02-04-2019, 10:07 AM
और माँ ने अंकल का लण्ड अपने हाथ में ले लिया और हिलने लगी ये सीन देख के मेरा लण्ड तो जैसे पगला गया लेकिन मैंने भी अपने हाथों से उसे पकड़ लिया और हिलने लगा आअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह क्या सीन चल रही थी बहुत मज़ा आ रहा था उउउउउउफफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ //
माँ अंकल का लण्ड पूरे जोश के साथ हिला रही थी अंकल जितनी तेज़ माँ की चूत चूसते उतनी तेज़ माँ अंकल का लण्ड हिलती .........माँ की गोरी गोरी सेक्सी चूचियां लटक रही थी जो की मुझे साफ दिख रही थी आअह्ह्ह्हह्हह मन तो कर रहा था की जाके अपने माँ के चूचियां पी लू लेकिन नहीं जा सकता था ऊऊफफफफ ये बेताबी आआआहहहहहहह
अंकल :- आआआहहमेरी जान सर हिलती रहोगी की कुछ और भी करोगी ........ आआअह्हह्ह्ह्हह//
माँ:- आआह्ह्ह्हम्रे राजा क्या करना है ...बताओ मेरे आशिक़ //
अंकल:- अब आशिक़ बनाया है तो बात भी माननी पड़ेगी मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेके चुसो न आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह //
माँ:- अब आशिक़ की बात तो माननी पड़ेगी कभी चूसी नहीं हु तुम्हारा लण्ड आज चूसना पड़ेगा आखिर आशिक़ी का सवाल है आआआह्ह्ह्ह //
अब अंकल के कहने पर माँ ने अपने मुँह में अंकल का लण्ड थोड़ा सा लिया // अंकल:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारे मुँह में मेरा लण्ड वह आज मेरा सबसे अच्छा दिन है लगता है
माँ:- आआह्ह्ह्हह भाई साहब तुम्हारा लण्ड तो सही में बहोत नमकीन है ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह
अंकल:- आआअह्हह्ह्ह्हह चुसो मेरी जान अपने भाईसाहब का लण्ड और चुसवाओ अपनी चूत आआआअह्हह्ह्ह्ह क्या बात है भाई भी बनाई हो और उसका लण्ड भी चूस रही हो आह्ह्हह्ह्ह्ह मई भी तुमको अपनी बहन बना लू क्या आआअह्हह्ह्ह्हह क्या चूत का स्वाद है मेरी बेहेन का आआआहहहहहहह
इस बात से माँ को हंसी आ गई ......//
माँ:- क्या बात कर रहे है आप आआअह्हह्ह्ह्ह कोई अपनी बेहेन के साथ ऐसा करता है क्या आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
अंकल:- अरे मेरी जान तुम बहुत भोली हो .......बेहेन क्या यहाँ माँ बेटे भी एक दूसरे के साथ करते है आअह्ह्ह्ह
माँ:- तुम बहुत बदमाश हो ऐसा थोड़ी होता है आअह्ह्ह्हह्हह मममममम
अंकल :- अच्छा तुमको विस्वास नहीं हो रहा है है तो मई तुम्हे दिखाऊंगा अपने मोबाइल में माँ बेटे का पोर्न आआआअह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्म्ममम्मम्म्म्म
और अंकल की बातें सुन के माँ के अंदर अजीब सी गर्मी चढ़ गई वो अपने चूत को अंकल के मुँह से ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी उउउउउउफफ्फफ्फ्फ़ ये सब बातें सुन के मुझे भी मज़ा आ रहा था उउउउउउउउउफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ क्या गज़ब तरीके से माँ अंकल का लण्ड चूसे जा रही थीअंकल भी माँ के नंगे चिकने चुतर को सहलाते हुए दबाते हुए चूसे जा रहे थे उउउउउउफफ्फ्फ्फ़
माँ:- अच्छा दिखाना बेड में फुर्सत से आआआहहह पहले मेरी छूट को ठंडा करो ........आआआआह्ह्ह्ह
अब मेरा जो इंतज़ार था वो ख़तम हुआ आखिर माँ के चिकटे सेक्सी चूत में अंकल का लण्ड जाने वाला था उउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरा लुंड तो एक दम टाइट हो गया ये सोच के की माँ की चुदाई पहली बार देखने जा रहा हु
ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम् अंकल:- अरे हा हा मेरी मेहबूबा आज तुम्हारी चूत को मै अपने लण्ड से दो राउंड चोदूंगा आआआह्ह्ह्हह्ह क्यों की कल के बाद पता नहीं कब मिलेगी तुम्हारी चूत आआअह्हह्ह्ह्ह
माँ :- अच्छा बाबा ठीक है चोद लो लेकिन पहले लण्ड तो डालो आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब माँ लेट गई और और अंकल माँ के चूत से अपने लण्ड को सत्ता दिए ......
अंकल:- आआह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान कितनी हॉट चूत हो गई है तुम्हारी आआह्ह्ह्ह ऊऊफफफफफ
माँ:- तुम्हारा लण्ड भी ठंडा नहीं है वो भी तो कितना गरम है जब गरम गरम की टक्कर होगी तो क्या होगा उउउउउउउउठ्हाआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह डालो न क्यों ताड प् रहे हो ........
अंकल माँ की चूत पे अपने लण्ड को लगातार घिसे जा रहे थे इससे माँ की बेताबी और बढ़ रही थी ये सब देख के मेरे लण्ड की हालत एक दम ख़राब हो रही थी माँ इस तरह अंकल के नीचे लेती थी जैसे की एक प्रेमिका एक प्रेमी के नीचे नंगी लेती हो उउउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या गज़ब की सीन थी यारों ..........
अंकल:- आआह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी तड़प देख के मेरे अंदर और जोश आता है तुम्हे जब कपड़ो में नार्मल देखता हु तो अलग रूप रहता है और जब मेरे सामने नंगी लेट जाती हो अपनी खूबसूरत बदन मुझे चखने देती हो तो अलग रूप में रहती हो ऊऊफफफ ये तुम्हारी ये गरम चिकनी गीली चूत जिसमे से कीमती रस निकल रहा है क्या बताऊ कितना मज़ा आ रहा है आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.......
माँ को शायद शर्म आ रही थी उन्होंने अपनी आखें बंद की थी और अपने गरम चूत को अंकल के लण्ड के हवाले कर दी थी अंकल को भी माँ के गीली चूत पे अपने लण्ड को रगड़ के माँ की तड़प देखने में मज़ा आ रहा था मैंने भी माँ का जोश पहली बार देखा था एक लुंड को अपने चूत में घुसाने की तड़प देख रहा था माँ के चहरे पे ...........१० मं तक ऐसे ही चलता रहा कभी माँ के गले में चूमते अंकल कभी माँ के गालो पे किश करते कभी होठो को चूमते
माँ:- आअह्ह्ह्ह भाई साहब दाल दो न अब नहीं बर्दाश होता है आआआह्ह्ह्ह क्यों तड़पा रहे हो ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम .......
माँ अंकल का लण्ड पूरे जोश के साथ हिला रही थी अंकल जितनी तेज़ माँ की चूत चूसते उतनी तेज़ माँ अंकल का लण्ड हिलती .........माँ की गोरी गोरी सेक्सी चूचियां लटक रही थी जो की मुझे साफ दिख रही थी आअह्ह्ह्हह्हह मन तो कर रहा था की जाके अपने माँ के चूचियां पी लू लेकिन नहीं जा सकता था ऊऊफफफफ ये बेताबी आआआहहहहहहह
अंकल :- आआआहहमेरी जान सर हिलती रहोगी की कुछ और भी करोगी ........ आआअह्हह्ह्ह्हह//
माँ:- आआह्ह्ह्हम्रे राजा क्या करना है ...बताओ मेरे आशिक़ //
अंकल:- अब आशिक़ बनाया है तो बात भी माननी पड़ेगी मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेके चुसो न आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह //
माँ:- अब आशिक़ की बात तो माननी पड़ेगी कभी चूसी नहीं हु तुम्हारा लण्ड आज चूसना पड़ेगा आखिर आशिक़ी का सवाल है आआआह्ह्ह्ह //
अब अंकल के कहने पर माँ ने अपने मुँह में अंकल का लण्ड थोड़ा सा लिया // अंकल:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारे मुँह में मेरा लण्ड वह आज मेरा सबसे अच्छा दिन है लगता है
माँ:- आआह्ह्ह्हह भाई साहब तुम्हारा लण्ड तो सही में बहोत नमकीन है ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह
अंकल:- आआअह्हह्ह्ह्हह चुसो मेरी जान अपने भाईसाहब का लण्ड और चुसवाओ अपनी चूत आआआअह्हह्ह्ह्ह क्या बात है भाई भी बनाई हो और उसका लण्ड भी चूस रही हो आह्ह्हह्ह्ह्ह मई भी तुमको अपनी बहन बना लू क्या आआअह्हह्ह्ह्हह क्या चूत का स्वाद है मेरी बेहेन का आआआहहहहहहह
इस बात से माँ को हंसी आ गई ......//
माँ:- क्या बात कर रहे है आप आआअह्हह्ह्ह्ह कोई अपनी बेहेन के साथ ऐसा करता है क्या आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
अंकल:- अरे मेरी जान तुम बहुत भोली हो .......बेहेन क्या यहाँ माँ बेटे भी एक दूसरे के साथ करते है आअह्ह्ह्ह
माँ:- तुम बहुत बदमाश हो ऐसा थोड़ी होता है आअह्ह्ह्हह्हह मममममम
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माँ:- अच्छा दिखाना बेड में फुर्सत से आआआहहह पहले मेरी छूट को ठंडा करो ........आआआआह्ह्ह्ह
अब मेरा जो इंतज़ार था वो ख़तम हुआ आखिर माँ के चिकटे सेक्सी चूत में अंकल का लण्ड जाने वाला था उउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरा लुंड तो एक दम टाइट हो गया ये सोच के की माँ की चुदाई पहली बार देखने जा रहा हु
ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम् अंकल:- अरे हा हा मेरी मेहबूबा आज तुम्हारी चूत को मै अपने लण्ड से दो राउंड चोदूंगा आआआह्ह्ह्हह्ह क्यों की कल के बाद पता नहीं कब मिलेगी तुम्हारी चूत आआअह्हह्ह्ह्ह
माँ :- अच्छा बाबा ठीक है चोद लो लेकिन पहले लण्ड तो डालो आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब माँ लेट गई और और अंकल माँ के चूत से अपने लण्ड को सत्ता दिए ......
अंकल:- आआह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान कितनी हॉट चूत हो गई है तुम्हारी आआह्ह्ह्ह ऊऊफफफफफ
माँ:- तुम्हारा लण्ड भी ठंडा नहीं है वो भी तो कितना गरम है जब गरम गरम की टक्कर होगी तो क्या होगा उउउउउउउउठ्हाआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह डालो न क्यों ताड प् रहे हो ........
अंकल माँ की चूत पे अपने लण्ड को लगातार घिसे जा रहे थे इससे माँ की बेताबी और बढ़ रही थी ये सब देख के मेरे लण्ड की हालत एक दम ख़राब हो रही थी माँ इस तरह अंकल के नीचे लेती थी जैसे की एक प्रेमिका एक प्रेमी के नीचे नंगी लेती हो उउउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या गज़ब की सीन थी यारों ..........
अंकल:- आआह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी तड़प देख के मेरे अंदर और जोश आता है तुम्हे जब कपड़ो में नार्मल देखता हु तो अलग रूप रहता है और जब मेरे सामने नंगी लेट जाती हो अपनी खूबसूरत बदन मुझे चखने देती हो तो अलग रूप में रहती हो ऊऊफफफ ये तुम्हारी ये गरम चिकनी गीली चूत जिसमे से कीमती रस निकल रहा है क्या बताऊ कितना मज़ा आ रहा है आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.......
माँ को शायद शर्म आ रही थी उन्होंने अपनी आखें बंद की थी और अपने गरम चूत को अंकल के लण्ड के हवाले कर दी थी अंकल को भी माँ के गीली चूत पे अपने लण्ड को रगड़ के माँ की तड़प देखने में मज़ा आ रहा था मैंने भी माँ का जोश पहली बार देखा था एक लुंड को अपने चूत में घुसाने की तड़प देख रहा था माँ के चहरे पे ...........१० मं तक ऐसे ही चलता रहा कभी माँ के गले में चूमते अंकल कभी माँ के गालो पे किश करते कभी होठो को चूमते
माँ:- आअह्ह्ह्ह भाई साहब दाल दो न अब नहीं बर्दाश होता है आआआह्ह्ह्ह क्यों तड़पा रहे हो ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम .......
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!