02-04-2019, 10:10 AM
अंकल :- आहाआआअह्ह्ह्हह्हह मेरी जान एक हुस्न की अप्सरा मुझे अपने बाँहों में कस के जकड लेगी तो मक्खन तो आएगा ही न आआआहहहहह वैसे आप को पता कैसे चल जाता है की मेरा मक्खन आने वाला है आआअह्ह्ह्ह मेरी जान .......
माँ:- अब इतने दिनों से तुमसे चुद रही हु तो पता तो चलेगा ही न आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब अंकल अपना लण्ड माँ के चूत से बहार निकले और झरने लगे
और माँ के चुतरों पे अंकल का सारा मक्खन फ़ैल गया और माँ ने पीछे मुड़ के देखा तो माँ को हंसी आगई......
माँ:- आआआह भाई साहब आपने तो अपना मक्खन मेरे ब्रेड पे फैला दिए हा हा हा हा आह्ह्ह्ह
अंकल:- हा मेरी जान अब मुझे अपने ब्रेड मतलब अपने चूत पे लगा मक्खन खिला दो आआआह
माँ फिर से अंकल के मुँह पे अपने चूत को लगा दिआ और अंकल माँ की चूत पे लगा छुम चाटने लगे ह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ:- आह्ह्ह्ह भाईसहाब तुम्हारी यही हरकत मुझे समझ नहीं आती की मेरे चूत पे लगा छुम तुम क्यों चाटते हो आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- आह्ह्ह्हह मेरी जान तुम्हारी चूत पे कुछ भी लगा हो सब को चाट सकता हु मेरी जान की चूत है रसीली सेक्सी नमकीन आअह्ह्ह्हह्हह क्या टास्ते है आआआह्ह्ह्हह्ह
माँ:- अच्छा बस करो मुझे अब कपडे पहनने दो बेटे का टाइम हो रहा है आने का आआआहहहहहहह ......
अब माँ फटाफट उठी और अपने कपडे पहनने लगी और अंकल लगातार माँ को कपडे पहनते हुए देख रहे थे ...........
माँ:- ऐसे क्या देख रहे हो अभी दिल नहीं भरा क्या मेरे भाई साहब .......
अंकल:- अरे मेरी जान तुमसे कभी नहीं दिल भरेगा हम्मम्मम्मम्म क्या खूबसूरत लगती हो साड़ी में ........दिल करता है एक राउंड और हो जाये आआआह्ह्म्म्मम्म्म्म
माँ:- नहीं नहीं अब बस मेरे बेटे का टाइम हो रहा है व्वो आता ही होगा अब तुम जाओ अपने रूम में .......
तब तक अंकल ने माँ को फिर से अपने बाँहों में भर लिए और माँ को चूमने लगे ..........
माँ:- आअह्हह्ह्ह्ह के कर रहे हो अब बस भी करो आआअह्हह्ह्ह्ह तुम भी न आआआह्ह्ह्ह
अंकल:- आअह्ह्ह्ह मेरी जान जब तुम्हारा बेटा आएगा तो मै चला जाऊंगा ह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म तब तक तो चूसने दो अपने होठो को आआआह्ह्ह्हह्ह
माँ अंकल के चूमने से फिर से ढीली पड़ने लगी और अंकल का साथ देने लगी मै भी सोचने लगा की एक राउंड और देख लू माँ और अंकल की चुदाई .......
फिर तब तक डोरबेल बजी मै भी घबरा के अपने रूम में चुप गया और फिर अंकल भी अपने रूम में चले गए माँ ने देखा की पोस्टमैन आया है तो माँ ने सामान पिक किया और फिर अंदर आगे .........फिर कुछ देर बाद मै भी चुपके से बहार गया और थोड़ी देर बाद आगया घर पे ......... //
समाप्त
माँ:- अब इतने दिनों से तुमसे चुद रही हु तो पता तो चलेगा ही न आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब अंकल अपना लण्ड माँ के चूत से बहार निकले और झरने लगे
और माँ के चुतरों पे अंकल का सारा मक्खन फ़ैल गया और माँ ने पीछे मुड़ के देखा तो माँ को हंसी आगई......
माँ:- आआआह भाई साहब आपने तो अपना मक्खन मेरे ब्रेड पे फैला दिए हा हा हा हा आह्ह्ह्ह
अंकल:- हा मेरी जान अब मुझे अपने ब्रेड मतलब अपने चूत पे लगा मक्खन खिला दो आआआह
माँ फिर से अंकल के मुँह पे अपने चूत को लगा दिआ और अंकल माँ की चूत पे लगा छुम चाटने लगे ह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ:- आह्ह्ह्ह भाईसहाब तुम्हारी यही हरकत मुझे समझ नहीं आती की मेरे चूत पे लगा छुम तुम क्यों चाटते हो आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- आह्ह्ह्हह मेरी जान तुम्हारी चूत पे कुछ भी लगा हो सब को चाट सकता हु मेरी जान की चूत है रसीली सेक्सी नमकीन आअह्ह्ह्हह्हह क्या टास्ते है आआआह्ह्ह्हह्ह
माँ:- अच्छा बस करो मुझे अब कपडे पहनने दो बेटे का टाइम हो रहा है आने का आआआहहहहहहह ......
अब माँ फटाफट उठी और अपने कपडे पहनने लगी और अंकल लगातार माँ को कपडे पहनते हुए देख रहे थे ...........
माँ:- ऐसे क्या देख रहे हो अभी दिल नहीं भरा क्या मेरे भाई साहब .......
अंकल:- अरे मेरी जान तुमसे कभी नहीं दिल भरेगा हम्मम्मम्मम्म क्या खूबसूरत लगती हो साड़ी में ........दिल करता है एक राउंड और हो जाये आआआह्ह्म्म्मम्म्म्म
माँ:- नहीं नहीं अब बस मेरे बेटे का टाइम हो रहा है व्वो आता ही होगा अब तुम जाओ अपने रूम में .......
तब तक अंकल ने माँ को फिर से अपने बाँहों में भर लिए और माँ को चूमने लगे ..........
माँ:- आअह्हह्ह्ह्ह के कर रहे हो अब बस भी करो आआअह्हह्ह्ह्ह तुम भी न आआआह्ह्ह्ह
अंकल:- आअह्ह्ह्ह मेरी जान जब तुम्हारा बेटा आएगा तो मै चला जाऊंगा ह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म तब तक तो चूसने दो अपने होठो को आआआह्ह्ह्हह्ह
माँ अंकल के चूमने से फिर से ढीली पड़ने लगी और अंकल का साथ देने लगी मै भी सोचने लगा की एक राउंड और देख लू माँ और अंकल की चुदाई .......
फिर तब तक डोरबेल बजी मै भी घबरा के अपने रूम में चुप गया और फिर अंकल भी अपने रूम में चले गए माँ ने देखा की पोस्टमैन आया है तो माँ ने सामान पिक किया और फिर अंदर आगे .........फिर कुछ देर बाद मै भी चुपके से बहार गया और थोड़ी देर बाद आगया घर पे ......... //
समाप्त
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!