रीकम इस वक़्त गर्म तवे पर पानी जैसा लग रहा था…
पड़ने के साथ ही भाप बॅंकर उड़ जाता…
ऐसी आग लगी हुई थी उसके बदन में.
उसे पीछे से अच्छी तरह मसलने के बाद राजेश ने उसे पलटने के लिए कहा…
पिंकी तो कब से इसी पल का इंतजार कर रही थी….
पलटने के बाद उसकी नज़रें सबसे पहले राजेश के खड़े लंड पर गयी जो काफ़ी देर से उसकी पीठ पर चुभकर उसे परेशान कर रहा था…
और राजेश की नज़रें उसके मोटे -2 मुम्मों पर जिन्हे मसलने के लिए उसके हाथ कब से तरस रहे थे…
उसने ढेर सारा तेल लेकर अपने हाथ जब उसके मुम्मो पर रखे तो आनंद के मारे पिंकी ने राजेश की जाँघो को पकड़ लिया और ज़ोर से चिल्लाई “ आआआआआआहह साआआआब्ब्बब …… बोला था ना ….यहाँ सबसे ज़्यादा दर्द है…..’’
राजेश : “फ़िक्र ना करो….तुम्हारा डॉक्टर अब तुम्हारा इलाज कर रहा है….सब ठीक हो जाएगा….’’
ऐसा कहते हुए उसने अपनी उंगलियो मे पकड़कर उसके निप्पल को ज़ोर से मसल दिया….
वो चिहुंक उठी और उसके हाथ राजेश की जाँघो से थोड़ा उपर खिसक कर उसके खड़े लॅंड पर पहुँच गये और उसे उसने ज़ोर से दबा दिया…..
अब सिसकने की बारी राजेश की थी
‘’आआआआआआआआआआआआआआआआअहह भेंन चोद …..’’
इस वक़्त तो पिंकी को वो गाली भी आई लव यू जैसी लग रही थी….
लॅंड की मोटाई और लंबाई महसूस करके वो जान गयी की उसे काफ़ी मज़ा आने वाला है….
अब राजेश के हाथ उसके जिस्म पर उपर से नीचे तक जा रहे थे पर पिंकी उसके लॅंड को छोड़ने को तैयार ही नही थी….
राजेश के हाथ जब उसकी चूत को सहला रहे थे तो उसके मुँह से शब्द फूटने से लगे, जिनको राजेश समझ भी नही पा रहा था…
‘’आआआआअहह उम्म्म्ममम ज्ज्ज्जाआाआअ द्दद्डूऊऊऊऊऊऊ इसस्सीईई…… उम्म्म्मममममम हाआआआअ मीईरीईईईईईईई अन्न्ननननननन्णन्द…..मीईई….अहह’’
राजेश की डॉक्टरी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर का जायजा भी ले रही थी……
पिंकी ने सिसकारी मारते हुए कहा : “अंदर तो सब जल सा रहा है…..साआबब………कुछ करो ना……’’
अब राजेश समझ गया की वक़्त आ चुका है….वैसे भी तेल लगने के बाद वो पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी , उसकी पूरी बॉडी तेल और जवानी की आग में जल सी रही थी
राजेश ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और वो भी मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ और उसने अपनी बनियान और पायज़ामा निकाल कर साइड में फेंक दिया….
अब वो पिंकी के सामने पूरा नंगा होकर खड़ा था…
और जिस गोरे लॅंड को देखने के सपने पिंकी ने देखे थे वो साकार हो चुका था….
राजेश का गोरा, मोटा और लंबा लंड फुफ्कारते हुए उसके सामने खड़ा था.
दरवाजे के पीछे छिपी रजनी भी इस वक़्त अपनी चूत को रगड़ रही थी…
मन तो उसका भी कर रहा था की बीच में कूद पड़े और पिंकी के साथ मिलकर राजेश के लॅंड के मज़े ले….
पर वो ऐसा करके अपने प्लान को बिगाड़ना नही चाहती थी…
इसलिए फिलहाल के लिए वो अपनी चूत को मसलते हुए उनका शो देखने लगी.
राजेश के लॅंड को मंत्रमुग्ध होकर निहारति हुई पिंकी से राजेश ने पूछा : “कैसा लगा …’’
पिंकी : “सुंदर…बहुत सुंदर….बिरजू से लॅंड से भी सुंदर….’’
एक पत्नी जब ये बात किसी दूसरे मर्द से कहे तो वो सच ही बोल रही होती है….
इस वक़्त पिंकी के लिए लंबाई, मोटाई ज़्यादा मायने नही रखती थी …
सुंदरता भी कोई चीज़ होती है…
बस उसी को देखकर वो मुस्कुराए जा रही थी.
राजेश : “अब इस से तुम्हारे अंदर का दर्द मिटाऊंगा मैं .’’
राजेश ने उसकी चूत की तरफ इशारा करते हुए अपने लॅंड को मसलते हुए ये बात कही…
पिंकी : “वो तो मैं कब से चाहती हूँ ….पर क्या….थोड़ी देर के लिए…इसे मैं ….अपने मुँह में ….लेकर……चूस लूँ ’’
उफफफ्फ़…..
इतनी रसीली बात कितनी आसानी से बोल गयी थी पिंकी….
ये तो वो काम था जिसे करवाने के लिए हर मर्द मरा जाता है…..
राजेश ने तुरंत उसे खड़ा करके बेड के किनारे पर बिठाया और अपने लंड को उसके चेहरे के करीब लाकर छोड़ दिया…
बाकी का काम पिंकी ने खुद कर लिया…
उसके लॅंड को पकड़कर सीधा अपने गर्म मुँह में लेजाकर उसका रसपान करने लगी…
सही सोचा था उसने…
गोरा लॅंड सुंदर भी था और मीठा भी…..एक अलग ही तरह की भीनी सी खुश्बू आ रही थी डॉक्टर के लंड से…
शायद अच्छी तरह से सेनेटाईस करके लाया था राजेश अपने लॅंड को…
राजेश ने उसके सिर पर हाथ रखकर अपना पूरा लॅंड उसके मुँह में डाल दिया जो उसके गले के टॉन्सिल्स तक को टच करने लगा….
मन तो उसका कर रहा था की वहीं लंड हिलाकर अपना माल उसके गले में गिरा दे पर पूरा मज़ा लेना तो बनता ही था उसका…
इसलिए कुछ देर तक लॅंड चुसवाने के बाद उसने उसे बाहर निकाला और पिंकी को धक्का देकर पीछे लिटा दिया…
और बड़े ही रॅफ तरीके से उसकी टांगे पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उतने ही जंगली तरीके से अपना लॅंड एक ही बार में उसकी रसीली चूत पर रखकर जोरदार झटका मारकर उसे चूत में भेज दिया…
‘’आआआआआआआआआआआआआआअहह साआआआआआआआआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब धीईरीईईईईईईईईईईईईयेssssss ……..’’
शायद ये उसने एक्सपेक्ट नही किया था राजेश जैसे सभ्य इंसान से….
वो तो उसके पति जैसे जंगलिपन के साथ उसकी चूत मार रहा था….
वो थी ही इतनी हॉट की राजेश से सब्र ही नही हुआ….
इलाज के नाम पर शुरू हुई मसाज चुदाई तक कब पहुँच गयी , दोनो को ही पता नही चला…
वैसे होना तो यही था आख़िर में जाकर पर ये सब करने में भी काफ़ी मज़ा आया पहले..
और जो अब हो रहा था उसमें तो सबसे ज़्यादा मज़ा मिल रहा था दोनो को…
एकदम धाकड़ तरीके से चुदाई चल रही थी….
चलती भी भला क्यू नही…
पति को बीबी का डर नही था और नौकरानी को अपनी मालकिन का….
सबकी सहमति से ही ये काम हो रहा था…
उसके हर प्रहार से पिंकी कराह रही थी…..
सिसकारियाँ मार रही थी….
और ये सिसकारियाँ मज़े की थी…
जो उसके तन के अंदर से आ रही थी..
‘’आआआआआआआआआआआआआअहह साआआआआआआब्ब्बब मजाआाआआआआआ आआआआआआआआआआअ रहाआआआआआ है…….. ज़ोर से छोड़ो मुझे…….
राजेश को तो यही शब्द पसंद थे…
जैसे रजनी उसे बोलती थी और वो उसे बेतहाशा चोदने में लग जाता था….
ठीक वैसे ही वो इस वक़्त अपनी नौकरानी पिंकी को चोद रहा था….
मर्द भी कितना सीधा होता है, बीबी हो या नौकरानी, हर अंदाज में, उतने ही प्यार से चोदता है, कोई भेदभाव नहीं करता ।
खैर
अचानक राजेश को सामने पड़े ड्रेसिंग टेबल में दरवाजे के पीछे खड़ी रजनी भी झाँकति हुई दिखाई दे गयी….
उसकी आँखो में गुलाबीपन था…
चेहरे पर हवस थी और हाथ उसके खुद की चूत और मुम्मे पर था….
अपना मुम्मा तो उसने ब्लाउस में से पूरा निकाल रखा था और एक हाथ से उसे मसल रही थी और दूसरे हाथ को उसने अपनी साडी उठाकर अंदर डाला हुआ था
उसे ऐसी हालत मे देखकर राजेश की उत्तेजना और भी ज़्यादा बढ़ गयी….
और आख़िर में उसने 4-5 तेज झटके मारते हुए अपने लॅंड का पानी उसकी चूत के अंदर खाली करना शुरू कर दिया…
उसके वीर्य को महसूस करके पिंकी भी झड़ने लगी और आनंद के मारे दोहरी हो गयी
झड़ते हुए राजेश ने पिंकी की जाँघ पकड़ ली…
वरना अपने खुद के ऑर्गॅज़म के बाद वो दोहरी होकर बीएड से नीचे गिर जाती
सब कुछ शांत होने के बाद दोनो ने एक दूसरे को देखा और एक दूसरे से लिपट गये….
पिंकी ने झिझकते हुए अपने होंठ राजेश के होंठो से सटा दिए…
हैरानी की बात थी की चुदाई पूरी हो गयी थी पर एक भी बार चूमा नही था राजेश ने उसे….
पर जब चूमा तो राजेश को एहसास हुआ की कितनी बड़ी भूल की थी उसने….
उसके नर्म मुलायम होंठो से जैसे शराब बह रही थी…
एक नशा सा उसकी लार में …
उसके प्यार में ….
उसके किस्स करने के अंदाज में
और जिस अंदाज से वो राजेश के होंठो को चूस रही थी , पोर्नस्टार्स भी फैल थी उसके सामने…
उसके इस अंदाज की वजह से राजेश के लॅंड ने दोबारा हरकत करनी शुरू कर दी थी….
दरवाजे के पीछे खड़ी रजनी, जो खुद झड़ने के बाद निढाल होकर ज़मीन पर पड़ी थी, ये सब देखकर समझ गयी की राजेश अब एक बार और चोदेगा पिंकी को….
पर अब उसका मिशन पूरा हो चुका था….
उसने पिंकी को अपने पति के सामने इस तरह से हथियार डलवाकर चुदाई करवाके ये साबित कर दिया था की वो हार पहनने वाली के उपर शैफाली की आत्मा कब्जा कर लेती है और उसे राजेश से चुदवाने पर विवश कर देती है…
और वो भी बिना किसी दबाव के…
और उसे ये रिपोर्ट अपनी सहेली राधिका को देनी बहुत ज़रूरी थी…
क्योंकि उसी के बाद उन्हे अपने अगले कदम के बारे में सोचना था…
इसलिए राजेश और पिंकी को उनकी अगली चुदाई के लिए छोड़कर वो वहाँ से उठी और दूसरे कमरे में जाकर राधिका से बात करने लगी…
अब तक तो उनके हिसाब से सब कुछ अच्छा ही जा रहा था…
पर अगला दिन सबसे ज़्यादा मुश्किल से भरा होने वाला था.
और इस बार रजनी और उसके गैंग के लिए नही
बल्कि राजेश के लिए.
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राजेश इस वक़्त बनियान और पायजामे में था….
पिंकी के नंगे बंदन को देखकर उसका लॅंड फटने को हो रहा था….
सच में…
आज तक उसकी नज़र से वो पता नही कैसे बची रह गयी थी….
शायद अपने मैले कपड़ो में अपनी उफनती जवानी को बाँध कर रखती थी वो आज तक…
पर अब उस जवानी का उफान अपनी चरम सीमा पर था और बिल्कुल नंगा होकर उसकी नज़रों के सामने था…
राजेश ने पास पड़ी तेल की शीशी से तेल लेकर अपने हाथ पर लगाया और उसे बेड पर लेटने को कहा…
और फिर अपने गर्म हाथ उसके तपते बदन पर रखकर मालिश करने लगा…
सबसे पहले उसके हाथ पिंकी की मोटी जाँघ से टकराए…
ऐसा लगा जैसे चिकने पेड़ का तना पकड़ लिया हो…
एकदम कठोर था वहाँ का माँस…
पूरा दिन काम करने के कारण जिम जैसी बॉडी बन चुकी थी पिंकी की…
वो इस वक़्त उल्टी होकर लेटी हुई थी…
राजेश के हाथ लगते ही उसका बदन अकड़ सा गया और उसकी गांड अपने आप कमान की तरह हवा में उठती चली गयी….
और साथ में एक ठंडी सिसकारी निकली उसके होंठो से…
‘’सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआआअहह’’
राजेश के हाथ थोड़ा उपर गये और उसने उसके उभरे हुए पुट्ठ को पकड़कर नीचे की तरफ दबाया और फिर से धरातल पर ला पटका…
ऐसा करते हुए उसके हाथों ने अच्छी तरह से उसकी गांड के माँस को अंदर तक महसूस किया…
जो लोग भरी हुई गांड के दीवाने होते है वो अच्छी तरह जानते है की इस तरह से गांड को दबाने पर कैसा महसूस होता है…
ठीक वैसा ही राजेश को फील हो रहा था इस वक़्त…
मन तो उसका कर रहा था की अपना मुँह उसके पीछे डाल कर उसकी चूत चूस डाले, पर वो अभी जल्दबाज़ी नही करना चाहता था…
धीरे-2 उसके हाथ उपर तक जाकर उसकी चिकनी पीठ और कंधो को भी मसल रहे थे….
ऐसा करते-2 वो उसकी पीठ पर सवार होकर अपना खड़ा लंड भी उसके उपर रगड़ रहा था….
पायज़ामे में खड़े लॅंड ने जब उसके बदन को छुआ तो एक गीलेपन की लकीर पिंकी के बदन पर खींचती चली गयी..
उसके गर्म बदन पर राजेश का प्रीकम इस वक़्त गर्म तवे पर पानी जैसा लग रहा था…
पड़ने के साथ ही भाप बॅंकर उड़ जाता…
ऐसी आग लगी हुई थी उसके बदन में.
उसे पीछे से अच्छी तरह मसलने के बाद राजेश ने उसे पलटने के लिए कहा…
पिंकी तो कब से इसी पल का इंतजार कर रही थी….
पलटने के बाद उसकी नज़रें सबसे पहले राजेश के खड़े लंड पर गयी जो काफ़ी देर से उसकी पीठ पर चुभकर उसे परेशान कर रहा था…
और राजेश की नज़रें उसके मोटे -2 मुम्मों पर जिन्हे मसलने के लिए उसके हाथ कब से तरस रहे थे…
उसने ढेर सारा तेल लेकर अपने हाथ जब उसके मुम्मो पर रखे तो आनंद के मारे पिंकी ने राजेश की जाँघो को पकड़ लिया और ज़ोर से चिल्लाई “ आआआआआआहह साआआआब्ब्बब …… बोला था ना ….यहाँ सबसे ज़्यादा दर्द है…..’’
राजेश : “फ़िक्र ना करो….तुम्हारा डॉक्टर अब तुम्हारा इलाज कर रहा है….सब ठीक हो जाएगा….’’
ऐसा कहते हुए उसने अपनी उंगलियो मे पकड़कर उसके निप्पल को ज़ोर से मसल दिया….
वो चिहुंक उठी और उसके हाथ राजेश की जाँघो से थोड़ा उपर खिसक कर उसके खड़े लॅंड पर पहुँच गये और उसे उसने ज़ोर से दबा दिया…..
अब सिसकने की बारी राजेश की थी
‘’आआआआआआआआआआआआआआआआअहह भेंन चोद …..’’
इस वक़्त तो पिंकी को वो गाली भी आई लव यू जैसी लग रही थी….
लॅंड की मोटाई और लंबाई महसूस करके वो जान गयी की उसे काफ़ी मज़ा आने वाला है….
अब राजेश के हाथ उसके जिस्म पर उपर से नीचे तक जा रहे थे पर पिंकी उसके लॅंड को छोड़ने को तैयार ही नही थी….
राजेश के हाथ जब उसकी चूत को सहला रहे थे तो उसके मुँह से शब्द फूटने से लगे, जिनको राजेश समझ भी नही पा रहा था…
‘’आआआआअहह उम्म्म्ममम ज्ज्ज्जाआाआअ द्दद्डूऊऊऊऊऊऊ इसस्सीईई…… उम्म्म्मममममम हाआआआअ मीईरीईईईईईईई अन्न्ननननननन्णन्द…..मीईई….अहह’’
राजेश की डॉक्टरी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर का जायजा भी ले रही थी……
पिंकी ने सिसकारी मारते हुए कहा : “अंदर तो सब जल सा रहा है…..साआबब………कुछ करो ना……’’
अब राजेश समझ गया की वक़्त आ चुका है….वैसे भी तेल लगने के बाद वो पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी , उसकी पूरी बॉडी तेल और जवानी की आग में जल सी रही थी
राजेश ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और वो भी मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ और उसने अपनी बनियान और पायज़ामा निकाल कर साइड में फेंक दिया….
अब वो पिंकी के सामने पूरा नंगा होकर खड़ा था…
और जिस गोरे लॅंड को देखने के सपने पिंकी ने देखे थे वो साकार हो चुका था….
राजेश का गोरा, मोटा और लंबा लंड फुफ्कारते हुए उसके सामने खड़ा था.
दरवाजे के पीछे छिपी रजनी भी इस वक़्त अपनी चूत को रगड़ रही थी…
मन तो उसका भी कर रहा था की बीच में कूद पड़े और पिंकी के साथ मिलकर राजेश के लॅंड के मज़े ले….
पर वो ऐसा करके अपने प्लान को बिगाड़ना नही चाहती थी…
इसलिए फिलहाल के लिए वो अपनी चूत को मसलते हुए उनका शो देखने लगी.
राजेश के लॅंड को मंत्रमुग्ध होकर निहारति हुई पिंकी से राजेश ने पूछा : “कैसा लगा …’’
पिंकी : “सुंदर…बहुत सुंदर….बिरजू से लॅंड से भी सुंदर….’’
एक पत्नी जब ये बात किसी दूसरे मर्द से कहे तो वो सच ही बोल रही होती है….
इस वक़्त पिंकी के लिए लंबाई, मोटाई ज़्यादा मायने नही रखती थी …
सुंदरता भी कोई चीज़ होती है…
बस उसी को देखकर वो मुस्कुराए जा रही थी.
राजेश : “अब इस से तुम्हारे अंदर का दर्द मिटाऊंगा मैं .’’
राजेश ने उसकी चूत की तरफ इशारा करते हुए अपने लॅंड को मसलते हुए ये बात कही…
पिंकी : “वो तो मैं कब से चाहती हूँ ….पर क्या….थोड़ी देर के लिए…इसे मैं ….अपने मुँह में ….लेकर……चूस लूँ ’’
उफफफ्फ़…..
इतनी रसीली बात कितनी आसानी से बोल गयी थी पिंकी….
ये तो वो काम था जिसे करवाने के लिए हर मर्द मरा जाता है…..
राजेश ने तुरंत उसे खड़ा करके बेड के किनारे पर बिठाया और अपने लंड को उसके चेहरे के करीब लाकर छोड़ दिया…
बाकी का काम पिंकी ने खुद कर लिया…
उसके लॅंड को पकड़कर सीधा अपने गर्म मुँह में लेजाकर उसका रसपान करने लगी…
सही सोचा था उसने…
गोरा लॅंड सुंदर भी था और मीठा भी…..एक अलग ही तरह की भीनी सी खुश्बू आ रही थी डॉक्टर के लंड से…
शायद अच्छी तरह से सेनेटाईस करके लाया था राजेश अपने लॅंड को…
राजेश ने उसके सिर पर हाथ रखकर अपना पूरा लॅंड उसके मुँह में डाल दिया जो उसके गले के टॉन्सिल्स तक को टच करने लगा….
मन तो उसका कर रहा था की वहीं लंड हिलाकर अपना माल उसके गले में गिरा दे पर पूरा मज़ा लेना तो बनता ही था उसका…
इसलिए कुछ देर तक लॅंड चुसवाने के बाद उसने उसे बाहर निकाला और पिंकी को धक्का देकर पीछे लिटा दिया…
और बड़े ही रॅफ तरीके से उसकी टांगे पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उतने ही जंगली तरीके से अपना लॅंड एक ही बार में उसकी रसीली चूत पर रखकर जोरदार झटका मारकर उसे चूत में भेज दिया…
‘’आआआआआआआआआआआआआआअहह साआआआआआआआआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब धीईरीईईईईईईईईईईईईयेssssss ……..’’
शायद ये उसने एक्सपेक्ट नही किया था राजेश जैसे सभ्य इंसान से….
वो तो उसके पति जैसे जंगलिपन के साथ उसकी चूत मार रहा था….
वो थी ही इतनी हॉट की राजेश से सब्र ही नही हुआ….
इलाज के नाम पर शुरू हुई मसाज चुदाई तक कब पहुँच गयी , दोनो को ही पता नही चला…
वैसे होना तो यही था आख़िर में जाकर पर ये सब करने में भी काफ़ी मज़ा आया पहले..
और जो अब हो रहा था उसमें तो सबसे ज़्यादा मज़ा मिल रहा था दोनो को…
एकदम धाकड़ तरीके से चुदाई चल रही थी….
चलती भी भला क्यू नही…
पति को बीबी का डर नही था और नौकरानी को अपनी मालकिन का….
सबकी सहमति से ही ये काम हो रहा था…
उसके हर प्रहार से पिंकी कराह रही थी…..
सिसकारियाँ मार रही थी….
और ये सिसकारियाँ मज़े की थी…
जो उसके तन के अंदर से आ रही थी..
‘’आआआआआआआआआआआआआअहह साआआआआआआब्ब्बब मजाआाआआआआआ आआआआआआआआआआअ रहाआआआआआ है…….. ज़ोर से छोड़ो मुझे…….
राजेश को तो यही शब्द पसंद थे…
जैसे रजनी उसे बोलती थी और वो उसे बेतहाशा चोदने में लग जाता था….
ठीक वैसे ही वो इस वक़्त अपनी नौकरानी पिंकी को चोद रहा था….
मर्द भी कितना सीधा होता है, बीबी हो या नौकरानी, हर अंदाज में, उतने ही प्यार से चोदता है, कोई भेदभाव नहीं करता ।
खैर
अचानक राजेश को सामने पड़े ड्रेसिंग टेबल में दरवाजे के पीछे खड़ी रजनी भी झाँकति हुई दिखाई दे गयी….
उसकी आँखो में गुलाबीपन था…
चेहरे पर हवस थी और हाथ उसके खुद की चूत और मुम्मे पर था….
अपना मुम्मा तो उसने ब्लाउस में से पूरा निकाल रखा था और एक हाथ से उसे मसल रही थी और दूसरे हाथ को उसने अपनी साडी उठाकर अंदर डाला हुआ था
उसे ऐसी हालत मे देखकर राजेश की उत्तेजना और भी ज़्यादा बढ़ गयी….
और आख़िर में उसने 4-5 तेज झटके मारते हुए अपने लॅंड का पानी उसकी चूत के अंदर खाली करना शुरू कर दिया…
उसके वीर्य को महसूस करके पिंकी भी झड़ने लगी और आनंद के मारे दोहरी हो गयी
झड़ते हुए राजेश ने पिंकी की जाँघ पकड़ ली…
वरना अपने खुद के ऑर्गॅज़म के बाद वो दोहरी होकर बीएड से नीचे गिर जाती
सब कुछ शांत होने के बाद दोनो ने एक दूसरे को देखा और एक दूसरे से लिपट गये….
पिंकी ने झिझकते हुए अपने होंठ राजेश के होंठो से सटा दिए…
हैरानी की बात थी की चुदाई पूरी हो गयी थी पर एक भी बार चूमा नही था राजेश ने उसे….
पर जब चूमा तो राजेश को एहसास हुआ की कितनी बड़ी भूल की थी उसने….
उसके नर्म मुलायम होंठो से जैसे शराब बह रही थी…
एक नशा सा उसकी लार में …
उसके प्यार में ….
उसके किस्स करने के अंदाज में
और जिस अंदाज से वो राजेश के होंठो को चूस रही थी , पोर्नस्टार्स भी फैल थी उसके सामने…
उसके इस अंदाज की वजह से राजेश के लॅंड ने दोबारा हरकत करनी शुरू कर दी थी….
दरवाजे के पीछे खड़ी रजनी, जो खुद झड़ने के बाद निढाल होकर ज़मीन पर पड़ी थी, ये सब देखकर समझ गयी की राजेश अब एक बार और चोदेगा पिंकी को….
पर अब उसका मिशन पूरा हो चुका था….
उसने पिंकी को अपने पति के सामने इस तरह से हथियार डलवाकर चुदाई करवाके ये साबित कर दिया था की वो हार पहनने वाली के उपर शैफाली की आत्मा कब्जा कर लेती है और उसे राजेश से चुदवाने पर विवश कर देती है…
और वो भी बिना किसी दबाव के…
और उसे ये रिपोर्ट अपनी सहेली राधिका को देनी बहुत ज़रूरी थी…
क्योंकि उसी के बाद उन्हे अपने अगले कदम के बारे में सोचना था…
इसलिए राजेश और पिंकी को उनकी अगली चुदाई के लिए छोड़कर वो वहाँ से उठी और दूसरे कमरे में जाकर राधिका से बात करने लगी…
अब तक तो उनके हिसाब से सब कुछ अच्छा ही जा रहा था…
पर अगला दिन सबसे ज़्यादा मुश्किल से भरा होने वाला था.
और इस बार रजनी और उसके गैंग के लिए नही
बल्कि राजेश के लिए.