28-03-2021, 08:42 AM
(This post was last modified: 28-03-2021, 09:05 AM by Gpoint. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ये कहानी दूसरे फोरम से कॉपी पेस्ट है। आप लोगो के आनंद के लिए यहाँ पोस्ट की जा रही है।
UPDATE - 1
===========
राजेश मुंबई के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल के शवगृह (मोरचरी) में डॉक्टर था...
दिन भर लाशों की चीड़ फाड़ करना , उनकी पोस्टमारटम रिपोर्ट बनाना, यही काम था उसका..
काम बेहद घिनोना था पर पैसा बहुत था उसमें, कई बार मनचाही रिपोर्ट बनाने के लिए उसने मुँह माँगी रकम ली थी कई रईसों से..
दिल से भी बड़ा रंगीन था वो...
एक ही शौंक था उसको, बॉलीवुड का, फ़िल्मो का और रसभरी हेरोइनों के जिस्म देखने का..
आज जब राजेश हॉस्पिटल से से थका मांदा घर आया ही था की उसकी बेटी ईशा की बाते शुरू हो गयी
''पापा...मुझे भी डॉक्टर ही बनना है...मुझे पड़ाई करनी है...आप मुझे एक्टिंग में क्यो डलवाना चाहते हो...मुझे पढ़ना पसंद है...''
ये एक ऐसा टॉपिक था उनके घर का जो शायद दूसरे घरो में तो अच्छा लगे, पर यहाँ बिल्कुल उल्टा था..
राजेश की जवान हो रही बेटी को पड़ने का शॉंक था,
वो भी उसकी तरह डॉक्टर ही बनना चाहती थी पर उसके पापा उसे फ़िल्मो में देखना चाहते थे,
उन्होने अपने दोस्त से बात भी की थी, जिसके बेटे ने फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा ख़ासा नाम भी कमा लिया था,
पर उसके परिवार वाले उसकी बातो को सुनकर राज़ी ही नही थे..
राजेश की बीबी रजनी भी अपनी बेटी की तरफ़दारी करते हुए बोली : "मैने पहला बाप देखा है जो अपनी जवान बेटी को ऐसी फिल्म इंडस्ट्री में भेजने पर उतारू है जो पूरी तरह से बदनाम है, सबको पता है की बाहरी दुनिया से आने वाले एक्टर्स को कितना स्ट्रगल करना पड़ता है फ़िल्मो के लिए...डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की गंदी नज़रो और बातों का सामना करना पड़ता है...उनसे बच गये तो हीरो लोग नही छोड़ते....पता नही आपको कैसा भूत सवार हुआ है ईशा को फ़िल्मो मे भेजने का...''
उसने हमेशा की तरह बात को ना बढ़ाते हुए सिर दर्द का बहाना बनाया और रजनी को चाय बनाकर लाने को कहा...
ईशा भी पैर पटकती हुई अपने रूम में चली गयी और राजेश ने रिमोट उठाकर टीवी ओंन कर दिया...
ऑफीस से आने के बाद वो हमेशा न्यूज़ देखना पसंद करता था...
और बाद में कोई अच्छी सी मूवी देखता था.
पर आज जैसे ही उसने न्यूज़ चैनल लगाया, नीचे आ रही ब्रेकिंग न्यूज़ ने उसके दिल को ब्रेक कर दिया...
खबर ही कुछ ऐसी थी...
फिल्म जगत की जानी मानी हीरोइन शैफाली ने आत्महत्या कर ली थी,
उसकी उम्र भी करीब राजेश जितनी ही थी, यानी 48 साल की..
जब वो डॉक्टरी कर रहा था तब वो नंबर 1 की हेरोयिन थी,
उसकी लगभग हर मूवी हिट जाती थी उन दिनों...
कारण भी था हिट होने का, वो अपने साथ की हेरोइनो से काफ़ी आगे रहती थी जिस्म दिखाने के मामले में...
लेकिन जैसे-2 समय बीता उसे काम मिलना बंद सा हो गया...
एक समय तो ऐसा आया की उसने बी ग्रेड की कुछ मूवीस में भी काम किया पर वहां भी उसकी मूवीस नही चली...
(राजेश के लैपटॉप में आज तक उसकी बी ग्रेड मूवीज का अच्छा ख़ासा कलेक्शन था, उसकी बाकी की मूवीज के अलावा )
न्यूज़ में आ रहा था की पिछले कुछ टाइम से उसे शराब की लत्त लग चुकी थी, अंदर से शायद टूट चुकी थी वो इसलिए उसने खुदखुशी जैसा कदम उठाया..
राजेश को सच में काफ़ी दुख हुआ शैफाली की मौत पर...
अपनी जवानी के दिनों में उसे याद करके उसने ना जाने कितनी बार मुट्ठ मारी थी...
शादी के बाद भी वो अपनी बीबी रजनी में शैफाली का चेहरा ढूंढता था और उसे सोचकर ही उसके लंड में एक अजीब सा तनाव आ जाता था जिसके बाद रजनी की चीखो से पूरा कमरा दहल जाता था...
तभी रजनी उसके लिए चाय लेकर आ गयी...
राजेश का उतरा हुआ चेहरा देखकर उसने जब न्यूज़ देखी तो हंसते हुए बोली : "चलो अच्छा हुआ जो तुम्हारी चहेती शैफाली मर गयी, वरना मुझे तो शक था की एक दिन तुम मुझे छोड़कर उसके पास चले जाओगे....''
उसने ये बात कही तो मज़ाक में थी, पर राजेश का कई बार ये मन हुआ था की काश वो ऐसा कर पाता की अपनी बीबी को छोड़कर वो हमेशा-2 के लिए अपनी दिल की राजकुमारी शैफाली के पास जा सकता...
पर वो सब इच्छाएं दिल में ही रह गयी...
बेचारी उपर चली गयी, उसे ऐसा नही करना चाहिए था.
बस यही सब सोचते-2 उसने चाय पी, बाद में फ्रेश होकर खाना खाया और सो गया...पर मन काफ़ी उचाट हो चुका था उसका शैफाली की न्यूज़ देखकर.
अगले दिन हमेशा की तरहा जब वो हॉस्पिटल पहुँचा तो वहां काफ़ी भीड़ थी...
शैफाली की बॉडी को वहीं लाया गया था पोस्मॉर्टम के लिए...यानी उसे ही शैफाली का पोस्टमॉर्टम करना था.
एक पल के लिए तो राजेश को लगा की वो कोई सपना देख रहा है, क्योंकि उसी के बारे में सोचते हुए उसने पूरी रात निकाली थी...
पर अंदर ही अंदर उसे ज़्यादा खुशी भी नही हुई,
क्योंकि जिससे वो जीते जी मिलना चाहता था वो उसे मरने के बाद देखने जा रहा था...
खैर, धड़कते दिल से जब वो पोस्टमॉर्टम रूम में पहुँचा तो सफेद चादर में लिपटा उसका शरीर देखकर उसकी आँखो में आँसू ज़रूर आ गये...
पास जाकर जब उसने चेहरे से चादर हटाई तो उसका सफेद चेहरा देखकर उसे यकीन ही नही हुआ की वो शैफाली ही है...
आँखे धँस चुकी थी...
आँखो के चारो तरफ डार्क सर्कल थे, होंठ भी काले पड़ चुके थे...
उसने धीरे-2 करके पूरी चादर निकाल फेंकी, वो सिर्फ़ एक नाइट गाउन में थी,
हाथ की कलाई काटी थी उसने, काफ़ी खून बहा था उसका, वही कारण था शायद उसकी मौत का..
उसने अपने सहयोगी से उसके कपड़े हटाने को कहा...
साथ ही उसने जो भी गले में और उंगलियो में पहना हुआ था वो सब भी निकालने को कहा..
गले में एक मोतियों की माला थी, उसी से मैच करते हुए ईयर रिंग्स भी थे...
हाथ में एक अंगूठी भी थी मोतियो की और कलाई में भी उसी तरह के मोतियो से बना एक ब्रेस्लेट था...
पूरा सेट था जो उसने पहन रखा था मोतियो से बना हुआ....
उन्हे हाथ में लेकर राजेश भी काफ़ी देर तक हैरानी से उन्हे देखता रहा...
फिर उन सबकी इकट्ठा करके एक ज़िप पाउच में रख दिया और चुपके से अपने सहयोगी की नज़र से बचाते हुए वो सामान अपनी जेब में रख लिया..
एक सोने की चैन और 2 पायल भी थी,वो उसने एक अलग पाउच में रख दी, हॉस्पिटल में जमा कराने के लिए.
उसके सहयोगी ने जब नाइट गाउन हटाया तो शैफाली के नंगे शरीर को देखकर राजेश की धड़कने रुक सी गयी...
यही वो शरीर था जिसके बारे में सोचकर उसने कई बार मुट्ठ मारी थी...
पर इस वक़्त वो शरीर बेजान सा होकर उसके सामने पड़ा था...
कोई आकर्षण नही रह गया था उसके अंदर...
मरने के बाद कैसी बेजान सी पड़ी थी शेफाली, राजेश की आँखे भर आई उसे देखकर , जब उसका सहायक पेन लेने के लिए बाहर गया तो उसने झुक कर उसके माथे को चूम लिया
फिर उसने अपनी पोस्टपॉर्टम रिपोर्ट बनानी शुरू की...
पूरे शरीर की जाँच की, कलाई के कट को देखकर, उसकी गहराई को समझकर, जिन नसों को काटा गया था उन्हे रिपोर्ट में डाला, कितना ब्लॉड़ निकला उसका अंदाज़ा लगाकर उसे भी मेन्षन किया, शरीर पर कोई और घाव के निशान नही थे, कुछ कट के पुराने निशान थे, जिन्हे मेंशन करना जरुरी नहीं था..
इसलिए उसने भी अपनी तरफ से स्पेशल कॉमेंट्स में सुसाईड डालकर पूरी रिपोर्ट बना दी और नीचे साइन भी कर दिया...
बाहर निकलते ही उसे मीडिआ ने घेर लिया...
ये शायद पहला मौका था जब उसका चेहरा कई कैमरों के सामने चमक रहा था...
उसने स्माइल करते हुए रिपोर्टर्स से बात की, और जितनी ज़रूरत थी उसके हिसाब से उन्हे बताया..
और फिर सभी कामो से निपट कर वो अपने केबिन में वापिस गया और कपड़े बदल कर अपने घर की तरफ चल दिया...
घर जाते हुए वो अपनी जेब में पड़ी पोटली को सहला रहा था जिसमें शेफाली के शरीर पर सजे वो आर्टिफिशियल ज्वेलेरी थी...
पर बेचारा ये नही जानता था की ये गहने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से उलट पलट कर रख देंगे.
UPDATE - 1
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राजेश मुंबई के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल के शवगृह (मोरचरी) में डॉक्टर था...
दिन भर लाशों की चीड़ फाड़ करना , उनकी पोस्टमारटम रिपोर्ट बनाना, यही काम था उसका..
काम बेहद घिनोना था पर पैसा बहुत था उसमें, कई बार मनचाही रिपोर्ट बनाने के लिए उसने मुँह माँगी रकम ली थी कई रईसों से..
दिल से भी बड़ा रंगीन था वो...
एक ही शौंक था उसको, बॉलीवुड का, फ़िल्मो का और रसभरी हेरोइनों के जिस्म देखने का..
आज जब राजेश हॉस्पिटल से से थका मांदा घर आया ही था की उसकी बेटी ईशा की बाते शुरू हो गयी
''पापा...मुझे भी डॉक्टर ही बनना है...मुझे पड़ाई करनी है...आप मुझे एक्टिंग में क्यो डलवाना चाहते हो...मुझे पढ़ना पसंद है...''
ये एक ऐसा टॉपिक था उनके घर का जो शायद दूसरे घरो में तो अच्छा लगे, पर यहाँ बिल्कुल उल्टा था..
राजेश की जवान हो रही बेटी को पड़ने का शॉंक था,
वो भी उसकी तरह डॉक्टर ही बनना चाहती थी पर उसके पापा उसे फ़िल्मो में देखना चाहते थे,
उन्होने अपने दोस्त से बात भी की थी, जिसके बेटे ने फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा ख़ासा नाम भी कमा लिया था,
पर उसके परिवार वाले उसकी बातो को सुनकर राज़ी ही नही थे..
राजेश की बीबी रजनी भी अपनी बेटी की तरफ़दारी करते हुए बोली : "मैने पहला बाप देखा है जो अपनी जवान बेटी को ऐसी फिल्म इंडस्ट्री में भेजने पर उतारू है जो पूरी तरह से बदनाम है, सबको पता है की बाहरी दुनिया से आने वाले एक्टर्स को कितना स्ट्रगल करना पड़ता है फ़िल्मो के लिए...डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की गंदी नज़रो और बातों का सामना करना पड़ता है...उनसे बच गये तो हीरो लोग नही छोड़ते....पता नही आपको कैसा भूत सवार हुआ है ईशा को फ़िल्मो मे भेजने का...''
उसने हमेशा की तरह बात को ना बढ़ाते हुए सिर दर्द का बहाना बनाया और रजनी को चाय बनाकर लाने को कहा...
ईशा भी पैर पटकती हुई अपने रूम में चली गयी और राजेश ने रिमोट उठाकर टीवी ओंन कर दिया...
ऑफीस से आने के बाद वो हमेशा न्यूज़ देखना पसंद करता था...
और बाद में कोई अच्छी सी मूवी देखता था.
पर आज जैसे ही उसने न्यूज़ चैनल लगाया, नीचे आ रही ब्रेकिंग न्यूज़ ने उसके दिल को ब्रेक कर दिया...
खबर ही कुछ ऐसी थी...
फिल्म जगत की जानी मानी हीरोइन शैफाली ने आत्महत्या कर ली थी,
उसकी उम्र भी करीब राजेश जितनी ही थी, यानी 48 साल की..
जब वो डॉक्टरी कर रहा था तब वो नंबर 1 की हेरोयिन थी,
उसकी लगभग हर मूवी हिट जाती थी उन दिनों...
कारण भी था हिट होने का, वो अपने साथ की हेरोइनो से काफ़ी आगे रहती थी जिस्म दिखाने के मामले में...
लेकिन जैसे-2 समय बीता उसे काम मिलना बंद सा हो गया...
एक समय तो ऐसा आया की उसने बी ग्रेड की कुछ मूवीस में भी काम किया पर वहां भी उसकी मूवीस नही चली...
(राजेश के लैपटॉप में आज तक उसकी बी ग्रेड मूवीज का अच्छा ख़ासा कलेक्शन था, उसकी बाकी की मूवीज के अलावा )
न्यूज़ में आ रहा था की पिछले कुछ टाइम से उसे शराब की लत्त लग चुकी थी, अंदर से शायद टूट चुकी थी वो इसलिए उसने खुदखुशी जैसा कदम उठाया..
राजेश को सच में काफ़ी दुख हुआ शैफाली की मौत पर...
अपनी जवानी के दिनों में उसे याद करके उसने ना जाने कितनी बार मुट्ठ मारी थी...
शादी के बाद भी वो अपनी बीबी रजनी में शैफाली का चेहरा ढूंढता था और उसे सोचकर ही उसके लंड में एक अजीब सा तनाव आ जाता था जिसके बाद रजनी की चीखो से पूरा कमरा दहल जाता था...
तभी रजनी उसके लिए चाय लेकर आ गयी...
राजेश का उतरा हुआ चेहरा देखकर उसने जब न्यूज़ देखी तो हंसते हुए बोली : "चलो अच्छा हुआ जो तुम्हारी चहेती शैफाली मर गयी, वरना मुझे तो शक था की एक दिन तुम मुझे छोड़कर उसके पास चले जाओगे....''
उसने ये बात कही तो मज़ाक में थी, पर राजेश का कई बार ये मन हुआ था की काश वो ऐसा कर पाता की अपनी बीबी को छोड़कर वो हमेशा-2 के लिए अपनी दिल की राजकुमारी शैफाली के पास जा सकता...
पर वो सब इच्छाएं दिल में ही रह गयी...
बेचारी उपर चली गयी, उसे ऐसा नही करना चाहिए था.
बस यही सब सोचते-2 उसने चाय पी, बाद में फ्रेश होकर खाना खाया और सो गया...पर मन काफ़ी उचाट हो चुका था उसका शैफाली की न्यूज़ देखकर.
अगले दिन हमेशा की तरहा जब वो हॉस्पिटल पहुँचा तो वहां काफ़ी भीड़ थी...
शैफाली की बॉडी को वहीं लाया गया था पोस्मॉर्टम के लिए...यानी उसे ही शैफाली का पोस्टमॉर्टम करना था.
एक पल के लिए तो राजेश को लगा की वो कोई सपना देख रहा है, क्योंकि उसी के बारे में सोचते हुए उसने पूरी रात निकाली थी...
पर अंदर ही अंदर उसे ज़्यादा खुशी भी नही हुई,
क्योंकि जिससे वो जीते जी मिलना चाहता था वो उसे मरने के बाद देखने जा रहा था...
खैर, धड़कते दिल से जब वो पोस्टमॉर्टम रूम में पहुँचा तो सफेद चादर में लिपटा उसका शरीर देखकर उसकी आँखो में आँसू ज़रूर आ गये...
पास जाकर जब उसने चेहरे से चादर हटाई तो उसका सफेद चेहरा देखकर उसे यकीन ही नही हुआ की वो शैफाली ही है...
आँखे धँस चुकी थी...
आँखो के चारो तरफ डार्क सर्कल थे, होंठ भी काले पड़ चुके थे...
उसने धीरे-2 करके पूरी चादर निकाल फेंकी, वो सिर्फ़ एक नाइट गाउन में थी,
हाथ की कलाई काटी थी उसने, काफ़ी खून बहा था उसका, वही कारण था शायद उसकी मौत का..
उसने अपने सहयोगी से उसके कपड़े हटाने को कहा...
साथ ही उसने जो भी गले में और उंगलियो में पहना हुआ था वो सब भी निकालने को कहा..
गले में एक मोतियों की माला थी, उसी से मैच करते हुए ईयर रिंग्स भी थे...
हाथ में एक अंगूठी भी थी मोतियो की और कलाई में भी उसी तरह के मोतियो से बना एक ब्रेस्लेट था...
पूरा सेट था जो उसने पहन रखा था मोतियो से बना हुआ....
उन्हे हाथ में लेकर राजेश भी काफ़ी देर तक हैरानी से उन्हे देखता रहा...
फिर उन सबकी इकट्ठा करके एक ज़िप पाउच में रख दिया और चुपके से अपने सहयोगी की नज़र से बचाते हुए वो सामान अपनी जेब में रख लिया..
एक सोने की चैन और 2 पायल भी थी,वो उसने एक अलग पाउच में रख दी, हॉस्पिटल में जमा कराने के लिए.
उसके सहयोगी ने जब नाइट गाउन हटाया तो शैफाली के नंगे शरीर को देखकर राजेश की धड़कने रुक सी गयी...
यही वो शरीर था जिसके बारे में सोचकर उसने कई बार मुट्ठ मारी थी...
पर इस वक़्त वो शरीर बेजान सा होकर उसके सामने पड़ा था...
कोई आकर्षण नही रह गया था उसके अंदर...
मरने के बाद कैसी बेजान सी पड़ी थी शेफाली, राजेश की आँखे भर आई उसे देखकर , जब उसका सहायक पेन लेने के लिए बाहर गया तो उसने झुक कर उसके माथे को चूम लिया
फिर उसने अपनी पोस्टपॉर्टम रिपोर्ट बनानी शुरू की...
पूरे शरीर की जाँच की, कलाई के कट को देखकर, उसकी गहराई को समझकर, जिन नसों को काटा गया था उन्हे रिपोर्ट में डाला, कितना ब्लॉड़ निकला उसका अंदाज़ा लगाकर उसे भी मेन्षन किया, शरीर पर कोई और घाव के निशान नही थे, कुछ कट के पुराने निशान थे, जिन्हे मेंशन करना जरुरी नहीं था..
इसलिए उसने भी अपनी तरफ से स्पेशल कॉमेंट्स में सुसाईड डालकर पूरी रिपोर्ट बना दी और नीचे साइन भी कर दिया...
बाहर निकलते ही उसे मीडिआ ने घेर लिया...
ये शायद पहला मौका था जब उसका चेहरा कई कैमरों के सामने चमक रहा था...
उसने स्माइल करते हुए रिपोर्टर्स से बात की, और जितनी ज़रूरत थी उसके हिसाब से उन्हे बताया..
और फिर सभी कामो से निपट कर वो अपने केबिन में वापिस गया और कपड़े बदल कर अपने घर की तरफ चल दिया...
घर जाते हुए वो अपनी जेब में पड़ी पोटली को सहला रहा था जिसमें शेफाली के शरीर पर सजे वो आर्टिफिशियल ज्वेलेरी थी...
पर बेचारा ये नही जानता था की ये गहने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से उलट पलट कर रख देंगे.