28-03-2021, 09:17 AM
UPDATE - 5
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रजनी जल्दी से रूम मे गयी और वही शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल कर ले आई और उसके सामने रख दिया.वो सेट देखते ही राजेश के चेहरे के रंग बदल गये..
वो बोला : "अर्रे...ये...ये भला इसे क्यों दे रही हो....ये तो...''
वो बोलता, इस से पहले ही ईशा बोल पड़ी : "सो वॉट पापा....मोंम के लिए आप लाए तो मैं नही पहन सकती क्या...और वैसे भी एक दिन के लिए तो मैं कुछ नया समान लेने मार्केट नही जाउंगी ना...एक तो आपके पैसे बचा रही हूँ उपर से आप ऐसे बोल रहे हो....चलो अब जल्दी से चलो, मुझे कॉलेज पहुँचकर मेकअप भी करना है..''
इतना कहते हुए उसने वो सेट अपने पर्स में डाला और राजेश का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए उसे बाहर कार तक ले गयी...राजेश पूरे रास्ते बस यही सोचता रहा की अब क्या होगा.
***********
अब आगे
***********
ईशा को उसके कॉलेज उतारकर वो अपने हॉस्पिटल पहुँच गया...
वो अभी भी परेशान था पर अपनी परेशानी को वो ज़्यादा देर तक रख नही पाया क्योंकि एक बिज़नेसमेन की फॅमिली का सुसाईड केस आया हुआ था हॉस्पिटल में , उसने, उसकी बीबी और बेटी के साथ फाँसी लगा ली थी....
उसका पूरा दिन उन्ही के पोस्टमॉर्टम में और रिपोर्ट्स बनाने में निकल गया...
रात को वो अपने टाइम के बाद ही घर पहुँचा और तब तक वो सुबह वाली बात भूल ही चुका था की ईशा वो पर्ल सेट लेकर गयी है.
उसने बेल बजाई तो दरवाजा एक अंजान और सुन्दर सी लड़की ने खोला.
एक पल के लिए तो वो खुद चोंक गया की ये कौन है, या फिर कहीं वो किसी ग़लत घर में तो नही आ गया..
पर तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "कौन है चाँदनी...ईशा के पापा है क्या ?''
इतने कहते हुए वो अपने गीले हाथ पोंछते हुए दरवाजे तक आ गयी.
उस लड़की ने सिर झुका कर राजेश को नमस्ते किया
रजनी : "आ गये आप, आज इतनी देर कर दी, मैं कॉल करने ही वाली थी....ये चाँदनी है, ईशा की दोस्त...आज वो स्टेज पर गिर गयी थी तो यही उसे घर लेकर आई ...''
उसके इतना कहने की देर थी की राजेश का दिल बैठ सा गया
''गिर गयी थी....कैसे....कहीं लगी तो नही....कहाँ है वो....ईशा ....ईशा...''
इतना कहते हुए वो पागलो की तरह उसके रूम की तरफ भागा...
वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था, उसके गिरने की खबर सुनते ही वो बदहवास सा हो गया...
पीछे-2 चाँदनी और रजनी भी ईशा के रूम में आ गये..
ईशा अपने बेड पर बैठी थी, उसके पैर में मोच आई थी शायद, उसने बैंडेज लगा रखी थी.
राजेश ने जाते ही उसे गले से लगा लिया
"तू ठीक तो है बेटा...क्या हुआ...कैसे गिर गयी...ज़्यादा चोट तो नही लगी...मुझे कॉल क्यों नहीं किया...''
रजनी पीछे से बोली : "मैने किया था पर आपका फोन बंद था, मैं समझ गयी की ज़रूर कोई बड़ा केस आया होगा...''
ईशा : "मैं ठीक हूँ पापा...नथिंग मेजर....वो आज प्ले था ना हमारा, मैं कॉलेज पहुँचकर फाइनल रिहर्सल करने लगी तो मेरा पैर फिसल गया और मोच आ गयी...फिर चाँदनी को मेरी जगह लेनी पड़ी...एंड पापा, आज तो इसने कमाल ही कर दिया, बिना किसी प्रिपेरेशन के इतना अच्छा परफॉर्म किया की हमारे कॉलेज की प्रिन्सिपल ने स्पेशल स्टेज पर आकर इसे कांग्रेचुलेट किया...''
राजेश की नज़र फिर से चाँदनी की तरफ गयी...
वो अभी भी कोने में खड़ी मुस्कुरा रही थी, पर इस बार राजेश के चेहरे की हँसी गायब थी क्योंकि चाँदनी ने वही पर्ल सेट पहना हुआ था...
शेफाली वाला.
ईशा : "एंड पापा, चाँदनी ने प्ले के बाद मुझे घर भी छोड़ा और अपने घर पर फोन करके आज रात मेरे साथ ही रहने की परमिशन भी ले ली अपनी मोम से....शी इस माय बेस्ट फ्रेंड यू नो...''
इतना कहकर वो क्यूट सी स्माइल देकर चाँदनी को देखने लगी...
पर चाँदनी बड़े ही रहस्यमय ढंग से राजेश को ही देखे जा रही थी.
राजेश बेचारा समझ नही पा रहा था की कैसे रिएक्ट करे...
रजनी उसके लिए चाय बनाने जा चुकी थी...
राजेश भी एक्सक्यूस मी कहता हुआ वहां से निकला और अपने बाथरूम में आकर अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारे..
शीशे मे अपना चेहरा देखकर वो ये जानने की कोशिश कर रहा था की ये हो क्या रहा है उसके साथ....उसकी लाइफ में.
शेफाली का वो सेट इस वक़्त चाँदनी के गले में था...
जाहिर सी बात थी, ईशा वो प्ले नही कर पाई तो चाँदनी ने उसकी जगह ली, उसके कपड़े पहने होंगे और उसकी ज्वेलरी भी यूज़ की होगी, और इसी वजह से अभी तक चाँदनी के गले में वो सेट था..
पर राजेश का दिमाग़ उन सब बातों का पीछा छोड़ ही नही रहा था की शेफाली की आत्मा उस शरीर पर क़ब्ज़ा कर लेती है जो उसे पहनता है...
उसकी बीबी भी तो 2 ही दिन में बदल सी गयी थी...
और चाँदनी के चेहरे को देखकर और वो जिस अंदाज से राजेश को घूरे जा रही थी , उसे फिर से वही लगने लगा था की कहीं चाँदनी पर भी तो शेफाली के साँए ने अपना असर नही कर दिया है...
ऊपर से चाँदनी थी भी बहुत सैक्सी ...
22 साल की जवान लड़की, कसा हुआ बदन, छोटे पर भरे हुए स्तन और सबसे बड़ी बात उसका मासूम सा चेहरा...
उसके पिंक लिप्स जिनपर लिपिस्टिक लगाने की भी ज़रूरत नही थी, उन्हे चूसने में कितना मज़ा आएगा ये सोचते ही राजेश के तन बदन में सुइयाँ सी चुभने लगी.
वो सोचने लगा की कहीं वो सब सच हो जाए जो वो सोच रहा है तो कैसा होगा...
उसके लिए तो अच्छा ही है..
पर साथ ही एक मरे हुए इंसान के भूत के संपर्क में आने की कल्पना उसे डरा भी रही थी...
उसका दिल डाँवाडोल हो रहा था
तभी बाहर से रजनी ने उसे पुकारा : "अजी, कहाँ रह गये...चाय ठंडी हो रही है...''
राजेश ने जल्दी से अपना चेहरा पोंछा और बाहर आ गया..
उसने शर्ट उतार दी और सिर्फ़ अंदर की बनियान पहने हुए बाहर की तरफ चल दिया..जैसा वो रोज किया करता था.
चाय पीते हुए उसने टीवी ओंन कर दिया, न्यूज़ में सुबह से उसी बिज़्नेसमेन की सुसाईड की न्यूज़ आ रही थी, कंपनी घाटे में चल रही थी और बहुत कर्जा चढ़ चूका था उसपर , इसलिए उसने इतना भयानक कदम उठाया था , एक के बाद एक ये दूसरा बड़ा केस था जिसमें वो इन्वॉल्व था...
वो बड़े गोर से न्यूज़ देखते हुए चाय की चुस्की ले रहा था की अचानक उसे चाँदनी की मीठी आवाज़ सुनाई दी..
''अंकल, आपने तो अपने आप को बहुत मेंटेन कर रखा है...देखकर लगता ही नही की आपकी कॉलेज गोयिंग बेटी भी है...''
राजेश ने सकपकाते हुए उसे देखा जो ना जाने कब उसके करीब आकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसकी बाजुओं की मछलियाँ देखकर उसे एडमायर कर रही थी..
डॉक्टर होने के नाते राजेश खुद ही अपनी सेहत का काफ़ी ध्यान रखता था,
मॉर्निंग वॉक के साथ-2 वो पार्क में बने ओपन जिम का भी अच्छे से इस्तेमाल करता था, जिसका असर उसके शरीर पर सॉफ दिखाई दे रहा था..
राजेश बेचारा कुछ ना बोला, सिर्फ़ सिर हिला कर हल्का सा मुस्कुरा दिया..
चाँदनी ने एक टी शर्ट और जीन्स की शार्ट स्कर्ट पहनी हुई थी..
ईशा भी अक्सर ऐसी ड्रेसस पहेनटी थी घर मे इसलिए ये सब नॉर्मल था उसके लिए...
पर राजेश की नज़रें जब उसकी सुडोल टाँगो पर गयी तो वो अपनी आँखे हटा ही नही पाया वहां से...
एकदम चिकनी टांगे थी उसकी..
जांघे भरी हुई और कसावट लिए हुए, वो भी शायद काफ़ी दौड़ती थी, ये उसे देखकर सॉफ दिख रहा था.
चाँदनी : "जिम का और रन्निंग का तो मुझे भी काफ़ी शोंक है पर पिछले एक हफ्ते से जा ही नही पा रही, मेरी थाई में थोड़ी सूजन सी आ गयी थी लास्ट वीक...चलने में तो ज़्यादा पता नही चलता पर भागते हुए दर्द सा होता है....आप तो डॉक्टर है ना, आप ही देखकर बताइए ना, कही कुछ सीरियस बात तो नही है ना...''
राजेश के चेहरे पर पसीने आ गये इस कल्पना मात्र से ही की वो उसे अपनी जाँघे छुने की इजाज़त दे रही है....
उसने होंठो पर जीभ फेराते हुए उसकी मलाईदार टाँगो को एक बार फिर से देखा, चाँदनी ने भी अपना पुट्ठा घुमाते हुए राजेश की तरफ किया और अपनी भरी हुई गांड के साथ-2 अपनी जांघे भी पूरी परोसकर उसके सामने रख दी...
राजेश सोच ही रहा था की क्या बोले उसे की तभी किचन से रजनी की आवाज़ आई
''अजी सुनते हो, ज़रा चाँदनी का चेकअप कर लेना, उसके पैरों में कुछ सूजन सी आई हुई है, आते ही बोल रही थी, मैने कहा की ईशा के पापा को आने दे तो वो चेक कर लेंगे..''
इतना कहते हुए वो किचन से बाहर भी निकल आई
और दोनो को देखते हुए बोली : "आप अभी देख लो इसे, तब तक मैं डिन्नर बना लेती हूँ...''
इतना कहते हुए वो फिर से किचन में चली गयी.
राजेश बेचारा आश्चर्य से उसे जाते हुए देखता रह गया,
क्या ये वही रजनी थी जो उसके उपर इतना पहरा लगा कर रखती थी,
अपनी पड़ोसनों से या बाहर किसी भी लड़की या औरत को देखकर अगर राजेश मज़े लेने के लिए कोई कमेंट पास कर भी देता तो उसे बड़ी चिड़न होती थी, अपनी देती नही थी, दूसरे की लेने नही देती थी, ये हाल था उसका...
पर अब...
अपनी दे भी रही थी और दूसरी की लेने में हेल्प भी कर रही थी..
उसका दिमाग़ फिर से शेफाली की आत्मा की तरफ घूमने लगा
तभी उसे चाँदनी की आवाज़ सुनाई दी
''चले अंकल....उपर...''
राजेश ने उसे देखा, वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी नन्ही सी गोल मटोल गांड मटकाती हुई उपर बने गेस्ट रूम की तरफ चल दी.
ईशा बेंडेज लगाकर अपने रूम में बैठी टीवी देख रही थी और रजनी ने खुद ही उसे बोल दिया था की आप देख लो,मैं खाना बना रही हूँ, यानी उसका 'चेकअप' करते हुए बीच में कोई नही आएगा...
राजेश धड़कते दिल से उसके पीछे चल दिया.
ऊपर.
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रजनी जल्दी से रूम मे गयी और वही शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल कर ले आई और उसके सामने रख दिया.वो सेट देखते ही राजेश के चेहरे के रंग बदल गये..
वो बोला : "अर्रे...ये...ये भला इसे क्यों दे रही हो....ये तो...''
वो बोलता, इस से पहले ही ईशा बोल पड़ी : "सो वॉट पापा....मोंम के लिए आप लाए तो मैं नही पहन सकती क्या...और वैसे भी एक दिन के लिए तो मैं कुछ नया समान लेने मार्केट नही जाउंगी ना...एक तो आपके पैसे बचा रही हूँ उपर से आप ऐसे बोल रहे हो....चलो अब जल्दी से चलो, मुझे कॉलेज पहुँचकर मेकअप भी करना है..''
इतना कहते हुए उसने वो सेट अपने पर्स में डाला और राजेश का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए उसे बाहर कार तक ले गयी...राजेश पूरे रास्ते बस यही सोचता रहा की अब क्या होगा.
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अब आगे
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ईशा को उसके कॉलेज उतारकर वो अपने हॉस्पिटल पहुँच गया...
वो अभी भी परेशान था पर अपनी परेशानी को वो ज़्यादा देर तक रख नही पाया क्योंकि एक बिज़नेसमेन की फॅमिली का सुसाईड केस आया हुआ था हॉस्पिटल में , उसने, उसकी बीबी और बेटी के साथ फाँसी लगा ली थी....
उसका पूरा दिन उन्ही के पोस्टमॉर्टम में और रिपोर्ट्स बनाने में निकल गया...
रात को वो अपने टाइम के बाद ही घर पहुँचा और तब तक वो सुबह वाली बात भूल ही चुका था की ईशा वो पर्ल सेट लेकर गयी है.
उसने बेल बजाई तो दरवाजा एक अंजान और सुन्दर सी लड़की ने खोला.
एक पल के लिए तो वो खुद चोंक गया की ये कौन है, या फिर कहीं वो किसी ग़लत घर में तो नही आ गया..
पर तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "कौन है चाँदनी...ईशा के पापा है क्या ?''
इतने कहते हुए वो अपने गीले हाथ पोंछते हुए दरवाजे तक आ गयी.
उस लड़की ने सिर झुका कर राजेश को नमस्ते किया
रजनी : "आ गये आप, आज इतनी देर कर दी, मैं कॉल करने ही वाली थी....ये चाँदनी है, ईशा की दोस्त...आज वो स्टेज पर गिर गयी थी तो यही उसे घर लेकर आई ...''
उसके इतना कहने की देर थी की राजेश का दिल बैठ सा गया
''गिर गयी थी....कैसे....कहीं लगी तो नही....कहाँ है वो....ईशा ....ईशा...''
इतना कहते हुए वो पागलो की तरह उसके रूम की तरफ भागा...
वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था, उसके गिरने की खबर सुनते ही वो बदहवास सा हो गया...
पीछे-2 चाँदनी और रजनी भी ईशा के रूम में आ गये..
ईशा अपने बेड पर बैठी थी, उसके पैर में मोच आई थी शायद, उसने बैंडेज लगा रखी थी.
राजेश ने जाते ही उसे गले से लगा लिया
"तू ठीक तो है बेटा...क्या हुआ...कैसे गिर गयी...ज़्यादा चोट तो नही लगी...मुझे कॉल क्यों नहीं किया...''
रजनी पीछे से बोली : "मैने किया था पर आपका फोन बंद था, मैं समझ गयी की ज़रूर कोई बड़ा केस आया होगा...''
ईशा : "मैं ठीक हूँ पापा...नथिंग मेजर....वो आज प्ले था ना हमारा, मैं कॉलेज पहुँचकर फाइनल रिहर्सल करने लगी तो मेरा पैर फिसल गया और मोच आ गयी...फिर चाँदनी को मेरी जगह लेनी पड़ी...एंड पापा, आज तो इसने कमाल ही कर दिया, बिना किसी प्रिपेरेशन के इतना अच्छा परफॉर्म किया की हमारे कॉलेज की प्रिन्सिपल ने स्पेशल स्टेज पर आकर इसे कांग्रेचुलेट किया...''
राजेश की नज़र फिर से चाँदनी की तरफ गयी...
वो अभी भी कोने में खड़ी मुस्कुरा रही थी, पर इस बार राजेश के चेहरे की हँसी गायब थी क्योंकि चाँदनी ने वही पर्ल सेट पहना हुआ था...
शेफाली वाला.
ईशा : "एंड पापा, चाँदनी ने प्ले के बाद मुझे घर भी छोड़ा और अपने घर पर फोन करके आज रात मेरे साथ ही रहने की परमिशन भी ले ली अपनी मोम से....शी इस माय बेस्ट फ्रेंड यू नो...''
इतना कहकर वो क्यूट सी स्माइल देकर चाँदनी को देखने लगी...
पर चाँदनी बड़े ही रहस्यमय ढंग से राजेश को ही देखे जा रही थी.
राजेश बेचारा समझ नही पा रहा था की कैसे रिएक्ट करे...
रजनी उसके लिए चाय बनाने जा चुकी थी...
राजेश भी एक्सक्यूस मी कहता हुआ वहां से निकला और अपने बाथरूम में आकर अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारे..
शीशे मे अपना चेहरा देखकर वो ये जानने की कोशिश कर रहा था की ये हो क्या रहा है उसके साथ....उसकी लाइफ में.
शेफाली का वो सेट इस वक़्त चाँदनी के गले में था...
जाहिर सी बात थी, ईशा वो प्ले नही कर पाई तो चाँदनी ने उसकी जगह ली, उसके कपड़े पहने होंगे और उसकी ज्वेलरी भी यूज़ की होगी, और इसी वजह से अभी तक चाँदनी के गले में वो सेट था..
पर राजेश का दिमाग़ उन सब बातों का पीछा छोड़ ही नही रहा था की शेफाली की आत्मा उस शरीर पर क़ब्ज़ा कर लेती है जो उसे पहनता है...
उसकी बीबी भी तो 2 ही दिन में बदल सी गयी थी...
और चाँदनी के चेहरे को देखकर और वो जिस अंदाज से राजेश को घूरे जा रही थी , उसे फिर से वही लगने लगा था की कहीं चाँदनी पर भी तो शेफाली के साँए ने अपना असर नही कर दिया है...
ऊपर से चाँदनी थी भी बहुत सैक्सी ...
22 साल की जवान लड़की, कसा हुआ बदन, छोटे पर भरे हुए स्तन और सबसे बड़ी बात उसका मासूम सा चेहरा...
उसके पिंक लिप्स जिनपर लिपिस्टिक लगाने की भी ज़रूरत नही थी, उन्हे चूसने में कितना मज़ा आएगा ये सोचते ही राजेश के तन बदन में सुइयाँ सी चुभने लगी.
वो सोचने लगा की कहीं वो सब सच हो जाए जो वो सोच रहा है तो कैसा होगा...
उसके लिए तो अच्छा ही है..
पर साथ ही एक मरे हुए इंसान के भूत के संपर्क में आने की कल्पना उसे डरा भी रही थी...
उसका दिल डाँवाडोल हो रहा था
तभी बाहर से रजनी ने उसे पुकारा : "अजी, कहाँ रह गये...चाय ठंडी हो रही है...''
राजेश ने जल्दी से अपना चेहरा पोंछा और बाहर आ गया..
उसने शर्ट उतार दी और सिर्फ़ अंदर की बनियान पहने हुए बाहर की तरफ चल दिया..जैसा वो रोज किया करता था.
चाय पीते हुए उसने टीवी ओंन कर दिया, न्यूज़ में सुबह से उसी बिज़्नेसमेन की सुसाईड की न्यूज़ आ रही थी, कंपनी घाटे में चल रही थी और बहुत कर्जा चढ़ चूका था उसपर , इसलिए उसने इतना भयानक कदम उठाया था , एक के बाद एक ये दूसरा बड़ा केस था जिसमें वो इन्वॉल्व था...
वो बड़े गोर से न्यूज़ देखते हुए चाय की चुस्की ले रहा था की अचानक उसे चाँदनी की मीठी आवाज़ सुनाई दी..
''अंकल, आपने तो अपने आप को बहुत मेंटेन कर रखा है...देखकर लगता ही नही की आपकी कॉलेज गोयिंग बेटी भी है...''
राजेश ने सकपकाते हुए उसे देखा जो ना जाने कब उसके करीब आकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसकी बाजुओं की मछलियाँ देखकर उसे एडमायर कर रही थी..
डॉक्टर होने के नाते राजेश खुद ही अपनी सेहत का काफ़ी ध्यान रखता था,
मॉर्निंग वॉक के साथ-2 वो पार्क में बने ओपन जिम का भी अच्छे से इस्तेमाल करता था, जिसका असर उसके शरीर पर सॉफ दिखाई दे रहा था..
राजेश बेचारा कुछ ना बोला, सिर्फ़ सिर हिला कर हल्का सा मुस्कुरा दिया..
चाँदनी ने एक टी शर्ट और जीन्स की शार्ट स्कर्ट पहनी हुई थी..
ईशा भी अक्सर ऐसी ड्रेसस पहेनटी थी घर मे इसलिए ये सब नॉर्मल था उसके लिए...
पर राजेश की नज़रें जब उसकी सुडोल टाँगो पर गयी तो वो अपनी आँखे हटा ही नही पाया वहां से...
एकदम चिकनी टांगे थी उसकी..
जांघे भरी हुई और कसावट लिए हुए, वो भी शायद काफ़ी दौड़ती थी, ये उसे देखकर सॉफ दिख रहा था.
चाँदनी : "जिम का और रन्निंग का तो मुझे भी काफ़ी शोंक है पर पिछले एक हफ्ते से जा ही नही पा रही, मेरी थाई में थोड़ी सूजन सी आ गयी थी लास्ट वीक...चलने में तो ज़्यादा पता नही चलता पर भागते हुए दर्द सा होता है....आप तो डॉक्टर है ना, आप ही देखकर बताइए ना, कही कुछ सीरियस बात तो नही है ना...''
राजेश के चेहरे पर पसीने आ गये इस कल्पना मात्र से ही की वो उसे अपनी जाँघे छुने की इजाज़त दे रही है....
उसने होंठो पर जीभ फेराते हुए उसकी मलाईदार टाँगो को एक बार फिर से देखा, चाँदनी ने भी अपना पुट्ठा घुमाते हुए राजेश की तरफ किया और अपनी भरी हुई गांड के साथ-2 अपनी जांघे भी पूरी परोसकर उसके सामने रख दी...
राजेश सोच ही रहा था की क्या बोले उसे की तभी किचन से रजनी की आवाज़ आई
''अजी सुनते हो, ज़रा चाँदनी का चेकअप कर लेना, उसके पैरों में कुछ सूजन सी आई हुई है, आते ही बोल रही थी, मैने कहा की ईशा के पापा को आने दे तो वो चेक कर लेंगे..''
इतना कहते हुए वो किचन से बाहर भी निकल आई
और दोनो को देखते हुए बोली : "आप अभी देख लो इसे, तब तक मैं डिन्नर बना लेती हूँ...''
इतना कहते हुए वो फिर से किचन में चली गयी.
राजेश बेचारा आश्चर्य से उसे जाते हुए देखता रह गया,
क्या ये वही रजनी थी जो उसके उपर इतना पहरा लगा कर रखती थी,
अपनी पड़ोसनों से या बाहर किसी भी लड़की या औरत को देखकर अगर राजेश मज़े लेने के लिए कोई कमेंट पास कर भी देता तो उसे बड़ी चिड़न होती थी, अपनी देती नही थी, दूसरे की लेने नही देती थी, ये हाल था उसका...
पर अब...
अपनी दे भी रही थी और दूसरी की लेने में हेल्प भी कर रही थी..
उसका दिमाग़ फिर से शेफाली की आत्मा की तरफ घूमने लगा
तभी उसे चाँदनी की आवाज़ सुनाई दी
''चले अंकल....उपर...''
राजेश ने उसे देखा, वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी नन्ही सी गोल मटोल गांड मटकाती हुई उपर बने गेस्ट रूम की तरफ चल दी.
ईशा बेंडेज लगाकर अपने रूम में बैठी टीवी देख रही थी और रजनी ने खुद ही उसे बोल दिया था की आप देख लो,मैं खाना बना रही हूँ, यानी उसका 'चेकअप' करते हुए बीच में कोई नही आएगा...
राजेश धड़कते दिल से उसके पीछे चल दिया.
ऊपर.