28-03-2021, 09:32 AM
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अब आगे
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घर पहुँचकर भी राजेश ने ईशा को गोद में उठाया और अंदर ले गया...
ईशा ने अपनी बाहें राजेश के गले में डालकर अपने नन्हे बूब्स उसकी छाती से सटा रखे थे.
रजनी को वो पहले ही फोन पर प्लास्टर वाली बात बता चुका था, उसने ईशा के रूम को ढंग से सॉफ सुथरा करके उसके लिए नर्म गद्दा लगा दिया ताकि लेटे रहने में उसे ज़्यादा परेशानी ना हो.
ईशा को उसके बेड पर लिटाते हुए राजेश ने जब उसे छोड़ा तो ईशा ने अपनी बाहे उसके गले से निकाली ही नही...
बेचारे राजेश को उसके साथ-2 बेड पर झुक कर बैठे रहना पड़ा..
राजेश : "छोड़ो ईशा...ये क्या कर रही हो...''
ईशा : "नो पापा...आप मेरे पास ही रूको आज...कहीं नही जाना..''
नंदिनी उन बाप बेटी की नोक झक देखकर हंसते हुए बोली : "आप दोनो आपस मे निपटो, मैं किचन में जाकर डिन्नर बना लेती हूँ ''
इतना कहकर वो उन्हे उसी हालत मे छोड़कर किचन में चली गयी...
रजनी के जाते ही ईशा ने राजेश को पूरा अपने उपर खींच लिया..
उसकी ताक़त देखकर राजेश भी हैरान रह गया, उसने शूज़ भी नही उतारे थे,
उस हालत में वो पूरा अपनी फूल जैसी बेटी पर लेटा हुआ था.
राजेश : "ये क्या बचपन है ईशा...छोड़ो मुझे...शूज़ भी नही उतारे मैने..''
ईशा ने राजेश को अपनी बगल में लिटाया और उपर उठकर उसके शूज़ निकाल फेंके और वापिस आकर अपने पापा से लिपट कर आँखे बंद कर ली...
राजेश उसके मासूम से चेहरे को देखकर ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की ये उसे सच में अपने पापा पर प्यार आ रहा है या फिर शेफाली की आत्मा उस से ये सब करवा रही है...
पर वो कुछ समझ नही पाया.
वो भी आँखे बंद करके अपनी बेटी के साथ लेट गया..
काम तो ज़्यादा नही किया था आज उसने पर आने-जाने मे ही उसकी कमर दुखने लगी थी,
ऐसे लेटने में उसे भी आराम मिल रहा था.
उसकी आँख कब लग गयी उसे भी पता नही चला...ईशा भी सो चुकी थी.
रात 9 बजे रजनी ने आकर उसे जगाया की खाना बन चुका है, वो उठा और कपड़े बदलकर फ्रेश हुआ और रजनी के साथ बैठकर खाना खाया..ईशा अभी तक सो रही थी..शायद गोलियों का असर था.
डिन्नर के बाद रजनी बोली : "ऐसा करो आज आप ईशा के साथ ही सो जाओ...उसे आप पर कुछ ज़्यादा ही लाड़ आ रहा है..ऐसा ना हो की रात को उठकर आपको आवाज़ें लगाने लगे..और उसे भूख लगे तो प्लीज़ खाना गर्म करके दे देना उसे, मुझे भी आज कुछ ज़्यादा नींद आ रही है..''
इतना कहकर वो अपने बेडरूम में चली गयी...
राजेश बेचारा अवाक सा बैठा देखता रह गया...
उसने सोचा की रजनी भी तो ईशा के पास सो सकती थी, उसे खाना भी गर्म करके दे सकती थी, आज एकदम से ये पापा पर लाड़ वाली बात निकालकर वो खुद उसे सोने के लिए कह रही है, यानी शेफाली उससे ये सब करवा रही है...
ईशा के साथ रात भर सोने की बात सोचते ही राजेश का लंड सुर सुर करने लगा...
अभी कल ही उसकी कमसिन सहेली को अपना लंड चुस्वाकार और उसके कच्चे बदन को नंगा देखकर उसे ये तो यकीन हो ही चुका था की ईशा अपनी सहेली से एक कदम आगे ही निकलेगी, क्योंकि ईशा का शरीर थोड़ा भरा हुआ और ज़्यादा कटावदार था.
खैर, वो अपनी तरफ से कोई भी ऐसी हरकत नही करना चाहता था जिससे उसकी बेटी को बुरा लगे...
क्योंकि अंदर ही अंदर उसे अभी तक यही लग रहा था की ये सब शायद उसका वहम है,
रजनी में आए बदलाव शायद नेचुरल थे और चाँदनी भी शायद अपनी दोस्त के पापा पर मोहित होकर वो सब कर बैठी थी...
पर ईशा के बारे में ऐसा कुछ भी नही था...
वो हमेशा उसकी बातो का विरोध ही करती थी,
ये तो बस वो उसकी इतनी तिमारदारी कर रहा था शायद इसलिए उसे अपने पापा पर लाड़ आ गया था वरना आज तक उसने इस तरह से कभी प्यार नही किया था उसे.
वो आँखे बंद करके ये सब सोच रहा था की अचानक ईशा ने अपनी एक टाँग और बाजू उसके उपर रख दी और उससे लिपट कर सो गयी..
उसने अपना घुटना जहां रखा था उसके ठीक नीचे राजेश का लंड था...
हालाँकि वो सो रहा था इस वक़्त पर ईशा के जिस्म के एहसास ने उसके अंदर तरंगे उठानी शुरू कर दी थी.
उसने ईशा के चेहरे की तरफ देखा और उसे पुकारा पर वो शायद नींद में थी,
उसने जवाब नही दिया और उसी हालत में सोई रही.
राजेश भी आँखे बंद करके सोने की कोशिश करने लगा...
पर उसे काफ़ी देर तक नींद नही आई, फिर भी बिना हीले डुले वो लेटा रहा.
अचानक उसे ईशा के हाथ हिलते हुए महसूस हुए,
वो अपने हाथ की उंगलियो से उसकी छाती पर उगे बालों को सहला रही थी...
टी शर्ट के बटन खोलकर उसके हाथ कब अंदर आ गये थे ये उसे भी पता नही चला था.
कुछ देर बाद उसके हाथ नीचे की तरफ आने लगे और सीधा आकर वो राजेश के लंड पर जम गये..
अब तो राजेश को पूरा विश्वास हो गया की ये लाड प्यार एक बाप बेटी वाला नही रह गया था...
पर वो देखना चाहता था की वो कितना आगे जा सकती है, इसलिए बिना आँखे खोले वो अंजान बनकर सोया रहा...
वो काफ़ी कोशिश भी कर रहा था की किसी दूसरी चीज़ के बारे में सोचे ताकि उसका लंड एकदम से खड़ा ना हो,
पर जिस अंदाज से ईशा उसके लंड को सहला रही थी, उसे निचोड़ रही थी,वो दूसरी तरफ ध्यान रख ही नही पाया और उसके लंड में अपने आप वृद्धि होने लगी.
जैसे ही ईशा को खड़े लंड का एहसास हुआ, उसकी गर्म साँसे राजेश को अपनी गर्दन पर महसूस होने लगी....
और फिर उसने अपनी गीली जीभ निकाल कर राजेश को चाटना शुरू कर दिया...
राजेश भी हैरान सा होकर बिना हीले डुले ईशा का ये रूप देख रहा था क्योंकि वो जिस अंदाज में चाट रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत खेली खाई लड़की है....
बिल्कुल पोर्न स्टार जैसी प्रोफेशनल की तरह बिहेव कर रही थी वो...
धीरे-2 ईशा राजेश के चेहरे को चाट्ती हुई उपर तक आई और उसके गालो को चाटने लगी. उनपर किस्स करने लगी....
राजेश के सूखे होंठ फड़क से रहे थे इस अंदाज़े से की कुछ ही पलों में शायद उनका नंबर भी आने वाला है, और उसे ज़्यादा इंतजार भी नही करना पड़ा, ईशा ने अपने गर्म और गीले होंठ उसके होंठो पर रखकर उन्हे सींचना शुरू कर दिया...
ये पहली बार था जब वो अपनी ही बेटी के होंठो को अपने होंठो पर महसूस कर पा रहा था...
वो तो राजेश के होंठो को ऐसे चूसने मे लगी हुई थी जैसे बरसो से उनकी प्यासी हो...
एक हाथ उसका अपने पापा के लंड पर था, और होंठ उसके होंठो पर...
राजेश से अब सोए रहना मुश्किल सा हो रहा था...
उसने ऊंघते हुए अपनी आँखे खोली और चौंकने का नाटक करते हुए ईशा से कहा : "उम्म्म्म......ईशा.....ये ये.....क्या कर रही हो बेटा...''
''शःह्ह्ह्ह डोंट से एनिथिन्ग पापा....... जस्ट रिलॅक्स.....''
और इतना कहते हुए वो उसे चूमती हुई नीचे की तरफ चल दी....
और ठीक उसके लंड के उपर जाकर जब उसका चेहरा रुका तो राजेश को समझते देर नही लगी की शेफाली अब ईशा से क्या करवाने वाली है.....
ईशा ने उसके पयज़ामे को नीचे किया और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसपर अपनी गर्म सांसो का फव्वारा छोड़ा और फिर एकदम से गप्प करते हुए वो उसके लंड को निगल गयी....
''आआआआआआआआआआआअहह ईशा..................... मेरी बच्चीइइइइइइइइईईईईईईईईईईईईईईईईई''
बेचारा कुछ और नही बोल पाया सिवाए उसके सिर को अपने लंड पर पूरा दबाने के....
ईशा का मुँह तो छोटा सा था पर उसने एक ही बार मे अपने बाप के लंड को पूरा मुँह में लेकर नीचे तक नाप डाला...
और फिर सडप -2 करते हुए वो पूरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी...
अभी तक दोनो के कपड़े अपनी जगह थे , सिर्फ़ राजेश का लंड ही बाहर था जिसे चूसकर वो उसे मज़ा दे रही थी....
राजेश ने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा के हुक्स को चुटकी से खोलने की कोशिश की पर वो असफल रहा , एक दो बार फिर से तरय किया पर हुआ ही नहीं, ईशा की हंसी निकल गयी ये देखकर ,
वो बोली : "रुको... में करती हूँ''
वो बेड पर बैठी और अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और फिर हाथ पीछे करते हुए उसने अपनी ब्रा भी उतार कर नीचे कर दी...
उसकी मस्त और चिकने बूब्स देखकर राजेश के खड़े लंड ने एक जोरदार झटका मारकर उसकी सराहना की
फिर वो थोड़ा आगे झुकी और उसने एक बार फिर से अपने पापा का लंड मुंह में लिया और उसे चूसने लगी , ऐसा करते हुए वो मुंह से आवाजें भी निकाल रही थी
उम्मम्मम्मम्म ओह्ह्ह्हह्हह पापा। ....... इटस सोओओ टेस्टीssssssss उम्मम्मम्मम्मम आई वांट आलsssssss ''
और फिर उसने हाथ नीचे करके उसकी बॉल्स को भी मसला
ये लम्हा राजेश को इतना उत्तेजित कर गया की उसके लंड ने बर्फ़ीली आग उगलनी शुरू कर दी जिसे उसने बड़ी ही कुशलता से अपने मुँह में लेकर निगल लिया....
उसके लंड को पूरा चाटने के बाद वो फिर से उपर आई और मुस्कुराते हुए उसने राजेश को देखा और ''आई लव यू पापा'' कहते हुए उसे फिर से स्मूच करने लगी....
इस बार राजेश के हाथ उसकी नंगी कमर को सहला रहे थे, उसकी नजरें इस वक़्त ईशा के तने हुए स्तनों पर थी ...
उसके भरे हुए बूब्स देखकर राजेश पलके झपकना भी भूल गया....
http://[url][/url][url=<a href=] [/url]http://http://http://http://http://
राजेश को ऐसे अपलक अपनी आप को निहारते देखकर ईशा ने खुद ही उसके हाथ पकड़े और अपने बूब्स पर रख दिया..
उफफफफ्फ़ कितने मुलायम थे वो....
रुई के गोले जैसे
राजेश ने उन्हे अपनी हथेलियो में पकड़कर ज़ोर से भींच दिया...
वो उसकी उंगलियो के बीच से इधर उधर निकलकर ऐसे झाँकने लगे कैसे पानी के गुब्बारे को पकड़कर दबाने से होता है..
''आआआआआआआआहह पापा.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे......प्लीज़.....''
अब राजेश से सब्र नही हुआ और उसने आगे बढ़कर उसके बूब्स को अपने मुँह में रखकर चुभलाना शुरू कर दिया..
''ओह्ह माय डार्लिंग पापा.....प्लीज़ सक इट....... हाआरडररर ''
राजेश ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ ज़ोर से दबोच सा लिया....
और उसके बूब को पूरा मुँह में रखकर खा गया.
उफफफफफ्फ़ क्या सेक्सी नज़ारा था....
ईशा का पूरा मुम्मा अपने पापा के मुँह में था,
जिसे वो चुसवा भी रही थी और आनंद से भरी किलकरियाँ भी मार रही थी...
''ओह पापा......... इट्स फीलिंग सोओ गुड....... यससस्स पापा........ ऐसे ही......सक्ककक मिि हार्ड........ काटो इन्हे......ज़ोर से.....चबा जाओ.......निप्पल्स चूसो ना पापा...... उम्म्म्मममममममममममममम यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऐसे ही...... अहह......''
ऐसा करते हुए वो राजेश की गोद में चड़कर उसकी जाँघ पर बैठ गयी...
एक पैर इधर और दूसरा उधर...
और अपनी चूत को उसपर घिसते हुए जोरों से रगड़ने लगी....
और जल्द ही अपना मुम्मा चुस्वाते हुए, अपने पापा की गोद में झटके मारते हुए वो जोरों से झड़ने लगी....
''आआआआआआआआआआआअहह पापा....... उम्म्म्ममममममममममममममममममममममममम......... यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... आई एम् कमिंग........''
राजेश को भी अपनी बेटी की गर्माहट अपनी जाँघो पर पिघलती हुई महसूस हुई..
और एक बार फिर से दोनो के होंठ एक दूसरे से मिलकर एक लंबी स्मूच में बदल गये...
अभी तो ये शुरूवात थी...
आज की रात बहुत लंबी होने वाली थी.http://[/url][url]http://[/url][url]http://[/url][url]http://[/url][url]
अब आगे
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घर पहुँचकर भी राजेश ने ईशा को गोद में उठाया और अंदर ले गया...
ईशा ने अपनी बाहें राजेश के गले में डालकर अपने नन्हे बूब्स उसकी छाती से सटा रखे थे.
रजनी को वो पहले ही फोन पर प्लास्टर वाली बात बता चुका था, उसने ईशा के रूम को ढंग से सॉफ सुथरा करके उसके लिए नर्म गद्दा लगा दिया ताकि लेटे रहने में उसे ज़्यादा परेशानी ना हो.
ईशा को उसके बेड पर लिटाते हुए राजेश ने जब उसे छोड़ा तो ईशा ने अपनी बाहे उसके गले से निकाली ही नही...
बेचारे राजेश को उसके साथ-2 बेड पर झुक कर बैठे रहना पड़ा..
राजेश : "छोड़ो ईशा...ये क्या कर रही हो...''
ईशा : "नो पापा...आप मेरे पास ही रूको आज...कहीं नही जाना..''
नंदिनी उन बाप बेटी की नोक झक देखकर हंसते हुए बोली : "आप दोनो आपस मे निपटो, मैं किचन में जाकर डिन्नर बना लेती हूँ ''
इतना कहकर वो उन्हे उसी हालत मे छोड़कर किचन में चली गयी...
रजनी के जाते ही ईशा ने राजेश को पूरा अपने उपर खींच लिया..
उसकी ताक़त देखकर राजेश भी हैरान रह गया, उसने शूज़ भी नही उतारे थे,
उस हालत में वो पूरा अपनी फूल जैसी बेटी पर लेटा हुआ था.
राजेश : "ये क्या बचपन है ईशा...छोड़ो मुझे...शूज़ भी नही उतारे मैने..''
ईशा ने राजेश को अपनी बगल में लिटाया और उपर उठकर उसके शूज़ निकाल फेंके और वापिस आकर अपने पापा से लिपट कर आँखे बंद कर ली...
राजेश उसके मासूम से चेहरे को देखकर ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की ये उसे सच में अपने पापा पर प्यार आ रहा है या फिर शेफाली की आत्मा उस से ये सब करवा रही है...
पर वो कुछ समझ नही पाया.
वो भी आँखे बंद करके अपनी बेटी के साथ लेट गया..
काम तो ज़्यादा नही किया था आज उसने पर आने-जाने मे ही उसकी कमर दुखने लगी थी,
ऐसे लेटने में उसे भी आराम मिल रहा था.
उसकी आँख कब लग गयी उसे भी पता नही चला...ईशा भी सो चुकी थी.
रात 9 बजे रजनी ने आकर उसे जगाया की खाना बन चुका है, वो उठा और कपड़े बदलकर फ्रेश हुआ और रजनी के साथ बैठकर खाना खाया..ईशा अभी तक सो रही थी..शायद गोलियों का असर था.
डिन्नर के बाद रजनी बोली : "ऐसा करो आज आप ईशा के साथ ही सो जाओ...उसे आप पर कुछ ज़्यादा ही लाड़ आ रहा है..ऐसा ना हो की रात को उठकर आपको आवाज़ें लगाने लगे..और उसे भूख लगे तो प्लीज़ खाना गर्म करके दे देना उसे, मुझे भी आज कुछ ज़्यादा नींद आ रही है..''
इतना कहकर वो अपने बेडरूम में चली गयी...
राजेश बेचारा अवाक सा बैठा देखता रह गया...
उसने सोचा की रजनी भी तो ईशा के पास सो सकती थी, उसे खाना भी गर्म करके दे सकती थी, आज एकदम से ये पापा पर लाड़ वाली बात निकालकर वो खुद उसे सोने के लिए कह रही है, यानी शेफाली उससे ये सब करवा रही है...
ईशा के साथ रात भर सोने की बात सोचते ही राजेश का लंड सुर सुर करने लगा...
अभी कल ही उसकी कमसिन सहेली को अपना लंड चुस्वाकार और उसके कच्चे बदन को नंगा देखकर उसे ये तो यकीन हो ही चुका था की ईशा अपनी सहेली से एक कदम आगे ही निकलेगी, क्योंकि ईशा का शरीर थोड़ा भरा हुआ और ज़्यादा कटावदार था.
खैर, वो अपनी तरफ से कोई भी ऐसी हरकत नही करना चाहता था जिससे उसकी बेटी को बुरा लगे...
क्योंकि अंदर ही अंदर उसे अभी तक यही लग रहा था की ये सब शायद उसका वहम है,
रजनी में आए बदलाव शायद नेचुरल थे और चाँदनी भी शायद अपनी दोस्त के पापा पर मोहित होकर वो सब कर बैठी थी...
पर ईशा के बारे में ऐसा कुछ भी नही था...
वो हमेशा उसकी बातो का विरोध ही करती थी,
ये तो बस वो उसकी इतनी तिमारदारी कर रहा था शायद इसलिए उसे अपने पापा पर लाड़ आ गया था वरना आज तक उसने इस तरह से कभी प्यार नही किया था उसे.
वो आँखे बंद करके ये सब सोच रहा था की अचानक ईशा ने अपनी एक टाँग और बाजू उसके उपर रख दी और उससे लिपट कर सो गयी..
उसने अपना घुटना जहां रखा था उसके ठीक नीचे राजेश का लंड था...
हालाँकि वो सो रहा था इस वक़्त पर ईशा के जिस्म के एहसास ने उसके अंदर तरंगे उठानी शुरू कर दी थी.
उसने ईशा के चेहरे की तरफ देखा और उसे पुकारा पर वो शायद नींद में थी,
उसने जवाब नही दिया और उसी हालत में सोई रही.
राजेश भी आँखे बंद करके सोने की कोशिश करने लगा...
पर उसे काफ़ी देर तक नींद नही आई, फिर भी बिना हीले डुले वो लेटा रहा.
अचानक उसे ईशा के हाथ हिलते हुए महसूस हुए,
वो अपने हाथ की उंगलियो से उसकी छाती पर उगे बालों को सहला रही थी...
टी शर्ट के बटन खोलकर उसके हाथ कब अंदर आ गये थे ये उसे भी पता नही चला था.
कुछ देर बाद उसके हाथ नीचे की तरफ आने लगे और सीधा आकर वो राजेश के लंड पर जम गये..
अब तो राजेश को पूरा विश्वास हो गया की ये लाड प्यार एक बाप बेटी वाला नही रह गया था...
पर वो देखना चाहता था की वो कितना आगे जा सकती है, इसलिए बिना आँखे खोले वो अंजान बनकर सोया रहा...
वो काफ़ी कोशिश भी कर रहा था की किसी दूसरी चीज़ के बारे में सोचे ताकि उसका लंड एकदम से खड़ा ना हो,
पर जिस अंदाज से ईशा उसके लंड को सहला रही थी, उसे निचोड़ रही थी,वो दूसरी तरफ ध्यान रख ही नही पाया और उसके लंड में अपने आप वृद्धि होने लगी.
जैसे ही ईशा को खड़े लंड का एहसास हुआ, उसकी गर्म साँसे राजेश को अपनी गर्दन पर महसूस होने लगी....
और फिर उसने अपनी गीली जीभ निकाल कर राजेश को चाटना शुरू कर दिया...
राजेश भी हैरान सा होकर बिना हीले डुले ईशा का ये रूप देख रहा था क्योंकि वो जिस अंदाज में चाट रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत खेली खाई लड़की है....
बिल्कुल पोर्न स्टार जैसी प्रोफेशनल की तरह बिहेव कर रही थी वो...
धीरे-2 ईशा राजेश के चेहरे को चाट्ती हुई उपर तक आई और उसके गालो को चाटने लगी. उनपर किस्स करने लगी....
राजेश के सूखे होंठ फड़क से रहे थे इस अंदाज़े से की कुछ ही पलों में शायद उनका नंबर भी आने वाला है, और उसे ज़्यादा इंतजार भी नही करना पड़ा, ईशा ने अपने गर्म और गीले होंठ उसके होंठो पर रखकर उन्हे सींचना शुरू कर दिया...
ये पहली बार था जब वो अपनी ही बेटी के होंठो को अपने होंठो पर महसूस कर पा रहा था...
वो तो राजेश के होंठो को ऐसे चूसने मे लगी हुई थी जैसे बरसो से उनकी प्यासी हो...
एक हाथ उसका अपने पापा के लंड पर था, और होंठ उसके होंठो पर...
राजेश से अब सोए रहना मुश्किल सा हो रहा था...
उसने ऊंघते हुए अपनी आँखे खोली और चौंकने का नाटक करते हुए ईशा से कहा : "उम्म्म्म......ईशा.....ये ये.....क्या कर रही हो बेटा...''
''शःह्ह्ह्ह डोंट से एनिथिन्ग पापा....... जस्ट रिलॅक्स.....''
और इतना कहते हुए वो उसे चूमती हुई नीचे की तरफ चल दी....
और ठीक उसके लंड के उपर जाकर जब उसका चेहरा रुका तो राजेश को समझते देर नही लगी की शेफाली अब ईशा से क्या करवाने वाली है.....
ईशा ने उसके पयज़ामे को नीचे किया और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसपर अपनी गर्म सांसो का फव्वारा छोड़ा और फिर एकदम से गप्प करते हुए वो उसके लंड को निगल गयी....
''आआआआआआआआआआआअहह ईशा..................... मेरी बच्चीइइइइइइइइईईईईईईईईईईईईईईईईई''
बेचारा कुछ और नही बोल पाया सिवाए उसके सिर को अपने लंड पर पूरा दबाने के....
ईशा का मुँह तो छोटा सा था पर उसने एक ही बार मे अपने बाप के लंड को पूरा मुँह में लेकर नीचे तक नाप डाला...
और फिर सडप -2 करते हुए वो पूरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी...
अभी तक दोनो के कपड़े अपनी जगह थे , सिर्फ़ राजेश का लंड ही बाहर था जिसे चूसकर वो उसे मज़ा दे रही थी....
राजेश ने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा के हुक्स को चुटकी से खोलने की कोशिश की पर वो असफल रहा , एक दो बार फिर से तरय किया पर हुआ ही नहीं, ईशा की हंसी निकल गयी ये देखकर ,
वो बोली : "रुको... में करती हूँ''
वो बेड पर बैठी और अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और फिर हाथ पीछे करते हुए उसने अपनी ब्रा भी उतार कर नीचे कर दी...
उसकी मस्त और चिकने बूब्स देखकर राजेश के खड़े लंड ने एक जोरदार झटका मारकर उसकी सराहना की
फिर वो थोड़ा आगे झुकी और उसने एक बार फिर से अपने पापा का लंड मुंह में लिया और उसे चूसने लगी , ऐसा करते हुए वो मुंह से आवाजें भी निकाल रही थी
उम्मम्मम्मम्म ओह्ह्ह्हह्हह पापा। ....... इटस सोओओ टेस्टीssssssss उम्मम्मम्मम्मम आई वांट आलsssssss ''
और फिर उसने हाथ नीचे करके उसकी बॉल्स को भी मसला
ये लम्हा राजेश को इतना उत्तेजित कर गया की उसके लंड ने बर्फ़ीली आग उगलनी शुरू कर दी जिसे उसने बड़ी ही कुशलता से अपने मुँह में लेकर निगल लिया....
उसके लंड को पूरा चाटने के बाद वो फिर से उपर आई और मुस्कुराते हुए उसने राजेश को देखा और ''आई लव यू पापा'' कहते हुए उसे फिर से स्मूच करने लगी....
इस बार राजेश के हाथ उसकी नंगी कमर को सहला रहे थे, उसकी नजरें इस वक़्त ईशा के तने हुए स्तनों पर थी ...
उसके भरे हुए बूब्स देखकर राजेश पलके झपकना भी भूल गया....
http://[url][/url][url=<a href=] [/url]http://http://http://http://http://
राजेश को ऐसे अपलक अपनी आप को निहारते देखकर ईशा ने खुद ही उसके हाथ पकड़े और अपने बूब्स पर रख दिया..
उफफफफ्फ़ कितने मुलायम थे वो....
रुई के गोले जैसे
राजेश ने उन्हे अपनी हथेलियो में पकड़कर ज़ोर से भींच दिया...
वो उसकी उंगलियो के बीच से इधर उधर निकलकर ऐसे झाँकने लगे कैसे पानी के गुब्बारे को पकड़कर दबाने से होता है..
''आआआआआआआआहह पापा.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे......प्लीज़.....''
अब राजेश से सब्र नही हुआ और उसने आगे बढ़कर उसके बूब्स को अपने मुँह में रखकर चुभलाना शुरू कर दिया..
''ओह्ह माय डार्लिंग पापा.....प्लीज़ सक इट....... हाआरडररर ''
राजेश ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ ज़ोर से दबोच सा लिया....
और उसके बूब को पूरा मुँह में रखकर खा गया.
उफफफफफ्फ़ क्या सेक्सी नज़ारा था....
ईशा का पूरा मुम्मा अपने पापा के मुँह में था,
जिसे वो चुसवा भी रही थी और आनंद से भरी किलकरियाँ भी मार रही थी...
''ओह पापा......... इट्स फीलिंग सोओ गुड....... यससस्स पापा........ ऐसे ही......सक्ककक मिि हार्ड........ काटो इन्हे......ज़ोर से.....चबा जाओ.......निप्पल्स चूसो ना पापा...... उम्म्म्मममममममममममममम यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऐसे ही...... अहह......''
ऐसा करते हुए वो राजेश की गोद में चड़कर उसकी जाँघ पर बैठ गयी...
एक पैर इधर और दूसरा उधर...
और अपनी चूत को उसपर घिसते हुए जोरों से रगड़ने लगी....
और जल्द ही अपना मुम्मा चुस्वाते हुए, अपने पापा की गोद में झटके मारते हुए वो जोरों से झड़ने लगी....
''आआआआआआआआआआआअहह पापा....... उम्म्म्ममममममममममममममममममममममममम......... यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... आई एम् कमिंग........''
राजेश को भी अपनी बेटी की गर्माहट अपनी जाँघो पर पिघलती हुई महसूस हुई..
और एक बार फिर से दोनो के होंठ एक दूसरे से मिलकर एक लंबी स्मूच में बदल गये...
अभी तो ये शुरूवात थी...
आज की रात बहुत लंबी होने वाली थी.http://[/url][url]http://[/url][url]http://[/url][url]http://[/url][url]