02-04-2019, 10:05 AM
अंकल:- है मेरी जान वो तो मुझे पता है काश की तुम मुझे पूरी रात के लिए मिलती तो मज़ा आजाता ह्ह्ह्हम्म्म्म तुम्हारे ये खड़े निप्पल को चूसने का मज़ा ही कुछ और है आआअह्हह्ह्ह्हहम्म्म्म //
अंकल माँ की चूचियां पीते पीते फिर मेरी तरफ देखे तब मुझे लगा की कुछ तो गड़बड़ लग रही है फिर भी मई ढीट की तरह दोनों को देखता रहा क्यों की मेरे लण्ड को ये सब नज़ारा देखने में मज़ा आ रहा था आआआह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम //
अंकल माँ के दोनों नन्हे चूचियों को अपने हाथो से दबा दबा के पूरी तरह से मज़ा ले रहे थे और माँ भी अंकल का पूरा साथ दे रही थी अब मई माँ की चूचियां तो देख लिआ लेकिन अब मुझे माँ के चूत को देखने की बेताबी थी जहाँ से डैड ने अपने लण्ड डाल के मुझे पैदा किआ उउउउउउफफ्फ्फ मई तो सोच सोच के छटपटा रहा था की जल्दी से माँ के चूत को देख लू आआह्ह्ह्ह //
अब शायद वही होने जा रहा था जिसका मुझे इंतज़ार था मैंने देखा की अंकल माँ के पेटीकोट को कमर के ऊपर तक कर दिए //
और अब मुझे माँ की पंतय साफ दिखने लगी माँ ने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी और अंकल माँ के पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाट रहे थे //
पैंटी के ऊपर जीभ के लगने से माँ को थोड़ा गुदगुदी सी हुई और हसी आगई....//
माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब क्या कर रहे हो गुदगुदी हो रही है आआह्ह्ह्हह्ह
अब अंकल ने माँ के पेटीकोट को निकलदीआ और माँ अब सिर्फ पैंटी में थी जिसमे माँ की असली चीज़ थी चूऊऊतआआअह्ह्ह्ह और अंकल माँ के बगल में आके माँ से लिपट गए और जोरोसे किश करने लगे ........//
और माँ को अपने ऊपर कर लिए और माँ के नंगे पीठ को सहलाते हुए अपने हाथ को माँ के चुतर तक ले गए......//
और माँ के चुतरों को दबा दबा के किश करे जा रहे थे .......मुझे ये सोच सोच के जलन हो रही थी की माँ जैसी खूबसूरत औरत अंकल के ऊपर नंगी लेती है काश मेरे ऊपर लेट जाती आआआआह्ह्ह्हह्ह तो मै अंकल से ज्यादा मज़ा देता माँ को आआआअह्हह्ह्ह्हह ये सोच सोच के मेरे लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी आआआहहहहहहह //
अब मैंने देखा की अंकल माँ के चुतरों को जोर जोर से दबा रहे है और माँ के गांड के छेद के पास अपने उंगली को घुमा रहे है और माँ अंकल के लन्ड के ऊपर हिल रही थी ........//
माँ:- आआआआह्ह्ह्हह्ह भाई साहब आज कोई नया इरादा तो नहीं है न आआआह्ह्ह्हह्ह//
अंकल:- अरे नहीं नहीं मेरी जान चिंता मत करो मई तुम्हारी गांड में लन्ड नहीं डालूंगा बस मई तो तुम्हारी गांड से खेल रहा हु ये तो कर सकता हु न आआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म //
माँ:- अच्छा आआआअह्ह्ह्ह फिर ठीक है है आआआआह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल:- आआआआह्ह्ह्हहमेरी जान मई तो तुम्हारे गांड का दीवाना हु तुम्हारे गांड की महक मेरे रूम तक आती है तो मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है आआअह्हह्ह्ह्ह
माँ:- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या आप भी कुछ भी कहते है आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब अंकल ने माँ के पैंटी में हाथ दाल दिए और अब अंकल के हाथ में माँ के दोनों नंगे चुतर थे जिसे अंकल बड़े प्यार से दबा रहे थे आआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह ये सीन देख के मेरी हालत क्या थी मई क्या बताऊँ //
आआआआअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ :- आआह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब थोड़ा टाइम भी देखिये ३:३० से पहले तक मुझे शांत कर दीजियेगा नहीं तो जब मेरा बीटा आजायेगा तो मुझे शांत कोण करेगा मेरी छूट की तड़प बढ़ती जा रही है ........
अंकल:- अरे मेरी जान कौन क्या शांत करेगा .........तुम्हारे बेटे के पास भी तो लन्ड है न आआआआहहहहहहह
माँ:- क्या मतलब तुम्हारा आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
अंकल माँ की चूचियां पीते पीते फिर मेरी तरफ देखे तब मुझे लगा की कुछ तो गड़बड़ लग रही है फिर भी मई ढीट की तरह दोनों को देखता रहा क्यों की मेरे लण्ड को ये सब नज़ारा देखने में मज़ा आ रहा था आआआह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम //
अंकल माँ के दोनों नन्हे चूचियों को अपने हाथो से दबा दबा के पूरी तरह से मज़ा ले रहे थे और माँ भी अंकल का पूरा साथ दे रही थी अब मई माँ की चूचियां तो देख लिआ लेकिन अब मुझे माँ के चूत को देखने की बेताबी थी जहाँ से डैड ने अपने लण्ड डाल के मुझे पैदा किआ उउउउउउफफ्फ्फ मई तो सोच सोच के छटपटा रहा था की जल्दी से माँ के चूत को देख लू आआह्ह्ह्ह //
अब शायद वही होने जा रहा था जिसका मुझे इंतज़ार था मैंने देखा की अंकल माँ के पेटीकोट को कमर के ऊपर तक कर दिए //
और अब मुझे माँ की पंतय साफ दिखने लगी माँ ने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी और अंकल माँ के पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाट रहे थे //
पैंटी के ऊपर जीभ के लगने से माँ को थोड़ा गुदगुदी सी हुई और हसी आगई....//
माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब क्या कर रहे हो गुदगुदी हो रही है आआह्ह्ह्हह्ह
अब अंकल ने माँ के पेटीकोट को निकलदीआ और माँ अब सिर्फ पैंटी में थी जिसमे माँ की असली चीज़ थी चूऊऊतआआअह्ह्ह्ह और अंकल माँ के बगल में आके माँ से लिपट गए और जोरोसे किश करने लगे ........//
और माँ को अपने ऊपर कर लिए और माँ के नंगे पीठ को सहलाते हुए अपने हाथ को माँ के चुतर तक ले गए......//
और माँ के चुतरों को दबा दबा के किश करे जा रहे थे .......मुझे ये सोच सोच के जलन हो रही थी की माँ जैसी खूबसूरत औरत अंकल के ऊपर नंगी लेती है काश मेरे ऊपर लेट जाती आआआआह्ह्ह्हह्ह तो मै अंकल से ज्यादा मज़ा देता माँ को आआआअह्हह्ह्ह्हह ये सोच सोच के मेरे लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी आआआहहहहहहह //
अब मैंने देखा की अंकल माँ के चुतरों को जोर जोर से दबा रहे है और माँ के गांड के छेद के पास अपने उंगली को घुमा रहे है और माँ अंकल के लन्ड के ऊपर हिल रही थी ........//
माँ:- आआआआह्ह्ह्हह्ह भाई साहब आज कोई नया इरादा तो नहीं है न आआआह्ह्ह्हह्ह//
अंकल:- अरे नहीं नहीं मेरी जान चिंता मत करो मई तुम्हारी गांड में लन्ड नहीं डालूंगा बस मई तो तुम्हारी गांड से खेल रहा हु ये तो कर सकता हु न आआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म //
माँ:- अच्छा आआआअह्ह्ह्ह फिर ठीक है है आआआआह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल:- आआआआह्ह्ह्हहमेरी जान मई तो तुम्हारे गांड का दीवाना हु तुम्हारे गांड की महक मेरे रूम तक आती है तो मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है आआअह्हह्ह्ह्ह
माँ:- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या आप भी कुछ भी कहते है आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब अंकल ने माँ के पैंटी में हाथ दाल दिए और अब अंकल के हाथ में माँ के दोनों नंगे चुतर थे जिसे अंकल बड़े प्यार से दबा रहे थे आआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह ये सीन देख के मेरी हालत क्या थी मई क्या बताऊँ //
आआआआअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ :- आआह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब थोड़ा टाइम भी देखिये ३:३० से पहले तक मुझे शांत कर दीजियेगा नहीं तो जब मेरा बीटा आजायेगा तो मुझे शांत कोण करेगा मेरी छूट की तड़प बढ़ती जा रही है ........
अंकल:- अरे मेरी जान कौन क्या शांत करेगा .........तुम्हारे बेटे के पास भी तो लन्ड है न आआआआहहहहहहह
माँ:- क्या मतलब तुम्हारा आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!