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Adultery हीरोइन
#7
अपडेट - 7
========

चाँदनी ने मुस्कुराते हुए अपने चेहरे पर लगी मलाई को उंगलियो से इकठ्ठा करके चाटनी शुरू कर दी और बोली : "आप जाओ नीचे, खाना खा लो, मेरा तो हो गया डिन्नर...''

राजेश अवाक सा होकर उसके इस रूप को देखता रह गया...और सोचने लगा की काश ईशा भी एक दिन उसके साथ ऐसा ही करे.खैर, वो जल्दी से उठा, अपनी पेंट और हुलिया ठीक किया और नीचे चल दिया...और पता नही क्यूँ , उसका लंड अभी तक बैठने का नाम नही ले रहा था.

**********
अब आगे
**********

नीचे पहुँचकर राजेश ने देखा की डिन्नर लग चुका है,
वो टेबल पर बैठ गया, ईशा को चलने में तकलीफ़ थी, इसलिए उसका डिन्नर प्लेट में लगाकर उस तक पहुँचा दिया था रजनी ने.

रजनी : "क्या हुआ...चाँदनी नही आई..?"

राजेश (हड़बड़ाते हुए) : "वो...वो.....कह रही है की भूख नही है...''

रजनी उसके करीब आई और नीचे झुकते हुए उसने राजेश के कड़क लंड को पकड़कर धीरे से सहला दिया और बोली : "ऐसा क्या खिला दिया उसे जो उसकी भूख मिट गयी...कहीं मेरे हिस्से की क्रीम तो नही खिला दी...''

उसकी बेबाकी पर राजेश हैरान सा होकर उसे देखता रह गया और वो खिलखिलाकर हँसती हुई सी वहाँ से निकलकर किचन में भाग गयी

ये रजनी का एकदम नया रूप था...
कहाँ तो वो किसी और लड़की या औरत के नाम से भी चिढ़ जाती थी और अब खुद ही उसकी बेटी की उम्र की लड़की का नाम लेकर इतना भद्दा मज़ाक कर रही है, जैसे इस बात से उसे कोई फ़र्क ही नही पड़ता...

वैसे रजनी ने अंदाज़ा तो एकदम सटीक लगाया था ,
राजेश उसके हिस्से की क्रीम ही तो खिला कर आ रहा था चाँदनी को,
जिसे खाकर उसकी भूख मिट चुकी थी.

कुछ देर बाद रजनी भी आ गयी और दोनो ने मिलकर डिन्नर किया..

राजेश एकदम चुप था, शायद उसे अभी तक अपनी किस्मत पर विश्वास ही नही हो रहा था..
एक जवान लड़की के हुस्न का दीदार करना और उसके मज़े लेना इस उम्र में इतना आसान नही होता...
पर जितने आराम से उसे आज ये सुख मिला था वो उसकी समझ से परे था...
एक के बाद एक किस्से होते जा रहे थे उसकी लाइफ में, जब से वो शेफाली वाला नैकलेस सेट लाया था वो,
उस नैकलेस के बारे में सोचते ही उसका दिमाग़ फिर से उसी बात की गवाही देने लगा की हो ना हो उसी का हाथ है उसकी लाइफ में आए इन सुखद हादसों में.

खाना खाकर वो बाहर बने पार्क में कुछ देर टहलने निकल गया और रजनी किचन समेटने लगी.

पार्क में जाकर राजेश ने शुरू से लेकर आज तक के सारे किस्से जोड़े,
उसका दिल तो पहले ही इस बात को मान चुका था,
आज दिमाग़ भी मानने पर मजबूर हो गया की शेफाली के नैकलेस का ही कमाल है ये.

और ये सब बाते सोचते हुए उसने ये भी नोट किया की अगर सच में ये भूत-प्रेत का असर है तो जो भी हो रहा है उसके अच्छे के लिए ही तो हो रहा है...
यानी उसे सैक्स का मज़ा मिल रहा है.
और इसमें उसे कोई बुराई नही दिखी और ना ही इस बात से या किसी और बात से उसे कोई नुकसान हुआ था अभी तक.

और जहाँ नुकसान ना हो, फायदा भी मिले और वो भी सैक्स के रूप में तो इसमें डरने जैसी तो कोई बात ही नही हो सकती..

पर शेफाली की आत्मा उसके उपर ही इतनी मेहरबान क्यों है,
ये सोचते हुए उसने अपना सिर खुजलाना शुरू कर दिया...
क्योंकि उसकी तरह तो शेफाली के लाखों -करोड़ों प्रशंसक होंगे जो शेफाली के बारे में सोचकर मुट्ठ मारा करते थे..
फिर ये ख़ास मेहरबानी उसी पर क्यों कर रही है शेफाली की आत्मा.

फिर उसे अपने एक सहायक डॉक्टर विकास की बात याद आई..
एक बार जब वो विकास के साथ मिलकर एक बॉडी का पोस्टमार्टम कर रहा था तो उसने कहा था की मरने के बाद आत्मा काफ़ी देर तक शरीर के आस पास रहती है...
ये देखने के लिए की कौन-2 उसे मरा हुआ देखकर दुखी है, कौन कैसी बातें बना रहा है, कौन खुश है, कौन हंस रहा है...वगेरह वागेहर...

और उसने ये भी कहा था की उस वक़्त उस शख्स की आत्मा भी वहीं मौजूद है जिसका वो दोनो पोस्टमॉर्टम कर रहे थे......
उस वक़्त तो राजेश ने विकास की बातो को मज़ाक में उड़ा दिया था पर आज उसे वो सब सही लग रहा था...
क्योंकि शेफाली जब मरी थी तो उसके आस पास कोई नही था...
उसके रिश्तेदार बरसों पहले उसकी अय्याश लाइफ की वजह से उसका साथ छोड़ चुके थे, और जब वो मरी तो उसके पास रोने वाला भी कोई नही था...
और राजेश को अच्छी तरह से याद है की उसकी बॉडी को देखकर उसका खुद का रोना निकल गया था और भावेश में बहकर उसने उसका माथा भी चूम लिया था...
और शायद शेफाली की आत्मा उसी से खुश होकर उसपर ये मेहरबानियां कर रही थी..

हालाँकि भूत का असर था उसकी लाइफ में पर अच्छे वाला... जो उस नेकलेस के थ्रू उसे पहनने वाले के जिस्म को राजेश की इच्छाओं और इमैजिनेशन को पूरा करवाती थी , और एक बार नैकलेस को पहनने के बाद वो इंसान उसे अगर उतार भी दे तो उसका असर बना ही रहता था, जैसे रजनी पर अभी तक बना हुआ था और अब चांदनी पर भी उसका असर पड़ चुका था.

उसने एक गहरी साँस ली और उपर देखते हुए धीरे से बुदबुदाया "थेंक्स शेफाली...थॅंक्स फॉर एवरीथिंग ..''

और उसी वक़्त उसे एहसास हुआ जैसे एक ठंडी हवा का झोंका उसके चेहरे को छूकर निकल गया...
यानी उसका अंदाज़ा सही था.
शेफाली उसके आस पास ही थी.

राजेश ने उसी वक़्त अपने दिलो दिमाग़ का डर निकाल फेंका और सोच लिया की जब ये मेहरबानी उसपर हो ही रही है तो उसे अच्छे से एंजाय करना चाहिए...
क्योंकि इस वक़्त उसे इन सबके पीछे अपनी बेटी ईशा की जवानी को हासिल करने का तरीका नज़र आने लगा था, जिसके बारे में सोचकर उसका लंड हमेशा कड़क रहता था..
और वो फिर से कड़क हो गया...अपने लंड को एडजस्ट करता हुआ वो वापिस घर की तरफ चल दिया.



घर पहुँचकर वो कुछ देर तक ईशा के पास बैठा, पैर में बेंडेज लगाने की वजह से उसने शॉर्ट्स पहनी हुई थी जिसमें उसकी नंगी जाँघ चमकती हुई दिखाई दे रही थी...

राजेश का मन तो कर रहा था की जीभ निकाल कर उसकी चिकनी जाँघो को चाट ले पर उसे अंदर ही अंदर ये भी पता था की अभी तो नही पर एक बार वो नैकलेस पहन ले तो ये काम ज़रूर हो सकता है...

शेफाली उसकी बेटी को उसके लिए तैयार करेगी..

ये सोचते हुए वो मंद मंद मुस्कुराने लगा.



अपने पापा को ऐसे बेवजह मुस्कुराते हुए देखकर ईशा बोली : "पापा....क्या बात है, क्या सोच कर मुस्कुरा रहे हो...''



राजेश : "उम्म...ना.....नही ...कुछ भी तो नही....बस ऐसे ही...चलो अब तुम आराम करो, कल बात करते है, कल मॉर्निंग में एक एक्सरे करवाने के लिए तुम्हे मेरे साथ हॉस्पिटल चलना होगा ओके ...सो जाओ अभी...गुड नाइट.''



इतना कहकर उसने एक गीला सा चुम्बन उसके माथे पर किया और उपर बने बेडरूम की तरफ चल दिया..

और जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो अंदर का दृश्य देखकर उसकी साँसे मानो वहीं रुक सी गयी



अंदर का सीन ही इतना सैक्सी था

उसकी बीबी रजनी अपने पूरे कपड़े उतारकर बेड पर नंगी लेटी हुई थी...

और उसकी गदरायी हुई गांड दरवाजे की तरफ थी,

राजेश को दूर से ही उसकी मोटी गांड में से झाँक रहे उसके दोनो छेद सॉफ नज़र आ रहे थे..



[Image: 101d32c347ab4a74b.jpg]





राजेश मन ही मन बुदबुदाया : "उफफफ्फ़ शेफाली....तुम तो मार ही डालगी मुझे...''



राजेश को वहीं दरवाजे पर खड़ा देखकर रजनी ने पीछे सिर घुमाकर उसे देखा और बोली : "अब वहीं खड़े रहोगे या मेरा भी चेकअप करोगे डॉक्टर साहब...''



वो समझ गया की वो उसे चाँदनी वाली बात पर अभी तक छेड़ रही है...



राजेश मुस्कुराता हुआ आगे आया और दरवाजा बंद करके उसने वहीँ खड़े-2 सारे कपड़े निकाल फेंके..

अभी एक घंटे पहले ही उसके लंड ने माल निकाला था चाँदनी के चेहरे पर और तब से वो अभी तक खड़ा ही हुआ था...

इन्फेक्ट रजनी के सहलाने के बाद और पार्क में शेफाली की मेहरबानियों के बारे में सोचकर उसके लंड का तनाव और भी बढ़ चुका था..



इसलिए जब उसने कपड़े उतारे तो उसका लंड अपनी चरम सीमा में खड़ा हुआ रजनी के नंगे बदन को लपलपाते हुए देख रहा था.



राजेश को आता देखकर रजनी ने अपनी कमर उपर उठा दी...

आज वो सीधा उसके तीर को अपनी चूत में घुसवाना चाहती थी....

राजेश ने भी बेड पर अपने दोनो घटने रखे, लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और एक ही झटके में उसकी गांड को गाड़ी के स्टेयरिंग की तरह पकड़कर उसकी चूत में अपना मूसल जैसा लंड पेल दिया...



''आआआआआआआआआआहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स......... उम्म्म्ममममममममममममममम...... सही जगह पर वार किया है डॉक्टर साहब....यहीं सबसे ज़्यादा दर्द हो रहा था....''



[Image: 3.gif]





राजेश ने उसकी गोरी गांड पर एक जोरदार चपत लगाई और आगे झुकते हुए उसकी चूत में ज़ोर-2 से अपना लंड पेलने लगा...



पूरे कमरे में उहह आहहह की आवाज़ें गूंजने लगी...



ये वो वक़्त था जब साथ वाले कमरे में चाँदनी कुछ देर पहले की घटना के बारे में सोचकर अपनी चिपचिपी चूत को उंगलियों से सहला रही थी..



और जैसे ही उसे दूसरे कमरे से आती हुई आवाज़ें सुनाई दी तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी...

वो समझ गयी की क्या हो रहा है...

वो मन ही मन बुदबुदाई : 'वाह....क्या स्टेमीना है अंकल का...'



और फिर उछलकर अपने बेड से खड़ी हुई और दबे पाँव बाहर निकालकर दूसरे रूम की तरफ चल दी...

पर वो दरवाजा अंदर से बंद था...

उसकी बेचैनी बढ़ने लगी जब उसने फिर से अंदर से आ रही रजनी आंटी की वो मदहोशी भरी आवाज़ सुनी



''आआआआआआआआहह राजऐशssss ....... उम्म्म्मममममम..... और ज़ोर से चोदो मुझे ........ जोर से चोदो ना.......''



तभी उसे ध्यान आया की दोनो बेडरूम की बालकनी एक ही है,

वो फिर से भागती हुई अपने रूम में गयी और बालकनी का दरवाजा खोलकर दूसरे रूम के पीछे पहुँच गयी...

वो दरवाजा भी बंद था पर उसकी खिड़की पर लगा परदा हटा हुआ था, वहां से उसे अंदर की पूरी चुदाई दिखाई दे रही थी, जिसे देखकर उसका दिमाग़ ही खराब हो गया...


शायद उसकी लाइफ का ये पहला मौका था जब वो ऐसी लाईव चुदाई देख रही थी...
राजेश के झटकों से रजनी अपने चौपाये से फिसलकर नीचे गिर चुकी थी और पूरी तरह से बेड पर उल्टी होकर लेटी थी, पर राजेश का लंड उसी तरह से पीछे से उसकी चुदाई कर रहा था जैसे पहले कर रहा था...

इस पोज़ में लंड थोड़ा टाइट होकर अंदर बाहर हो रहा था जिसमें उसे पहले से ज़्यादा मज़ा मिल रहा था और शायद इसलिए इसकी सिसकारियों में पहले से ज़्यादा नशा था..



[Image: 2.gif]





''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... ओह राजेश...... माय डार्लिंग................. ऐसे ही डालो..... अंदर तक........चोदो मुझे.....''



राजेश अभी कुछ देर पहले ही झड़ा था और इस वक़्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो पूरी रात इसी तरह रजनी की चुदाई कर सकता है और उसका लंड तब भी नही झाड़ेगा.



उधर चाँदनी की हालत भी फिर से खराब होने लगी....

उसने अपनी टी शर्ट के स्ट्रेप्स नीचे खिसका दिए और अपने बूब्स बाहर निकाल लिए.



और जैसे ही उसने बूब्स बाहर निकाले, राजेश की नज़र उसपर पड़ गयी,

वो खड़ी ही ऐसी जगह थी, बालकनी में , बिल्कुल सामने,



अभी तक मस्ती में रजनी की चूत मार रहे राजेश की हालत खराब होने लगी उसे ऐसा करते देखकर...

वो बड़ी ही बेशर्मी और बेबाकी के साथ अपने बूब्स बाहर निकाल कर उसे मसल रही थी..

और दूसरे हाथ से अपनी चूत भी सहला रही थी..



अपनी बीबी की चूत में लंड होने के बावजूद उसे दूर से चमक रही चाँदनी की चूत अपनी और आकर्षित कर रही थी..

काश वो पहले ही उसकी चूत मार लेता, बेकार में सिर्फ़ मुट्ठ मरवाकर उसे छोड़ दिया..



वो ये सोच ही रहा था की उसे अचानक रजनी की फुसफुसाती हुई आवाज़ सुनाई दी



''राजेश.....वो देखो सामने....चाँदनी हमे छुप कर देख रही है...''



राजेश की तो गांड ही फट्ट गयी ये सुनकर....

उसने तो ये सोचा भी नही था की जैसे वो उसे देख सकता है , बेड पर उल्टी लेटी हुई रजनी को भी तो वो दिखाई ही दे रही होगी...

वो तो मज़े में अपनी चूत में अंदर बाहर हो रहे लंड का मज़ा ले रही थी,

थोड़ा सा चेहरा उपर किया तो सामने शीशे के पीछे खड़ी चाँदनी दिखाई दे गयी, जो इस वक़्त अपनी आँखे बंद किए बड़े ही मज़े में अपनी चुचि और चूत मसल रही थी...



राजेश ये सुनते ही रुक गया....

रजनी ने जब उसे रुकता देखा तो बोली : "अरे ...तुम क्यों रुक गये...उसे देखने दो..यही तो उम्र है ये सब सीखने की...यू प्लीज़ फक मी हार्ड.....''



राजेश समझ गया की ये शेफाली की आत्मा ही रजनी से बुलवा रही है , उसे और क्या चाहिए था, रजनी की तरफ से हरी झंडी मिलते ही वो पहले से ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा...

आज तो सच में उसका लंड स्टील जैसा बन चुका था...



और ये चुदाई कम से कम आधा घंटा और चलने वाली थी...



और राजेश ये नही जानता था की इस वक़्त रजनी के मन में क्या चल रहा है..
पर उसे अच्छे से पता था की अगले आधे या एक घंटे में जो भी होगा उनके बेडरूम में वो मजेदार ही होगा.
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हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 08:42 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 08:44 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 08:46 AM
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RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:46 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:50 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 09:59 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:03 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:05 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:11 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:16 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:20 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:29 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:33 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:36 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:37 AM
RE: हीरोइन - by Gpoint - 28-03-2021, 10:38 AM
RE: हीरोइन - by raj500265 - 30-01-2022, 02:50 PM
RE: हीरोइन - by wildarman - 31-01-2022, 10:24 AM
RE: हीरोइन - by raj500265 - 03-07-2022, 04:15 PM
RE: हीरोइन - by bhavna - 03-07-2022, 08:30 PM



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