28-03-2021, 09:04 AM
UPDATE - 4
==========
पूरा दिन उसके दिलो दिमाग़ में यही उलझन रही...
फिर वो एक निर्णय पर पहुँचा की ये सब जान ने के लिए सिर्फ़ एक ही तरीका है,
उसे रजनी को इस बात के लिए राज़ी करना पड़ेगा की वो पर्ल सेट उतार दे...
और उतारने के बाद भी अगर वो कल रात की तरह चुदाई करने में इंट्रेस्टेड रही तो इसका मतलब ये सब भूत-वूत की बातें उसका वहम है...
पर फिर से कल रात की तरह चुदाई की बात सोचकर उसके लंड ने अकड़ना ज़रूर शुरू कर दिया था...
अब तो उसे रात का इंतजार था बस.
************
अब आगे
************
घर पहुँचकर हमेशा की तरह वो फ्रेश होकर टीवी के सामने बैठ गया और न्यूज़ चला ली,
रजनी का चेहरा देखकर उसे अभी ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो रहा था की उसपे अभी तक कल रात वाला असर है या नही...
वो राजेश के लिए चाय बनाकर लाई और किचन में जाकर रात का खाना तैयार करने लगी.
राजेश ने नोट किया की उसने वो पर्ल सेट उतार दिया है....
गले के हार के साथ उसने कानो के टॉप्स और अंगूठी भी उतार दी थी, ये देखकर राजेश को खुशी हुई की चलो अच्छा है, अब ये जानना आसान रहेगा की सच क्या है.
राजेश ने चाय पी और किचन की तरफ चल दिया, ईशा अपने रूम में थी इसलिए वो थोड़ा निश्चिंत था अभी.
वो रजनी के पीछे गया और उसके पेट पर अपनी बाँहों को कसते हुए उसे पीछे से जाकड़ लिया और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया...
रजनी ने मुस्कुराते हुए कहा : "अर्रे....क्या हो गया है आपको...आज तक तो ऐसे नही किया कभी...''
राजेश ने उसके गालो को चूमते हुए कहा : "तुमने भी तो आज तक वो सब नही किया जो कल रात किया था...''
राजेश की बात सुनके वो मुस्कुरा दी...
राजेश ने देखा की उसके ब्लाउज़ में तनी हुई चुचियों में अचानक निप्पल्स चमकने लग गये...
यानी उसकी बात सुनकर वो उत्तेजित हो रही थी.
राजेश ने एक बार पलटकर पीछे देखा की कहीं ईशा तो नही आ रही और फिर अपने हाथ उपर करते हुए वो रजनी के बूब्स को साड़ी के उपर से ही पकड़ लेता है...
''आआआआआआआआआआआअहह...... म्म्म्ममममममममममममममममम.......... छोड़ो ना......क्या कर रहे हो..... काम करने दो प्लीज़..... ईशा आ जाएगी....मत करो ना...''
पर वो उसकी नही सुनता और उसके निप्पल्स को ब्लाउस के उपर से ही पकड़कर उन्हे उंगलियो के बीच मसलने लगता है और अपना खड़ा हुआ लंड वो उसकी भरी हुई गांड पर घिसकर ज़ोर से दबाने लगता है...
''आआआआआआआआआअहह रआआआजीईईश....... मत करो ना........ डार्लिंग...... उम्म्म्मममममममम......''
ऐसा करते हुए वो नागिन की तरह अपने बदन को लहराकर उसके खड़े लंड पर रगड़ भी रही थी और उसके हाथो को अपनी छाती के उपर दबाकर उनका मज़ा भी ले रही थी..
अब तक राजेश शायद समझ चुका था की शेफाली के भूत वाली बात शायद उसका वहम था...
रजनी में सचमुच कुछ बदलाव आ चुका है..
पर जो भी था, ये बदलाव उसे बहुत पसंद आ रहा था..
रजनी की हालत ऐसी हो चुकी थी की राजेश अगर चाहता तो उसे वहीं किचन में चोद डालता पर ईशा घर में थी अभी...
इसलिए उसने अपने आप पर काबू किया और अपनी बाँहों में मचलती हुई रजनी के कानो में धीरे से कहा
''आज रात को कल से भी ज़्यादा बुरी तरह से चोदूँगा तुझे....देख लेना..''
इतना कहकर वो उसे अधमरी सी हालत में छोड़कर मुड़ा और सीधा बाथरूम में घुस गया..
पीछे बेचारी रजनी अपनी उखड़ी हुई सांसो पर काबू पाती हुई, अपनी चूत से रिस रहे रस को अपने पेटीकोट से रगड़कर उसे सॉफ करने लगी और रात को होने वाली चुदाई के बारे में सोचकर मुस्कुराती हुई फिर से अपने काम में लग गयी.
राजेश ने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और रेजर लेकर सबसे पहले उसने अपने लंड की शेव की, जो काफ़ी समय से नही की थी...करता भी क्यों भला, आज तक उसे देखने की भी ज़रूरत महसूस नही की थी रजनी ने...
पर अब तो वो उसे देखेगी भी और चुसेगी भी, इसलिए उसका फैशियल करना तो बनता ही है...
अपने लंड के चारों तरफ की घास हटाकर उसने उसे चमका कर चिकना बना दिया...
और फिर खूब मल-मलकर उसने अपने शरीर पर बॉडी वॉश लगाया और रात की तैयारी पूरी करके वो अपने बेडरूम में आया और ढीले ढाले से कपड़े पहन कर वापिस बाहर आ गया.
रजनी तब तक खाना बना चुकी थी, वो जब वो नहाने जा रही थी वो राजेश उसके कान में बोला ''डार्लिंग...अपनी चूत की अच्छे से क्लीन कर लेना...''
वो झुकी और उसके कान मे फुसफुसाई : "सुबह ही कर ली थी मैने तो...''
इतना कहकर वो खिलखिलाती हुई बाथरूम की तरफ चल दी..
डाइनिंग टेबल पर बैठी ईशा उन्हे देखकर हैरान हो रही थी की अचानक उसके माँ बाप इतने रोमॅंटिक कपल कैसे बन गये..
पर जो भी था ये अच्छा था, इसलिए वो बिना कुछ कहे मंद-2 मुस्कुराती हुई डिन्नर करने लगी.
रजनी के आने के बाद राजेश ने उसके साथ डिन्नर किया और रूम में पहुँचकर बेड पर लेट गया.
कुछ देर में ही रजनी आई और उसने बड़े ही सैक्सी अंदाज में उसे देखते हुए दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया.
राजेश बेड से उठ खड़ा हुआ और उसका लंड भी पायजामे में अंगड़ाइयां लेने लगा.
नहाने के बाद रजनी ने एक गाउन पहन लिया था, जिसे बेड पर आने से पहले उसने उतार दिया..
सामने से खुलने वाले गाउन पर लगी तनी जब उसने खोली तो अनुमान के मुताबिक अंदर उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था , एक ही पल में वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी राजेश के सामने.
राजेश अपनी बीबी की सुंदरता देखता ही रह गया...
आज वो कल से भी ज़्यादा सैक्सी लग रही थी...
ख़ासकर अपनी चूत के बाल सॉफ करने के बाद...
चिकनी चूत ने उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा दिए थे...
रजनी की चूत लश्कारे मारती हुई चमक रही थी..
राजेश ने भी आनन फानन में सारे कपड़े निकाल फेंके और नंगा हो गया...
रजनी ने भी जब राजेश के खड़े लंड के चारों तरफ की चिकनाई देखी तो वो मुस्कुरा दी और बड़े ही मादक अंदाज में अपनी कमर मटकाती हुई उसकी तरफ आने लगी.
उसकी गांड की थिरकन ऐसी थी की कोई भी देखकर पागल हो जाए
राजेश के करीब पहुँचकर उसने उसे अपनी छाती से लगा लिया, राजेश ने अपना मुँह सीधा उसके मुम्मो पर लगाया और दूध पीने लगा..
''आआआहह........ मेला बैबी.......उम्म्म्ममममम''
वो उसके बालो में उंगलिया फेराती हुई उसे प्यार से सहलाने लगी और फिर उसे बेड पर धकेल कर खुद भी उपर चढ़ गयी...
सबसे पहले उसका निशाना राजेश का लंड बना जो काफ़ी देर से उसके होंठो का इंतजार कर रहा था..
उसने किसी बिल्ली की तरहा एक ही झटके में उसके चूहे को निगल लिया और उसे चूसने लगी...
राजेश की आँखे बंद होती चली गयी....
लगातार दूसरे दिन उसके लंड को चूस रही थी रजनी...
आज उसे सच में शादी के असली सुख का एहसास हो रहा था.
रजनी ने उसके लंड को अपनी हथेली में पकड़ा और नीचे मुँह करके उसकी गोटियों को भी मुँह में लेकर चुभला डाला...
राजेश की दोनो बॉल्स रजनी के मुँह में थी जिसे वो बड़े ही सैक्सी तरीके से चुभलाकर चूस रही थी...
राजेश को मज़ा भी बहुत आ रहा था और वो सोच भी रहा था की ये सब आख़िर रजनी ने सीखा कहाँ से...
एक ही दिन में वो किसी प्रोफेशनल की तरह उसका लंड चूस रही थी...
उसके दिमाग़ में फिर से वही ख्याल आने लगे की कहीं सच में तो उसकी बीबी के दिलो दिमाग़ और जिस्म पर शेफाली की आत्मा ने क़ब्ज़ा कर लिया है...
पर अब तो वो पर्ल का सेट भी उतार चुकी थी...
फिर भला कैसे वो अब भी उसी अंदाज मे रहेगी भला..
और एक बार फिर से वो कल रात की ही तरह इन सब विचारों को अपने दिमाग़ से झटक कर फेंक देता है और अपनी बीबी से लंड चुस्वाई के मज़े लेने लगता है...
अचानक वो रेंगकर अपनी टांगे उसके चेहरे की तरफ करने लगती है...
वो समझ जाता है की उसकी चूत भी कुलबुला रही है...
वो 69 करना चाहती थी, राजेश को भी कोई परेशानी नही थी...
बल्कि वो खुद रजनी की चिकनी चूत को अपने मुँह में लेकर हर तरह के मज़े लेना और देना चाहता था...
वो अपनी चूत को उसके चेहरे के उपर लाई और ढप्प से उसे नीचे गिरा कर राजेश का चेहरा ढक देती है..
चूत से निकली चाशनी की छींटे दूर तक उछल गयी जब राजेश के होंठ उसपर पड़े तो..
वो किसी कुत्ते की तरह लपलपाकर उसे चाटने लगा...
नीचे से उसके लंड को भी वो उसी तेज़ी से चूस रही थी जिस तेजी से राजेश उसकी चूत को...
कुछ देर बाद जब दोनो ने एक दूसरे की मलाई अच्छे से चाट ली तो रजनी ने फिसलकर, अपनी चूत को उसके लंड पर टीका कर, एक ही झटके में उसके मोटे लंड को अपनी चूत के मुँह से निगल कर, जोरदार सिसकारी मारी...
''आआआआअहह मेरे राजा......... उफफफफफफफफ्फ़.......... मज़ा आ गया तेरे मोटे लंड को लेकर....''
राजेश की छाती भी छोड़ी हो गयी अपने लंड की तारीफ सुनकर...
ये भी एक नया काम था जो रजनी ने लाइफ में पहली बार किया था, इसलिए फिर से उसके दिमाग़ में ख़याल आने लगे..
रजनी उसके चेहरे पर आए बदलाव और लंड में आई हल्की सी गिरावट देखकर बोली : "कहा खो गये डार्लिंग......चोदो ना मुझे...अपने मोटे लंड से मेरी चूत के परख़च्चे उड़ा दो मेरे राजा...''
इतना कहकर वो अपने मुम्मे उसके मुँह पर घिसने लगी और खुद ही उसके लंड पर उपर नीचे कूदने लगी...
कुछ देर तक उसे उसी पोजीशन में चोदने के बाद राजेश ने उसे बेड पर लिटाया और साइड पोज़ में , पीछे की तरफ से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया
राजेश ने उसके कूल्हे गाड़ी के स्टेयरिंग की तरह पकड़े और अपने लंड का ट्रक उसकी चूत के हाइवे पर फुल गियर में दौड़ा दिया...
कुछ ही देर में दोनो बुरी तरह से सिसकारियाँ मारते हुए एक दूसरे की बाहों में झड़ने लगे..
''उम्म्म्मममममममममममममम........मेरी जान....... तेरा ये नशीला बदन मेरी जान लेकर रहेगा....''
रजनी : "मेरे बदन की सारी शराब तेरे लिए ही है मेरे राजा......''
इतना कहते हुए वो उसके उपर लुढ़क गयी..
दोनो झड़ चुके थे और कल रात की तरह आज भी रजनी ने उसे उठने नही दिया और ना ही खुद उठी...
दोनो का मिला जुला रस रजनी की चूत से निकलकर वहीं बेड पर गिर गया...
और राजेश को कल रात की तरह कब नींद आई उसे फिर पता नही चला.
अगली सुबह वो नंगा बिस्तर पर सो रहा था,
रजनी उठ चुकी थी..
वो भी उठा , फ्रेश हुआ और नहा धोकर तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ गया..
वहाँ पहुँचते ही ईशा ने हड़बड़ी में उससे कहा : "पापा, जल्दी से नाश्ता करो, मुझे आज कॉलेज जल्दी पहुँचना है, आज स्टेज शो है हमारा...मुझे भी पार्टिसिपेट करना है उसमें ..''
राजेश : "तुम्हे ...... पर तुम्हे तो स्टेज शो और एक्टिंग पसंद ही नहीं है ?''
ईशा : "ओह्ह पापा , आप ना सुबह -2 फिर से वही बात मत शुरू करो प्लीज, ये मैं अपनी मर्जी से नहीं कर रही, सबको पार्टिसिपेट करना कम्पलसरी है ''
राजेश ने सिर हिलाया और जल्दी-2 नाश्ता करने लगा..
ईशा : "एन्ड मोंम ...आपको 2 बार बोल चुकी हूँ , मेरी वाइट ड्रेस से मेच करता हुआ कुछ हो तो जल्दी से दो मुझे...''
रजनी जल्दी से रूम मे गयी और वही शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल कर ले आई और उसके सामने रख दिया.
वो सेट देखते ही राजेश के चेहरे के रंग बदल गये..
वो बोला : "अर्रे...ये...ये भला इसे क्यों दे रही हो....ये तो...''
वो बोलता, इस से पहले ही ईशा बोल पड़ी : "सो वॉट पापा....मोंम के लिए आप लाए तो मैं नही पहन सकती क्या...और वैसे भी एक दिन के लिए तो मैं कुछ नया समान लेने मार्केट नही जाउंगी ना...एक तो आपके पैसे बचा रही हूँ उपर से आप ऐसे बोल रहे हो....चलो अब जल्दी से चलो, मुझे कॉलेज पहुँचकर मेकअप भी करना है..''
इतना कहते हुए उसने वो सेट अपने पर्स में डाला और राजेश का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए उसे बाहर कार तक ले गयी...
रजनी भी अपनी बेटी की इस बचकानी हरकत पर हंसकर रह गयी...और दोनो को शाम को जल्दी आने को कहा..
राजेश पूरे रास्ते बस यही सोचता रहा की अब क्या होगा.
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पूरा दिन उसके दिलो दिमाग़ में यही उलझन रही...
फिर वो एक निर्णय पर पहुँचा की ये सब जान ने के लिए सिर्फ़ एक ही तरीका है,
उसे रजनी को इस बात के लिए राज़ी करना पड़ेगा की वो पर्ल सेट उतार दे...
और उतारने के बाद भी अगर वो कल रात की तरह चुदाई करने में इंट्रेस्टेड रही तो इसका मतलब ये सब भूत-वूत की बातें उसका वहम है...
पर फिर से कल रात की तरह चुदाई की बात सोचकर उसके लंड ने अकड़ना ज़रूर शुरू कर दिया था...
अब तो उसे रात का इंतजार था बस.
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अब आगे
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घर पहुँचकर हमेशा की तरह वो फ्रेश होकर टीवी के सामने बैठ गया और न्यूज़ चला ली,
रजनी का चेहरा देखकर उसे अभी ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो रहा था की उसपे अभी तक कल रात वाला असर है या नही...
वो राजेश के लिए चाय बनाकर लाई और किचन में जाकर रात का खाना तैयार करने लगी.
राजेश ने नोट किया की उसने वो पर्ल सेट उतार दिया है....
गले के हार के साथ उसने कानो के टॉप्स और अंगूठी भी उतार दी थी, ये देखकर राजेश को खुशी हुई की चलो अच्छा है, अब ये जानना आसान रहेगा की सच क्या है.
राजेश ने चाय पी और किचन की तरफ चल दिया, ईशा अपने रूम में थी इसलिए वो थोड़ा निश्चिंत था अभी.
वो रजनी के पीछे गया और उसके पेट पर अपनी बाँहों को कसते हुए उसे पीछे से जाकड़ लिया और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया...
रजनी ने मुस्कुराते हुए कहा : "अर्रे....क्या हो गया है आपको...आज तक तो ऐसे नही किया कभी...''
राजेश ने उसके गालो को चूमते हुए कहा : "तुमने भी तो आज तक वो सब नही किया जो कल रात किया था...''
राजेश की बात सुनके वो मुस्कुरा दी...
राजेश ने देखा की उसके ब्लाउज़ में तनी हुई चुचियों में अचानक निप्पल्स चमकने लग गये...
यानी उसकी बात सुनकर वो उत्तेजित हो रही थी.
राजेश ने एक बार पलटकर पीछे देखा की कहीं ईशा तो नही आ रही और फिर अपने हाथ उपर करते हुए वो रजनी के बूब्स को साड़ी के उपर से ही पकड़ लेता है...
''आआआआआआआआआआआअहह...... म्म्म्ममममममममममममममममम.......... छोड़ो ना......क्या कर रहे हो..... काम करने दो प्लीज़..... ईशा आ जाएगी....मत करो ना...''
पर वो उसकी नही सुनता और उसके निप्पल्स को ब्लाउस के उपर से ही पकड़कर उन्हे उंगलियो के बीच मसलने लगता है और अपना खड़ा हुआ लंड वो उसकी भरी हुई गांड पर घिसकर ज़ोर से दबाने लगता है...
''आआआआआआआआआअहह रआआआजीईईश....... मत करो ना........ डार्लिंग...... उम्म्म्मममममममम......''
ऐसा करते हुए वो नागिन की तरह अपने बदन को लहराकर उसके खड़े लंड पर रगड़ भी रही थी और उसके हाथो को अपनी छाती के उपर दबाकर उनका मज़ा भी ले रही थी..
अब तक राजेश शायद समझ चुका था की शेफाली के भूत वाली बात शायद उसका वहम था...
रजनी में सचमुच कुछ बदलाव आ चुका है..
पर जो भी था, ये बदलाव उसे बहुत पसंद आ रहा था..
रजनी की हालत ऐसी हो चुकी थी की राजेश अगर चाहता तो उसे वहीं किचन में चोद डालता पर ईशा घर में थी अभी...
इसलिए उसने अपने आप पर काबू किया और अपनी बाँहों में मचलती हुई रजनी के कानो में धीरे से कहा
''आज रात को कल से भी ज़्यादा बुरी तरह से चोदूँगा तुझे....देख लेना..''
इतना कहकर वो उसे अधमरी सी हालत में छोड़कर मुड़ा और सीधा बाथरूम में घुस गया..
पीछे बेचारी रजनी अपनी उखड़ी हुई सांसो पर काबू पाती हुई, अपनी चूत से रिस रहे रस को अपने पेटीकोट से रगड़कर उसे सॉफ करने लगी और रात को होने वाली चुदाई के बारे में सोचकर मुस्कुराती हुई फिर से अपने काम में लग गयी.
राजेश ने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और रेजर लेकर सबसे पहले उसने अपने लंड की शेव की, जो काफ़ी समय से नही की थी...करता भी क्यों भला, आज तक उसे देखने की भी ज़रूरत महसूस नही की थी रजनी ने...
पर अब तो वो उसे देखेगी भी और चुसेगी भी, इसलिए उसका फैशियल करना तो बनता ही है...
अपने लंड के चारों तरफ की घास हटाकर उसने उसे चमका कर चिकना बना दिया...
और फिर खूब मल-मलकर उसने अपने शरीर पर बॉडी वॉश लगाया और रात की तैयारी पूरी करके वो अपने बेडरूम में आया और ढीले ढाले से कपड़े पहन कर वापिस बाहर आ गया.
रजनी तब तक खाना बना चुकी थी, वो जब वो नहाने जा रही थी वो राजेश उसके कान में बोला ''डार्लिंग...अपनी चूत की अच्छे से क्लीन कर लेना...''
वो झुकी और उसके कान मे फुसफुसाई : "सुबह ही कर ली थी मैने तो...''
इतना कहकर वो खिलखिलाती हुई बाथरूम की तरफ चल दी..
डाइनिंग टेबल पर बैठी ईशा उन्हे देखकर हैरान हो रही थी की अचानक उसके माँ बाप इतने रोमॅंटिक कपल कैसे बन गये..
पर जो भी था ये अच्छा था, इसलिए वो बिना कुछ कहे मंद-2 मुस्कुराती हुई डिन्नर करने लगी.
रजनी के आने के बाद राजेश ने उसके साथ डिन्नर किया और रूम में पहुँचकर बेड पर लेट गया.
कुछ देर में ही रजनी आई और उसने बड़े ही सैक्सी अंदाज में उसे देखते हुए दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया.
राजेश बेड से उठ खड़ा हुआ और उसका लंड भी पायजामे में अंगड़ाइयां लेने लगा.
नहाने के बाद रजनी ने एक गाउन पहन लिया था, जिसे बेड पर आने से पहले उसने उतार दिया..
सामने से खुलने वाले गाउन पर लगी तनी जब उसने खोली तो अनुमान के मुताबिक अंदर उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था , एक ही पल में वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी राजेश के सामने.
राजेश अपनी बीबी की सुंदरता देखता ही रह गया...
आज वो कल से भी ज़्यादा सैक्सी लग रही थी...
ख़ासकर अपनी चूत के बाल सॉफ करने के बाद...
चिकनी चूत ने उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा दिए थे...
रजनी की चूत लश्कारे मारती हुई चमक रही थी..
राजेश ने भी आनन फानन में सारे कपड़े निकाल फेंके और नंगा हो गया...
रजनी ने भी जब राजेश के खड़े लंड के चारों तरफ की चिकनाई देखी तो वो मुस्कुरा दी और बड़े ही मादक अंदाज में अपनी कमर मटकाती हुई उसकी तरफ आने लगी.
उसकी गांड की थिरकन ऐसी थी की कोई भी देखकर पागल हो जाए
राजेश के करीब पहुँचकर उसने उसे अपनी छाती से लगा लिया, राजेश ने अपना मुँह सीधा उसके मुम्मो पर लगाया और दूध पीने लगा..
''आआआहह........ मेला बैबी.......उम्म्म्ममममम''
वो उसके बालो में उंगलिया फेराती हुई उसे प्यार से सहलाने लगी और फिर उसे बेड पर धकेल कर खुद भी उपर चढ़ गयी...
सबसे पहले उसका निशाना राजेश का लंड बना जो काफ़ी देर से उसके होंठो का इंतजार कर रहा था..
उसने किसी बिल्ली की तरहा एक ही झटके में उसके चूहे को निगल लिया और उसे चूसने लगी...
राजेश की आँखे बंद होती चली गयी....
लगातार दूसरे दिन उसके लंड को चूस रही थी रजनी...
आज उसे सच में शादी के असली सुख का एहसास हो रहा था.
रजनी ने उसके लंड को अपनी हथेली में पकड़ा और नीचे मुँह करके उसकी गोटियों को भी मुँह में लेकर चुभला डाला...
राजेश की दोनो बॉल्स रजनी के मुँह में थी जिसे वो बड़े ही सैक्सी तरीके से चुभलाकर चूस रही थी...
राजेश को मज़ा भी बहुत आ रहा था और वो सोच भी रहा था की ये सब आख़िर रजनी ने सीखा कहाँ से...
एक ही दिन में वो किसी प्रोफेशनल की तरह उसका लंड चूस रही थी...
उसके दिमाग़ में फिर से वही ख्याल आने लगे की कहीं सच में तो उसकी बीबी के दिलो दिमाग़ और जिस्म पर शेफाली की आत्मा ने क़ब्ज़ा कर लिया है...
पर अब तो वो पर्ल का सेट भी उतार चुकी थी...
फिर भला कैसे वो अब भी उसी अंदाज मे रहेगी भला..
और एक बार फिर से वो कल रात की ही तरह इन सब विचारों को अपने दिमाग़ से झटक कर फेंक देता है और अपनी बीबी से लंड चुस्वाई के मज़े लेने लगता है...
अचानक वो रेंगकर अपनी टांगे उसके चेहरे की तरफ करने लगती है...
वो समझ जाता है की उसकी चूत भी कुलबुला रही है...
वो 69 करना चाहती थी, राजेश को भी कोई परेशानी नही थी...
बल्कि वो खुद रजनी की चिकनी चूत को अपने मुँह में लेकर हर तरह के मज़े लेना और देना चाहता था...
वो अपनी चूत को उसके चेहरे के उपर लाई और ढप्प से उसे नीचे गिरा कर राजेश का चेहरा ढक देती है..
चूत से निकली चाशनी की छींटे दूर तक उछल गयी जब राजेश के होंठ उसपर पड़े तो..
वो किसी कुत्ते की तरह लपलपाकर उसे चाटने लगा...
नीचे से उसके लंड को भी वो उसी तेज़ी से चूस रही थी जिस तेजी से राजेश उसकी चूत को...
कुछ देर बाद जब दोनो ने एक दूसरे की मलाई अच्छे से चाट ली तो रजनी ने फिसलकर, अपनी चूत को उसके लंड पर टीका कर, एक ही झटके में उसके मोटे लंड को अपनी चूत के मुँह से निगल कर, जोरदार सिसकारी मारी...
''आआआआअहह मेरे राजा......... उफफफफफफफफ्फ़.......... मज़ा आ गया तेरे मोटे लंड को लेकर....''
राजेश की छाती भी छोड़ी हो गयी अपने लंड की तारीफ सुनकर...
ये भी एक नया काम था जो रजनी ने लाइफ में पहली बार किया था, इसलिए फिर से उसके दिमाग़ में ख़याल आने लगे..
रजनी उसके चेहरे पर आए बदलाव और लंड में आई हल्की सी गिरावट देखकर बोली : "कहा खो गये डार्लिंग......चोदो ना मुझे...अपने मोटे लंड से मेरी चूत के परख़च्चे उड़ा दो मेरे राजा...''
इतना कहकर वो अपने मुम्मे उसके मुँह पर घिसने लगी और खुद ही उसके लंड पर उपर नीचे कूदने लगी...
कुछ देर तक उसे उसी पोजीशन में चोदने के बाद राजेश ने उसे बेड पर लिटाया और साइड पोज़ में , पीछे की तरफ से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया
राजेश ने उसके कूल्हे गाड़ी के स्टेयरिंग की तरह पकड़े और अपने लंड का ट्रक उसकी चूत के हाइवे पर फुल गियर में दौड़ा दिया...
कुछ ही देर में दोनो बुरी तरह से सिसकारियाँ मारते हुए एक दूसरे की बाहों में झड़ने लगे..
''उम्म्म्मममममममममममममम........मेरी जान....... तेरा ये नशीला बदन मेरी जान लेकर रहेगा....''
रजनी : "मेरे बदन की सारी शराब तेरे लिए ही है मेरे राजा......''
इतना कहते हुए वो उसके उपर लुढ़क गयी..
दोनो झड़ चुके थे और कल रात की तरह आज भी रजनी ने उसे उठने नही दिया और ना ही खुद उठी...
दोनो का मिला जुला रस रजनी की चूत से निकलकर वहीं बेड पर गिर गया...
और राजेश को कल रात की तरह कब नींद आई उसे फिर पता नही चला.
अगली सुबह वो नंगा बिस्तर पर सो रहा था,
रजनी उठ चुकी थी..
वो भी उठा , फ्रेश हुआ और नहा धोकर तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ गया..
वहाँ पहुँचते ही ईशा ने हड़बड़ी में उससे कहा : "पापा, जल्दी से नाश्ता करो, मुझे आज कॉलेज जल्दी पहुँचना है, आज स्टेज शो है हमारा...मुझे भी पार्टिसिपेट करना है उसमें ..''
राजेश : "तुम्हे ...... पर तुम्हे तो स्टेज शो और एक्टिंग पसंद ही नहीं है ?''
ईशा : "ओह्ह पापा , आप ना सुबह -2 फिर से वही बात मत शुरू करो प्लीज, ये मैं अपनी मर्जी से नहीं कर रही, सबको पार्टिसिपेट करना कम्पलसरी है ''
राजेश ने सिर हिलाया और जल्दी-2 नाश्ता करने लगा..
ईशा : "एन्ड मोंम ...आपको 2 बार बोल चुकी हूँ , मेरी वाइट ड्रेस से मेच करता हुआ कुछ हो तो जल्दी से दो मुझे...''
रजनी जल्दी से रूम मे गयी और वही शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल कर ले आई और उसके सामने रख दिया.
वो सेट देखते ही राजेश के चेहरे के रंग बदल गये..
वो बोला : "अर्रे...ये...ये भला इसे क्यों दे रही हो....ये तो...''
वो बोलता, इस से पहले ही ईशा बोल पड़ी : "सो वॉट पापा....मोंम के लिए आप लाए तो मैं नही पहन सकती क्या...और वैसे भी एक दिन के लिए तो मैं कुछ नया समान लेने मार्केट नही जाउंगी ना...एक तो आपके पैसे बचा रही हूँ उपर से आप ऐसे बोल रहे हो....चलो अब जल्दी से चलो, मुझे कॉलेज पहुँचकर मेकअप भी करना है..''
इतना कहते हुए उसने वो सेट अपने पर्स में डाला और राजेश का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए उसे बाहर कार तक ले गयी...
रजनी भी अपनी बेटी की इस बचकानी हरकत पर हंसकर रह गयी...और दोनो को शाम को जल्दी आने को कहा..
राजेश पूरे रास्ते बस यही सोचता रहा की अब क्या होगा.