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Adultery हीरोइन
#16
***************
अब आगे
***************
रजनी ने जब पिंकी की चूत को देखा तो एक बार के लिए उसकी सिहरन सी निकल गयी.....
चूत पर घने बालों का गुच्छा लटक रहा था उसकी...
जैसे बरसों से काटे ही ना हो वहाँ के बाल..


[Image: 1.jpg]

उसे याद आया की वो भी तो ऐसी ही थी शादी से पहले तक...
जब उसने जवानी में कदम रखा था तब से लेकर शादी तक उसने भी अपनी चूत के बालों को काटा नही था...
वो तो सहेलियो के कहने पर उसने चूत सॉफ करवाई थी सुहागरात के लिए वरना उसे अपने बालों से बहुत प्यार था...
उसके बाद उसे कभी मौका ही नही मिला बाल बड़ाने का,वो खुद ही काट दिया करती थी उन्हे ताकि सफाई बनी रहे और राजेश को बुरा ना लगे......


पर उन बालों की गर्मी का एहसास अलग ही हुआ करता था उन दिनों।

आज वैसे ही बाल पिंकी की चूत पर देखते ही वो और ज़्यादा उत्तेजित हो गयी और एक ही बार में उसे बिस्तर पर धकेलकर उसने अपना चेहरा उन बालों पर रख दिया...
एक अजीब सी गंध आ रही थी उनमें से...
पसीने और पेशाब की मिली जुली गंध मिलकर एक नशा सा उत्पन कर रहे थे....
और उस नशे में डूबती हुई रजनी ने अपने होंठ खोलकर उसकी चूत पर रखे और उसे चूसने लगी....
और जब उसकी चूत की नर्मी महसूस हुई तो उसकी चूसने की गति और भी ज़्यादा बढ़ गयी.


[Image: 2.gif]
और शायद ये पिंकी के साथ पहली बार था जब उसकी चूत को कोई चूस रहा था....
क्योंकि गीली जीभ के एहसास ने उसकी चूत से गर्म पानी के फव्वारे निकालने शुरू कर दिए थे.
''आआआआआआआहह मेंमसाआआआआआआअब्ब्ब........ ये.....ये तो बहुत मजेदार है....... अहह..... मेरे मर्द ने तो आज तक सिर्फ़ इसमें अपना लॅंड ही डाला है..... उम्म्म्मममममममममममम..... आअज्जजज...... आाज पहली बार....... किसी ने मुँह लगाया है यहाँ..... अहह......... कसम से......... बहुत मज़ा...... आआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई....... आआआहह ..... आआआआआ रहाआआआआआअ है...................... अहह मेंसाआआआआअब्ब्ब्ब चूसो ना ....और ज़ोर से चूसो........''


[Image: 382_450.gif]

और रजनी को तो जैसे कोई छुपा हुआ खजाना मिल गया था....
वो खजाना जिसे बरसों से किसी ने निकाला नही था....
और जिसे वो अब अपनी जीभ के फावड़े से खोदकर निकाल रही थी...
उफफफफफफफफफफफफफ्फ़....
कितना नशा भरा हुआ था पिंकी की चूत में ...
जैसे पुरानी शराब का कोई ड्रम खोल दिया हो.....
उसमें से शराब रिस-रिसकर बाहर निकलती जा रही थी और रजनी उस शराब को पीकर मस्त हुए जा रही थी.


[Image: tumblr_my7scgEVD41r87gdto1_500.gif]

लेकिन वो ये नही जान पाई की उसकी खुद की शेम्पेन बहे जा रही है उसकी चूत से और बर्बाद हुए जा रही है.
पर पिंकी वो कैसे बर्बाद होने देती.....
उसने जब देखा की गाड़े रस की धार निकालकर मेमसाब की जाँघो से होती हुई नीचे गिर रही है तो उसने तुरंत उनकी जांघे पकड़ कर अपनी तरफ खींची और उनकी चूत को अपने मुँह के उपर लाकर पटक लिया....
आज उसका भी पहली बार था इस तरह से किसी दूसरी औरत की चूत का जाम पीना....
लॅंड तो उसने कई बार चूसा था बिरजू का पर चूत रस चखने का पहला मौका था.

[b]दोनो 69 की पोज़िशन में थी.....
[/b]
रजनी तो अपनी जीभ से खोद-खोदकर उसकी चूत की मलाई चाट रही थी और उसकी देखा देखी पिंकी ने भी उसी अंदाज से अपने होंठ और जीभ को उस काम पर लगा दिया और उसे जोरों से चूसने लगी...



[Image: unnamed.gif]

उफ़फ्फ़......
क्या चटपटा सा स्वाद था उसका....
एकदम नमकीन पानी था मेमसाब की चूत का....
जैसे जल्जीरा पी रही हो वो....
उपर से एकदम चिकनी चूत .....



उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी चिकने हीरो के होंठो को चूस रही थी वो....


एक बार उसे जब स्वाद आने लगा उस पानी का तो वो रुकी ही नही....
चूत क्या उसके आस पास का सारा हिस्सा और जाँघो तक को वो चाट गयी....
जितना हो सकता था उतना उसने उस जल्जीरे को इकट्ठा किया और पी गयी.




[Image: 9A6392D.gif]

दोनो उस खेल को करीब 10 मिनट तक खेलती रही और फिर उनके अंदर कुछ उबलने सा लगा...
जैसे कोई ज्वालामुखी...
और लगभग एक साथ ही उस ज्वालामुखी ने उनकी चूत पर दस्तक दी और जो पानी रिस-2 कर निकल रहा था वो एक ही बार में तूफान बनकर बाहर की तरफ बह निकला......
दोनो के चेहरे उस बौछार से गीले हो गये पर उन्होने चूत को चूसना और पानी को पीना नही छोड़ा.
और करीब 5 मिनट बाद एक दूसरे को अच्छी तरह से सॉफ करने के बाद वो दोनो एक दूसरे की बाहों में ऐसे चिपककर लेट गयीं जैसे बरसों पुराने प्रेमी हो...




[Image: featured-large-850.jpg]



पिंकी : "वाह मेमसाब ......ये जो तरीका आज आपने बताया है वो करके मज़ा आ गया....मुझे तो लगता था की सिर्फ़ मरद औरत ही इस खेल में मज़े करते है पर अब लगता है की इस खेल में इंसानो ने और भी ज़्यादा तरक्की कर ली है...''

इतना कहकर वो ज़ोर-2 से हँसने लगी...
रजनी : "पर मर्द के लंड का अपना ही मज़ा होता है....''
पिंकी (मंद मंद मुस्कुराते हुए) : "सही कहा मेमसाब ....उसका तो अलग ही मज़ा है....लंबा लंड जब चूत में अंदर तक जाकर रगड़ पैदा करता है तो शरीर से धुंवा सा निकालने लगता है....मन करता है की बस वो लंड ऐसे ही अंदर बाहर होता रहे....होता रहे...होता रहे...''




कहते -2 जैसे वो किसी ख्वाब में खो गयी....

और उस ख्वाब में राजेश उसकी चूत का धनिया बुरी तरह से पीस कर उसकी चटनी बना रहा था...



[Image: 5269-young-hottie-missionary-banging.gif]

और वो सोचकर ही उसके मुँह से एक दबी हुई सी सिसकारी निकल गयी…
‘’आआआआअहह’’
और फिर जब उसने आँखे खोलकर रजनी की तरफ देखा तो वो उसे ही देखकर मुस्कुरा रही थी….
वो शायद समझ चुकी थी की वो राजेश के लॅंड के बारे में ही सोच रही थी..
रजनी : “अंदर बाहर होने में मज़ा आता है जब लॅंड लंबा और गोरा हो….जैसे तेरे साब का है….लेगी क्या ??’’
ये तो जैसे एकदम खुल्ला ऑफर ही दे डाला था रजनी ने …
और पिंकी पीछे क्यों रहती भला जब साब की बीबी ही सामने से ऑफर दे रही है
‘’हाँ हाँ क्यों नही मेमसाब …..ऐसा हो गया तो मज़ा ही आ जाएगा…मैं आपके घर का काम फ्री में कर दिया करूँगी…..’’




रजनी भी हंस पड़ी उसकी दिलदारी सुनकर….
[b]राजेश के लॅंड के लिए तो वो अपनी जेब से पैसे देने तक के लिए तैयार थी
रजनी : “तू उसकी चिंता मत कर….मैं तेरा काम भी करवा दूँगी और तुझे अलग से पैसे भी दूँगी….बस तू वैसा करी रह जैसा मैं बोलू….’’
पिंकी का चेहरा चमक उठा….वो बोली “ ठीक है मेमसाब ….आप मेरा काम कारवओ, मैं आपका करवा दूँगी….’’
रजनी : “मेरा…..मेरा कौनसा काम….??’’
पिंकी : “अर्रे वही….बिरजू वाला…’’
कहकर वो ज़ोर-2 से हँसने लगी….उसके साथ-2 रजनी भी उसका साथ देते हुए हँसने लगी
[/b]
[b][b]फिर जो बाते रजनी ने पिंकी को समझाई, उसे सुनकर पिंकी की आँखे फैलती चली गयी….

और वो सोचने लगी की एक पत्नी ऐसा कैसे कर सकती है और ये सब करके उसे क्या मिलेगा भला.

पर उसका तो फायदा ही था ….

साब का लंड जो मिल रहा था उसे और उपर से एक्सट्रा पैसे भी….

उसे तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई फिल्म बन रही है जिसकी वो हेरोयिन है, साब हीरो और मेमसाब डायरेक्टर.

[/b]
[/b]



पर बेचारी को ये बात नही पता थी की वो हेरोयिन तो बन रही है पर जो रोल उसे मिल रहा है वो शेफाली का है…
खैर, सबसे पहले तो रजनी को उसका हुलिया ठीक करना था…

और ऐसा करने के लिए वो उसे पहले अपने बाथरूम में ले गयी और शावर चला कर उसे खूब रगड़ -2 कर नहलाया….

बॉडी वॉश से उसके पूरे शरीर को सुगंधित किया….

एन फ्रेंच लगाकर उसकी चूत के साथ-2 उसकी टॅंगो और बाहों के बाल भी निकाल दिए.
पूरी तरह से नहा धोकर वो ऐसे चमक उठी जैसे सच में उसकी सुहागरात हो आज….
[Image: 583.jpg]

अब तो बस शाम का इंतजार था उन्हे….जब राजेश को घर आना था…
पिंकी के कपड़े तो पहले ही फाड़ चुकी थी रजनी , इसलिए उसे उसने खुद का एक ब्लाउज़ निकाल कर दिया जो उसे अब फिट नही आता था….
पर था वो बहुत ही सैक्सी..

आगे से गला थोड़ा गहरा था और पीछे से डोरियों से बाँधने वाला..
उसे पहन कर तो पिंकी रति की मूरत जैसी लग रही थी….
रजनी ने एक बार फिर से पिंकी को सारी बातें समझाई और राजेश के आने से पहले वो ईशा के रूम में जाकर उसके साथ सोने का नाटक करने लगी…
और उसे बोल दिया की साब पूछे तो बोल देना की मेमसाब आज काम करके थक गयी थी इसलिए वो ईशा के साथ सो रही है.

कुछ ही देर में राजेश आ गया….

उसने जब बेल बजाई तो पिंकी ने धड़कते दिल से जाकर दरवाजा खोला..

राजेश की नज़र जब उसपर पड़ी तो उसके लंड ने एक जोरदार अंगड़ाई ली….

‘उफ़फ्फ़……ये तो पक्का मरवाएगी मुझे आज….पूरे मूड में लग रही है….लगता है मेरा तीर निशाने पर बैठा है….’



उसे उपर से नीचे तक देखकर वो अंदर आ गया….

पिंकी ने दरवाजा बंद किया और किचन से उसके लिए पानी ले आई…

और जैसा रजनी ने समझाया था, उसे झुककर जब उसने पानी दिया तो उसका पल्लू नीचे खिसक गया और उसके मोटे तरबूज जैसे मुम्मे बाहर आने को आतुर हो उठे..

राजेश की नज़रें उसके मुम्मो को देखती ही रह गयी…
मन तो कर रहा था की उन्हे अभी के अभी दबोच कर मसल डाले और वो जानता था की वो कुछ कहेगी भी नही…
पर वो जल्दबाज़ी करके उनके खेल का मज़ा नही बिगाड़ना चाहता था…

पानी पीकर उसने पूछा : “पिंकी…मेमसाब कहाँ है….’’

पिंकी : “साब वो ईशा बैबी के रूम में सो रहीं है….आज काफ़ी थक गयी थी मेमसाब ….और बैबी भी दवाई लेकर गहरी नींद में है….’’

वो जैसे बता रही थी की आप कर लो जो करना है…रास्ता सॉफ है.
राजेश : “ ओ के ….तुम चाय बनाओ…मैं फ्रेश होकर आता हूँ ….’’
पिंकी किचन में चली गयी और राजेश अपने रूम में …

ईशा के रूम के दरवाजे के पीछे छुपी रजनी चोरी छुपे सब देख रही थी….

वो भी देखना चाहती थी अपने पति को अपनी नौकरानी के साथ मज़े लेते हुए.ईशा तो सच में सो रही थी, इसलिए उसका डर नहीं था .
राजेश रूम में गया और उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और जल्दी से शावर लेकर ढीले-ढाले से कपड़े पहन लिए…

अंदर उसने अंडरवीयर नही पहना।
फिर वो किचन में आया और पिंकी के बिल्कुल पीछे आकर खड़ा हो गया, उसकी गर्म साँसे पिंकी अपनी गर्दन पर महसूस कर पा रही थी..


[b][b]उसके शरीर के सारे रोँये खड़े हो गये, राजेश का शरीर पीछे से उसे टच कर रहा था जिसे महसूस करके वो काँप रही थी…
पर जैसा की रजनी ने उसे समझाया था अब वो काम करने का वक़्त आ चुका था…
वो बोली : “साब….आपने जब से ये हार दिया है…तब से कुछ अजीब सा लग रहा है….’’

राजेश के होंठो पर मुस्कान आ गयी ये सुनते ही..

वो बोला : “अच्छा ….क्या महसूस हो रहा है…’’

पिंकी : “ऐसा जैसे मेरे अंदर कोई और है….जैसे….वो मुझसे कुछ ….कुछ कहना चाहती है….’’
राजेश समझ गया की बोल तो वो रही है ये सब पर शब्द रजनी के दिए हुए हैं…
पिंकी आगे बोली : “देखो ना साब….शरीर में हर जगह दर्द सा हो रहा है मीठा वाला…मन कर रहा है की कोई मेरे बदन को पकड़कर ज़ोर से दबा दे…मसल दे…रगड़ दे….’’

इतना कहते-2 वो राजेश की तरफ घूम गयी….
दोनो की आँखे मिली, राजेश को उसकी नज़रों में हवस की आग जलती हुई दिखाई दे रही थी..
राजेश : “अच्छा ….ये तो बहुत ख़तरनाक लक्षण है….चलो ज़रा मेरे कमरे में …मैं तुम्हारा चेकअप करता हूँ ….’’

डॉक्टर राजेश अपने असली रूप में आ चुका था…
राजेश आगे चल दिया और मुस्कुराती हुई पिंकी गैस बंद करके उसके पीछे-2 अपनी गांड मटकाती हुई चल दी…
किचन के साथ ही ईशा का रूम था, जिसके दरवाजे के पीछे छिपी रजनी ये सब सुन रही थी…

और जैसा उसने पिंकी को समझाया था वो ठीक वैसा ही कर रही थी…
सब उसके प्लान के हिसाब से ही चल रहा था…
वो खुश थी की राजेश को उसकी चाल का पता नही चला था…
पर बेचारी ये नही जानती थी की चाल वो नही बल्कि राजेश ने चली थी….
वो तो बस वही कर रही थी जो राजेश उसे करवाना चाहता था.

राजेश ने जान बूझकर कमरे का दरवाजा आधा खुला छोड़ दिया ताकि रजनी बाहर खड़ी होकर उनकी रासलीला देख सके..
कमरे में पहुँचकर राजेश ने उसे एक चेयर पर बिठाया और अपना स्टेथोस्कोप निकाल लाया….
और उसे कान में लगाकर दूसरा सिरा उसने पिंकी की छाती के उपर रख कर उसे साँस लेने को कहा….
उसने जब साँस ली तो उसकी छाती के गुब्बारे और भी ज़्यादा फूलकर उसके सामने आ गये…
ब्लाउज़ इतना टाइट था की पीछे बँधी डोरी उसके साँस लेने से अपने आप खुल गयी और ब्लाउज़ ढलक कर आगे की तरफ लटक सा गया…
राजेश ये देखकर मुस्कुराया पर कुछ बोला नही और उसका चेकअप करने का नाटक करने लगा…
उसके हाथ उसकी छाती के मुलायम हिस्से पर पड़कर वहां की नरमी को महसूस कर रहे थे…
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[b][b][b]पिंकी के मुँह से आहह निकल गयी उस दबाव को महसूस करके…
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‘’आआआआहह साब…..यहाँ तो सबसे ज़्यादा दर्द हो रहा है…..’’



राजेश ने मुस्कुराते हुए उसके गले में बँधे हार को हाथो मे पकड़ा और बोला : “लगता है इस हार के भार की वजह से ये हो रहा है….इसे उतार दो…शायद ठीक महसूस हो….’’



पिंकी ने बेमन से उसे उतार कर साइड में रख दिया….



राजेश घूमकर उसके पीछे आया और उसकी पीठ पर स्टेथोस्कोप लगा कर उसका मुआयना करने लगा….



पीठ पर बँधी डोरी तो खुल कर लटक चुकी थी इसलिए उसकी पूरी नंगी पीठ उसकी आँखो के सामने थी….



राजेश ने पूरी जाँच की और फिर अपने हाथ से उसकी पीठ पर दबाव बनाकर उसे थोड़ा सा दबाया.



एक बार फिर से एक मीठी सी सिसकारी निकल गयी पिंकी के मुँह से….



‘’आआआआआआआआआआआआआआआहह हाआँ साआब बहुत मीठा सा दर्द हो रहा है…..ऐसे दबाने से आराम मिला है….’’



राजेश : “ओह्ह मैं समझ गया……ऐसा ही एक केस मेरे हॉस्पिटल में आया था पहले भी…..इसका बस एक ही इलाज है, तुम्हारे बदन की मालिश करनी पड़ेगी….’’



पिंकी ने बिना सोचे समझे सिर्फ़ एक ही बात बोली : “तो कर दो ना साब…’’

ये एक खुल्ला ऑफर था राजेश के लिए…

दोनो जानते थे की यही होने वाला है बाद में …

बस बेकार की बाते चोदने में लगे हुए थे इतनी देर से…

दरवाजे के पीछे छुपी रजनी भी पक सी गयी थी इतनी देर से वहां खड़े हुए….

पर अब वो मुस्कुरा रही थी क्योंकि असली एक्शन शुरू होने वाला था…



राजेश : “तो एक काम करो….ये कपड़े उतार दो और बेड पर लेट जाओ…’’



पिंकी बिना कुछ बोले उठी और एक-2 करके उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके….

उसका बदन जल सा रहा था…

[Image: minnie-gupta-353776.jpg]



उसके शरीर की गर्मी को राजेश भी महसूस कर पा रहा था…

पहले रजनी के कमरे का तापमान बड़ा था जब पिंकी ने उसकी मसाज की थी ….

अब इस कमरे का तापमान बढ़ चुका था जब राजेश उसकी मसाज करने वाला था…

आज पिंकी को उसके काम का फल मसाज और एक खड़े लंड के रूप में मिलने जा रहा था…



अब असली तूफान आने वाला था कमरे में …
[b][b][b]लॅंड का तूफान.[/b][/b][/b]
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Messages In This Thread
हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 08:42 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 08:44 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 08:46 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:04 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:17 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:21 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:26 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:28 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:32 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:34 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:37 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:40 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:43 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:46 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:50 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:59 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:03 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:05 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:11 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:16 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:20 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:29 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:33 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:36 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:37 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:38 AM
RE: हीरोइन - by raj500265 - 30-01-2022, 02:50 PM
RE: हीरोइन - by wildarman - 31-01-2022, 10:24 AM
RE: हीरोइन - by raj500265 - 03-07-2022, 04:15 PM
RE: हीरोइन - by bhavna - 03-07-2022, 08:30 PM



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