28-03-2021, 09:21 AM
UPDATE - 6
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''चले अंकल....उपर...''
राजेश ने उसे देखा, वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी नन्ही सी गोल मटोल गांड मटकाती हुई उपर बने गेस्ट रूम की तरफ चल दी.ईशा बेंडेज लगाकर अपने रूम में बैठी टीवी देख रही थी और रजनी ने खुद ही उसे बोल दिया था की आप देख लो,मैं खाना बना रही हूँ, यानी उसका 'चेकअप' करते हुए बीच में कोई नही आएगा...
राजेश धड़कते दिल से उसके पीछे चल दिया.ऊपर.
**********
अब आगे
***********
राजेश उपर पहुँचा तो वो बेड पर बैठ चुकी थी...
राजेश ने दरवाजा बंद कर दिया और उसकी तरफ कदम बदाए.
चाँदनी : "कैसे करना पसंद करेंगे अंकल...''
राजेश : "क..क....क्या ...?''
चाँदनी (मुस्कुराते हुए) : "चेकअप....मेरी थाई का....''
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से अपनी सुडोल जाँघो पर हाथ रखकर उसे थोड़ा सा दबा दिया..
राजेश बेचारा अचकचाता हुआ सा इधर-उधर देखने लगा और बोला : "यहीं ....यहीं लेट जाओ...बेड पर....''
चाँदनी : "उल्टी होकर....या सीधी...''
ये कहते हुए वो मुस्कुरा भी रही थी....
उसकी आँखो में आई शरारत सॉफ देखी जा सकती थी....
राजेश समझ चुका था की वो उसके साथ मज़े ले रही है.
राजेश : "दर्द कहाँ है....आगे या पीछे....''
चाँदनी : "वो तो आप चेक करके देखो ना...मुझे तो हर जगह दर्द होता है...''
इतना कहते हुए बड़े ही नशीले अंदाज में उसने हाथ उपर करते हुए अपने मुम्मो को सहला दिया..
राजेश का लौड़ा तुनके मारने लगा ये देखकर...
फिर भी उसने अपने आप पर काबू पाते हुए उस से कहा : "उल्टी होकर लेट जाओ...लेट मी चेक..''
वो खुशी-2 बेड पर उल्टी होकर लेट गयी....
उसकी नन्ही सी गोल गांड एक कटावदार घुमाव के साथ लहराते हुए उपर नीचे हो रही थी...
राजेश उसके करीब गया और अपने हाथ आगे बढ़ाये.
उसे हाथ लगाने से पहले उसने एक बार फिर से दरवाजे की तरफ देखा
उसे बाहर की तरफ देखते हुए चाँदनी ने देखा और बोली : "डोंट वरी अंकल...रजनी आंटी उपर नही आएगी...यू केन कंटिन्यू...''
वो ऐसे बोल रही थी जैसे उसे राजेश के दिलो दिमाग़ की सारी बातें पता थी, और जिस कॉन्फिडेंस से वो रजनी के उपर ना आने की बात बोल रही थी, राजेश की हालत फिर से खराब सी होने लगी शेफाली के बारे में सोचकर..
उसने अपने काँपते हुए हाथ उसकी जाँघो पर रखे और उन्हे धीरे से दबाया..
''आआआआआआआआआअहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........म्म्म्ममममममम''
एक ठंडी और मीठी सी सिसकारी निकल गयी चाँदनी के मुँह से जब राजेश ने उसे ऐसे छुआ तो...
राजेश की भी हालत खराब हो गयी इतने जवान जिस्म को छूकर...
एकदम मलाई पनीर जैसी जाँघ थी उसकी...
छूने से पनीर की तरह अंदर धँसती चली गयी उसकी त्वचा...
राजेश ने उंगलियो के साथ-2 अपनी पूरी हथेली उसकी जाँघ पर फेरा दी....
चाँदनी बेचारी पिल्लो में अपना चेहरा दबाकर ज़ोर से सिसक पड़ी.
''उम्म्म्ममममममममममममममममममममममम.........आआआआआआआअहह''
राजेश ने धीरे से पूछा : "यहाँ दर्द है क्या...''
चाँदनी : "उम्म्म.................. नही......... दर्द तो नही पर बहुत अच्छा लग रहा है आपके टच करने से .....''
राजेश मुस्कुरा दिया.....
अच्छा तो उसे भी लग रहा था ऐसे करते हुए...
उसने दूसरा हाथ भी उसकी जाँघ पर लगाया और दोनो हाथों से उसकी नर्म मुलायम जाँघ को दबाकर अच्छे से चेकअप करने लगा....
उसकी जाँघ उसके दोनो हाथो में आ भी नही रही थी.....
वो उसकी मालिश सी करने लगा अपने हाथो से.
जाँघ से थोड़ा उपर उसके नर्म चूतड़ भी हिचकोले खाते हुए इधर उधर हो रहे थे...
जैसे नर्म मक्खन से बने दो गुंबद उसके हाथ लगाने से डॅन्स करने लगे हो...
मन तो उसका कर रहा था उन्हे भी दबोचने का पर वो हद में रहकर ही सब कुछ करना चाहता था ताकि मर्यादा बनी रहे.
कुछ देर तक वैसे करने के बाद वो बोला : "पीछे शायद प्राब्लम नही है....तुम पलट जाओ, मैं आगे से चेक करता हूँ .....''
राजेश ने उसे बोल तो दिया पलटने के लिए पर उसका खुद का लंड उसके साथ विद्रोह कर रहा था...
उसकी पेंट में उसने हाहाकार मचा रखा था...बड़ी मुश्किल से उसने चांदनी के पलटने से पहले अपने लंड को साइड में एडजस्ट किया
चाँदनी अपने नशीले बदन को घुमाकर पलट गयी...
उसके गुलाबी चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसकी हालत कितनी खराब हो रही है इस वक़्त....
उसकी साँसे तेज़ी से चल रही थी....
टी शर्ट में उसके नुकीले निप्पल सॉफ दिख रहे थे...
उसकी टी शर्ट भी थोड़ा खिसक कर उपर आ चुकी थी और उसकी धँसी हुई सैक्सी नाभि साफ़ दिखाई दे रही थी...
एकदम सपाट पेट था उसका.
और जैसे ही उसकी नज़र नीचे होते हुए उसकी चूत वाले हिस्से पर गयी, उसे वहां एक गीला धब्बा साफ दिखाई देने लगा..
यानी जब वो उल्टी होकर लेती थी तो अपनी चूत को वो बेड पर घिस भी रही थी...
और उत्तेजना वश उसकी चूत का रस निकल कर उसकी शॉर्ट्स पर आ लगा था...
राजेश समझ चुका था की लड़की गर्म है, ऐसे में वो कुछ भी करेगा तो वो बुरा नही मानेगी.
वो बुरा मानेगी या नही, ये जानने के लिए उसने इस बार हाथ सीधा उसके पेट पर रख दिया....
वो किसी नागिन की तरह मचल उठी..
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....आआआआआआआआआआआआआअहह...........''
आँखे बंद थी उसकी पर राजेश के स्पर्श ने उसे बेकाबू सा कर रखा था...
राजेश ने उसके शरीर से हाथ हटाए बिना अपना हाथ खिसकाते हुए नीचे करना शुरू किया...
राजेश का हाथ उसकी शॉर्ट्स के बेल्ट वाले हिस्से को छूता हुआ जैसे ही चूत पर बने उस धब्बे तक पहुँचा तो उसे अपना हाथ सुलगता हुआ सा महसूस हुआ...
अंदर से आ रही गर्म हवा उसके हाथ की उंगलियो को झुलसा सा रही थी...
गीले कपड़े से निकल रही सोंधी खुश्बू अब पूरे कमरे में फैल चुकी थी.
राजेश का हाथ वहीँ रुक सा गया और बाकी का काम चाँदनी ने खुद कर दिया...
मचलते हुए उसने अपना हाथ राजेश के हाथ पर रखकर उसे ज़ोर से दबा दिया और एक जोरदार सिसकारी मारी...
''आआआआआआआआआआआहह अंकल.................उम्म्म्ममममममममम........... यहीं हो रहा है दर्द.......बहुत ज़्यादा........''
ऐसा कहते हुए उसने अपनी आँखे खोल दी.
और उसी वक़्त जैसे राजेश को अपनी ग़लती का एहसास हुआ...
वो भला ये क्या करने जा रहा था.
अपनी बेटी की सहेली के साथ वो ऐसे कैसे कर सकता है...
चाँदनी ने जैसे उसकी आँखो मे आई इस कशमकश को पढ़ लिया
वो बोली : "प्लीज़ अंकल....चेक करो ना....ठीक से....''
राजेश : "न....नही...चाँदनी.....ये....ये ग़लत है...''
चाँदनी उठकर बैठ गयी और राजेश के दोनो हाथों को पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और बोली : "आप ऐसे क्यों बोल रहे हैं.....मेरी जगह अगर ईशा होती तो आप उसका भी तो चेकअप करते ना.....''
ईशा का नाम लेकर जैसे उसने आग में घी सा डाल दिया...
ये राजेश की लाइफ का वो काला सच था जो उसने आज तक किसी को नही बताया था..
उसे अपनी जवान हो रही बेटी से बहुत लगाव था और वो लगाव कब वासना में बदल गया था वो भी नही जानता था...
घर मे जवान बेटी को दिन रात अपने सामने देखना, उसके छोटे-2 कपड़ो से झाँक रही जवानी को चोरी छुपे देखकर अपनी आँखे सेंकना, उसे गले से लगाकर उसके नन्हे चुचे अपनी छाती पर महसूस करना या बेबाकी से कभी उनपर हाथ लगा देना ये उसका रोज का नियम था, कई बार जब वो लाड करते-2 उसकी बाँहों में ही सो जाती थी तो वो अपने हाथ उसकी कमर और नर्म कुल्हो पर फेरता रहता था और रजनी की नज़रें जब उसपर नही होती थी तो वो उसके होंठो को चूम भी लेता था, पर ज़्यादा ज़ोर से नही...
और आज चाँदनी ने इस मौके पर ईशा का नाम लेकर उसके अंदर अपनी बेटी के लिए दबी उन भावनाओं को और भड़का दिया था जिसके बारे में उसके सिवा किसी और को पता नही था...
और वो ईशा को हीरोइन बनाने पर भी इसी वजह से तुला हुआ था क्योंकि वो चाहता था की वो इस फील्ड में आकर खुल जाए ताकि वो उसकी निखर रही जवानी का अच्छे से मज़ा ले पाए..
चाँदनी ने उसके चेहरे पर उड़ रही हवाइयाँ देखी तो वो बोली : "मुझे भी आप ईशा ही समझो ना ....... पापा..''
'पापा' उसने इतनी मासूमियत से बोला की राजेश को एक पल के लिए लगा की उसकी खुद की बेटी ईशा उसके सामने आकर खड़ी हो गयी है..
चाँदनी ने अपने हाथ में पकड़े राजेश के हाथो को अपनी छाती पर रखकर ज़ोर से दबा दिया....
राजेश के हाथ काँप गये अपनी हथेली पर चाँदनी के निप्पल्स की चुभन महसूस करके.
चाँदनी : "आओ ना पापा......प्लीज़ मेरा चेकअप करो...''
इतना कहते हुए उसने राजेश को बेड पर बिठा दिया और खुद उसकी गोद में आकर बैठ गयी...
राजेश का एक हाथ उसकी कमर पे था और दूसरा अभी भी उसकी गोल चुचियों पर, जिन्हे वो होल-2 दबाने लग गया था..
अब उसे अपनी गोद मे बैठी चाँदनी नही बल्कि खुद की बेटी ईशा दिखाई दे रही थी जो उसकी बाहो में आकर खुद ही सब कुछ करने को तैयार थी.
चाँदनी उसे देखकर मुस्कुराए जा रही थी...
उसने अपनी बाहें राजेश के गले में डाल दी और उसके गालो पर किस्स करते हुए बोली : "आप इतना घबरा क्यों रहे हो पापा....आप अच्छे से चेकअप करो ना...मुझे कोई इश्यू नही है...''
ये कहकर वो राजेश को अपनी तरफ से पूरी छूट दे रही थी....
राजेश का दिमाग़ एक बार फिर से शेफाली के भूत की तरफ घूम गया, भला ऐसे कौन लड़की खुद ही किसी अंजान मर्द की गोद में आकर बैठ जाती है...
पर अंदर ही अंदर उसे ये भी लग रहा था की शायद उसकी पर्सनॅलिटी को देखकर ये जवान लड़की उसे अपना दिल दे बैठी है....
ऐसी उम्र में अक्सर होता है ये, अपनी सहेली हे स्मार्ट पापा को देखकर कई लड़कियों का दिल फिसल जाता है.
पर शायद ये राजेश का अपने दिल को बहलाने का बहाना था, क्योंकि अंदर से उसे यही लग रहा था की इसपर शेफाली के साए ने पूरी तरह से क़ब्ज़ा कर लिया है..
पर जो भी था, उसे इस मौके का अच्छे से फायदा उठा लेना चाहिए था...
वो उसके मोठे मुम्मो को दबाता हुआ उसके मासूम से चेहरे को देखने लगा...और बोला : "यहाँ भी दर्द है क्या....''
उसने हां में सिर हिलाया....और बोली : "सबसे ज़्यादा.''
राजेश : "तो एक काम करो....सारे कपड़े उतारो...मैं देखकर ही बता पाउँगा की क्या तकलीफ़ है....''
चाँदनी ने अपने होंठ दांतो तले दबा लिए और सैक्सी हँसी हंसते हुए बोली : "ओ के डॉक्टर....''
और फिर वो उछलकर खड़ी हो गयी....
एक ही पल में उसने अपनी टी शर्ट और शॉर्ट्स निकाल फेंकी...
अब वो उसके सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी..
राजेश को अभी तक अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा था,
जो लड़की उसे अभी 1 घंटा पहले ही मिली थी, वो उसके कहने पर एक ही बार में अपने कपड़े उतारकर नंगी होने जा रही थी उसके सामने.
वो सामने खड़ी थी और उसने अपनी कमर मटकाते हुए अपनी पेंटी नीचे कर दी...
एकदम सफाचत चूत थी उसकी...
राजेश को देखकर वो अभी तक मुस्कुराये जा रही थी.
राजेश के हाथ सीधे अपने लंड पर आ गये और वो पेंट के उपर से ही उन्हे मसलने लगा...
चाँदनी ने राजेश को देखते हुए अपनी ब्रा के हुक भी खोले और उसे भी उतार कर फेंक दिया...
इस बार शायद उसे थोड़ी शर्म आ रही थी, इसलिए उसने अपनी नन्ही चुचियाँ राजेश की आँखो के सामने आने से पहले ही उन्हे हाथो से छुपा लिया...पर इस वक़्त वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी उसके सामने...
उसकी सैक्सी कमर और नंगी गांड राजेश की आँखों के सामने थी, वो जान बूझकर दूसरी तरफ मुंह करके अपने मुम्मो को राजेश से छुपा रही थी, पता नहीं वो शरमा रही थी या उसे टीज़ कर रही थी
उफफफफ्फ़.....
ये जवान लड़कियो का बदन कितना नशीला होता है...
एकदम पतला और छरहरा..
ज़रा भी एक्सट्रा माँस नही....
राजेश से अपनी चूचियां छुपाने के चक्कर में वो दूसरी तरफ घूम गयी, पर चुचियों से भी ज़्यादा सैक्सी अपनी नन्ही गांड उसके सामने नंगी करके परोस दी.
राजेश का दिल धड़कना ही भूल गया उसके मस्त चूतड़ देखकर...
वो बड़े ही सैक्सी ढंग से अपने बदन को छुपा भी रही थी और दिखा भी रही थी...
चाँदनी ने उसे अपने हाथ से लंड मसलते हुए देखा तो बोली : "अरे ...आप क्योँ तकलीफ़ करते हो पापा....मैं हूँ ना....''
इतना कहते हुए वो नंगी ही चलती हुई उसके सामने आकर बैठ गयी...
तब जाकर राजेश ने उसके मुम्मों का चेहरा देखा...
एकदम गोल मटोल से थे वो...
कड़क निप्पल, बाहर की तरफ निकले हुए.
राजेश ने हाथ आगे करते हुए उन्हे होले से दबा दिया....
वो सिसक उठी , राजेश थोड़ा नीचे झुका और और धीरे- 2 अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाने लगा...
चाँदनी की आँखे खुद ब खुद बंद होती चली गयी और राजेश ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उन्हे चूसना शुरू कर दिया...
''उम्म्म्ममममममममममममममममम....पुचहssssss .........''
चाँदनी ने अपने होंठो की मदिरा पिलाते -2 उसके लंड को पेंट से बाहर निकाल लिया....
उफ़फ्फ़....
क्या साइज़ था, उसकी आँखे फटने को हो गई राजेश के कड़क मोटे लंड को देखकर..
और उसे नीचे से चाटती हुई ऊपर तक आयी, फिर उसने अपना मुँह खोला और धीरे-2 करके उसके पूरे लंड को वो अपने मुँह में निगल गयी.....
राजेश ने सीसियाते हुए उसके सिर को पकड़कर अपने लंड पर पूरा दबा दिया और बचा खुचा लंड भी उसके गले मे उतार कर ज़ोर से चिल्ला उठा : "आआआआआआआ......... मेरी बच्चीsssssssss .........ईशाsssssss .........चूस इसे........''
फिर तो जैसे सच में चाँदनी में कोई भूत सवार हो गया...
वो अपने करामाती मुँह से राजेश के लंड को बड़ी ही कुशलता के साथ चूसने लगी.
कुछ देर तक उसे चूसने के बाद चांदनी ने सांस लेने के लिए उसे थोड़ी देर के लिए बाहर निकाला, पर उस वक़्त को भी उसने बेकार नहीं जाने दिया, राजेश को एक के बाद दूसरे मजे देने के लिए उसने लंड को अपनी नन्ही चूचियों के बीच फंसाया और अपने हाथो से उसे दबा कर राजेश को टिट फकिंग का मजा देने लगी
ये शायद राजेश की लाइफ का सबसे हसीन पल था , इतनी खातिरदारी तो उसे और उसके लंड को आज तक नहीं मिली थी
राजेश जो काफ़ी देर से अपने लंड को संभाल कर बैठा था, 5 मिनट में ही झड़ने लगा...
''आआआअहह ओह उम्म्म्मममममममम मैं तो गया.......''
चाँदनी ने उसके लंड को अपनी तरफ घुमाकर अपने पूरे चेहरे पर उसकी बौछारें करवा ली...
उसका चेहरा देखते ही बनता था,
राजेश के सफेद रस ने उसके चेहरे को अच्छी तरह से पोत कर रख दिया था..
वो गहरी साँसे लेता हुआ वहीं बिस्तर पर ढेर हो गया....
तभी नीचे से रजनी की आवाज़ आई : "अजी सुनते हो....डिन्नर तैयार हो गया है....आप लोग नीचे आ जाओ...''
राजेश हड़बड़ा कर उठ बैठा....
चाँदनी ने मुस्कुराते हुए अपने चेहरे पर लगी मलाई को उंगलियो से इकठ्ठा करके चाटनी शुरू कर दी और बोली : "आप जाओ नीचे, खाना खा लो, मेरा तो हो गया डिन्नर...''
राजेश अवाक सा होकर उसके इस रूप को देखता रह गया...
और सोचने लगा की काश ईशा भी एक दिन उसके साथ ऐसा ही करे.
खैर,
वो जल्दी से उठा, अपनी पेंट और हुलिया ठीक किया और नीचे चल दिया...
और पता नही क्यूँ , उसका लंड अभी तक बैठने का नाम नही ले रहा था.
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''चले अंकल....उपर...''
राजेश ने उसे देखा, वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी नन्ही सी गोल मटोल गांड मटकाती हुई उपर बने गेस्ट रूम की तरफ चल दी.ईशा बेंडेज लगाकर अपने रूम में बैठी टीवी देख रही थी और रजनी ने खुद ही उसे बोल दिया था की आप देख लो,मैं खाना बना रही हूँ, यानी उसका 'चेकअप' करते हुए बीच में कोई नही आएगा...
राजेश धड़कते दिल से उसके पीछे चल दिया.ऊपर.
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अब आगे
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राजेश उपर पहुँचा तो वो बेड पर बैठ चुकी थी...
राजेश ने दरवाजा बंद कर दिया और उसकी तरफ कदम बदाए.
चाँदनी : "कैसे करना पसंद करेंगे अंकल...''
राजेश : "क..क....क्या ...?''
चाँदनी (मुस्कुराते हुए) : "चेकअप....मेरी थाई का....''
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से अपनी सुडोल जाँघो पर हाथ रखकर उसे थोड़ा सा दबा दिया..
राजेश बेचारा अचकचाता हुआ सा इधर-उधर देखने लगा और बोला : "यहीं ....यहीं लेट जाओ...बेड पर....''
चाँदनी : "उल्टी होकर....या सीधी...''
ये कहते हुए वो मुस्कुरा भी रही थी....
उसकी आँखो में आई शरारत सॉफ देखी जा सकती थी....
राजेश समझ चुका था की वो उसके साथ मज़े ले रही है.
राजेश : "दर्द कहाँ है....आगे या पीछे....''
चाँदनी : "वो तो आप चेक करके देखो ना...मुझे तो हर जगह दर्द होता है...''
इतना कहते हुए बड़े ही नशीले अंदाज में उसने हाथ उपर करते हुए अपने मुम्मो को सहला दिया..
राजेश का लौड़ा तुनके मारने लगा ये देखकर...
फिर भी उसने अपने आप पर काबू पाते हुए उस से कहा : "उल्टी होकर लेट जाओ...लेट मी चेक..''
वो खुशी-2 बेड पर उल्टी होकर लेट गयी....
उसकी नन्ही सी गोल गांड एक कटावदार घुमाव के साथ लहराते हुए उपर नीचे हो रही थी...
राजेश उसके करीब गया और अपने हाथ आगे बढ़ाये.
उसे हाथ लगाने से पहले उसने एक बार फिर से दरवाजे की तरफ देखा
उसे बाहर की तरफ देखते हुए चाँदनी ने देखा और बोली : "डोंट वरी अंकल...रजनी आंटी उपर नही आएगी...यू केन कंटिन्यू...''
वो ऐसे बोल रही थी जैसे उसे राजेश के दिलो दिमाग़ की सारी बातें पता थी, और जिस कॉन्फिडेंस से वो रजनी के उपर ना आने की बात बोल रही थी, राजेश की हालत फिर से खराब सी होने लगी शेफाली के बारे में सोचकर..
उसने अपने काँपते हुए हाथ उसकी जाँघो पर रखे और उन्हे धीरे से दबाया..
''आआआआआआआआआअहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........म्म्म्ममममममम''
एक ठंडी और मीठी सी सिसकारी निकल गयी चाँदनी के मुँह से जब राजेश ने उसे ऐसे छुआ तो...
राजेश की भी हालत खराब हो गयी इतने जवान जिस्म को छूकर...
एकदम मलाई पनीर जैसी जाँघ थी उसकी...
छूने से पनीर की तरह अंदर धँसती चली गयी उसकी त्वचा...
राजेश ने उंगलियो के साथ-2 अपनी पूरी हथेली उसकी जाँघ पर फेरा दी....
चाँदनी बेचारी पिल्लो में अपना चेहरा दबाकर ज़ोर से सिसक पड़ी.
''उम्म्म्ममममममममममममममममममममममम.........आआआआआआआअहह''
राजेश ने धीरे से पूछा : "यहाँ दर्द है क्या...''
चाँदनी : "उम्म्म.................. नही......... दर्द तो नही पर बहुत अच्छा लग रहा है आपके टच करने से .....''
राजेश मुस्कुरा दिया.....
अच्छा तो उसे भी लग रहा था ऐसे करते हुए...
उसने दूसरा हाथ भी उसकी जाँघ पर लगाया और दोनो हाथों से उसकी नर्म मुलायम जाँघ को दबाकर अच्छे से चेकअप करने लगा....
उसकी जाँघ उसके दोनो हाथो में आ भी नही रही थी.....
वो उसकी मालिश सी करने लगा अपने हाथो से.
जाँघ से थोड़ा उपर उसके नर्म चूतड़ भी हिचकोले खाते हुए इधर उधर हो रहे थे...
जैसे नर्म मक्खन से बने दो गुंबद उसके हाथ लगाने से डॅन्स करने लगे हो...
मन तो उसका कर रहा था उन्हे भी दबोचने का पर वो हद में रहकर ही सब कुछ करना चाहता था ताकि मर्यादा बनी रहे.
कुछ देर तक वैसे करने के बाद वो बोला : "पीछे शायद प्राब्लम नही है....तुम पलट जाओ, मैं आगे से चेक करता हूँ .....''
राजेश ने उसे बोल तो दिया पलटने के लिए पर उसका खुद का लंड उसके साथ विद्रोह कर रहा था...
उसकी पेंट में उसने हाहाकार मचा रखा था...बड़ी मुश्किल से उसने चांदनी के पलटने से पहले अपने लंड को साइड में एडजस्ट किया
चाँदनी अपने नशीले बदन को घुमाकर पलट गयी...
उसके गुलाबी चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसकी हालत कितनी खराब हो रही है इस वक़्त....
उसकी साँसे तेज़ी से चल रही थी....
टी शर्ट में उसके नुकीले निप्पल सॉफ दिख रहे थे...
उसकी टी शर्ट भी थोड़ा खिसक कर उपर आ चुकी थी और उसकी धँसी हुई सैक्सी नाभि साफ़ दिखाई दे रही थी...
एकदम सपाट पेट था उसका.
और जैसे ही उसकी नज़र नीचे होते हुए उसकी चूत वाले हिस्से पर गयी, उसे वहां एक गीला धब्बा साफ दिखाई देने लगा..
यानी जब वो उल्टी होकर लेती थी तो अपनी चूत को वो बेड पर घिस भी रही थी...
और उत्तेजना वश उसकी चूत का रस निकल कर उसकी शॉर्ट्स पर आ लगा था...
राजेश समझ चुका था की लड़की गर्म है, ऐसे में वो कुछ भी करेगा तो वो बुरा नही मानेगी.
वो बुरा मानेगी या नही, ये जानने के लिए उसने इस बार हाथ सीधा उसके पेट पर रख दिया....
वो किसी नागिन की तरह मचल उठी..
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....आआआआआआआआआआआआआअहह...........''
आँखे बंद थी उसकी पर राजेश के स्पर्श ने उसे बेकाबू सा कर रखा था...
राजेश ने उसके शरीर से हाथ हटाए बिना अपना हाथ खिसकाते हुए नीचे करना शुरू किया...
राजेश का हाथ उसकी शॉर्ट्स के बेल्ट वाले हिस्से को छूता हुआ जैसे ही चूत पर बने उस धब्बे तक पहुँचा तो उसे अपना हाथ सुलगता हुआ सा महसूस हुआ...
अंदर से आ रही गर्म हवा उसके हाथ की उंगलियो को झुलसा सा रही थी...
गीले कपड़े से निकल रही सोंधी खुश्बू अब पूरे कमरे में फैल चुकी थी.
राजेश का हाथ वहीँ रुक सा गया और बाकी का काम चाँदनी ने खुद कर दिया...
मचलते हुए उसने अपना हाथ राजेश के हाथ पर रखकर उसे ज़ोर से दबा दिया और एक जोरदार सिसकारी मारी...
''आआआआआआआआआआआहह अंकल.................उम्म्म्ममममममममम........... यहीं हो रहा है दर्द.......बहुत ज़्यादा........''
ऐसा कहते हुए उसने अपनी आँखे खोल दी.
और उसी वक़्त जैसे राजेश को अपनी ग़लती का एहसास हुआ...
वो भला ये क्या करने जा रहा था.
अपनी बेटी की सहेली के साथ वो ऐसे कैसे कर सकता है...
चाँदनी ने जैसे उसकी आँखो मे आई इस कशमकश को पढ़ लिया
वो बोली : "प्लीज़ अंकल....चेक करो ना....ठीक से....''
राजेश : "न....नही...चाँदनी.....ये....ये ग़लत है...''
चाँदनी उठकर बैठ गयी और राजेश के दोनो हाथों को पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और बोली : "आप ऐसे क्यों बोल रहे हैं.....मेरी जगह अगर ईशा होती तो आप उसका भी तो चेकअप करते ना.....''
ईशा का नाम लेकर जैसे उसने आग में घी सा डाल दिया...
ये राजेश की लाइफ का वो काला सच था जो उसने आज तक किसी को नही बताया था..
उसे अपनी जवान हो रही बेटी से बहुत लगाव था और वो लगाव कब वासना में बदल गया था वो भी नही जानता था...
घर मे जवान बेटी को दिन रात अपने सामने देखना, उसके छोटे-2 कपड़ो से झाँक रही जवानी को चोरी छुपे देखकर अपनी आँखे सेंकना, उसे गले से लगाकर उसके नन्हे चुचे अपनी छाती पर महसूस करना या बेबाकी से कभी उनपर हाथ लगा देना ये उसका रोज का नियम था, कई बार जब वो लाड करते-2 उसकी बाँहों में ही सो जाती थी तो वो अपने हाथ उसकी कमर और नर्म कुल्हो पर फेरता रहता था और रजनी की नज़रें जब उसपर नही होती थी तो वो उसके होंठो को चूम भी लेता था, पर ज़्यादा ज़ोर से नही...
और आज चाँदनी ने इस मौके पर ईशा का नाम लेकर उसके अंदर अपनी बेटी के लिए दबी उन भावनाओं को और भड़का दिया था जिसके बारे में उसके सिवा किसी और को पता नही था...
और वो ईशा को हीरोइन बनाने पर भी इसी वजह से तुला हुआ था क्योंकि वो चाहता था की वो इस फील्ड में आकर खुल जाए ताकि वो उसकी निखर रही जवानी का अच्छे से मज़ा ले पाए..
चाँदनी ने उसके चेहरे पर उड़ रही हवाइयाँ देखी तो वो बोली : "मुझे भी आप ईशा ही समझो ना ....... पापा..''
'पापा' उसने इतनी मासूमियत से बोला की राजेश को एक पल के लिए लगा की उसकी खुद की बेटी ईशा उसके सामने आकर खड़ी हो गयी है..
चाँदनी ने अपने हाथ में पकड़े राजेश के हाथो को अपनी छाती पर रखकर ज़ोर से दबा दिया....
राजेश के हाथ काँप गये अपनी हथेली पर चाँदनी के निप्पल्स की चुभन महसूस करके.
चाँदनी : "आओ ना पापा......प्लीज़ मेरा चेकअप करो...''
इतना कहते हुए उसने राजेश को बेड पर बिठा दिया और खुद उसकी गोद में आकर बैठ गयी...
राजेश का एक हाथ उसकी कमर पे था और दूसरा अभी भी उसकी गोल चुचियों पर, जिन्हे वो होल-2 दबाने लग गया था..
अब उसे अपनी गोद मे बैठी चाँदनी नही बल्कि खुद की बेटी ईशा दिखाई दे रही थी जो उसकी बाहो में आकर खुद ही सब कुछ करने को तैयार थी.
चाँदनी उसे देखकर मुस्कुराए जा रही थी...
उसने अपनी बाहें राजेश के गले में डाल दी और उसके गालो पर किस्स करते हुए बोली : "आप इतना घबरा क्यों रहे हो पापा....आप अच्छे से चेकअप करो ना...मुझे कोई इश्यू नही है...''
ये कहकर वो राजेश को अपनी तरफ से पूरी छूट दे रही थी....
राजेश का दिमाग़ एक बार फिर से शेफाली के भूत की तरफ घूम गया, भला ऐसे कौन लड़की खुद ही किसी अंजान मर्द की गोद में आकर बैठ जाती है...
पर अंदर ही अंदर उसे ये भी लग रहा था की शायद उसकी पर्सनॅलिटी को देखकर ये जवान लड़की उसे अपना दिल दे बैठी है....
ऐसी उम्र में अक्सर होता है ये, अपनी सहेली हे स्मार्ट पापा को देखकर कई लड़कियों का दिल फिसल जाता है.
पर शायद ये राजेश का अपने दिल को बहलाने का बहाना था, क्योंकि अंदर से उसे यही लग रहा था की इसपर शेफाली के साए ने पूरी तरह से क़ब्ज़ा कर लिया है..
पर जो भी था, उसे इस मौके का अच्छे से फायदा उठा लेना चाहिए था...
वो उसके मोठे मुम्मो को दबाता हुआ उसके मासूम से चेहरे को देखने लगा...और बोला : "यहाँ भी दर्द है क्या....''
उसने हां में सिर हिलाया....और बोली : "सबसे ज़्यादा.''
राजेश : "तो एक काम करो....सारे कपड़े उतारो...मैं देखकर ही बता पाउँगा की क्या तकलीफ़ है....''
चाँदनी ने अपने होंठ दांतो तले दबा लिए और सैक्सी हँसी हंसते हुए बोली : "ओ के डॉक्टर....''
और फिर वो उछलकर खड़ी हो गयी....
एक ही पल में उसने अपनी टी शर्ट और शॉर्ट्स निकाल फेंकी...
अब वो उसके सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी..
राजेश को अभी तक अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा था,
जो लड़की उसे अभी 1 घंटा पहले ही मिली थी, वो उसके कहने पर एक ही बार में अपने कपड़े उतारकर नंगी होने जा रही थी उसके सामने.
वो सामने खड़ी थी और उसने अपनी कमर मटकाते हुए अपनी पेंटी नीचे कर दी...
एकदम सफाचत चूत थी उसकी...
राजेश को देखकर वो अभी तक मुस्कुराये जा रही थी.
राजेश के हाथ सीधे अपने लंड पर आ गये और वो पेंट के उपर से ही उन्हे मसलने लगा...
चाँदनी ने राजेश को देखते हुए अपनी ब्रा के हुक भी खोले और उसे भी उतार कर फेंक दिया...
इस बार शायद उसे थोड़ी शर्म आ रही थी, इसलिए उसने अपनी नन्ही चुचियाँ राजेश की आँखो के सामने आने से पहले ही उन्हे हाथो से छुपा लिया...पर इस वक़्त वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी उसके सामने...
उसकी सैक्सी कमर और नंगी गांड राजेश की आँखों के सामने थी, वो जान बूझकर दूसरी तरफ मुंह करके अपने मुम्मो को राजेश से छुपा रही थी, पता नहीं वो शरमा रही थी या उसे टीज़ कर रही थी
उफफफफ्फ़.....
ये जवान लड़कियो का बदन कितना नशीला होता है...
एकदम पतला और छरहरा..
ज़रा भी एक्सट्रा माँस नही....
राजेश से अपनी चूचियां छुपाने के चक्कर में वो दूसरी तरफ घूम गयी, पर चुचियों से भी ज़्यादा सैक्सी अपनी नन्ही गांड उसके सामने नंगी करके परोस दी.
राजेश का दिल धड़कना ही भूल गया उसके मस्त चूतड़ देखकर...
वो बड़े ही सैक्सी ढंग से अपने बदन को छुपा भी रही थी और दिखा भी रही थी...
चाँदनी ने उसे अपने हाथ से लंड मसलते हुए देखा तो बोली : "अरे ...आप क्योँ तकलीफ़ करते हो पापा....मैं हूँ ना....''
इतना कहते हुए वो नंगी ही चलती हुई उसके सामने आकर बैठ गयी...
तब जाकर राजेश ने उसके मुम्मों का चेहरा देखा...
एकदम गोल मटोल से थे वो...
कड़क निप्पल, बाहर की तरफ निकले हुए.
राजेश ने हाथ आगे करते हुए उन्हे होले से दबा दिया....
वो सिसक उठी , राजेश थोड़ा नीचे झुका और और धीरे- 2 अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाने लगा...
चाँदनी की आँखे खुद ब खुद बंद होती चली गयी और राजेश ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उन्हे चूसना शुरू कर दिया...
''उम्म्म्ममममममममममममममममम....पुचहssssss .........''
चाँदनी ने अपने होंठो की मदिरा पिलाते -2 उसके लंड को पेंट से बाहर निकाल लिया....
उफ़फ्फ़....
क्या साइज़ था, उसकी आँखे फटने को हो गई राजेश के कड़क मोटे लंड को देखकर..
और उसे नीचे से चाटती हुई ऊपर तक आयी, फिर उसने अपना मुँह खोला और धीरे-2 करके उसके पूरे लंड को वो अपने मुँह में निगल गयी.....
राजेश ने सीसियाते हुए उसके सिर को पकड़कर अपने लंड पर पूरा दबा दिया और बचा खुचा लंड भी उसके गले मे उतार कर ज़ोर से चिल्ला उठा : "आआआआआआआ......... मेरी बच्चीsssssssss .........ईशाsssssss .........चूस इसे........''
फिर तो जैसे सच में चाँदनी में कोई भूत सवार हो गया...
वो अपने करामाती मुँह से राजेश के लंड को बड़ी ही कुशलता के साथ चूसने लगी.
कुछ देर तक उसे चूसने के बाद चांदनी ने सांस लेने के लिए उसे थोड़ी देर के लिए बाहर निकाला, पर उस वक़्त को भी उसने बेकार नहीं जाने दिया, राजेश को एक के बाद दूसरे मजे देने के लिए उसने लंड को अपनी नन्ही चूचियों के बीच फंसाया और अपने हाथो से उसे दबा कर राजेश को टिट फकिंग का मजा देने लगी
ये शायद राजेश की लाइफ का सबसे हसीन पल था , इतनी खातिरदारी तो उसे और उसके लंड को आज तक नहीं मिली थी
राजेश जो काफ़ी देर से अपने लंड को संभाल कर बैठा था, 5 मिनट में ही झड़ने लगा...
''आआआअहह ओह उम्म्म्मममममममम मैं तो गया.......''
चाँदनी ने उसके लंड को अपनी तरफ घुमाकर अपने पूरे चेहरे पर उसकी बौछारें करवा ली...
उसका चेहरा देखते ही बनता था,
राजेश के सफेद रस ने उसके चेहरे को अच्छी तरह से पोत कर रख दिया था..
वो गहरी साँसे लेता हुआ वहीं बिस्तर पर ढेर हो गया....
तभी नीचे से रजनी की आवाज़ आई : "अजी सुनते हो....डिन्नर तैयार हो गया है....आप लोग नीचे आ जाओ...''
राजेश हड़बड़ा कर उठ बैठा....
चाँदनी ने मुस्कुराते हुए अपने चेहरे पर लगी मलाई को उंगलियो से इकठ्ठा करके चाटनी शुरू कर दी और बोली : "आप जाओ नीचे, खाना खा लो, मेरा तो हो गया डिन्नर...''
राजेश अवाक सा होकर उसके इस रूप को देखता रह गया...
और सोचने लगा की काश ईशा भी एक दिन उसके साथ ऐसा ही करे.
खैर,
वो जल्दी से उठा, अपनी पेंट और हुलिया ठीक किया और नीचे चल दिया...
और पता नही क्यूँ , उसका लंड अभी तक बैठने का नाम नही ले रहा था.