28-03-2021, 09:28 AM
UPDATE - 8
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''राजेश.....वो देखो सामने....चाँदनी हमे छुप कर देख रही है...''
राजेश की तो गांड ही फट्ट गयी ये सुनकर....उसने तो ये सोचा भी नही था की जैसे वो उसे देख सकता है , बेड पर उल्टी लेटी हुई रजनी को भी तो वो दिखाई ही दे रही होगी...वो तो मज़े में अपनी चूत में अंदर बाहर हो रहे लंड का मज़ा ले रही थी, थोड़ा सा चेहरा उपर किया तो सामने शीशे के पीछे खड़ी चाँदनी दिखाई दे गयी, जो इस वक़्त अपनी आँखे बंद किए बड़े ही मज़े में अपनी चुचि और चूत मसल रही थी...राजेश ये सुनते ही रुक गया....रजनी ने जब उसे रुकता देखा तो बोली : "अरे ...तुम क्यों रुक गये...उसे देखने दो..यही तो उम्र है ये सब सीखने की...यू प्लीज़ फक मी हार्ड.....''
राजेश समझ गया की ये शेफाली की आत्मा ही रजनी से बुलवा रही है , उसे और क्या चाहिए था, रजनी की तरफ से हरी झंडी मिलते ही वो पहले से ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा...
आज तो सच में उसका लंड स्टील जैसा बन चुका था...और ये चुदाई कम से कम आधा घंटा और चलने वाली थी...और राजेश ये नही जानता था की इस वक़्त रजनी के मन में क्या चल रहा है..
पर उसे अच्छे से पता था की अगले आधे या एक घंटे में जो भी होगा उनके बेडरूम में वो मजेदार ही होगा.
**********
अब आगे
***********
राजेश के हर झटके से अब रजनी और भी ज़्यादा कामुक तरीके से अपनी चुदाई करवा रही थी...
वो ज़ोर से चीख रही थी ताकि बाहर खड़ी चाँदनी तक उसकी सिसकारियाँ पहुँच सके..
''ओह राजेश....... ज़ोर से चोदो मुझे...... उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारा ये मोटा लंड ..... आअहहह मज़ा आ रहा है आज तो बहुत चुदवाने में....... आज ये कुछ.....अहह ज़्यादा ही .....उफफफफफफ्फ़ ....मोटा लग...... रा है........ अहह...... ऐसे ही चोदो मुझे.....डार्लिंग.......''
राजेश भी मंद -2 मुस्कुराते हुए अपने काम में लगा रहा....
राजेश अब उसके ऊपर लेट कर उसे चोद रहा था....
इस पोज़ में तो राजेश के लंड का आखरी कतरा भी रजनी की चूत में उतर चुका था..
ये शायद रजनी के लिए भी काफ़ी आनंददायक पोज़ था
क्योंकि उसके बाद उसका ध्यान चाँदनी से हट सा गया
और वो आँखे बंद करके अपने पिछवाड़े कब्बड्डी कर रहे राजेश के लंड का मज़ा लेने लगी
जो उसकी चूत की अंदरूनी रेखा तक जाता और उसे छूकर फिर से वापिस भाग जाता.
रजनी ने अचानक आँखे खोली और एक बार फिर से चाँदनी की तरफ दौड़ाई जो उन्हे देखकर अभी तक अपनी मुनिया को मसल रही थी..
अब उसने अपनी टी शर्ट उपर कर ली थी और शॉर्ट्स को नीचे...
एक तरह से वो लगभग नंगी खड़ी होकर अपनी चूत की जबरदस्त घुटाई कर रही थी....
अब शायद रजनी के दिमाग़ में कुछ शैतानी उभरने लगी थी...
वो धीरे से राजेश से बोली : "डार्लिंग...मुझे उपर आने दो...''
राजेश तो मस्ती में उसकी चूत मारने में लगा था,
आज तक वो ऐसे बोलकर उपर नही आई थी उसके...
वो समझ गया की वो चाँदनी के लिए शो का इंतज़ाम कर रही है..
उसे तो वैसे भी कोई दिक्कत नही थी इसमें..
उसने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और बेड पर उल्टा होकर लेट गया...
वो बेड पर तिरछा होकर इस पोज़ में लेटा की थोड़ा सा सिर पीछे करने से उसे भी चाँदनी दिखाई दे रही थी.
चूत से निकलने के बाद राजेश के लंड की शक्ल बहुत ही ख़तरनाक नज़र आ रही थी,
ऐसा लग रहा था जैसे किसी जंगली सूअर के उपर चमकीले तेल की मालिश कर दी हो..
और उसके इस भयानक और मोटे लंड को देखकर चाँदनी की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी...
पहले रूम में तो इतना मोटा और चमकीला नही लग रहा था अंकल का लंड, ये चूत में जाने के बाद उसे क्या हो गया है...
बेचारी यही सोचकर अपनी चूत मसलने लगी की अगर ये भयानक शक्ल वाला लंड इस वक़्त अगर उसकी चूत में चला गया तो उसका क्या हाल होगा.
इस बात को सोचकर ही उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ गयी..
वो ज़्यादा नही देख पाई उसके लंड को क्योंकि एक बार फिर से रजनी उसके उपर आ बैठी थी और उसके घोड़े जैसे लंड की सवारी करते हुए दूर तक दौड़ती चली जा रही थी..
राजेश की भी आँखे बंद होती चली गयी ,
मज़ा ही इतना ज़्यादा मिल रहा था उसे आज...
शादी के इतने सालो बाद अब उसे असली मज़ा मिल रहा था चुदाई का अपनी बीबी के द्वारा...
वो मन ही मन शेफाली को धन्यवाद दे रहा था रजनी के इस बदलाव के लिए..
और नीचे से लंड को उपर की तरफ धक्के मारते हुए जोरों से उसकी चुदाई भी कर रहा था.
और जल्द ही राजेश के लंड ने शोले उगलने शुरू कर दिए....
सिर्फ़ 1 घंटे में ये दूसरी बार था जब उसके लंड ने अपना गाड़ा माल निकाला था.
बाहर खड़ी चाँदनी ने भी अपनी चूत से चाँदनी टपका डाली...
तीनो अब अपनी-2 जगह पर पड़े गहरी साँसे ले रहे थे.
चाँदनी दबे पाँव अपने रूम में वापिस गयी, कपड़े पहने और सो गयी..
आज के लिए उसके साथ भी काफ़ी कुछ हो चुका था.
अगली सुबह राजेश ने ईशा को भी साथ लेकर जाना था हॉस्पिटल उसका एक्सरे करवाने,
चाँदनी को उसके घर छोड़ना था रास्ते में, इसलिए वो भी नहा धोकर जल्दी तैयार हो गयी और करीब 10 बजे वो तीनों एक साथ कार में बैठकर घर से निकल गये.
रास्ते भर राजेश चाँदनी के नशीले बदन को देखता रहा और वो भी अपने सीने को उभार-2 कर राजेश को अपने बदन के जलवे दिखाती हुई पीछे बैठी ईशा से गप्पे लड़ाने में व्यस्त रही.
जब उसका घर आया तो वो उतार गयी, राजेश को बाइ बोलकर वो जाने लगी तो उसने चाँदनी से कहा : "अपना ही घर समझो चाँदनी बेटा...आते रहा करो...''
चाँदनी मुस्कुराती हुई बोली : "जी अंकल...अब तो आना जाना लगा रहेगा...वैसे भी ईशा को कॉलेज के नोट्स देने आती ही रहूंगी....''
फिर अचानक वो जाते- 2 पलटी और बोली : "ओह्ह शीटssss ....अरे ईशा ये अंगूठी तो रह ही गयी तेरे उस सेट की...''
इतना कहते हुए उसने अपनी उंगली से वो अंगूठी निकाल कर ईशा को दे दी जो शेफाली वाले सेट का ही हिस्सा थी,ईशा ने उसे लिया और अपनी उंगली में पहन ली.
राजेश तो मन ही मन खुश हो गया, ये सोचकर की चलो, अब शेफाली अपनी अंगूठी के मध्यम से उसकी बेटी को भी उसके लिए तैयार करेगी.
अंगूठी लौटाकार चाँदनी अपनी नन्ही सी गांड मटकाती हुई अपने घर में चली गयी.
राजेश उसे दूर तक जाते हुए देखता रहा, तभी पीछे से ईशा ने पुकारा : "हो गया पापा....चली गयी वो....अब चलो .''
बेचारे राजेश को बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई ...
उसकी बेटी ने उसे रंगे हाथो पकड़ लिया था अपनी सहेली को ऐसे घूरते हुए...
पर वो मंद-2 मुस्कुरा भी रही थी, यानी उसे इस बात का गुस्सा नही था.
राजेश बेक मिरर में उसे मुस्कुराते हुए देखता हुआ जल्द ही हॉस्पिटल पहुँच गया..
राजेश ने हॉस्पिटल से व्हील चेयर मँगा ली और उसे अपनी गोद में उठाकर चेयर पर बिठाया..
राजेश ने उसके पैर का एक्सरे करवाया , उसमें हेयर लाइन फ्रेक्चर निकला , इसलिए राजेश ने तुरंत उसे एक महीने का कच्चा प्लास्टर करवा दिया, दिक्कत बस यही थी की अब उसे एक महीने तक हर काम के लिए दूसरे पर डिपेन्ड होकर रहना पड़ेगा..
कॉलेज की तो छुट्टी ही करनी पड़ेगी शायद.
खैर, उसे चेयर पर बिठाकर वो अपनी कार तक ले गया और गोद में लेकर उसे कार की अगली सीट पर बिठाया..
ईशा ने अपनी बाहें राजेश के गले में डाल दी थी और इस वजह से उसे सीट पर बिठाते हुए राजेश का चेहरा बिल्कुल उसके करीब था...
ईशा की तेज साँसे उसके चेहरे से टकरा रही थी.
वो जैसे राजेश की गंध सूंघ रही थी और अपनी गर्म साँसे छोड़कर राजेश को उत्तेजित भी कर रही थी...
सीट पर बिठाने के बाद भी उसने अपनी बाहें नही निकाली राजेश की गर्दन से...
और जैसे ही राजेश उसे कुछ बोलने को हुआ उसने झट्ट से अपने होंठ अपने पापा के गालों से सटा कर एक लंबा किस्स कर दिया.
हालाँकि आज से पहले भी कई बार ईशा ने उसके चीक्स पर किस्स किया था पर आज का ये चुंबन कुछ अलग ही था...
वो अपना सिर हिला कर अपने होंठो को उसके गाल पर रगड़े जा रही थी...
अगर उसने लिपस्टिक लगाई होती तो राजेश का पूरा गाल रंगीन हो जाना था.
राजेश ने भी उसे नही रोका और उसके नाज़ुक होंठो का स्पर्श महसूस करके आनंद लेता रहा...
करीब 2 मिनट बाद जब वो रुकी तो राजेश का गाल गीला हो चुका था...
ईशा के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी.
वो बोली : "आप कितने क्यूट हो पापा...मन करता है आपको किस्स करती रहूं..करती रहूं...''
राजेश बेचारा बस मुस्कुरा कर रह गया...
वो समझने की कोशिश कर रहा था की वो किस वे में ऐसा बोल रही है...
पर अंदर ही अंदर वो जानता था की अंगूठी पहनने के बाद उसपर शेफाली ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है...
और ये किस्स वो किस वे में करने को बोल रही थी..
उसने कार स्टार्ट की और मंद-2 मुस्कुराते हुए घर की तरफ चल दिया...
अब उसकी लाइफ का नया चेपटर जो खुलने वाला था.
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''राजेश.....वो देखो सामने....चाँदनी हमे छुप कर देख रही है...''
राजेश की तो गांड ही फट्ट गयी ये सुनकर....उसने तो ये सोचा भी नही था की जैसे वो उसे देख सकता है , बेड पर उल्टी लेटी हुई रजनी को भी तो वो दिखाई ही दे रही होगी...वो तो मज़े में अपनी चूत में अंदर बाहर हो रहे लंड का मज़ा ले रही थी, थोड़ा सा चेहरा उपर किया तो सामने शीशे के पीछे खड़ी चाँदनी दिखाई दे गयी, जो इस वक़्त अपनी आँखे बंद किए बड़े ही मज़े में अपनी चुचि और चूत मसल रही थी...राजेश ये सुनते ही रुक गया....रजनी ने जब उसे रुकता देखा तो बोली : "अरे ...तुम क्यों रुक गये...उसे देखने दो..यही तो उम्र है ये सब सीखने की...यू प्लीज़ फक मी हार्ड.....''
राजेश समझ गया की ये शेफाली की आत्मा ही रजनी से बुलवा रही है , उसे और क्या चाहिए था, रजनी की तरफ से हरी झंडी मिलते ही वो पहले से ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा...
आज तो सच में उसका लंड स्टील जैसा बन चुका था...और ये चुदाई कम से कम आधा घंटा और चलने वाली थी...और राजेश ये नही जानता था की इस वक़्त रजनी के मन में क्या चल रहा है..
पर उसे अच्छे से पता था की अगले आधे या एक घंटे में जो भी होगा उनके बेडरूम में वो मजेदार ही होगा.
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अब आगे
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राजेश के हर झटके से अब रजनी और भी ज़्यादा कामुक तरीके से अपनी चुदाई करवा रही थी...
वो ज़ोर से चीख रही थी ताकि बाहर खड़ी चाँदनी तक उसकी सिसकारियाँ पहुँच सके..
''ओह राजेश....... ज़ोर से चोदो मुझे...... उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारा ये मोटा लंड ..... आअहहह मज़ा आ रहा है आज तो बहुत चुदवाने में....... आज ये कुछ.....अहह ज़्यादा ही .....उफफफफफफ्फ़ ....मोटा लग...... रा है........ अहह...... ऐसे ही चोदो मुझे.....डार्लिंग.......''
राजेश भी मंद -2 मुस्कुराते हुए अपने काम में लगा रहा....
राजेश अब उसके ऊपर लेट कर उसे चोद रहा था....
इस पोज़ में तो राजेश के लंड का आखरी कतरा भी रजनी की चूत में उतर चुका था..
ये शायद रजनी के लिए भी काफ़ी आनंददायक पोज़ था
क्योंकि उसके बाद उसका ध्यान चाँदनी से हट सा गया
और वो आँखे बंद करके अपने पिछवाड़े कब्बड्डी कर रहे राजेश के लंड का मज़ा लेने लगी
जो उसकी चूत की अंदरूनी रेखा तक जाता और उसे छूकर फिर से वापिस भाग जाता.
रजनी ने अचानक आँखे खोली और एक बार फिर से चाँदनी की तरफ दौड़ाई जो उन्हे देखकर अभी तक अपनी मुनिया को मसल रही थी..
अब उसने अपनी टी शर्ट उपर कर ली थी और शॉर्ट्स को नीचे...
एक तरह से वो लगभग नंगी खड़ी होकर अपनी चूत की जबरदस्त घुटाई कर रही थी....
अब शायद रजनी के दिमाग़ में कुछ शैतानी उभरने लगी थी...
वो धीरे से राजेश से बोली : "डार्लिंग...मुझे उपर आने दो...''
राजेश तो मस्ती में उसकी चूत मारने में लगा था,
आज तक वो ऐसे बोलकर उपर नही आई थी उसके...
वो समझ गया की वो चाँदनी के लिए शो का इंतज़ाम कर रही है..
उसे तो वैसे भी कोई दिक्कत नही थी इसमें..
उसने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और बेड पर उल्टा होकर लेट गया...
वो बेड पर तिरछा होकर इस पोज़ में लेटा की थोड़ा सा सिर पीछे करने से उसे भी चाँदनी दिखाई दे रही थी.
चूत से निकलने के बाद राजेश के लंड की शक्ल बहुत ही ख़तरनाक नज़र आ रही थी,
ऐसा लग रहा था जैसे किसी जंगली सूअर के उपर चमकीले तेल की मालिश कर दी हो..
और उसके इस भयानक और मोटे लंड को देखकर चाँदनी की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी...
पहले रूम में तो इतना मोटा और चमकीला नही लग रहा था अंकल का लंड, ये चूत में जाने के बाद उसे क्या हो गया है...
बेचारी यही सोचकर अपनी चूत मसलने लगी की अगर ये भयानक शक्ल वाला लंड इस वक़्त अगर उसकी चूत में चला गया तो उसका क्या हाल होगा.
इस बात को सोचकर ही उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ गयी..
वो ज़्यादा नही देख पाई उसके लंड को क्योंकि एक बार फिर से रजनी उसके उपर आ बैठी थी और उसके घोड़े जैसे लंड की सवारी करते हुए दूर तक दौड़ती चली जा रही थी..
राजेश की भी आँखे बंद होती चली गयी ,
मज़ा ही इतना ज़्यादा मिल रहा था उसे आज...
शादी के इतने सालो बाद अब उसे असली मज़ा मिल रहा था चुदाई का अपनी बीबी के द्वारा...
वो मन ही मन शेफाली को धन्यवाद दे रहा था रजनी के इस बदलाव के लिए..
और नीचे से लंड को उपर की तरफ धक्के मारते हुए जोरों से उसकी चुदाई भी कर रहा था.
और जल्द ही राजेश के लंड ने शोले उगलने शुरू कर दिए....
सिर्फ़ 1 घंटे में ये दूसरी बार था जब उसके लंड ने अपना गाड़ा माल निकाला था.
बाहर खड़ी चाँदनी ने भी अपनी चूत से चाँदनी टपका डाली...
तीनो अब अपनी-2 जगह पर पड़े गहरी साँसे ले रहे थे.
चाँदनी दबे पाँव अपने रूम में वापिस गयी, कपड़े पहने और सो गयी..
आज के लिए उसके साथ भी काफ़ी कुछ हो चुका था.
अगली सुबह राजेश ने ईशा को भी साथ लेकर जाना था हॉस्पिटल उसका एक्सरे करवाने,
चाँदनी को उसके घर छोड़ना था रास्ते में, इसलिए वो भी नहा धोकर जल्दी तैयार हो गयी और करीब 10 बजे वो तीनों एक साथ कार में बैठकर घर से निकल गये.
रास्ते भर राजेश चाँदनी के नशीले बदन को देखता रहा और वो भी अपने सीने को उभार-2 कर राजेश को अपने बदन के जलवे दिखाती हुई पीछे बैठी ईशा से गप्पे लड़ाने में व्यस्त रही.
जब उसका घर आया तो वो उतार गयी, राजेश को बाइ बोलकर वो जाने लगी तो उसने चाँदनी से कहा : "अपना ही घर समझो चाँदनी बेटा...आते रहा करो...''
चाँदनी मुस्कुराती हुई बोली : "जी अंकल...अब तो आना जाना लगा रहेगा...वैसे भी ईशा को कॉलेज के नोट्स देने आती ही रहूंगी....''
फिर अचानक वो जाते- 2 पलटी और बोली : "ओह्ह शीटssss ....अरे ईशा ये अंगूठी तो रह ही गयी तेरे उस सेट की...''
इतना कहते हुए उसने अपनी उंगली से वो अंगूठी निकाल कर ईशा को दे दी जो शेफाली वाले सेट का ही हिस्सा थी,ईशा ने उसे लिया और अपनी उंगली में पहन ली.
राजेश तो मन ही मन खुश हो गया, ये सोचकर की चलो, अब शेफाली अपनी अंगूठी के मध्यम से उसकी बेटी को भी उसके लिए तैयार करेगी.
अंगूठी लौटाकार चाँदनी अपनी नन्ही सी गांड मटकाती हुई अपने घर में चली गयी.
राजेश उसे दूर तक जाते हुए देखता रहा, तभी पीछे से ईशा ने पुकारा : "हो गया पापा....चली गयी वो....अब चलो .''
बेचारे राजेश को बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई ...
उसकी बेटी ने उसे रंगे हाथो पकड़ लिया था अपनी सहेली को ऐसे घूरते हुए...
पर वो मंद-2 मुस्कुरा भी रही थी, यानी उसे इस बात का गुस्सा नही था.
राजेश बेक मिरर में उसे मुस्कुराते हुए देखता हुआ जल्द ही हॉस्पिटल पहुँच गया..
राजेश ने हॉस्पिटल से व्हील चेयर मँगा ली और उसे अपनी गोद में उठाकर चेयर पर बिठाया..
राजेश ने उसके पैर का एक्सरे करवाया , उसमें हेयर लाइन फ्रेक्चर निकला , इसलिए राजेश ने तुरंत उसे एक महीने का कच्चा प्लास्टर करवा दिया, दिक्कत बस यही थी की अब उसे एक महीने तक हर काम के लिए दूसरे पर डिपेन्ड होकर रहना पड़ेगा..
कॉलेज की तो छुट्टी ही करनी पड़ेगी शायद.
खैर, उसे चेयर पर बिठाकर वो अपनी कार तक ले गया और गोद में लेकर उसे कार की अगली सीट पर बिठाया..
ईशा ने अपनी बाहें राजेश के गले में डाल दी थी और इस वजह से उसे सीट पर बिठाते हुए राजेश का चेहरा बिल्कुल उसके करीब था...
ईशा की तेज साँसे उसके चेहरे से टकरा रही थी.
वो जैसे राजेश की गंध सूंघ रही थी और अपनी गर्म साँसे छोड़कर राजेश को उत्तेजित भी कर रही थी...
सीट पर बिठाने के बाद भी उसने अपनी बाहें नही निकाली राजेश की गर्दन से...
और जैसे ही राजेश उसे कुछ बोलने को हुआ उसने झट्ट से अपने होंठ अपने पापा के गालों से सटा कर एक लंबा किस्स कर दिया.
हालाँकि आज से पहले भी कई बार ईशा ने उसके चीक्स पर किस्स किया था पर आज का ये चुंबन कुछ अलग ही था...
वो अपना सिर हिला कर अपने होंठो को उसके गाल पर रगड़े जा रही थी...
अगर उसने लिपस्टिक लगाई होती तो राजेश का पूरा गाल रंगीन हो जाना था.
राजेश ने भी उसे नही रोका और उसके नाज़ुक होंठो का स्पर्श महसूस करके आनंद लेता रहा...
करीब 2 मिनट बाद जब वो रुकी तो राजेश का गाल गीला हो चुका था...
ईशा के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी.
वो बोली : "आप कितने क्यूट हो पापा...मन करता है आपको किस्स करती रहूं..करती रहूं...''
राजेश बेचारा बस मुस्कुरा कर रह गया...
वो समझने की कोशिश कर रहा था की वो किस वे में ऐसा बोल रही है...
पर अंदर ही अंदर वो जानता था की अंगूठी पहनने के बाद उसपर शेफाली ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है...
और ये किस्स वो किस वे में करने को बोल रही थी..
उसने कार स्टार्ट की और मंद-2 मुस्कुराते हुए घर की तरफ चल दिया...
अब उसकी लाइफ का नया चेपटर जो खुलने वाला था.